रंडी की चुदाई / जिगोलो

पति के बिना घर में एक रात-2

(Pati Ke Bina Ghar Me Ek Raat-2)

मैं उनको मुंह में लेकर चूसना चाहती थी. मगर अभी पहले मैं उसको टांगों पर से नंगा कर देना चाहती थी. मैं देखना चाहती थी कि यह माल नीचे से कैसा है? मेरा मन कर रहा था कि मैं उसको पहले नीचे से नंगा देख लूँ एक बार. मैंने उसकी पैंट को खोल दिया और फिर उसने मेरी मदद करते हुए अपनी पैंट को अपनी मोटी-मोटी टांगों में से निकाल दिया. पैंट निकालते हुए उसकी फ्रेंची में तना हुआ लौड़ा मुझे दिखाई दिया जो काफी बड़ा लग रहा था और उसने उसके अंडरवियर को गीला करना शुरू कर दिया था. उसके लंड को देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा. वो भी देख रहा था कि मैं उसके लंड को देख कर खुश हो रही हूँ.

उसके बाद मैंने उसके पेट पर बैठ कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. हम दोनों की लार एक दूसरे के मुंह में जा रही थी. वो मेरे चूतड़ों को पीछे से अपने हाथों से दबा रहा था. उसका लंड मेरी गांड पर आकर लग रहा था. मैंने अपनी गांड को ऊपर उठा लिया था ताकि उसका लंड मेरी गांड के छेद को पैंटी के ऊपर से छू सके.

फिर मैंने उसकी छाती के बीच में तने हुए उसके गहरे भूरे रंग के निप्पलों को बारी-बारी से चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर तक चुसवाने के बाद उसने मुझे दोबारा से नीचे पटक दिया और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे चूचों को आजाद कर दिया और उन पर टूट पड़ा. वो मेरे चूचों के निप्पलों को मुंह में भर कर चूसने और काटने लगा. मैं पागल सी होने लगी और मेरे मुंह से आह्ह … आह्ह … की सिसकारियाँ निकल रही थीं.

वह मेरे ऊपर लेटा हुआ था. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके अंडरवियर को पकड़ कर नीचे खींच दिया और उसने अपने चूतड़ उठाते हुए मेरी मदद की और वो नीचे से नंगा हो गया. मैंने उसके लंड को देखा तो मेरी आंखों में खुशी की चमक सी आ गई. बहुत ही तगड़ा लंड था उसका. वह अपने लंड को मेरे मुंह के पास लेकर आ गया और मेरे होंठों के करीब लाकर उसको उछालने लगा. उसका लंड बिल्कुल साफ था.

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मेरे मुंह में तो पहले से ही पानी आ रहा था इसलिए मैंने उसके लंड को अपने मुख में भर लिया और उसको पूरे मजे के साथ चूसने लगी. उसका लंड नमकीन सा पदार्थ छोड़ रहा था जिसका स्वाद मेरे मुंह में मुझे महसूस हो रहा था. बहुत मजा आ रहा था उसके लंड को चूसते हुए. उसके मुंह से भी कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं और पूरा माहौल कामुकता से भर गया था.

15 मिनट तक अपने लंड को चुसवाने के बाद उसने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाल दिया और नीचे मेरी पैंटी की तरफ बढ़ गया. उसने मेरी पैंटी को निकाल दिया और मेरी चूत को नीचे नंगी कर दिया. उसके बाद उसने मेरी चूत पर हल्की सी किस दी.
उसके होंठ लगते ही मेरे मुंह से सिसकारी निकालते हुए मैंने आह्ह … की आवाज की.

वो मेरी चूत को चूसने और चाटने लगा. मैं बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई. कुछ ही देर में मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया जिसको वह लड़का पूरा का पूरा पी गया. उसने मेरी चूत को चाट-चाट कर साफ कर दिया.

