हिंदी सेक्स स्टोरी

पारो के साथ पार्क में मजा

Park Sex Ka Maja

पार्क सेक्स का मजा में हैल्लो दोस्तों, मेरी यह पहली कहानी है. ये आज से कुछ 7 साल पुरानी बात है, हमारे इलाके में एक भाभी रहने के लिए आई थी, वो क्या माल थी?  उसकी हाईट लगभग 5 फुट 7 इंच होगी, कलर गोरा, भरा सुडोल बदन और उसकी गांड तो जैसे रुई से भरी हुई थी, पूरी फूली हुई और उसका फिगर लगभग 34-28-36 साईज का होगा. वो जब मटक-मटककर चलती तो नुक्कड़ के सारे मर्द आहें भरते और सबके लंड में सरसराहट होती.

मेरा नाम वरुण है, उसका नाम जूली था, उसके एक 4-5 साल की बेटी थी, उसके पति भी था पीयूष, जो अपने आपको करोड़पति से कम नहीं समझता था. मेरा प्लान तो था उस हाथी की गांड मारने का, लेकिन भोसड़ी के की औकात झाँट भर की भी नहीं थी. अब में आपको अपने बारे में बता दूँ. मेरी हाईट 6 फुट है और में दिखने में हैंडसम हूँ, एक्सरसाईज़ वग़ैराह करने की वजह से मेरी बॉडी फिट है और कट्स भी है, मेरा लंड 7 इंच लम्बा है.

यह एक दिन शाम की बात है सुशील भैया मुझसे बोले कि अरुण लगता है पारो (हम उसे पारो बुलाते थे) तुझे लाईन दे रही है. अब वो मुझे आँखों से इशारे करती और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराती, वो बड़े ही लो-कट ब्लाउज पहनती और सेक्सी स्लीवलेस ब्लाउज पहनती थी और मेरे पार्क सेक्स का मजा आजू बाजू में झुककर मुझे दर्शन देती तो उसकी गली देखकर तो मेरा बंबू अपने तंबू में खड़ा हो गया था.

एक दिन जब वो अपनी गांड मटकाकर चलती हुई अपनी बेटी के साथ जा रही थी, तो में उसके पीछे चला गया और उसके पास पहुँचकर कहा कि भाभी घर पर पीयूष है क्या? तो वो हंसकर बोली कि नहीं. में उसकी बेटी के साथ खेलते हुए उसकी बिल्डिंग तक पहुँच गया.

अब वो सीढियां चढ़ रही थी, तो मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रखा और चुटकी दी, तो उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी और कहा कि कल मिलना 10 बजे नैशनल पार्क जाएँगे. में रातभर उसके बारे में सोचने लगा और दो बार मुठ भी मारी.

सुबह हम स्टेशन पर 10 बजे मिले और मैंने उसे अपनी बाईक पर बैठा लिया, वो सेक्सी पर्फ्यूम लगाकर आई थी और वो आज तो एकदम माल लग रही थी. ब्लू साड़ी, ब्लू लो-कट ब्लाउज, ब्लू झुमके, ब्लू बिंदिया और मैचिंग सैंडल, क्या माल लग रही थी वो? मेरा मन तो कर रहा था कि अभी अपना लंड निकालकर उसकी गांड में डाल दूँ और इसके मुँह पर अपना वीर्य गिरा दूँ. अब वो मुझसे चिपककर बैठ गई थी और अपने बूब्स मेरी पीठ में दबा रही थी. हम नैशनल पार्क पहुँचकर पैदल चलने लगे और मैंने उससे कहा कि पारो तुम बहुत सेक्सी लगती हो, तो वो मुस्कुराने लगी और कहा कि तुम भी बहुत स्मार्ट हो.

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में : थैंक्स, क्या तुम मुझे पसंद करती हो पारो?

पारो : पागल, अगर पसंद नहीं होते तो तुम्हारे साथ नैशनल पार्क सेक्स का मजा में क्यों आती?

में : पारो तुम बहुत खूबसूरत हो.

तो पारो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और मेरे बालों में हाथ फैरने लगी.

पारो : तुम्हें मेरी कौन सी चीज सबसे ज्यादा पसंद है?

में : सब कुछ, लेकिन सबसे बेस्ट तुम्हारी बैक साईड पसंद है.

