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प्रिन्सिपल की मजेदार गांड मारी

हेलो दोस्तों, मैं दीनू हूँ। कुछ महीनों के लिए गाजियाबाद आया था। वहाँ एक मकान किराए पर लिया था। मेरे मालिक मिस्‍टर और मिस्‍स गुप्ता जी थे। मिस्‍टर गुप्ता जी लगभग 50 साल के थे, बैंक मैनेजर थे। उनकी पत्नी मिस्‍स शालिनी गुप्ता, करीब 42 साल की थीं और एक प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल थीं। मिस्‍टर गुप्ता जी साधारण कद-काठी के दुबले पतले आदमी थे, जबकि मिस्‍स शालिनी जी हट्ट्टी-कट्टी, तंदुरुस्त महिला थीं। उनके एक बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ता था।

उन घर में सिर्फ़ मैं और वो दोनों रहते थे। वे दोनों मुझे बहुत सम्मान देते थे और अपने बेटे की तरह समझते थे। मिस्‍स शालिनी खूबसूरत थी, खासकर उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और मोटे-मोटे चूचीयाँ काफी आकर्षक थे। वो हमेशा अपने चेहरे पर चश्मा लगाती थीं, जिसके कारण उनके चेहरे पर हमेशा प्रिंसिपल वाला रवैया रहता था। लेकिन मुझे तुरंत ही समझ गया था कि इस रवैये के पीछे उनकी कामुकता की चाहत छुपी हुई है। मैं उनका बहुत सम्मान करता था, लेकिन लाज़ और डर के कारण कभी उनके साथ कुछ नहीं किया।

एक दिन मिस्‍टर गुप्ता जी का प्रमोशन हुआ और वो कुछ महीनों के लिए ट्रेनिंग के लिए मुंबई गए। अब घर पर सिर्फ़ मैं और मिस्‍स शालिनी जी थीं। मैं हमेशा उनकी घर के कामों में मदद करता था जैसे कि बाजार से सब्ज़ियाँ लाना, दूध लाना आदि।

उस दिन शुक्रवार था और हमारे पड़ोस के घर में कुछ प्रोग्राम था। इसलिए मिस्‍स शालिनी जी और मैं वो प्रोग्राम करने रात करीब 8 बजे उनके घर पहुँचे। वहाँ डिनर और शराब का आयोजन था, उसके बाद नाच-गाना शुरू हुआ। मिस्‍स शालिनी जी खाना खाने के बाद एक कोने में खड़ी होकर नाच देख रही थीं और मैं भी 3 pegs शराब पीकर खाना खाने के बाद नाच देखने लगा।

उस प्रोग्राम में बहुत सारे लोग आए थे। फिर मैंने देखा कि एक खूबसूरत महिला जो पड़ोसी की रिश्तेदार थी, वो काफी उत्तेजित कपड़े पहनकर नाच रही थी और बार-बार मुझे देख रही थी। फिर नाचते-नाचते उसने मुझे अपनी गर्दन हिलाकर पास आकर नाचने का निमंत्रण दिया। लेकिन मैंने मिस्‍स शालिनी जी के संकोच और डर के कारण उसके इशारे को अनदेखा कर दिया।

कुछ देर बाद उसने फिर से मुझे अपनी गर्दन हिलाकर नाचने का निमंत्रण दिया तो मैंने पलटकर मिस्‍स शालिनी जी की ओर देखा जहाँ पर वो खड़ी थी, लेकिन वो वहाँ नहीं थी और वो पड़ोसी से बातें करने में व्यस्त थी।

फिर मैं हिम्मत करके उस खूबसूरत लड़की के पास जाकर उसके पीछे खड़े होकर नाचने लगा। अब वो लड़की बार-बार अपनी गांड को मेरे लंड पर टच कर रही थी, जिस कारण मेरा लंड फूलकर तन गया और उसकी गांड पर दबाव डालना शुरू कर दिया। फिर अचानक से उसका रुमाल नीचे गिर गया तो वो अपना दायाँ हाथ पीछे करके अपने बाएँ हाथ से रुमाल उठाने के लिए झुक गई तो मुझे अचानक एक करंट जैसे लगा, क्योंकि उसने अपने दाएँ हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी गांड के दरारों के बीच में रख दिया था।

