पति के सामने बीवी की घमासान चुदाई-1
Pati ke samne biwi ki ghamasan chudai-1
हैल्लो दोस्तों, कैसे है आप लोग? मेरा नाम विक्की है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में बचपन से ही लड़कियो और औरतों के बारे में थोड़ा कमीना टाईप था, जिस भी बढ़िया या मस्त माल को मतलब लड़की या औरत को देखता तो उसकी चूची और चूत के बारे में सोचने लगता था और हमेशा मेरे लंड महाराज खड़े हो जाते थे, लेकिन मुझे चुदाई का पहला मौका 18 साल की उम्र में मिला और उसके बाद तो में एक नंबर का चुदक्कड़ ही बन गया.
अब मुझे जैसे भी जिसके साथ भी मौका मिलता है, तो में चूत बजाने के लिए तैयार हो जाता हूँ. मैंने रंडिया भी बहुत चोदी और कई फ्रेश लड़कियों की सील भी तोड़ी और साथ-साथ कई शादीशुदा औरतों का भी मज़ा लिया. में चूत के नाम पर हमेशा से कुछ भाग्यशाली रहा हूँ.
खैर अब में सीधा मेरी कहानी पर आता हूँ. ये बात करीब एक साल पहले ठंड के समय की है, में अपनी फेक्ट्री के काम के सिलसिले में दिल्ली जाता रहता हूँ, तो जनवरी 2019 को भी में कुछ काम से दिल्ली जा रहा था. मेरे शहर रायपुर से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन है, जो शाम 6 बजे रायपुर से निकलकर दूसरे दिन शाम 6 बजे ही न्यू दिल्ली पहुँचती है, मतलब 24 घंटे का सफर है.
मेरा रिजर्वेशन एसी-2 में कन्फर्म था. फिर में शाम को 5 बजकर 45 मिनट पर ही स्टेशन पहुँच गया, लेकिन ट्रेन 30 मिनट लेट थी, तो में इंतजार करने लगा. अब जैसा कि मैंने पहले बताया कि में बहुत चुदक्कड़ टाईप का लड़का हूँ तो में हर समय, हर जगह चूत के जुगाड़ में लगा रहता था, अरे चुदाई ना सही लेकिन आँखों की सिकाई तो हो ही सकती है, इसलिए में स्टेशन जैसी जगह में कभी एक जगह नहीं बैठता था और सब तरफ घूमता रहता था और नज़ारे लेता रहता था.
मुझे वहाँ कुछ हसीनाए दिखी, लेकिन वो सभी अपनी फेमिली के साथ थी, तो में बोर होकर टिकट पूछताछ कार्यालय की तरफ चला गया और वहाँ लगे एक बड़े से इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड में जिसमें ट्रेनों की जानकारी होती है, उसे देखने लगा. अब वहाँ काफ़ी लोग खड़े थे और ऊपर सर उठाकर बोर्ड को देख रहे थे. अब अभी मुझे वहाँ खड़े हुए 5 मिनट भी नहीं हुए होगें कि मेरे ठीक सामने एक अंकल आकर खड़े हो गये, जो कि अधेड़ उम्र के थे, उनकी हाईट मुझसे 3-4 इंच कम थी.
फिर वो भी ऊपर देखने लगे तो थोड़ी ही देर में मैंने अपने लंड के ऊपर गुदगुदी महसूस की और जब मैंने नीचे देखा तो वही अंकल अपने हाथ को पीछे करके मेरे लंड को छूने की कोशिश कर रहे थे. फिर मुझे कुछ अज़ीब लगा और मज़ा भी आया. अब ये मेरे साथ पहली बार हो रहा था कि कोई आदमी मेरे साथ ऐसी हरकत करे. फिर में थोड़ा जोश में आया और ज़्यादा मज़ा लेने के लिए मैंने अपने लंड को कुछ आगे करके उन्हें ग्रीन सिग्नल दे दिया. तब उन्होंने मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से ही अपने हाथ में ले लिया और सहलाने और मसलने लगे, चूँकि वहाँ सभी व्यस्त थे और ऊपर की तरफ देख रहे थे तो इस तरफ किसी का ध्यान नहीं गया. फिर कुछ देर तक मेरे लंड को सहलाने के बाद वो धीरे से मुड़े और मुझे साईड में चलने का इशारा किया और चलने लगे. फिर में भी उनके पीछे-पीछे चलने लगा तो वो सीधे जेंट्स टायलेट में चले गये और में भी उनके पीछे-पीछे चला गया. फिर मैंने सोचा कि चलो आज इसका भी मज़ा लेकर देखते है.
