हिंदी सेक्स स्टोरी

पापा के सामने मेरी ब्लू फिल्म-2

(Papa ke samne meri chudai-2)

फिर वो मुझे बहुत डांटते हैं और फिर रोकर हम गले लग जाते हैं.. तो यह सब सुनकर मुझे बड़ा ही अजीब लगा और में सोचने लगी कि यह कैसे होगा? मुझे सोचने के लिए 5 मिनट मिले और में पापा के पास गई और कहा कि पापा ये बहुत अजीब है.. लेकिन पापा ने कहा कि आजकल टीवी पर यही सब होता है और तुम्हे बहुत अच्छी एक्टिंग करनी चाहिए.. क्योंकि तुम तो पूरे दिन घर पर वो सब देखती भी रहती हो. फिर मैंने सोचा कि एक एक्ट्रेस को तो एक्टिंग करनी ही होती है और फिर एक अच्छी एक्ट्रेस हर तरह के रोल करती है और में करने के लिए तैयार हुई.. स्पॉट बॉय ने मुझ पर स्पॉट डाला, डाइरेक्टर ने एक्शन बोला और कैमरा मेन रेकॉर्डिंग करने लगा.

बेटी : पापा मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है.

पापा : हाँ बेटी बताओ क्या हुआ? और तुम कुछ परेशान लग रही हो.

बेटी : पापा में गर्भवती हूँ.

पापा : क्या? ( गुस्से से ) यह कैसा मज़ाक है बेटी?

बेटी : (रोता हुआ चेहरा बनकर) नहीं पापा यह एकदम सच है.

पापा : कितने दिन हुए और इस बच्चे का बाप कौन है?

बेटी : 3 महीने हो गए हैं पापा.

पापा : मैंने पूछा इस बच्चे का बाप कौन है?

बेटी : ( अब में एकदम चुप रहती हूँ)

पापा : चुप क्यों हो? क्या तुम्हे नहीं पता या फिर भूल गई.. किसके साथ मुहं काला किया था?

बेटी : (रोते हुए) पापा वो हमारा ड्राईवर.. में करण से बहुत प्यार करती हूँ.. पापा.

पापा : पागल हो गई हो क्या? उसकी हिम्मत कैसे हुई? क्या तुम जानती नहीं कि वो खुद एक शादीशुदा है.

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बेटी : मुझे माफ़ कर दो पापा.. प्लीज मुझे एक बार माफ़ कर दीजिए (और में रोने लगती हूँ.)

पापा : रोते हुए मुझे गले लगाते हैं और कहते है कि यह तूने क्या कर दिया बेटी?

फिर डाइरेक्टर हमारी बहुत तारीफ करते हैं.. विशेषकर मेरी और मेरे पापा को बुलाकर भी मेरी बहुत तारीफ करते हैं और मेरे पापा भी मेरी एक्टिंग देखकर बहुत खुश थे और डाइरेक्टर हमे थोड़ी देर बैठने को बोलकर हमारे शॉट को बाकी सबको दिखाने चले गये. फिर में और पापा वहाँ पर कुछ देर बैठे रहे और जब डाइरेक्टर वापस आए.. तो उनके साथ तीन और लोग भी थे.. जो शायद उनके हेड थे.. वो हमारे पास आए और उन्होंने हमे बताया कि उन्हे मेरी एक्टिंग बहुत पसंद आई है और मेरा चेहरा टीवी सीरियल्स नहीं बल्कि किसी फिल्म की हीरोईन बनने के लायक है. तो यह बात सुनकर में और पापा दोनों बहुत खुश थे और उन्होंने हमें बताया कि वो अभी एक कम बजट फिल्म की बनाने जा रहे हैं और उसकी एक्ट्रेस अभी तक फाइनल नहीं हुई है.. लेकिन वो लोग मुझे यह रोल देना चाहते हैं.

