प्रिया की प्यारी सी चूत
Priya ki pyari si chut
मेरा नाम सुभाष है, दिल्ली का रहने वाला हूँ।
फिलहाल मैं महाराष्ट्र के नागपुर जिले में रहता हूँ।
मैंने बहुत बार चुदाई की पर आज तक सील नहीं तोडी।
मेरी उम्र 21 साल है।
मेरे ताऊजी नागपुर में रहते हैं।
दीदी की शादी के बाद ताऊजी और ताईजी अकेले हो गये इसलिये ताऊजी ने मुझे दिल्ली से नागपुर बुलाया।
मेरी वजह से ताऊजी का सुनापन दूर हो गया।
ताऊजी ने मुझे नागपुर के अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया।
मैं अनजान शहर में था, किसी को पहचानता नहीं था।
एक दिन मैं कॉलेज की कैंटीन में बैठा था तभी मेरे सामने एक लड़की आकर बैठ गयी।
मैं उसे देखता ही रह गया।
वो दिखने मे बहुत सुन्दर थी। वो भी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी।
मैंने उसे हाय! कहा तो जवाब में उसने हैलो! कहा।
मैंने उसका नाम पूछा, उसने प्रिया बताया।
हमने काफी बातें की।
हमने लगभग एक घंटे बात की जिससे हम एक-दूसरे को अच्छे से जान गये थे।
जाते वक्त प्रिया ने मेरा मोबाईल नंबर लिया, उसी दिन रात को ग्यारह बजे प्रिया का कॉल आया।
हमने देर रात तक कॉल पर बातें की।
फिर हम रोज कॉलेज मे बातें करते, साथ में घूमते।
रात को फोन पर बात करते।
हम दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे।
एक दिन रात को आठ बजे प्रिया का कॉल आया उसने कहा – आज रात उसके घर में कोई नहीं है।
प्रिया का घर बहुत बड़ा है उसे डर लगेगा इसलिये प्रिया ने मुझे बुलाया और मैंने हाँ कर दी।
करीब आधे घंटे बाद प्रिया मुझे लेने मेरे घर आयी और हम दोनों प्रिया के घर पहुँचे।
प्रिया का घर काफी बड़ा था।
प्रिया ने मुझे अपना बेडरूम दिखाया।
उसका बेडरूम काफी बड़ा और आलिशान था।
उसने मुझे बैठने के लिये बोला और कहा कुछ खाने के लिए लाती हूँ।
पंद्रह मिनट बाद जब प्रिया आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया।
उसने नीले रंग का पतला नाईटी पहना था जो उसके बदन को चिपक रहा था।
प्रिया मेरे पास आकर बोली – क्या देख रहे हो?
मैंने कहा – आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो।
प्रिया ने मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा चांटा मारा और कहा – पाँच मिनट में आती हूँ, तब तक तुम कुछ खालो।
जब प्रिया चलते हुए आयी तब उसके चुचे हिल रहे थे।
मैं समझ गया प्रिया ने ब्रा नहीं पहनी जिस से मेरा लण्ड खडा हो गया।
मैं अपने हाथ से लण्ड को छुपाने की कोशिश कर रहा था।
प्रिया मेरे हाथ की तरफ देख रही थी।
हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर बात कर रहे थे।
मेरी नजर बार-बार प्रिया के चूचों पर जा रही थी और प्रिया मुसकुरा रही थी।
मुझे लगा प्रिया को चोदने का इस से अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
मैं अपना चेहरा प्रिया के चेहरे के पास ले गया और उस की आँखों में देख कर कहा – प्रिया, आज तुम बहुत सेक्सी दिख रही हो और धीरे-धीरे हमारे होंठ चिपक गये।
पंद्रह मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे।
फिर मैं प्रिया के उपर चढकर उसे चूमता रहा।
कभी आँखों पर चूमता तो कभी गाल पर, कभी होंठों पर तो कभी गर्दन पर।
