चुदाई की कहानियाँ

पहली चुदाई का नशा पार्ट 6

(Pahli Chudai ka Nasha part 6)

नमस्कार दोस्तो,

मे राजेश फिर एक बार आप मे सामने अपनी कहानी लेके आया हु. आप लोगोके मेल मिल रहे है. आप मेरी कहानी पढ कर सरहाना कर रहे है उसके लिये धन्यवाद.

पल्लवी को प्रेग्नेंट होणे की वजह से उसे डॉक्टर ने सेक्स न करने की सलहा दी. उसने मुझे ये बात बतादी और कुछ तेरे लिये जुघाड करुंगी ये भी वादा किया.

दो तीन दिन ऐसें ही निकल गये, अब मुझे चुदाई की आदत लग गयी थी. खाली खाली मन नही लग रहा था. तभी रेखा की बात याद आगयी और मेने सोचा क्यो ना यह शनिवार गाव जाये. मेने गाव मे रेखा दीदी के डोकमेन्ट लाने का बहाणा बताकर माँ से परमिशन ली. और गाव जाने की तयारी की

अब आगे-

मे शनिवार को दोपहर की गाडी से गाव पोहच गया. जाते जाते शाम हो गयी थी. मे घर पोहच गया. मेरी चाची ने और मेरी बुवा ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया. पर मेरी नजरे रेखा को ढुंढ रही थी. रेखा किधर नजर नही आ रही थी. मे ने बुआ से पुछा,रेखा दीदी दिखाई नही दे रही है? बुवा बोली होगी यही कही किसीं सहेली के घर…तभी दौडते हुवे रेखा दरवाजे से अंदर आ गयी. रेखा मुझे देख एकदम उत्साह के साथ आकार मुझे गले लगाने ही वाली थी तभी उसने सामने बुवा को देख अपने होश संभाले.रेखा ने मुझे पुछा अरे राज तुम कब आये. मेने कहा अभी अभी ही पोहचा हु. चलो अब फ्रेश हो आओ तब तक हम खाने की तयारी करते है, रेखा ने एक प्यारी मुस्कान के साथ कहा. मे भी फ्रेश होकर बाहर आंगन मे जाकर बेठा. रेखा ने मुझे चाय लाके दी और धीमी आवाज मे कहा इतने दिन क्यो लगे आने मैं. मेने कहा कुछ बहाना नही मिल रहा था आने के लिये. अब क्या मिला तुझे बहाना रेखा ने मेरी चुटकी काटते कहा. मेने रेखा से कहा माँ से तेरे डोकमेन्ट पोहचानेका बहाना बताकर आया हु.रेखा ने मुझे फ्लायीनग किस देते हुवे वो अंदर चली गयी.

करिब 8 बजे रेखा ने मुझे खाना खाने के लिये आवाज दि. मे भी अंदर जाकर खाना खाने को बैठ गया. मेरे आने के वजह से आज खाने मे चाची ने मिठा बनाया था. हम सब लोग साथ मे ही खाना खाने बैठ गये. चाची ने मुझे पुछा, राजेश बहोत दिन बाद गाव की कैसे याद गयी. मेने भी तुरंत जबाब दिया ,चाची वो रेखा दीदी के डोकमेन्ट देने थे ना इसलीये आया हु. तेरे को क्या गाव आने को कोई बहाना ही चाहीये क्या, अब हर छुट्टी को आते जा , चाची ने बडी जोर डालकर कहा. मेने भी उनके हा मे हा मिला के रेखा की और देखा. रेखा अपनी खुशी छुपाने का नाकाम प्रयास कर रही थी. हम सब ने खाना खाकर आंगण मे जाकर गप्पे मारणे बैठ गये. कुछ समय की बातचीत के बाद चाचा और चाची सोने चले गये.अब मे मेरी बुवा और रेखा ही आंगण मे गप्पे मार रहे थे. कुछ समय बाद बुवा बोली ,चलो अब सोने के लिये बहोत रात हुवी है. तभी रेखा ने कहा राज तुम मेरे कमरे मे ही चलो सोने के लिये, बाहर हॉल मे खेती का सामान रखा है , तुम्हे वहा निंद नही आयेगी. बुवा भी बोली हा राज तू रेखा के साथ रूम मे बेड पर सोजाओ , तूम्हे आदत नही होनगी ना नीचे सोने की, मे और पिंकी बाहर हॉल मे सोजाती हु. मेने कहा नही बुआ आप सोजाओ रेखा के साथ बेड पे मे हॉल नीचे सोजाताहु. बुवा बोली नही मेरा भाई क्या बोलगा मुझे की ,मेरा बेटा इतने दिनो बाद गाव आया और बुवा ने उसे नीचे बाहर सुलाया. नही नही तुम अंदर ही सोने का. मेरे मन मे तो रेखा के साथ ही सोने का था मगर थोडी नौटंकी तो करनी ही थी. मे ने कहा ठीक है बुआ मे जाता हु अब सोने को, थक गया हु यात्रा मे. अब मे अंदर रेखा के कमरे मे चला गया. और कपडे बद्दलकर बेडपर लेट गया. मे रेखा की बडी आतुरता से राह देख रहा था. कुछ समय बाद रेखा आगयी. आते ही उसने फटाक से दरवाजा बंद कर मेरे उपर तूट पडी. मुझे बेताहाशा चुंमने लगी. तभी मेने देखा की दरवाजा खुला है. मेने उसे बहोत ही धीमी आवाज मे कहा दरवाजा तो बंद करो. रेखा भी होश मे आकार दरवाजा बंद करने गइ और दरवाजा बंद कर वापस आकार मेरे उपड तुड पडी.