मुझे पता था कि कई आदमी लोग लंड चूसते और गांड में लेते है. फिर जब में टायलेट के अंदर गया, तो वो वहाँ मूतने की स्टाईल में खड़े थे और वहाँ एक और आदमी मूत रहा था, तो में भी मूतने की स्टाईल में खड़ा हो गया. फिर कुछ देर के बाद वो तीसरा आदमी बाहर निकल गया, तो तब उस अंकल ने मुझे बाथरूम में चलने को कहा और अंदर जाकर उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और मेरे लंड को सहलाने लगे.
अब मेरा लंड 50% तो पहले ही खड़ा था. फिर उन्होंने मेरी पैंट के हुक खोलकर उसे नीचे कर दिया और मेरी अंडरवियर को भी नीचे सरका दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगे. फिर अचानक से ही उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्त तरीके से चूसने लगे. अब मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था. में कई औरतों और लड़कियो को अपना लंड चूसा चुका हूँ, लेकिन इस अंकल की चुसाई के सामने तो सब पीछे है.
अब मेरा लंड उनकी 1 मिनट की चुसाई में ही अपने रंग में आ गया था और तनकर पूरा 7 इंच का हो गया था. फिर अंकल उठे और अपनी पैंट उतारते हुए बोले कि यार तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा और शानदार है. फिर मैंने कहा कि जी अंकल. फिर वो अपनी पैंट को उतारकर सामने की तरफ झुकते हुए बोले कि जरा धीरे-धीरे डालना, नहीं तो बहुत दर्द होगा, तो मैंने ओके कहा. फिर उन्होंने अपनी गांड के छेद में अपना थूक लगाया और झुककर अपने दोनों हाथों से अपनी गांड चौड़ी की. फिर मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर टिकाया और एक मस्त झटका दिया तो मेरा सुपाड़ा अंदर चला गया. अब अंकल उूऊययईई कर उठे और बोले कि जरा धीरे राजा.
फिर में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर डालने लगा और फिर उनकी गांड मारने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा लंड उनकी गांड में एकदम टाईट आ-जा रहा था. फिर 10 मिनट के बाद मेरा लंड-रस उनकी गांड में ही निकलने लगा और उनकी गांड मेरे रस से भर गयी, तो तब वो पलटे और झुककर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर मेरे लंड-रस को चूसने लगे. अब वो कुछ इस तरह से चूस रहे थे कि जैसे कुछ जांचने या समझने की कोशिश कर रहे हो.
फिर उन्होंने मेरे लंड को नल के नीचे ले जाकर उसको पानी से धोया और फिर अपने रुमाल से पोंछा. फिर हम कपड़े पहनकर बाहर निकल गये और तब तक हम एक-दूसरे का नाम भी नहीं जानते थे. फिर उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा तो मैंने कहा कि विक्की, तो उन्होंने उनका नाम पंकज कुमार बताया. फिर उन्होंने पूछा कि कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा कि दिल्ली, तो वो खुश हो गये. अब उनकी खुशी उनकी आँखों में साफ-साफ दिख रही थी, क्योंकि वो भी दिल्ली ही जा रहे थे और वो भी उसी ट्रेन से जिसमें में जा रहा था. फिर उन्होंने पूछा कि अकेले हो? तो मैंने कहा कि जी और उनसे पूछा कि आप? तो वो बोले कि फेमिली है और फिर वो बोले कि आओ तुम्हें मेरी वाईफ से मिलाता हूँ, वो तुमसे मिलकर बहुत खुश होगी, तो मैंने कहा कि ओके.