प्रिंसी की फटी हुई चुत
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम राज है।
आयु – 21 वर्ष, व्यक्तित्व – शारीरिक रूप से सक्रिय, ऊँचाई – लंबा और मजबूत, साथ ही एक मजबूत लिंग जो महिलाओं को देखते ही उत्तेजित कर देता है।
मैं भोपाल का रहने वाला हूँ।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है जिसे मैं आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ।
कॉलेज के दिनों में मैं बहुत शर्मीला लड़का था, किसी से ज्यादा बात नहीं करता था।
पर एक दिन मैं कॉलेज में अकेला खड़ा था। मेरे सामने एक लड़की खड़ी थी, उसका नाम प्रिंसी था।
वह बहुत चतुर नहीं थी फिर भी मैने उसे उत्तेजित कर दिया।
मैंने उससे बात करना शुरू किया, वह भी जवाब देना शुरू कर गई।
कुछ ही देर बाद हमारे मोबाइल नंबर एक्सचेंज हो गए।
अगले दिन से हम कॉलेज में मिलने लगे और कॉलेज बंक करके बाहर घूमने भी जाने लगे।
उसने मुझे पहले ही बताया था कि उसका बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरे व्यवहार से वह भी जान गई थी कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
एक दिन जब हम घूमने गए, मैंने मौका देखकर उसे किस कर लिया।
उसे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था।
वह सिर्फ किस से डरने लगी, तो मैंने उसे समझाया और उसे सेक्स के बारे में सब डिटेल में बताया।
वह भी धीरे-धीरे इंटरेस्ट लेने लगी और मुझसे सेक्स की बातें करने लगी।
फिर अगले महीने जब उसके घर वाले गांव गए तो उसने मुझे चाय पर घर बुलाया।
मैं समझ गया आज तो चुदाई करनी है। मैंने मेडिकल स्टोर से कॉन्डोम की पैकेट खरीदी और उसके घर चला गया।
रास्ते में उसका कॉल आया, उसने अपने घर का रास्ता बताया और थोड़ी देर बाद आने को कहा।
मैं थोड़ी देर बाद सब से चुपके-चुपके उसके घर पहुँचा और दरवाजा बंद कर दिया।
वह बहुत सुंदर लग रही थी, आखिर आज चुदाई करने वाली थी।
अंदर घुसते ही मैंने पीछे से उसके ब्रेस्ट पकड़े और दबाने लगा।
वह भी एकदम से मुड़ गई और हम 10 मिनट तक smooch करते रहे।
जितनी जल्दी मुझे थी उससे ज्यादा उसे थी।
उसने मुझसे कहा – जल्दी कपड़े उतारो, मैंने जल्दी से पैंट-शर्ट उतारी और फिर उसके कपड़े उतारने लगा।
उसे ब्रा और पैंटी में देखते ही मेरा चड्डी में तंबू खड़ा हो गया। उसने तुरंत मेरी चड्डी उतारी और पौर लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
मैंने भी उसके बाल पकड़कर पूरा लुड़ा उसके मुंह में डाल दिया।
वो अपने मुंह से मेरी मूठ मारने लगी।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया। उसे पैर से लेकर होंठों तक किस किया।
पहली बार किसी लड़की को मैंने इतनी देर नंगा देखा था। पर इतनी देर में यह स्पष्ट हो गया था कि प्रिंसी बहुत अनुभवी है। खैर मुझे क्या करना था, मुझे तो उससे चोदने का मतलब था।
उसके ब्रेस्ट को मैं चुसता रहा और अपनी उंगली उसकी चुत में अंदर-बाहर करने लगा।
“राज डाल दो प्लीज राज डाल दो” उसकी ऐसी आवाज़ें पूरे कमरे में गूंज रही थीं।
“अब देर मत करो, डाल दो ना।”
मैंने भी देर नहीं की लंड को पहले उसके मुंह में डाला फिर चुत में धीरे से डाला, उसकी चुत में थोड़ा सा दर्द हुआ।
उसकी चूत बिलकुल फटी हुई लग रही थी, मेरा इतना बड़ा लंड आराम से अंदर चला गया और उसे जरा भी दर्द नहीं हुआ।
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वह रोने लगी। मुझे लगा वो शरारत का नाटक कर रही है, चूत का तो उसका भोसड़ा बना हुआ था।
ना जाने ये लड़कियाँ कब समझेंगी रोकर, आंसु बहाकर या कसम खाकर ये कुछ भी कह ले, पर चुत बिचारी झूठ कैसे बोले?
लड़कों को तो चुत से मतलब।
खैर, कुछ भी कहो उसे भी जन्नत के दर्शन तो हो ही गए थे और मैं तो जन्नत में था ही।
वह भी अब मेरा साथ देने लगी।
आह… डालो.. और तेज़.. और.. अंदर.. और अंदर.. और वह अब कमर मटकने लगी।
आखिर रांडी शरारत का नाकाब उतार कर असलियत पर आ ही गई थी।
वह अब मजे से मेरा साथ दे रही थी। मेरा निकलने वाला था लेकिन मैंने अंदर ही डाला।
अगले कुछ घंटों में मैंने उसे 3 बार चोदा। हम अब बहुत थके हुए थे।
ना जाने कितनी देर एक-दूसरे के ऊपर नंगे ही लेटे रहे।
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा – मुझे तुम्हारी गांड़ मारनी है।
पहले तो उसने मना कर दिया पर मैंने उसे समझाया और अपने लिंग पर और उसकी गांड़ में तेल लगाने लगा।
मैंने धीरे से उसकी गांड़ में डाला पर लंड सही से नहीं घुसा।
फिर से उसकी गांड़ पर निशाना लगाया और इस बार धीरे धीरे घुसा दिया।
वो तड़प उठी और कहने लगी – बाहर निकालो इसे, बुरी तरह चिल्लाने लगी पर इस बार मैंने धीरे धीरे चोदते हुए मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वह बस सिसकियां लेती रही।
10 मिनट तक दिल से मैंने उसकी गांड़ मारी। जितनी वो मेरे सामने शरारत थी उतनी ही तबीयत से मैंने उसकी गांड़ के मजे उठाए।
कुछ देर के बाद जब निकलने वाला था, मैंने अपना सारा रस उसकी गांड़ में ही छोड़ दिया।
अब वह बिस्तर से उठ नहीं पा रही थी।
अगले 5 दिन तक मैंने उसे अपनी रंडी बनाकर तबीयत से चोदा।
कैसी लगी मेरी सच्ची कहानी?
मुझे जरूर मेल करना।