रेखा को रोकते हुवे मेने कहा, कहा है मेरा सरप्राइज. रेखा ने मेरे होटो को चुमते हुवे कहा सब्र करो मेरे राजा सब्र का फल मीठा होता है. मेने उसके होटो को काटते हुवे कहा नही मुझे मिठा फल नही चाहीये, जो भी हो वो अब चाहीये. रेखा ने भी जबाब मे मेरे होट काटते हुवे कहा अब ये खट्टा फल खाले कल तुझे मिठा फल मिल जायेगा. मेने भी उसके रसिले होटो को चुमते हुवे कहा आज तो इस खट्टे फल को निचोड निचोड के खाउगा. रेखा मेरे होटो को चुंम रही थी, चुस रही थी. माहोल एकदम रोमांच से भर गया तथा. मेने भी उसके गर्दन के पिछे हाथ डालकर उसके गर्दन को पकडे बडी रोमॅंटिक स्टाईल मे उसके होटो को किस कर रहा था. रेखा और मे अब पुरी तरह मुडमे आने लगे थे. मेने मेरा एक हाथ उसके कुर्ते के उपर से ही उसके बुब के उपर रख दबा दिया. वेसे ही वह सिहर उठी, और मुझे दुगणी रफ्तार से किस करने लगी.मेने भी उसका स्तनमंथन जोर से शुरू किया. करिब पाच मिनिटं बाद हम दोनो ने एक दुसरे के सारे कपडे उतार दिये. रेखा और मे पुरे नंगे एक दुसरे के सामने थे.

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तभी मेने रेखा को बोला लाईट बंद करदो.उसने लाईट बंद कर जिरो ब्लब लगा दिया. पुरे कमरे मे धीमी लाल रोशनी छा गयी. ऊस लाल रोशनी मे रेखा का बदन और भी मादक लग रहा था. मेने उसे खिचकर बेड पर लिटा दिया. उसके पैरो की उंगली को मेरे जबान से चाटते हुवे उपर की तरफ जाने लगा. रेखा के बदन मे मानो करंट दोड गया.जेसे जैसे मे उसके पैरो को चुंम रहा था वैसे वैसे वो आहे भर रही थी. अब मे उसकी जांघो तक आ गया उसकी जांघो की किस कर चाट कर मे थोडा उपर चाटणे लगा. रेखा ने अब आखे बंद कर बेड शीट को अपने दोनो हाथो से दबोचे अपने होटोको दातोमे दबोचे एक प्यारी आह भरी. उसकी आवाज तेज थी.मेने उसे आवाज कम करनेका इशारा किया. अब मे उसके चुत तक आ गया , मगर मे उसे और तडपानां चाहता था. उसके चुत के बाजू से किस करते हुवे मे उसके पेट तक पोहोच गया और उसके नाभी मे अपनी जुबान डाल चाटने लगा. रेखा नीचे मानो तडप रही थी. मेने अब धिरे धिरे पेट पे किस करते हुवे बुब के निप्पल तक पोहच अपनी जुबान निप्पल पे घुमा दी. उसने अब मेरे सर के बालोमे हाथ डालकर सेहलाना शुरू किया मेने भी अब एक हाथ उसके दुसरे बुब पर ले जाते हुवे एक बुब का निप्पल मु मे भर चुसने लगा और दुसरे को दबाने लगा. रेखा अब पुरी तरह से गरम होगयी थी.

उसके पैरो ही हलचल सब बयान कर रही थी. दोनो बुब की बारी बारी चुसाई के बाद मे मुडकर 69 पोजिशन मे आ गया और उसकी चुत को चुंम लिया. अपनी जुबान से उसकी चुत की पँखुडियो को बाजू कर चुत के छेद मे जुबान लगा दि. मेरी जुबान के स्पर्श से रेखाने अपने कुल्हे उठा दिये. मेरा पुरा लंड मु मे भर चुसने लगी. मेने भी उसकी चुत चाटना शुरू किया. उसके चुत से पानी अब रिज रहा था. करिब पाच मिनिटं बाद रेखा ने कहा बस राज अब डालदो नही तो मे अब झड जाऊगी. अब मे उठ कर उसके दोनो पेर अपने कंधो पे लिये अपना लंड उसके चुत पर घुमाँकर उसके छेद का मुवायना किया और एक झटके मे ही अंदर डाल दिया. चुत गिली होने की वजह से बडी आसनी से लंड अंदर चला गया. मगर झटका इतना जबरदस्त था की रेखा को तकलीब हुवी उसने कहा आराम से राज . अब मेने उसके चुत मे लँड अंदर बाहर करना शुरू किया. रेखा भी जोश मे आ रही थी. मेने उसके पेर नीचे कर उसके पैरो के बीच आ गया. रेखा के उपर लेट कर उसके चुत मे लंड अंदर बाहर कर उसके बुब दबाकर ,होटो को किस करने लगा. रेखा भी अब पुरे आगोश मे मुझे चुंम रही थी. नीचे से कमर हिलांकर मेरा साथ दे रही थी.

मे तो सातवी आसमान मे था. मेरा लंड मानो फटने को आय था. तो मे थोडा रुक गया. वह फील मुझे जादा समय लेना था. रेखा मानो जोश मे थी , वह नीचे से कमर उठा के खुद ही चूदवा रही थी. 1 मिनिट रुकर मेने भी वापीस लंड अंदर बाहर करना चालू किया. लंड धीमी गती से उसके चुत मे अंदर बाहर करने लगा. वाह क्या फील था. मे पुरा लंड बाहर निकाल अंदर डाले जा रहा था. लंड चुत मे पुरा घुसाकर दबा रहा था, चुत से निकले पाणी से लंड और मेरा अंडा तक भिग गया था. रेखा बडी कामुक सिसकीया ले रही थी. अब उसका सब्र तूट गया वो अब उसकी गांड जोर जोर से उठाने लगी. मे समज गया अब रेखा अपने चरम पर आ गयी है. मेने भी अपनी स्पीड बढा दि. मे तेजी से धक्के लगाने लगा. रेखा के मु से जोर से आवाजे निकली, मेने वैसे ही उसके मु पे हाथ रखा और अपने धक्को की स्पीड बढा दि. आवाज नही होनी चाहीये इस लिये चुत पे लंड दबाके अंदर बाहर कर रहा था. मगर चरम पे पोहच ने के बाद मे भी कंट्रोल न कर सका और जोर से आवाज की परवाह किये बिना ही लंड अंदर बाहर करने लगा. चप चप ढप की आवाज होणे लगी एक जोर दार धक्के के साथ मे और रेखा एक साथ ही झड गये. कुछ पल के लिये जोर से आवाज हुवी थी इसलीये , मुझे डर लगा की आवाज बाहर किसींने सुनी तो नही. मेने रेखा के उपर गीर उसके कानो मे कहा. रेखा ने कहा मत टेंगशन ले इतनी आवाज बाहर नही जाती. मे भी थोडा रिलॅक्स हो कर बिना लंड बाहर निकाले रेखा के उपर ही लेट गया. कुछ पल मे ही हम लोगो को निंद आ गयी. हम एक दुसरे को चिपके सो गये. करिब 2 घंटे बाद रेखा ने मुझे उठाया. उसके बाद हमने एक बार चुदाई कर नंगे ही एक दुसरे को चिपकर सो गये.