पारो : ठीक से बताओं ना जानू.

में : तुम्हारी गांड पारो, मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है जब तुम मटक-मटककर चलती हो तो क्या हिलती है? और मेरा मन करता है कि में तुहारे साथ वो सब कर दूँ.

Paro ke saath park me maja

अब तक हम एक सुनसान जगह पर पहुँच चुके थे. मैंने पारो की कमर में अपना एक हाथ डाला और कहा कि क्या तुम अपनी शादी से खुश हो? तो पारो मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर बोली कि पीयूष ना मेरी परवाह करता है और ना ही मेरी जरूरत को पूरा करता है, उनका तो ठीक से खड़ा भी नहीं होता, वो साला मादरचोद 2 मिनट में ही झड़ जाता है और गांड उठाकर सो जाता है, इसलिए तो में एक नया यार देख रही थी और नसीब से तुम मिल गये, बताओं ना जान तुम मेरे साथ क्या करना चाहते हो? और मुझे किस तरह संतुष्ट करोंगे? तो मैंने कहा कि रानी बस देखती जाओ.

पारो ने कहा कि तो दिखाओ ना अपना केला. मैंने कहा कि कौन सा केला? तो वो बोली कि वही जो तुम्हारी टाँगों के बीच उगा है, तो मैंने कहा कि पार्क सेक्स का मजा ठीक से नाम लो तो दर्शन दूँगा.

वो शरमाई और मुझसे लिपट गई और मेरे कान में बोली कि दिखाओ ना जानू अपना हथोड़ा, अपना लंड. मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन तुम इसका क्या करोगी? तो वो शरारत से अपनी आँखें मटकाकर कहने लगी कि बस देखते जाओ मेरे राजा. मैंने कहा कि रानी अपने आप निकाल लो ना इसे बाहर.

वो हँसी और मेरी जीन्स की बेल्ट खोलने लगी, मैंने अंदर अपनी अंडरवेयर नहीं पहनी थी. उसने मेरी बेल्ट निकालकर मेरी जीन्स का बटन खोल दिया और अपने मुँह से मेरे लंड को टटोल कर निकालने लगी और साथ में अपने मुँह से आवाजे निकालती म्‍म्म्ममम कितना बड़ा और मोटा है तुम्हारा जान? मुझे जन्नत में पहुँचा दो म्‍म्म्मममम. अब उसकी बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया था. तो उस वक्त उसने अपने लिप्स से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और हँसने लगी.

उसने मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसा और उसे अपजी जीभ से रगड़ने लगी और साथ-साथ अपनी आवाजे निकालती म्‍म्म्ममममम, यम्मम्मममममी. अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था. मैंने उसके मुलायम रेशमी बाल पकड़े और धक्के देने लगा, आआआआआअहह पारो क्या चूसती हो? तो उसने भी कहा कि आज में तुम्हें नया मज़ा दूँगी और वो अपनी जीभ से मेरे सुपाड़े के छेद को चाटने लगी. उसने मेरे टोपे की रिंग को पीछे की तरफ किया और मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी.

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अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और में उसके बूब्स दबा रहा था और उसके कंधो की मसाज कर रहा था. उसने अपनी जीभ मेरे लंड के ऊपर और नीचे वाली साईड पर फैरनी शुरू की, जिससे मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी तो मैंने कहा कि हाँ बेबी हाआआआन्न्‍नननणण, मुझे मज़ा आआआआ आ रहा है, में आज से तुमसे ही मुठ मरवाऊंगा और आज से अपने हाथ से मुठ मारना बंद.

अब वो नशीली आँखों से मेरी तरफ देखने लगी थी और बोली कि अब देखो. उसने मेरे लंड के टोपे को अपने लिप्स से पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी जैसे किसी लॉलीपोप को चूस रही हो. अब में तो पागल हो गया था और मुझे ऐसा लगा कि में झड़ जाऊँगा और उससे कहा कि रानी चलो अब तुम्हारी बारी. वो मुस्कुराई, तो मैंने अपना लंड उसके बूब्स के ऊपर वाले हिस्से में घुमाया और अपना लंड फैरते हुए उसकी गर्दन और मुँह पर फैरा. उसने कहा कि हाँ राजा ऐसे ही करो, मुझे यही सब चीज़ें अच्छी लगती है, तो मैंने थोड़ा रगड़ा और उसके मुँह पर अपने लंड से थपड़े मारने लगा.

