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परिवार में सबके साथ धुंआधार चुदाई 2

(Parivar me sabke sath dhuwadhar chudai 2)

पापा और मौसा अंदर आ कर उन रंडियों की हरकते देखने लगे। मम्मी और मीनाक्षी मामी मौसी की चुचिया चूसने लगी, और सुमित्रा मामी मौसी की चूत चाटने लगी। मौसी कि बस आआआआ हहहहह की आवाजें आ रही थी,
ये देख मेरा लन्ड बहुत टाइट हो गया, यू लगने लगा कि अभी फट जाएगा, तभी देव नीचे बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगा।
तभी मौसी की नज़र पापा और मौसा पर पड़ी, तो मौसी डरी नही, बल्कि उन्हें चुप रहने का इशारा कर उनके सामने ही मज़े लेने लगी।
मौसी- चुसो रंडियों मुझे अच्छी तरह से, आआहा हहहहह।
फिर मौसी ने अपने हाथ नीचे ले जाकर एक हाथ की उंगली मम्मी की चूत में और दूसरे हाथ की उंगली मामी की चूत में डाल कर हिलाने लगी। उधर पापा और मौसा को इशारा किया कि लन्ड बाहर निकालो, मौसी मौसा और पापा के इशारों से लग रहा था जैसे तीनो ग्रुप सेक्स कर चुके है कई बार, बाद में पता चला कि बहुत बार आपनी बीवियां बदल कर भी कि चोद चुके है।

पापा और मौसा ने अपने लन्ड बाहर निकाल लिए। पापा का लन्ड भी 9 इंच का था, और मौसा का लन्ड 7 इंच का।
तभी मौसी बोलने लगी कि काश मुझे अभी कोई लन्ड मिल जाये तो कहा जाऊ उसको
मीनाक्षी मामी- हेमा मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है।
सुमित्रा- लन्ड चूसने को ही मिल जाये मुझे तो लन्ड का पानी पीना है।
मम्मी- चलो जल्दी करो, लेट हो रहे है।
मौसी- चुप साली रंडी, जब देखो जल्दी में रहती है, किसी दिन तुझे 10 लन्ड से एक साथ चुदवाऊंगी तो सारी जल्दी निकल जायेगी तेरी।
उधर पापा और मौसा मौसी को इशारा कर रहे थे, चोदने के लिए। मौसी उन्हें आंखों से रुकने का इशारा कर रही थी।
मौसी- चलो रंडियों बहुत चूस लिया तुम तीनो ने मुझे, अब मैं एक साथ तुम त्तीनो को चूस कर दिखती हूँ।
ये सुन कर त्तीनो एक साथ बोली कैसे?

मौसी- वो तुम मुझ पर छोड़ दो, बस तुम त्तीनो आंखें बंद कर के लेट जाओ, फिर देखना मेरा कमाल।
फिर वो तीनो आंखें बंद कर के लेट गयी, तो मौसी ने पापा ओर मौसाको इशारा किया आने का, तो वो दोनोआ गए पास, और मौसी ने धीरे से उनको कहा कि तीनो एक साथ चुत चाटना शुरू करेंगे।
तो पापा सुमित्रा मामी की चूत के पास, मौसा मीनाक्षी मामी की चूत के पास और मौसी मम्मी की चूत के पास अपना मुह ले गयी, फिर तीनो ने एक साथ चुतों पर अपनी जीभ लगाई और तीनो रंडियों के मुह से aaaaaahhhhhhhhh निकलने लगी। फिर पापा ने मामी की चूत में अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगे, जिस से मामी तड़पने लगी और बोलने लगी, आआहा और जोर से रंडी पूरी जीभ घुसा दे मेरी चुत में, ओर डाल रंडी।
मामी की आवाज़ें सुन कर मम्मी और मीनाक्षी मामी ने आंखें खोल कर देखा तो वो हैरान रह गयी देख कर की पापा और मौसा भी वहीं चुत चाट रहे है। मेरी मम्मी खड़ी होती हुई कहने लगी कि आप लोग यहां क्या कर रहे है, आप लोगो को शर्म नही आती।

पापा – चुप रंडी, तू शर्म की बात करती है, ये तीनो मुझसे ना जाने कितनी बार चुद चुकी है।
मम्मी- पर ये गलत है।
मौसा- साली जी, गलत क्या है, जब हम सेक्स कर सकते है, मीनाक्षी तो मुझसे भी चूदी है, अब सुमित्रा को भी आज छोड़ दूंगा मैं।
मौसी- जैसे मैं और मधु तुम दोनों की रंडियां बन कर रहती है, बदल बदल कर चुदती है, वैसे ही अब से दोनों भाभियाँ भी हमारे साथ शामिल हो जायेंगी अब से।
पापा(लन्ड हिलाते हुए)- वाह! अब से चार रंडियां एक साथ।
मौसा- मजा आएगा।
मम्मी – नही ये गलत है आप ऐसा नही कर सकते।
मीनाक्षी मामी- जीजाजी मैं तो तैयार हूँ आप दोनों की रंडी बन ने के लिए। और फिर मामी ने पापा की लिप किस किया और मौसा मामी की बड़ी सांवली चुचियाँ दबाने लगे।
इतने में सुमित्रा मामी बोली
सुमित्रा – मैं भी तैयार हूँ।

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ये सुनते ही सुमित्रा मामी मौसा की तरफ आकर उन्हें किस करने लगी।
मम्मी- ये क्या कर रहे हो, शर्म करो।
पापा- चुप साली रण्डी।
मम्मी धीरे धीरे रोने लगी और मौसी नीचे झुक कर पापा का लन्ड चूसने लगी।
इधर मेरा लन्ड भी देव के मुह में था, वो धीरे धीरे चूस रहा था।
इतने में बाहर से मामा की आवाज आई कि कितना टाइम लगेगा नहाने में, तो मौसी बोली बस 10 मिनट और।
फिर पापा ने अब मीनाक्षी को झुका दिया और उसकी चुत में झटके से लन्ड डाला, उसकी तो चीख निकलने वाली थी कि मौसी ने उसके मुह में अपना मम्मा डाल दिया।
मौसा ने भी सुमित्रा को कोडी कर दिया और लन्ड डाल कर चोदने लगे। 10 मिनट की चुदाई के बाद मौसा और मामी एक साथ चूत में ही झड़ गए। इतने में मीनाक्षी मामी भी आआआआ हहहहहहहह करटी हुई झड़ गयी, फिर भी पापा मामी की चूत पेलते रहे, फिर 2 मिनट बाद पापा का भी पानी निकलने वाला था, तो पापा ने लन्ड बाहर निकाला तो मौसी लन्ड के पास बैठ गयी, पापा उनके मुह पर झड़ने लगे। मम्मी ये सब देख रही थी, और धीरे धीरे रो रही रही थी।
मौसी फिर पापा का लन्ड चूसने लगी।

ये सब देख कर अब मेरा भी पानी निकालने को हुआ तो मैं देव का सर पकड़ कर उसका मुह चोदने लगा, और जैसे ही मेरा पानी निकला, तो मेरे मुँह से
आआआआआआ हहहहहहह की आवाज़ आयी जो मेरी मम्मी ने सुन ली, ओर उसको पता चल गया कि मैं वहां हूँ।
फिर मम्मी ने सबको कहा कि जल्दी करो लेट रहा है। मौसी बोली नही रुक अभी, पर मम्मी नही मानी और कपड़े पहन कर गेट खोलने जाने लगी, तो मौसी मानी ऒर पापा का लन्ड छोड़ा। फिर पापा और मौसा कपड़े पहन कर दूसरे गेट से बाहर निकल गए।
अब सभी लेडीज कपड़े पहन चुकी थी, ओर फिर गेट खोल कर तैयार होने लगी।

मैं और देव भी मौका देख कर चुपके से निकल कर बाहर आ गए। किसी को पता नही चला की हम अंदर थे।