सुबह 8 बजे रेखा ने मुझे उठाया. हम दोनोने कपडे पहने. मे वापस लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. रेखा बाहर चली गयी. करिब 15 मिनिट बाद मे उठकर बाहर आया. बाथरूम जाकर नहा धोकर तैयार हो गया. रेखा भी नहा धोकर तैयार होकर मुझे नाष्टा लेकरं आई और मेरे कानो मे कहा सरप्राईज के लिये तैयार हो जाओ. मेने भी नाष्टा किया और बाहर आंगण मे जाकर बेठ गया. करिब 10.30 बजे रेखा बाहर आई और मुझे कहा चलो राज कही घुम आते है. मे भी बैठे बैठे बोर हो रहा था तो बोला चलो. हम लोग चलते चलते गावसे आधा किलोमीटर दूर आ गये थे. सब तरफ खेत ही दिखाई दे रहे थे. कुछ दूर चलने के बाद मेने रेखा से पुछा,हम कहा जा रहे है. तो रेखा ने हाथो के इशारे से मुझे एक खेत मे दिख रहा घर दिखाया. मुझे लगा शायद रेखा मुझे वहा चुदवाने ले जा रही है. मे ने उससे पुछा वहा क्या है.उसने मुझे कहा तेरा सरप्राईज. मेरी भी उत्सुकता अब बढ गयी थी. करिब पाच मिनिटं चलने के बाद हम वहा पोहच गये. रेखा ने मुझे कहा तुम यंहा रुको मे आती हु. करिब 2 मिनिट बाद रेखा ने मुझे आवाज दि राज अंदर आ जाओ. मे अंदर गया, घर पुराना मिट्टी से बना हुवा था मगर बहोत बडा था. मे अंदर जाने के बाद रेखा को आवाज दि , तो अंदर के रुम से रेखा की आवाज आई. अरे यंहा आओ.

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मे अंदर गया तो रेखा नीचे बैठी थी और रेखा के सामने एक लंडकी बैठी थी. रूम मे जादा रोशनी नही थी तो मुझे वह ठीक से दिखाई नही दे रही थी. तभी मेने कहा अरे अंधेरे मे क्यो बेठो हो. लाईट लगावो. तभी रेखा उठी और मे उस लंडकी के सामने बैठ गया. रेखा ने लाईट जलाई वैसे ही मुझे वह लंडकी दिखी. लंडकी गोरीचिट्टी और एकदम मस्त माल थी. भरा हुवा बदन, मिडीयम साईज के मम्मे कायामत लग रही थी. मेने उसे ठीक से देखा तो वो वही लंडकी थी जिसे मे बहोत चाहता था उसका नाम अंजली. जब भी मे गाव आता था तब हम लोग बहोत खेलते थे. बचपन से ही मे उसे चाहता था. अंजली मेरे उमर की याने 18 साल की थी. तभी रेखा बोली राज पेहचाना क्या. मेने भी सर हिला कर हा मे जबाब दिया. रेखा अब हमारे साथ बैठ गई. तभी रेखा ने मुझे कहा तुमने कभी माडी पी है क्या. हमारे गाव मे नारीयल जैसा एक पेड मगर उसके पत्ते थोडे अलग रहते है ऊस पेड से निकला रस को माडी बोलते है. गाव मे नशा करने को उसे पिते है. कुछ मात्रा मे उसे दवाई के रूप से पिया जाता है.

उसके 2 ग्लास पिने से एक बियर इतनी नशा चढती है. मेने रेखा से कहा मेने कभी नही पी. तभी रेखा ने कहा पियेगा क्या? मेने कहा , मुझे भी ट्राय करनी थी लाओ. तभी अंजली उठी और बाजू मे रखा मटका ले आ गयी और 3 ग्लास भी ले आयी. मेने अंजली से पुछा ,तुमने कभी पी है. अंजली बोली यार हमारी तो घरकी खेती है, मे नही पिऊनगी यौ कैसा.उसने बात करते करते तीन ग्लास भरे. हमने एक एक ग्लास उठा लिया. मेने उसे पिया उसका स्वाद मुझे थोडा खट्टा मिठा लगा. मुझे बहोत पसंद आया. मेने एक ग्लास फटाक से पी लिया. रेखा बोली आराम से पहली बार पी रहा है. मे ने अंजली से कहा और एक भरो ऐसें ही हम लोगो ने 3-3ग्लास पी लिये. अब उसका असर होने लगा था, मुझे बडा मस्त लग रहा था. मेरी हिम्मत मानो दुगणी हो गयी थी.तभी मेने रेखा से पुछा ए , कहा हे मेरा सरप्राईज. रेखा बोली सरप्राईज तो तेरे सामने है. मे कुछ समजा नही.मे पुरा नशे मे आ गया था. मेने अंजली के और देखा और कहा अंजली!!!!! मे नशे मे पुरे जोश मे अंजली को मेरी तरफ खिचा वो मेरी गोदी मे आकार गीर गयी और उसे कहा अंजली मे तूम्हे बहोत चाहता हु. तभी रेखा बोली ये महाराणी भी तुझे चाहती है. तुझसे चुदना चाहती है. ये सूनते ही मे मानो खुशी से उछल गया. मेने अंजली को उठाया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे आलिंगन दि. अब मेने उसके होटो पे अपने होट रख उसे किस करने लगा. वो भी मुझे बेताहाश चुंमने लगा.उसने गाऊन पेहनी थी. रेखा बोलीं कैसा लगा सरप्राईज. मेने कहा. मेरे जिंदगीका सबसे बडा.