अब वो अपने लिप्स से मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन मैंने उसे अपने लंड के लिए तरसाया. मैंने उसका ब्लाउज खोला तो उसके ब्लाउज के खुलते ही उसके 34 साईज के बूब्स बाहर आ गये, जो उसकी ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहे थे. मैंने उसके बूब्स उसकी ब्रा से बाहर निकाले और उसके चारों तरफ अपना लंड घुमाने लगा और उसके निपल्स पर अपने लंड से थप्पड़ लगाए. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो चीख पड़ी उईईईईई माँ, मेरे शेरू तुम तो बड़े चालाक हो.

मैंने कहा कि रानी तुम भी तो बहुत बड़ी चुदासी सुहागन हो. मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले बिना अपना लंड उसकी दोनों चूचीयों के बीच में डाल दिया और इसके बाद अपने लंड को उसके हुक्स के नीचे से घुसाकर और उसके दोनों बूब्स को दबाकर धक्के देने लगा. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बोली कि अब वो मादरचोद बेवकूफ़ ऐसा कुछ भी नहीं करता, तुम कितने अच्छे हो? तुम्हारी बीवी कितनी खुश किस्मत होगी? बोले जा रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से और डालो चीख रही थी और उसने अपने लिप्स खोलकर अपनी जीभ बाहर निकालकर मेरे लंड को चाटना शुरू किया.

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अब उसने चिल्लाना शुरू कर दिया था और ज़ोर से ठोको, चोदो मेरे बूब्स को. मैंने उससे पूछा कि में झड़ने वालाँ हूँ, कहाँ निकालूं? तो वो बोली कि मेरे बूब्स और नाभि में गिरा दो. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और वो मेरे बॉल्स को चूसने लगी. मैंने उससे कहा कि पारो में तुम्हारी चुदाई करना चाहता हूँ. वो बोली कि यहाँ नहीं डार्लिंग घर चलकर मेरी चूत का भोसड़ा बना देना जान, इस बार मुझे अपना वीर्या चखने दो. अब वो मेरे बॉल्स को बड़े प्यार से एक-एक करके चूस रही थी.

मैंने कहा कि में गया जान, अब वो मेरे लंड को किस करके मेरी गांड में अपनी एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगी थी. मेरी हालत ऐसी हुई कि मैंने जबरदस्त पिचकारी उसके बूब्स और नाभि में गिराई. तो वो हंसते हुए अपनी उंगली चाटने लगी और मेरे लंड पर लगे हुए वीर्य को चाटने करने लगी. उसने मुझसे कहा कि तुम्हारा वीर्य कितना गाढ़ा और टेस्टी है? उनका तो बस ऐसे लगता है कि पानी की मिलावट कर दी हो. उसने मुझे साफ करने के बाद मेरा वीर्य अपनी नाभि में अंदर बाहर किया और सारे माल को अपनी चूत में सरका दिया.

मैंने अपनी जीन्स पहन ली और अब वो मेरे अंडो को चूम रही थी और चाट रही थी. अब मुझे बड़ा मज़ा आया था. मैंने उससे पूछा कि पारो क्या तुम्हें पार्क सेक्स का मजा से संतुष्टी मिल गई है? तो वो बोली कि हाँ जान तुमने बिना चुदाई के ही मेरी चड्डी गीली कर दी है, तुम जब घर जाकर मेरी चूत में डालोगे तो जाने क्या होगा? कहीं बाढ़ ना आ जाए, तो में हंस पड़ा.

मैंने अपनी जीभ से उसका मुँह, लिप्स, आर्म्स पॉइंट्स, बूब्स और नाभि को साफ किया. उसने मुझसे कहा कि थैंक्स यू जान और मुझसे लिपट गई, तुमने मुझे इतनी अच्छी तरह ट्रीट किया कि में अभी घर जाकर तुम्हारे लंड का रस पीना चाहती हूँ और मेरी गहराई में लेना चाहती हूँ. हम तैयार हुए और मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और हम उसके घर पहुँच गये. वहाँ पहुँचकर हमने शानदार सेक्स किया और मैंने उसे जमकर चोदा ..