अब मैं भी भीड़ में उसकी गांड की दरारों के बीच में अपने लंड का दबाव डालने लगा, अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था। अब मैं उसके पीछे खड़े होकर इस तरह नाच रहा था कि मेरा लंड बार-बार उसकी गांड की दरारों में ठोकर खाता था।

फिर अचानक से मेरी निगाहें मिस्‍स शालिनी जी पर पड़ीं, तो उन्होंने मुझे गुस्से से इशारा करते हुए अपने पास बुलाया तो मैं डर के मारे तुरंत उनके पास चला गया। अब मेरा लंड अभी भी मेरी पैंट के अंदर ऐसे खड़ा था कि जैसे तंबू में बम्बू खड़ा हो।

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फिर अचानक से उनकी नज़र मेरे तंबू पर पड़ी, तो उन्होंने गुस्से में कहा कि दीनू बेटे कुछ तो शर्म करो, हमारी यह जगह काफी इज्ज़त है, इतना बेशर्म नाचो, चुप-चुप मेरे सामने खड़े होकर डांस देखो। अब यह सुनते ही शर्म और डर के मारे मेरी हवा निकल गई और मैं चुपके हुए उनके आगे खड़ा होकर डांस देखने लगा। अब उनके डर से मेरा पूरा नशा भी उतर गया था।

अब वो भी मेरे पीछे खड़ी होकर डांस देखने लगी थीं। अब मेरा तो पूरा मूड खराब हो गया था, लेकिन फिर भी मैं जबरदस्ती डांस देखता रहा।

कुछ देर बाद मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मिस्‍स शालिनी जी किसी महिला से बात करने में व्यस्त थी। फिर तभी उस लड़की ने मेरी तरफ देखकर इशारा करके पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने भी इशारा करके कहा कि कुछ नहीं बस मन नहीं है और फिर मैं और लोगों पर ध्यान लगाकर डांस देखने लगा।

अब मिस्‍स शालिनी जी की वजह से मेरा मन नहीं कर रहा था कि उस खूबसूरत लड़की को देखूं और मन ही मन मिस्‍स शालिनी को कोस रहा था, एक तो कई दिनों से मेरे लंड को चुट्ट नहीं मिली थी और आज मौका मिला तो मिस्‍स शालिनी बीच में आ गई। ख़ैर फिर मैं बिना मन से डांस देखता रहा और फिर करीब 10-15 मिनट के बाद मुझे अपने कंधे पर किसी की चूचियों का स्पर्श हुआ, लेकिन उस समय मुझे ठीक से एहसास नहीं हुआ, मैंने सोचा कि शायद मेरे मन का भ्रम हो। लेकिन कुछ देर के बाद मैंने फिर से किसी की चूचियों का स्पर्श महसूस किया।

फिर मैंने सोचा कि मिस्‍स शालिनी जी तो पीछे नहीं है, क्योंकि कुछ देर पहले वो किसी महिला से बातें करने में व्यस्त थी, तो सोचा कि शायद कोई और होगा इसलिए जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मैं आश्चर्यचकित हो गया। अब मानो मेरे हाथ पैर ठंडे पड़ गए हों, क्योंकि अब मेरे पीछे और कोई नहीं बल्कि मिस्‍स शालिनी जी खड़ी थी और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो बोली कि दीनू बेटे मुझे ठीक से नज़र नहीं आ रहा है, तुम ऐसा करो मेरे पीछे आकर नज़ारा देखो। मिस्‍स शालिनी जी की हाइट मेरी हाइट से छोटी थी और फिर वो मेरे आगे आकर खड़ी हो गई और मैं उनके ठीक पीछे कुछ दूर पर खड़ा हो गया।

