पहली चुदाई और चूत चुसाई
Pehli chudai aur chut chusai
नमस्कार दोस्तो, यह एम. एस. एस. पर मेरी पहली कहानी है और मैं एच. एस. एस. का नियमित पाठक हूँ…
मुझे यहाँ की सारी कहानियाँ पढ़ने में बहुत ज़्यादा मज़ा आता है।
अपने बारे में क्या कहूँ दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है और मैं बीस साल का नौजवान हूँ…
मैं सूरत में एक मल्टी-नेशनल कंपनी में काम करता हूँ और मेरे मम्मी-पापा उत्तर-प्रदेश में रहते हैं,
मैं बचपन से एक लड़की से बेहद प्यार करता हूँ, उसका नाम निधि है और वो मेरे घर के पास ही रहती थी…
वैसे तो है वो एकदम सिंपल, लेकिन बहुत ही हॉट भी है।
दोस्तो, गली के सारे लड़के उसके पीछे थे। मेरा उसके घर बहुत आना-जाना था, क्यूंकी उसके पापा और मेरे पापा दोनों अच्छे दोस्त थे।
वैसे उसे देखते ही मुझे प्यार हो गया था पर उससे कभी कह नहीं पाया था, शायद मेरे दिल में कहीं ना कहीं एक डर था।
एक बार मैंने अपने एक दोस्त को ऐसे ही ये सब बताया तो उसने मुझे राय दी कि भाई, बोल कर तो देख… शायद वो तुझे चाहती हो और अगर मान ले, उसने किसी को बोल भी दिया तो भाई दो महीने तक उसके घर मत जाना… इतने समय में सब भूल जाएँगे, दो महीने बहुत होते हैं, भाई…
मुझे उसकी राय बहुत पसंद आई और मैंने भी मन ही मन ठान लिया कि अब कुछ भी हो अपने प्यार को हासिल करना है!!!
उसके बाद मैंने उसे रात को दो बजे कॉल किया तो उसकी दोस्त ने फोन उठाया। अफ़सोस, तब मेरी उससे बात नहीं हुई।
अगले दिन उसका फोन आया तो उसने पूछा – कॉल क्यूँ किया था?
तो मैंने कहा – मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी, ऐसा लग रहा था कि अब मैं बिल्कुल अकेला हो गया हूँ…
फिर मैंने और उसने नॉर्मल बातें करीं पर जब वो फोन रखने ही वाली थी तो मैंने उसे बोला – मुझे कुछ कहना है आपसे…
तो उसने बोला – जल्दी बताओ, क्या कहना है?
आख़िर, मैंने अपने दिल की बात उसे बता दी…
कुछ दिनों और थोड़ी ना-नुकर के बाद उसने हां कर दी और फिर हमारी बातें होने लगीं।
कुछ दिनों के बाद मैं कुछ पर्सनल काम से अपने घर गया, तब वो होस्टल में पढ़ाई कर रही थी पर मेरे आने की खबर पर वो छुट्टी लेकर घर आ गई।
अब हमनें छुप-छुप कर घूमना-फिरना शुरू कर दिया…
उन्हीं दिनों एक दिन मेरी मम्मी ने बोला – घर पर रामायण करते हैं।
हमने उनके परिवार को भी घर पर बुलाया, उसके पापा को कुछ काम था तो वो अपनी मम्मी के साथ आई।
उसके बारे मैं क्या बोलूं… वो तो कमाल की लग रही थी, मन कर रहा था कि उसके गुलाबी होठों का सारा रस अभी चूस लूँ, पर किसी तरह कंट्रोल किया खुद पर और रात का इंतज़ार करने लगा!!!
रात को जब सब रामायण कर रहे थे तो मैंने उसे अलग रूम में बुलाया, पहले तो वो मना कर रही थी पर मेरे समझाने पर वो आई। वो बहुत शरमा रही थी!!!
आख़िरकार, मैंने उसके जलते होठों पर अपने होंठ रख दिए। मानो करंट सा दौड़ गया था, मेरे शरीर में…
करीब दस मिनिट तक हम ऐसे ही किस करते रहे, उसे किस करने में ऐसा लग रहा था, जैसे मुझे जन्नत ही मिल गई हो…
इस बीच हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए, मैं तो पागल ही हो गया था, उसे देखकर।
मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था…
तुरंत मैं उस पर टूट पड़ा और उसके दोनों गुलाबी निपल्स चूसने लगा। वो मादक सिसकारियाँ ले रही थी।
रूम में लगा की स्वयं कामदेव आ गये हैं, फिर मैंने उसको थोड़ा तेल से मसाज किया। दोनों बूब्स पर तेल मलने का अपना अलग ही मज़ा है…
अब मैंने उसकी चूत जो अभी कुँवारी थी पर एक प्यारी सी किस दी और फिर चूसने लगा। वो पूरी मस्त हो चुकी थी और मेरा मुँह अपनी चूत में घुसाना चाहती थी…
फिर चूत चुसाई के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपना लण्ड अंदर डालने की कोशिश करने लगा। उसकी चूत पूरी गीली थी, इसलिए मुझे ज़्यादा परेशानी नहीं हुई।
मैंने धीरे-धीरे अंदर करना शुरू किया, मुझे डर था कि वो चिल्ला ना पड़े। उसको थोड़ा दर्द भी हुआ पर वो सह गई…
धीरे-धीरे अब उसको भी मज़ा आने लगा था और अब वो भी गाण्ड हिला-हिला कर बोल रही थी – फाड़ दो मेरी चूत को… ये तुम्हारी है… मैंने तुम्हारा बहुत इंतेज़ार किया है, मेरे राजा… ओह!!! फक मी… आइ लव यू…
करीब १०-१५ मिनिट के बाद हम दोनों स्खलित हो गये…
शायद मेरे इस क्रिया कलाप का मेरे पापा को शक़ हो गया था, पर मुझे उन्होंने कुछ बोला नहीं।
उसके बाद हम दोनों ने काफ़ी बार सेक्स किया, हम दोनों का रीलेशन दो साल तक चला…
दोस्तों ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी…