हिंदी सेक्स स्टोरी

पारिवारिक दोस्त का उपहार-2

Pariwarik dost ka uphar-2

मैंने उससे पूछा कि तुम्हें क्या हुआ है? तब उसने मुझसे कहा कि मेरा तो आज ऐसा मन कर रहा है कि में तुम्हें अभी नीचे पटक दूँ और तुम्हारे साथ में पूरी रात बहुत जमकर सेक्स के मज़े लूँ और अपनी पूरी प्यास को आज तुमसे बुझा लूँ, लेकिन में उसी समय अचानक से रुक गया.  फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज राज तुम ऐसे मत रूको प्लीज करते रहो लगातार और अब मैंने उससे कहा कि पहले तुम मुझे बताओ कि सेक्स क्या होता है? तो वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि तुम अब ज्यादा अंजान मत बनो क्या तुम्हें इसका मतलब पता नहीं है?

तब मैंने उससे कहा कि हाँ मुझे सब कुछ पता है, लेकिन तुम मुझे अपने शब्दों में पूरी तरह से खुलकर बताओ और फिर वो मुझसे कहने लगी कि जब भी तुम चूत में लंड डालकर उसको अंदर बाहर करते हो तो वो सेक्स होता है और अब प्लीज़ तुम मेरी चूत में अपनी ऊँगली को दोबारा अंदर बाहर करो ना.  फिर में उससे बोला कि में तुम्हें आज एक रंडी की तरह जमकर चोदना चाहता हूँ, जिसको तुम पूरी जिंदगी याद रखोगी.

फिर वो मुझसे पूछने लगी कि रंडी को कैसे चोदते है? तो मैंने उसी समय अपना पूरा हाथ उसकी चूत में जबरदस्ती घुसेड़ दिया और उससे कहा कि ऐसे, तो वो दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्लाई, आईईईईइ माँ में मर गई राज प्लीज तुम यह क्या कर रहे हो ऊईईईईईइ प्लीज तुम अपना हाथ बाहर निकालो नहीं तो में मर जाउंगी, यह तुम क्या कर रहे हो रहने दो मुझे नहीं करना तुम्हारे साथ ऐसा मज़ा तुम यह चुदाई अभी इसी समय बंद करो, तुम सिर्फ़ अपनी दो उंगली मेरी चूत में डालो.

फिर में उससे बोला कि पहले तू मुझे बता कि तू मेरी रंडी कब बनेगी? तब वो कहने लगी कि जब भी हमें अगला अच्छा मौका मिलेगा, तब में तुम्हारी रंडी भी बन जाउंगी और उसके बाद में उसके दर्द चीखने चिल्लाने और उसकी उस बात को सुनकर में वापस उसकी चूत में अपनी दो उँगलियों को डालकर उसकी चुदाई करने लगा था और उसके कुछ देर बाद वो झड़ भी चुकी थी और उसके बाद में अब हर रोज़ रात को छत पर उसकी चूत में अपनी उँगलियों को डालकर उसकी चुदाई करके उसकी चूत को शांत करता था, लेकिन हम दोनों को चुदाई का कोई भी अच्छा मौका नहीं मिल रहा था और उसके ससुराल वालों से बातचीत रजामंदी होने के बाद वो वापस अपने ससुराल भोपाल चली गयी और में उसकी चुदाई बारे में बस सोचता ही रह गया, मुझे उसकी बहुत याद आती थी.  मैंने उसको बहुत बार फोन करके भी अपने लंड को हिलाकर शांत किया और उसने अपनी चूत में ऊँगली डालकर मज़े लिए.  में उसके दोबारा आने का इंतजार करता रहा.

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फिर हमारी अच्छी किस्मत से उसके जाने के एक महीने के बाद ही मेरा भी एक बहुत बड़ी कंपनी में एक इंटरव्यू था और उसके लिए मुझे भोपाल जाना पड़ा और मैंने उसको इस बात के बारे में पहले से ही फोन करके बता दिया था.  फिर जब में उसके घर पर पहुंचा तब मेरी किस्मत ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया, क्योंकि मुझे पता चला कि उसका पति उसकी कंपनी के काम से जबलपुर गया हुआ था, इसलिए वो घर पर बिल्कुल अकेली थी और उसके सास-ससुर भी किसी शादी में किसी दूसरे शहर गये हुए थे.

फिर में वो सभी बातें सुनकर बहुत खुश हुआ और में उसके बेडरूम में उसके साथ सोने चला गया, वहां पर में उसको किस करने लगा.  फिर वो मुझसे कहने लगी कि सिर्फ़ किस करना, क्योंकि इस समय मेरे पीरियड चल रहे है, तब मैंने उससे कहा कि में तो फंस गया, क्योंकि में तो कल सुबह ही वापस चला जाऊंगा और उससे यह बात बोलकर मैंने बिना देर किए उसका सूट और ब्रा को भी उतार दिया और में उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाकर उनका रस निचोड़ने लगा और कुछ देर बाद जब में उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसको उतारने लगा.  तब मेरा हाथ पकड़कर मुझसे बोली कि नहीं रहने दो मैंने पेड पहना हुए है और वो मुझसे मना करने लगी और अब में कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत को छूकर महसूस करने लगा.

तब मैंने महसूस किया कि उसने उस समय सच में पेड पहना हुआ था, लेकिन मैंने जल्दी से अपने लंड पर कंडोम पहन लिया और मैंने उसके बूब्स को चूसते चूसते ही सही मौका देखकर उसकी सलवार को भी उतार दिया, वो मुझसे बार बार मना करती रही और फिर मैंने उसकी पेंटी को भी हटाकर उसकी चूत में अपने लंड को भी एक जोरदार झटके से डाल दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से चिल्लाई आह्ह्ह्हहहह ऊउईईईईइ उफ्फ्फ्फ़ प्लीज राज ऐसा तुम मेरे साथ मत करो, मुझे बहुत जलन हो रही है और दर्द भी हो रहा है, लेकिन में अब कहाँ उसकी कोई भी बात मानने वाला था.

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फिर में तो बिना एक भी पल गँवाए उसको अपनी तरफ से लगातार झटके देकर चोदता ही रहा, क्योंकि उसने मुझे बहुत तड़पया था, इसलिए में आज उससे बदला लेने के लिए उसके ऊपर लेटकर अपना पूरा लंड उसकी चूत से बाहर निकालता और फिर अपने एक जोरदार धक्के के साथ में अपने लंड को उसकी चूत में पूरा अंदर तक घुसा देता, जिसकी वजह से वो हर झटके पर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आह्ह्ह्हहहह राज प्लीज अब बस भी करो आऐईईईईई मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज धीरे करो ना में मर जाउंगी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और में करीब 20-25 मिनट तक उसको ऐसे ही लगातार धक्के देकर चोदने के बाद में झड़ गया.

फिर मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हें कितना मज़ा आया? तब वो कहने लगी कि “पीरियड में भी कभी किसी लड़की को मज़ा आता है क्या? तो मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन तुम्हें मुझ पर मेरी चुदाई पर विश्वास ना हो तो तुम एक बार मेरा लंड अपने मुहं में लेकर इसको चूसकर दोबारा खड़ा कर दो.  उसके बाद में तुम्हें चुदाई का दोबारा असली मज़ा दूंगा, लेकिन उसने मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना कर दिया और में उसके बूब्स को सक करने लगा और उसके निप्पल को चूसने और बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था, जिसकी वजह से करीब दस मिनट में ही मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया.

तब मैंने उसको खींचकर अपने ऊपर ले लिया और फिर मैंने महसूस किया कि अब उसको भी मेरे साथ बड़ा मज़ा आने लगा था और वो मुझसे बोले जा रही थी आअहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आज पहली बार मुझे पीरियड में ऐसी चुदाई के मज़े मिले है, जिनको में किसी भी शब्दों में तुम्हें नहीं बता सकती, वाह मज़ा आ गया, तुम बहुत अच्छे हो और इस काम में तुम बहुत अनुभवी भी हो, तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है, तुम्हें इस काम में बहुत कुछ आता है, जिस किसी भी लड़की से तुम्हारी शादी होगी, उसकी किस्मत खुल जाएगी और वो तो तुम्हारे साथ हर रात को बहुत मज़े मस्ती करेगी, क्योंकि तुम उसकी चुदाई करके उसको हमेशा खुश रखोगे, क्योंकि तुम्हारे लंड के साथ साथ तुम्हारा पूरा बदन बहुत बलशाली दमदार है मज़ा आ गया.

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मैंने कहा कि तुम भी कोई कम नहीं हो, तुम्हारी इस कामुक चूत को देखकर में बिल्कुल पागल हो गया था और मैंने पीरियड में भी तुम्हें चोदने का वो काम कर दिया, जिसको कोई भी नहीं करता और यह तुम्हारे गोरे गदराए सेक्सी बदन का ही परिणाम है.

फिर करीब दस मिनट के बाद वो झड़ गयी और उसकी चूत से वीर्य बहकर बाहर आने लगा, जिसके साथ साथ अब उसका जोश भी ठंडा होता चला गया.  अब में उसके ऊपर आ गया और में भी करीब दस मिनट में ही झड़ गया और तब तक 3:30 बज चुके थे और एक घंटा सोकर थोड़ा सा आराम करने के बाद में उठकर स्टेशन अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए निकल गया, जाने से पहले मैंने उसको एक बार लिप किस किया, जिसमें उसने मेरा पूरा साथ दिया और में उसको अपनी तरफ से पूरी तरह से संतुष्ट करके वहां से चला आया और में भी बहुत खुश था.

दोस्तों उसके कुछ दिनों बाद ही मुझे पता चला कि उन लोगों का अब भोपाल से भी तबादला हो चुका है और तब से लेकर आज तक मेरा गुड़िया से कोई भी सम्बंध नहीं है, हमारे बीच फोन पर भी बातें अब खत्म हो गई है.