अंजली को पाकर मे बेहत खुश था. मे उसे मानो भुके शेर की तरह चुंम रहा था. नशे की वजह से माहोल और भी रोमांचभरा लगणे लगा. अंजली भी मानो बहोत दिनो की भुखी शेरणी की तरह मुझे चुंम रही थी. तभी नीचे मेरी पॅन्ट पे कुछ हलचल महसुस हुवी. रेखा मेरी पॅन्ट की चैन खोल रही थी. मे अंजली के बुब दबाते दबाते उसे चुंम रहा था. मेंने अंजली का टॉप उतार दिया. उसने ब्रा नही पेहनी थी . उसके मिडीयम साईज के बुब खुले हो गये. उसपे गुलाबी छोटे निप्पल देख मे उनपर तूट पडा. जेसे ही मेने उसके निप्पल चुसना शुरू किये वैसे ही वो जोर जोर से सिसकीया लेने लगी. अहआआआआआआ राज आय लव यु…..आहाआआ आआआआआआआआ. म्म्मम्म्मम्म्मम. नीचे रेखा ने मेरा लंड बाहर निकाल चुसना शुरू किया 6 इंच का लंड मानो लोहे के माफिक कडक होगया था.

मेने अब रेखा को रोका और अंजली को नीचे बिठाकर उसके मु मे लंड डालदिया. वो भी बडी प्यार से लंड चुसने लगी.रेखा ने मेरे होटो पर होट रख किस किया दो मिनिट बाद रेखा अंजली के पिछे गयी. रेखा ने अपने सारे कपडे उतार दिये अंजली मेरा लँड घोडी की पोजिशन बना चुस रही थी. रेखा ने पिछे से उसकी सलवार चड्डी उतार खिंच दि और उसके चुत पर अपना मु घुसा चाटणे लगी. रेखा जैसे चाटती वैसे अंजली का जोश बढता और वो लंड जोर से चुसने लगती. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. मेने अब अंजली को उठाया. उसे नीचे लिटाकर उसके चुत की तरफ मु घुमाया. क्या चुत थी उसने उसे शायद आज ही साफ किया था. उसकी चुत मुझे रेखा के चुत के सामने बहोत ही छोटी लग रही थी. मेने अपनी जुबान अंजली के चुत पे जैसे ही घुमाई , वैसे ही वो उछल पडी. रेखा ने अब अपना मोर्चा अंजली के बुब की तरफ किया . वो उसके बुब चुसने लगी. मे नीचे से उसकी चुत चाट रहा था. अंजली मानो तडप उठी उसने मेरा सर उसकी चुत पे दबा दिया और जोर जोर से आवाज करते गांड हिलाने लगी.