थोड़ी देर में सब लेडीज बाहर आ गयी और हम सब बस में बैठ गए, बस 3×2 थी, मैं ओर देव सबसे आखिर वाली सीट पर बैठ गए, जो बिल्कुल खाली थी। और वो सब सोचने लगे जो हमने आज सुना और देखा था, की कैसे हमारे घर मे रंडियां ही है सारी, पता नही कौन कितने लन्ड ले चुकी होगी। अभी तो हमे चार का ही पता लगा है। बाकी हो सकता है इनसे भी बड़ी रंडियां हो। फिर मैंने ओर देव ने सोचा कि चल छोड़ो। जिसको जैसे चुदना है चुदे, आज से हमारे लिए सभी औरते चुदाई का माल है बस, किसी के साथ कोई रिश्ता नही, अब बस सबके साथ लन्ड और चुत का रिश्ता रखेंगे।
बाकी सब लोग अंताक्षरी खेल रहे थे तो हमने सोचा कि छोड़ो ये सब और आगे चल कर अंताक्षरी खेलते है। हम बाकी लोगो के साथ अंताक्षरी खेलने लगे। टीम आधी आधी बंटी हुई थी तो मुझे मम्मी वाली टीम में मौसी हेमा और मामी मीनाक्षी भी थे, और देव को दूसरी टीम में ले लिया। अंताक्षरी में गाने के साथ गाना बोलने वाली टीम को डांस भी करना था।

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अंताक्षरी चलते चलते हमारी बारी आई तो मैंने हेट स्टोरी मूवी का ‘वजह तुम हो’ गाना गाया, जिसमे मेरी सगी दीदी दीपिका ने मेरे साथ डांस किया, डांस करते हुए मेरे हाथ बार बार दीदी की बड़ी गाँड़ पर लगे, मैंने पहली बार ध्यान दिया कि मेरी दीदी की गाँड़ बहुत बड़ी थी, जैसे जीजाजी हमेशा उसकी गाँड़ ही मारते हो। दीदी ने टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जो गाँड़ के साथ पूरी तरह चिपकी हुई थी उसकी गाँड़ जीन्स फाड़ कर बाहर आने को हो रही थी। ऊपर दीदी ने शर्ट पहनी हुई थी, जिसके ऊपर के 2 बटन खुले हुए थे और दीदी के बड़े मुममों की लाइन भी दिख रही थी। जब वो जीन्स पहन कर बाहर निकलती है, तो सब उसकी गाँड़ ही देखते है, ओर उसकी गाँड़ सोच सोच कर ना जाने कितने लोगों ने सपने में उसकी गाँड़ मारी होगी, फिर डांस करते हुए दीदी मेरे आगे और मैं उसके पीछे तो मेरा लन्ड दीदी की गाँड़ से लग रहा था, जिस से मेरा लन्ड खड़ा हो गया।

दीदी को भी महसूस हो गया कि मेरा लन्ड खड़ा है, तो दीदी ने पीछे मुड़ कर देखा और वापिस आगे होकर अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर रगड़ कर डांस करने लगी। फिर दीदी ने डांस करते हुए मेरे हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिये और मेरे साथ अपनी गाँड़ चिपका कर डांस करने लगी, मेरा लन्ड दीदी की जीन्स के ऊपर से ही दीदी की गाँड़ में दब रहा था, तभी दीदी एक डांस स्टेप के लिए नीचे झुकी तो दीदी की शर्ट थोड़ी सी ऊपर उठ गई और मेरे हाथ दीदी की नंगी कमर पर आ गए। क्या चिकनी कमर थी दीदी की, फिर दीदी ने अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर दबाई और खड़ी होने लगी तो मेरा हाथ दीदी के बूब्स से लगा, तो मैंने हल्के से दीदी के बूब्स दबा दिए, पर दीदी ने कुछ नही कहा। फिर हमारी बारी गयी, तो हम अपनी साइड आ गए, उसके बाद मैं मेरी मौसी की सीट वाली साइड खड़ा हो गया, और दीदी बैठ गयी। मेरा खड़ा लन्ड पाजामे में उभार दिख रहा था, जिसे मौसी ने देख लिया, तो मौसी ने अपना कंधा मेरे लन्ड के साथ लगा लिया और रगड़ने लगी।

मैने देव को देखा तो वो मीनाक्षी मामी की बेटी प्राची के साथ बैठा उसकी चुचियाँ घूर रहा था, जो अपनी बेटी को दूध पिला रही थी। मैने देखा उसकी चुचियाँ भी बड़ी थी, इधर मौसी ने अपना पूरा कंधा मेरे लन्ड पर दबा रखा था। मेरी हालत खराब हो रही थी। इतने में वापिस हमारे गाने की बारी वापिस आयी, तो मीनाक्षी मामी और मम्मी गाना गाने लगी, और डांस करने लगी। मम्मी बिल्कुल मेरे आगे डांस कर रही थी, और मौसी उठ कर पीछे पानी पीने चली गयी, मौसी के पीछे पीछे पापा भी चले गए। फिर पानी पीकर वो दोनों लास्ट वाली सीट पर बैठ गए, और मौसा जी भी पीछे जाकर उनके साथ बैठ गए। मेरा ध्यान उनकी तरफ ही था। तभी मौसी थोड़ा खड़ी हुई और पापा की गोद मे टेढ़ी होकर इस तरह से बैठ गयी, जिस से किसी को पता ना चले कि वो पापा की गोद मे बैठी है।