नीचे मेरा लण्ड प्रिया की चूत पर रगड़ रहा था प्रिया गरम हो चुकी थी उसके मुँह से आह.. आह.. की आवाज निकल रही थी और मेरा जोश दुगना हो गया।
मैं प्रिया के चुचे दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने प्रिया की नाईटी उतार दी। प्रिया ने ना तो ब्रा पहनी नहीं थी ना ही पैंटी पहनी थी।
मैं प्रिया को देखने लगा उसका गोरा-गोरा बदन देख कर मुझे जैसे नशा छाने लगा।
मैंने झट से अपने कपड़े खोले और प्रिया के उपर चढ गया उसके गोरे-गोरे चूचों पर गुलाबी दाने को चूसने लगा।
जब भी मैं उसके दाने को दाँत से काटता तब उसके मुँह से चीख निकल जाती थी।
धीरे-धीरे मैं उसके पेट पर आया उसके नाभी को चूसने लगा प्रिया काफी मजे मे आनंद ले रही थी।
अब मैं उसकी चूत पर पहुँचा।
उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे जो उसकी चूत की शोभा बड़ा रहे थे।
चूत गीली थी।
मैंने देखते ही उसे चूम लिया।
मेरे चूमते ही प्रिया मछली की तरह तडपने लगी और मेरे मुँह को अपने पैरों में फसा कर अपनी चूत पर दबाने लगी।
मैं प्रिया की चूत चूसता रहा और अपनी एक ऊँगली चूत मे डाल दी।
चूत बहुत कसी हुयी थी।
प्रिया पहले कभी चुदी नहीं थी।
एक-एक कर मैंने अपनी दो उँगली चूत मे डाल दी।
प्रिया की चूत पानी छोडने लगी, उसमें से अच्छी खुशबु आ रही थी।
मैं पूरा पानी चाट कर पी गया।
अब मैं अपना लण्ड प्रिया के मुँह के पास ले गया।
प्रिया ने मेरा लण्ड हाथ में लिया और देखने लगी और कहा – इतना बड़ा।
मैंने प्रिया को लण्ड चूमने कहा तो उसने साफ मना कर दिया।
मैंने भी प्रिया पर दबाव नहीं डाला।
मैं फिर से प्रिया को चूमने लगा।
मैंने प्रिया के पूरे अंग-अंग को चूमा-चाटा, उसका पूरा स्वाद चखा अब मुझे मेरे लण्ड ने उछल-उछल कर परेशान कर दिया था।
मैं प्रिया के दोनों पैरों के बीच बैठ कर अपना लण्ड चूत पर रगड़ने लगा।
प्रिया चिल्लाने लगी – प्लीज, कुछ कर मुझे कुछ हो रहा है।
मैंने भी देर न करते हुए पास रखे टेबल पर से क्रीम लिया और अपने लण्ड पर ढेर सारा लगा लिया।
मैंने लण्ड चूत पर रख कर एक जोर का धक्का लगाया।
लण्ड थोडा ही अंदर गया और प्रिया जोर से चीख पडी और उसकी आँखों में से पानी बहने लगा।
मैं प्रिया को चूमने लगा जब दर्द कम हुआ तब मैंने एक जोर का धक्का लगाया।
मेरा लण्ड आधे से ज़्यादा चूत के अंदर जा चुका था।
उसकी झिल्ली फट गयी थी।
खून बाहर आने लगा।
प्रिया दर्द से तडप रही थी पर उस दर्द में मजा भी बहुत था।
धीरे-धीरे मैंने लण्ड बाहर खीँचा और जोर के धक्के के साथ लण्ड अंदर डाल देता।
थोड़ी देर में मेरे हर धक्के का जवाब प्रिया गाँड उछाल कर देती थी।
कुछ देर बाद मेरा पानी छुटने वाला था तब तक प्रिया दो बार झड़ चुकी थी।
पाँच-छे जोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी प्रिया के चूत पर छोड दिया।
प्रिया भी तीसरी बार झड़ चुकी थी।
हम थक गये थे और वहीं बिस्तर पर लेट गये।
थोड़ी देर बाद देखा तो रात के एक बज गये थे और चादर पुरी खून से भरी थी।
उसके बाद उसी रात को एक और बार चुदाई की।
सुबह पाँच बजे तक चुदाई चली।
मेरे वापस आते समय प्रिया ने मुझे गले लगाया और एक बडी कीस दी।
उस दिन के बाद मैंने प्रिया और उसकी सहेलियों को भी चोदा।
वो मैं आपको अगली कहानी में बताउँगा।
मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके बताना दोस्तो –