तब वो बोली कि दीनू मेरे करीब आकर खड़े हो जाओ, शरमा मत। अब उनके चेहरे पर गुस्सा नहीं प्यार झलक रहा था, इसलिए मैं और करीब जाकर उनके एकदम पीछे खड़ा हो गया तो मिस्‍स शालिनी डांस देखते-देखते अचानक एकदम से मुझसे सटककर खड़ी हो गईं, जिससे मेरा लंड उनकी गांड पर जा टकर आया और धीरे-धीरे खड़ा होकर पहलवान की तरह तन गया।

अब उसकी नर्म-नर्म गांड मेरे लंड को स्पर्श कर रही थी और इधर मेरा लंड उनकी गांड पर मार रहा था। फिर जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उन्हें आजमाने के लिए उनकी गांड पर एक दो बार धीरे-धीरे से अपना हाथ फैरा। लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की बल्कि और चिपककर खड़ी हो गईं और अचानक अपना बायाँ हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकडकर टटोलने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे लंड को छोड़कर पीछे मुड़ी और मुझसे बोली कि दीनू मैं घर जा रही हूँ, तुम थोडी देर के बाद घर आ जाना। तो मैंने कहा कि क्या हुआ शालिनी जी क्या तबियत खराब है? तो वो बोली कि ज़्यादा बहस मत करो, जैसे में कहती हूँ वैसे ही करो और यह कहकर वो चल गईं।

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फिर ठीक 15 मिनट के बाद मैं भी घर आ गया और जैसे ही मैंने मुख्य दरवाजा अंदर से बंद किया, तो वो मुझे अपने कमरे में बुलाकर मुझसे लिपट गई और अपना चेहरा मेरे गाल पर रगड़ने लगी और मुझे किस करने लगी। अब मैं ताव में आकर उन्हें किस करने लगा। अब वो उत्तेजना की वजह से लाल हो गई थी। फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पर ले जाकर मेरे सारे कपड़े खोलकर नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गई।

फिर जब उसने मेरे लंड को देखा तो वो अपनी आँखें फाड़-फाड़कर मेरे लंड को देखते हुए बोली कि ओह क्या जबरदस्त मोठा और लंबा लंड है तुम्हारा? और मेरा लंड पकड़कर मेरे लंड की चमड़ी पीछे करके मेरे सुपाड़े को बाहर निकालकर चूमने लगी। फिर वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी और कुछ देर के बाद खड़ी होकर मेरे होंठों को चूमने लगी तो मैं भी हिम्मत करके उनके होंठ चूसने लगा और अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर उसकी जीभ से खेलने लगा। अब मैं मेरा बायाँ हाथ उसकी पीठ पर फैरते हुए अपने दाएँ हाथ से उसकी चूचियों को दबाने लगा था।

अब हम कुछ देर तक इसी प्रकार मस्त होकर मज़ा ले रहे थे कि अचानक मैंने उनसे कहा कि शालिनी जी आप बिस्‍तर पर सीधी होकर सो जाओ, तो वो बिस्‍तर पर सीधी होकर सो गई और मैं उनके गालों से लेकर उनकी जांघो पर अपनी जीभ घुमाने लगा, तो वो अपने मुँह से आहें भरने लगी हाहाहाहा उउउफ्फ़। अब हम दोनों जोश में आ गए थे।

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फिर मैंने उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा तो वो बड़े प्यार से मेरे लंड को सहलाने लगी। अब चूसते-चूसते उनकी चूची एकदम कड़क हो गई थी, तो मैं समझ गया कि अब वो गर्म होने लगी है। फिर मैंने उसकी चूची को छोड़कर उसकी जांघों के बीच में आकर उसकी चूत को फैलाकर अपनी जीभ से चाटनें लगा और अपनी जीभ अंंदर डालकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा और उसकी चूत को चाटते-चाटते उसकी गांड की दरारों में भी अपनी उंगली फैरने लगा, उसकी गांड बहुत मज़ेदार थी।

