बाप बेटी की चुदाई

Papa Ki Randi Beti Lund Chus Rahi Hai Papa Ka-2

(Papa Ki Randi Beti Lund Chus Rahi Hai Papa Ka-2)

अब में चुपचाप पड़ी आनंदित हो रही थी और चाह रही थी कि क्यों ना आज पापा से चुद जाऊं? क्योंकि पापा के मम्मी को छोड़ने के बाद शायद ही क़िसी औरत से संबंध रहे हो और फिर उनके मसलने में मुझे भी आनंद आने लगा था, तो में पापा की तरफ़ अपना मुँह करके लेट गयी। फिर पापा ने मेरे मुँह पर एक जोरदार किस किया और मेरी नाइटी के ऊपर के बटन खोल दिए और सहलाने लगे। अब में धीरे- धीरे सिसकारी भर रही थी और मेरे मुँह से आवाज़े आने लगी थी उहह पापा, अहहहपपा म्‍म्म्मम, पापा धीरे से करो ना। फिर पापा ने धीरे-धीरे मेरे बदन को किस करना शुरू किया, तो मेरी हालत और भी खराब होने लगी। अब में सोचने लगी थी कि इतनी प्यास लगाकर मेरे पापा बुझाएगें कैसे? क्योंकि में उनका लंड तो पहले ही खाली कर चुकी हूँ। लेकिन मेरे पापा बहुत चतुराई से मेरे बदन को चूम, चाट रहे थे और धीरे-धीरे मेरे जी-स्पॉट पर पहुँचते जा रहे थे। फिर उन्होंने मेरी चूत के पास जाकर चूसना शुरू किया, तो अब मेरे आनंद की कोई सीमा ही नहीं थी। अब में मन में ही सोच रही थी कि क्या पूरी ज़िंदगी ही इस तरह बीत जाए? पापा चूमते रहे, तो में चुमवाती रहूँ।               “Papa Ki Randi Beti”

फिर मेरा एक हाथ अचानक से पापा के लंड पर गया तो मैंने देखा कि धीरे-धीरे उनका शेर फिर से तैयार हो रहा था। फिर पापा ने मेरे ऊपर आते हुए मेरी पूरी नाइटी खोल दी और मुझे बिल्कुल नंगा करके मेरी चूत को फैलाने लगे, जिससे उनका लंड मेरी चूत में घुसने की कोशिश करने लगा और धीरे-धीरे से इंच बाई इंच अंदर जाने लगा। अब में कोई 16 साल की थी तो नहीं, जो मेरी चूत में लंड घुसने से बहुत तकलीफ़ होती और में लंड का स्वाद अपने कई दोस्तों के साथ पूरी तरह से चख चुकी थी और मर्द कैसे औरत को गर्म करता है? वो भी पूरी तरह से जान चुकी थी। लेकिन यहाँ तो मामला ही उल्टा था, यहाँ तो मैंने ही पापा को ब्लोजॉब देकर शुरूआत की थी। अब मेरी टाँगे खुली थी और पापा मेरी चूत के लिप्स खोलकर अपना लंड घुसाने की कोशिश में लगे थे और वो सफल भी हो रहे थे, क्योंकि पापा का लंड धीरे-धीरे अंदर जा रहा था और में आनंद की प्रतिक्रिया में हिस्सा ले रही थी।                       “Papa Ki Randi Beti”

Hindi Sex Story :  बेटी की बुर ने सेक्स का दुःख दूर किया-1

अब मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन बर्दाश्त मुझे ही करना था और में कर भी रही थी और पापा मेरी चूचीयों को मसल रहे थे और अपने लंड को मेरी चूत में घुसाने की कोशिश में लगे थे। अब में मन ही मन में थैंक यू पापा कह रही थी। लेकिन फिर जब पापा अपना लंड घुसाकर धक्के मारने लगे, तो मुझे दर्द की अनुभूति होने लगी और दर्द भी होने लगा, अब में हल्के-हल्के चीख रही थी ओह पापा, प्लीज़ धीरे-धीरे करो ना। लेकिन पापा पर एक अलग ही जोश था और अब वो अपनी स्पीड बढ़ाए जा रहे थे। अब मेरा हाल बुरा था, लेकिन मुझे एक अलग सा मज़ा आ रहा था, जिसको क़िसी भी शब्दो में लिखा नहीं जा सकता। अब पापा मेरी चूत के रास्ते मेरे शरीर में घुसने की कोशिश कर रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे हम दो शरीर एक जान है। अब में इतने में डिसचार्ज हो चुकी थी, लेकिन पापा थे की मुझे चोदे जा रहे थे।    “Papa Ki Randi Beti”

फिर आख़िर एक बार डिसचार्ज होने के बाद मुझे फिर से आनंद आने लगा और में चाह रही थी कि यह अनुभूति सुबह तक होती रहे, लेकिन में एक बार फिर से उत्तेजित हुई और डिसचार्ज हो गयी। लेकिन इतने में पापा भी डिसचार्ज हो गये, तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे क़िसी ने कांच गर्म कर मेरी चूत में डाल दिया हो। फिर हम दोनों एक दूसरे के शरीर पर पड़े रहे और सो गये। फिर सुबह हुई तो मैंने देखा कि पापा फिर से तैयारी में थे, अब उनका लंड पूरी तरह से खड़ा था और आवाज़ दे रहा था कि आओं कंचन फिर से चुदाई का मजा चख लो, तो में तैयार हो गयी। अब इस चुदाई के बाद से मैंने सोच लिया था कि अब में अपने किसी बॉयफ्रेंड से नहीं चुदूंगी और किसी चुदक्कड़ बॉयफ्रेंड से संबंध भी नहीं रखूँगी, क्योंकि जब घर में ही सुरक्षित सेक्स का मज़ा है तो बाहर रिस्क क्यों लेना? फिर दूसरे दिन जब में सो कर उठी तो मैंने देखा कि सुबह के करीब 8 बजे थे और कामवाली बाई भी आने वाली ही थी इसलिए मैंने तुरंत उठकर चाय बनाई और पापा को जगाने चली गयी।     “Papa Ki Randi Beti”

Hindi Sex Story :  सानिया के बूब्स पकड़ कर अंकल चोद रहे थे

अब पापा जो मेरे ही रूम में सो रहे थे बिल्कुल नंगे पड़े हुए थे और उनका लंड खड़ा था और पेट को टच कर रहा था। तो मुझे उस शरारती लंड को देखकर हँसी आ गयी की रातभर इसी ने हंगामा मचाया था और अब भी सिपाही की तरह तनकर खड़ा है। अब मुझे मेरी चूत में एक बार फिर से सुरसुरी सी होने लगी थी, लेकिन कामवाली बाई के आने का टाईम था इसलिए में पापा को उठाकर और चाय पिलाकर जैसे ही मूडी। तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने लंड की तरफ इशारा करके बोले कि इसे भी तो देखो, क्या कह रहा है? तो मैंने पापा को बताया कि कामवाली बाई आने ही वाली है, आप कपड़े पहन लो।

कहानी जारी है-