उसके बाद वह मेरी जगह आकर लेट गया और अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा. हमारा पहला राउंड शुरू होने वाला था. उसने अपने हाथ में पकड़ कर अपने लंड को सीधा खड़ा कर लिया. मैंने अपने चूतड़ों को चौड़ा किया और उसके पेट पर दोनों तरफ पैर करते हुए बैठ गयी. उसका लंड मेरी चूत में जाने लगा और मुझे आनन्द आ गया. धीरे-धीरे उसका मोटा और बड़ा लंड मेरी चूत में उतरने लगा. जैसे-जैसे उसका लंड चूत में जगह बनाता हुआ अंदर जा रहा मेरे अंदर जैसे काम की देवी जागने लगी थी. बहुत दिनों के बाद किसी लंड ने मेरी चूत में ऐसा अहसास करवाया था.

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लंड को चूत में समाने के बाद मैं उस पर उछलने लगी और उसके लंड से चुदाई का मजा लेने लगी. उसका लंड बहुत मोटा था. लम्बाई भी 8 इंच के करीब थी. उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में फंसा हुआ था जो अंदर तक जाकर मेरे पेट से लग रहा था. उसके लंड पर उछलते हुए मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और मेरे मुंह से आनंद की आवाजें निकलने लगीं. आह्ह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह … उफ्फ … आआ … करते हुए मैं उसके लंड से चुद रही थी.

वह भी नीचे से अपनी गांड को उठा कर जोर लगा रहा था जिससे उसका लंड मेरी चूत को फाड़ने लगा. आह्ह … बहुत मजा आ रहा था. हमारा यह राउंड लगभग 40 मिनट तक चला और फिर अचानक वो मेरी चूत में झड़ने लगा. उसने मेरी चूत के अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया.

उसका लंड पूरा का पूरा भीग गया था. जब उसने लंड को बाहर निकाला तो वह बिल्कुल चिकना हो गया था. मैंने उसके सिकुड़ते हुए लंड को दोबारा से अपने मुंह में भर लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी. उसके लंड पर लगे वीर्य का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था. मैं मजे से उसके अध-सोए हुए लंड को मुंह में भर कर चूस रही थी.

लगभग पंद्रह मिनट के बाद उसका लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया. अब मैंने जोर-जोर से उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया. उसका लंड तन कर बहुत टाइट हो गया. फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरी चूत में उंगली करने लगा. मेरी चूत में अपनी तीन उंगली डालकर वह मेरी चूत को चोदने लगा. कुछ ही देर में मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई और मैंने उसको पकड़ कर अपने ऊपर खींचने की कोशिश की. फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सेट कर दिया और एक धक्के में ही पूरा लंड फच्च करके मेरी चूत में उतार दिया.

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वह तेजी के साथ मेरी चूत को चोदने लगा और मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं. वह भी आवाजें करता हुआ मेरी चूत को स्पीड में चोदने लगा. अब मुझे हल्का-हल्का दर्द होने लगा था क्योंकि उसका लंड बहुत ही मोटा था और उसकी स्पीड बहुत ही तेज थी. दूसरे राउंड में पचास मिनट तक उसने मेरी जबरदस्त चुदाई की और फिर हम दोनों साथ में ही झड़ गए.

अबकी बार मेरी हालत पतली हो गई और मैं बुरी तरह से थक गई. कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही नंगे पड़े रहे.

उसके बाद उसने कहा- मैडम, अगर आपको और भी चुदाई करवानी है तो आपको उसके लिए एक्सट्रा चार्ज देना होगा.

वैसे तो मैं चुदाई करवा कर थक गई थी लेकिन मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं थी. उसके लंड से चुदने का मैं और मजा लेना चाहती थी. मैंने कहा- ठीक है तुम्हें जितने पैसे चाहिएं उतने मिल जाएंगे.

वह मेरी तरफ देख कर मुस्कराने लगा. उसे पता था कि मुझे उसके लंड से चुदने में मजा आ रहा है इसलिए मैं झट से उसकी बात मान गयी. बहुत दिनों के बाद मेरी चूत को ऐसा दमदार लंड मिला था. मैं उसका पूरा मजा लेना चाहती थी. वह भी मेरी मोटी चूचियों से खेलते हुए भोसड़ा बन चुकी मेरी चूत को रौंदना चाह रहा था.