अब भला मुझे क्या परेशानी हो सकती थी. उन्होंने बताया कि यह मेरी पहली फिल्म है और फिल्म का बजट भी कम है.. इसलिए वो लोग मुझे इसके लिए सिर्फ 10 लाख रूपये देंगे. फिर में यह बात सुनकर तो मेरे पापा जैसे एकदम सुन्न रह गये और उन्होंने हमे होश में लाते हुए पूछा कि अगर हम लोग तैयार हो तो वो आगे की कार्यवाही पूरी करे और मेरा साइनिंग अमाउंट जो कि 1 लाख रुपये है.. वो मेरे पापा को दे. फिर मेरे पापा ने सुनते ही हाँ कर दी और उन लोगो ने हमसे कई जगह साईन करवाए और फिर साइनिंग अमाउंट पापा को दे दिया और हमें अगले दिन आने को बोला गया ताकि फिल्म के कुछ शॉट्स लिए जा सके और प्रोड्यूसर्स को वो दिखाकर फिल्म का बजट अरेंज कर सके.

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फिर जब हम चलने लगे तो कैमरा मेन वहाँ पर आया और मुझे मेरा शॉट दिखाया.. सबने मेरी बहुत तारीफ की.. लेकिन पता नहीं कैसे किसी ने इस बात पर गौर कर लिया कि मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई है और पापा बोल पड़े.. पापा ने सुबह वाली पूरी बात वहाँ पर सबको बता दी. फिर डाइरेक्टर ने मेरे पापा से मुझे कुछ अच्छी कम्पनी की ब्रा और पेंटी दिलाने को कहा ताकि आगे कोई भी समस्या ना आए.. जिस पर मेरे पापा ने हाँ कर दी. फिर में और पापा वहाँ से चल दिए और अब यह खुश खबरी हमें मम्मी को देनी थी.

फिर हमने मम्मी को उनके ऑफिस से हमारे साथ में लिया और उन्हे सब बताया.. वो तो खुशी से जैसे चीख ही उठी थी. पापा ने कहा कि अब यह पैसे जो कि मेरा साइनिंग अमाउंट है उससे थोड़ी मस्ती की जाए और हमने सोचा कि पहले कुछ शॉपिंग करते हैं और वहाँ पर पापा ने मम्मी से मुझे कुछ अच्छे कपड़े दिलाने को बोला.. हमने मेरे लिए कई ब्रा और पेंटी ली और मम्मी ने भी बहुत सारी शॉपिंग की और पापा ने भी अपने लिए सूट लिया और ऐसे करते हुए हमने वो सारे पैसे खर्च कर दिए.

फिर अगले दिन में अच्छी तरह से तैयार हुई.. मेकअप किया और आज मैंने एक अच्छा सा सलवार सूट पहना था.. पापा को ऑफिस जाना था.. तो यह तय हुआ कि में पापा के साथ होटल तक जाउंगी और पापा वहाँ पर कुछ देर रुकेंगे. फिर वो अपने ऑफिस चले जाएँगे और वापस आते हुए वो मुझे अपने साथ लेकर आएँगे. फिर जब हम लोग वहाँ पर पहुंचे तो सारी तैयारी हो रही थी.. वहाँ करीब 10-12 लोग मौजूद थे और जिनमे डाइरेक्टर, उनके दो असिस्टेंट्स, कैमरा मेन, स्पॉट बॉय, मेकअप मेन, दो एक्टर्स जो करीब 35-40 की उम्र के थे और एक ड्रेस मेन भी था. वहाँ पर पहुंचने के बाद हमे फिल्म की कहानी सुनाई गई.. वो कहानी यह थी कि में एक बिगड़ी हुई मॉडर्न लड़की हूँ.. जो बुरे काम करती हूँ.. जैसे कि लड़को के साथ घूमना, अय्याशी करना, बार में डांस करना और एक दिन बार में ही मुझे एक पुलिस वाले से प्यार हो जाता है.. जो कि उम्र में मुझसे बहुत बड़ा है और उसका तलाक़ हो चुका है.. वो मुझसे प्यार नहीं करता.. लेकिन मुझे अपने घर वालों का वास्ता देकर कुछ बुरे लोगों को पकड़ने में उसकी मदद के लिए कहता है और में एक एक करके बुरे आदमियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हूँ और फिर उन्हे पुलिस पकड़ती है.