फिर मैंने कहा कि शालिनी जी आपकी गांड बहुत मस्त है, तो वो बोली कि क्या गांड मारने का इरादा है क्या? तो मैंने कहा कि हाँ शालिनी जी मुझे मोती गांड मारने में बहुत मज़ा आता है, क्या तुमने पहले कभी गांड नहीं मरवाई? तो उसने कहा कि एक बार मरवाई थी, लेकिन तेरा लंड काफी मोठा और लंबा है जर्रा धीरे-धीरे मारो।

फिर मैंने बोला कि थूक लगाकर मरवाओगी या तेल लगाकर गांड मरवाओगी, तो उसने कहा कि ड्रेसिंग टेबल पर वैसलिन पड़ी है, वो लगाकर मेरी गांड मारो। फिर मैंने उठकर वैसलिन लेकर उसकी गांड पर और मेरे लंड पर लगाई और उसकी गांड को पूरी तरह से चिकना युक्त करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रखकर पहले सहलाया और फिर उसकी गांड पर अपना सुपाड़ा रखकर एक धक्का मारा तो मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया। तो उसने उउउईईईईईईईईईईई माँ कहकर अपनी गांड सिकुड़ ली, जिससे मेरा घुसा हुआ सुपाड़ा फच की आवाज़ के साथ बाहर निकल गया।

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फिर वो बोली कि दीनू प्लीज़ ज़रा रुको-रुकोकर, धीरे-धीरे डालो, मुझे गांड मरवाए कई साल हो गये है। फिर कुछ देर के बाद मैंने फिर से अपने लंड का सुपाड़ा पकड़कर उसकी गांड पर रखा तो उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ लिया और बोली कि मैं खुद ही धीरे-धीरे अंंदर डालूंगी। फिर उसने खुद ही मेरे लंड का सुपाड़ा पकड़कर अपनी गांड के छेद पर रखा और थोडा नीचे सरककर मेरा सुपाड़ा अपनी गांड में ले लिया और बोली कि अब तुम धीरे-धीरे अंंदर डालना शुरू करो। फिर मैंने रुको-रुकोकर, धीरे-धीरे अपना पूरा लंड उसकी खूबसूरत गांड में डाल दिया।

फिर वो दर्द से बिलबिला उठी और बोली कि ज़ालिम मार दिया तेरे मोटे तगड़े लंड ने, आज तो मेरी गांड फाड़ डाली रे तूने, कितना ज़ालिम लंड है तेरा? ऊफ हाईईईईईई उफ़्फ़, मारो मेरी गांड राजा कस-कसकर मारो राजा और वो खुद ही अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी, उसकी गांड बड़ी कसी हुई लग रही थी।

फिर मैंने जोश में आकर अपनी स्पीड बढ़ा दी तो वो बोली कि ओह और मारो मेरी गांड, उफ़्फ़ क्या तगड़ा लंड है तेरा? आहहहहह ऑश एम्म्म और फिर करीब 15-20 मिनट के बाद मेरा वीर्य उसकी गांड में गिर गया और जब मैंने उसकी गांड से अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसकी गांड सूज गई थी और उसमें से मेरा वीर्य बहता हुआ बाहर निकल रहा था।

फिर मैंने उसके पेटिकोट से अपना लंड और उसकी गांड को साफ किया और उसके पास ही लेट गया। फिर करीब 1 घंटे के बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया तो मैंने उसकी टाँगे फैलाकर उसकी चूत को फिर से चोदना शुरू किया। इस उम्र में भी उसकी चूत काफी टाईट थी, क्योंकि मेरा लंड काफी मोठा और लंबा था। फिर उस रात मैंने उसे करीब 6 बार चोदा और जब तक मिस्‍टर गुप्ता जी नहीं आए मैं उन्हें जी भरकर कस-कसकर चोदता रहा। हम लोगों ने काफ़ी जोश में आकर चुदाई की थी, अब वो मेरा लंड आसानी से अपनी चूत और गांड में ले लेती थी।