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आहाआआय आआआआम्म्मम्म्मम्म्म…राजज्जजज्जज्ज…..आह्हाआआआआआम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म. और वो मेरे मु मे झड गयी. मेने अब रुक कर रेखा को उसकी चुत चाटणे को कहा. वैसे ही रेखा नीचे जा उसकी चुत चाटने लगी. मेंने भी मेरे सारे कपडे निकाल फेके और अपना लँड अंजली के मु मे दे दिया. अंजली मेरे लंड को चुसने लगी. दो मिनिट के चुसाई के बाद मे उठ गया और रेखा को बाजू कर अंजली के दोनो पैरो के बीच आ कर लंड चुत पे सेट किया. एक जोर दार झटका दिया. मगर लंड फिसल गया. तभी अंजली ने अपने चुत पर मेरा लंड सेट कर पकडे रही. मेने जोर से झटका दिया मेरा लंड का टोपा उसके चुत मे घुस गया. मगर अंजली बहोत जोर से चिल्लई और तडप उठी. मेने दुसरा झटका इतना करारा मारा मानो उसकी चुत को फाडतें मेरा पुरा लंड उसके चुत मे समा गया. अंजली अब बहोत जोर से चिल्लई और रोने लगी. मुझे निकालने को कहने लगी. मगर मुझपे नशा चढा था . मे निर्दयी रूप से उसे चोदने लगा मे इतने जोर से धक्के मार रहा था की आवाज बडी तेज आ रही थी.

लंड बहोत तेजीसे मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरा लंड आराम से अंदर बाहर होणे लगा. चुत से निकला खून मुझे लंड पे दिख रहा था. कुछ समय बाद अंजली का दर्द मानो किधर गुम हो गया. वो भी अपनी चुतड उठाने लगी. वो भी अब जोश मे आ गयी दो मिनिट मे ही वो चरम पर पोहचनकर आहाआआय आआआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम्म आहहहहहह कर झड गयी. मेरा मानो पानी गिरने का नाम नही ले रहा था. नशे का असर था शायद. अब मेने उसे घोडी बनने को कहा. और रेखा को भी उसके बाजू घोडी बनने को बोला. दोनो एक दुसरे बाजू घोडी बन के थे. वैसे ही मेने पिछे जाकर रेखा की चुत मे लंड पेल दिया. एक मिनिट बाद निकाल कर अंजली की चुत मे लंड पेला. मुझे बहोत मजा आ रहा था. कभी रेखा की चुत मे कभी अंजली की चुत मे लंड डाले मे धकापेल चुदाई कर रहा था. 10 मिनिट बाद अंजली वापस चरम पर आ गयी उसने मुझे लंड बाहर निकाल ने नही दिया. मे समज गया और जोर से चोदने लगा अंजली अब जोर से सिसकारी भर झड गयी और नीचे गीर गयी.

मैने वेसे ही लँड रेखा की चुत मे घुसाया. रेखा को जोर से चोदने लगा. ठप्प ठप्प ठप्प पुरे घर मे आवाज गुंज रही थी 5 मिनिट बाद रेखा भी चरम पर आ गयी लेकींन मेरा पानी गिरने का नाम नही ले रहा था.दोन मिनिटं बाद रेखा भी झड गयी. मेने पुरा पसिने से भर गया था मगर जोश कम नही हो रहा था. मेने अंजली को कहा आ जाओ. अंजली ने मानो हार मान ली थी. उसने कहा दर्द हो रहा है मुझे बस. अब मे नीचे लेट रेखा को उपर आने को कहा . रेखा भी मेरे उपर आ कर लंड चुत मे डाल पेलने लगी. वो उछल उछल लंड चुत मे ले रही थी. अंजली बाजू लेटी ये नजारा देख रही थी. मे अब चरम पे आने लगा था.वेसे ही लंड बिना निकाल मेने रेखा को मेने नीचे किया और जोर जोर से लँड अंदर बाहर करणे लगा रेखा भी नीचे से चुतड उठाकर मुझे साथ देणे लगी. करिब दो मिनिट बाद मे और रेखा दोनो एक साथ झड गये.

ऊस दिन हम तिनो ने 3 बार चुदाई की , मेरी 3 बार लेकींन हर बार दोनो 2 बार झड चुकी थी. बीच बीच मे मेने माडी पी इसलीये उसने एक व्हायग्रा का काम किया. 5 बजने को आ गये थे. तभी अंजली बोली बस अब निकलो माँ बाबा अब आने का समय हो गया है. हम लोगो ने अब कपडे पहन लिये और मे और रेखा कल आते है कह कर हम वहा से निकल गये. घर जाकर रात को खाने के बाद रेखा और मे बिना कुछ किये ही सो गये. अगले दो दिन हमारा ये सिलसिला जारी रहा.

अब मुझे पुना जाने का समय आ गया था. बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ रेखा भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पे पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर लाल डिब्बे मे बैठ गया.

तो दोंस्तो आगे भी बहोत कुछ हुवा है. अगली कहानी का वेट करे और ये कहानी कैसी लगी ये जरूर बताई ये
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