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बस के झटकों के साथ वो थोड़ा ऊपर नीचे भी होने लगी। मौसी के चेहरे देख कर लग रहा था कि वो पापा से चुद रही है। मौसा ध्यान दे रहे थे, की कोई देख तो नही रहा, पर मैं इस तरह से उन्हें देख रहा था। मैंने सुबह जो घर मे देखा था उससे मुझे पता था कि वो चुदाई करने ही गए है, तो मुझे अंदाज हो गया था कि मौसी चुद रही है पापा से, नही तो उनको देखने पर पता नही चलता था कि वो कुछ कर रहे होंगे। मेरा ध्यान उधर था तभी मुझे मेरे लन्ड पर कुछ महसूस हुआ तो मैंने देखा कि दीपिका दीदी जहाँ पहले मौसी बैठी थी वहां उनकी जगह बैठी है और दीदी का सर मेरे लन्ड से लग रहा है, अब ये दीदी ने जान बूझ कर लगाया या गलती से ये पता नही। तभी बस की एकदम से ब्रेक लग गई, जिस से मम्मी नीचे गिर गयी और मैं सीधा मम्मी के ऊपर गिरा। मेरा लन्ड मम्मी की गाँड़ के ठीक ऊपर था। तभी दीदी अपनी सीट से आई, मैं मम्मी की गाँड़ पूरी फील कर रहा था।

फिर दीदी मुझे मेरी कमर से पकड़ कर उठाने लगी, तो मैंने उठते हुए मेरे हाथ मम्मी की गाँड़ पर रखे तो मुझे पता चला कि मम्मी ने पैंटी नही पहनी हुई। जब दीदी ने मुझे पीछे से पकड़ा था तो फिर बस की एक बार ब्रेक लगी, जिस से मैं फिर मम्मी के ऊपर गिरा, और दीदी ने संभालने के चक्कर मे मुझे जोर से पकड़ा तो उसका हाथ आगे आ गया, ओर मेरा लन्ड उसके हाथ मे आ गया। फिर जैसे ही उसे समझ आया कि ये मेरा लन्ड है तो उसने तुरंत छोड़ दिया, फिर दीदी खड़ी हुई और मैं मम्मी के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, और अपना लन्ड थोड़ा सा मम्मी की गाँड़ पर दबाया, जिसका मम्मी को पता चल गया था कि ये मेरा लन्ड है। फिर दीदी ने मुझे खड़ा किया। फिर मैंने मम्मी को। फिर हमारी बारी गयी और दूसरी टीम की बारी आ गयी गाने की। मैं वापिस पहले वाली जगह आ कर खड़ा हो गया।

मैंने थोड़ा पीछे देखा जहां चुदाई चल रही थी, तो मम्मी ने मुझे देख लिया। फिर मम्मी ने पीछे देखा तो वो भी समझ गयी कि चुदाई चल रही है। मम्मी पीछे चली गयी, ओर इधर दीदी का सर फिर से मेरे लन्ड पर लगने लगा और इस बार मुझे लग रहा था कि दीदी जान बूझ कर लगा रही है, क्योकि इस बार सर से मेरा लन्ड पूरा दब रहा था।
मैंने भी अपने लन्ड को थोड़ा दीदी के सर पर दबाया तो दीदी ने भी अपना सर दबा दिया, जिस से मैं समझ गया कि दीपिका दीदी मजे ले रही है। मैं वैसे ही खड़ा रहा और पीछे भी देखा थोड़ा तो मम्मी कुछ बोल रही थी, पर सुनाई नही दे रहा था। मैंने कोशिश की सुन ने की पर कुछ खास सुनाई नही दिया, बस मम्मी के मुँह से गुस्से में इतना ही सुना कि अब देखना मैं इस से भी बड़ी रण्डी बन कर दिखाऊंगी, आपके सामने बहुत लोगो से चुदूँगी।