चुदाई की कहानियाँ

पुणे में अपनी कॉलेज दोस्त की ठुकाई-1

Pune me college dost ki thukai-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जीवन है और में एक बार फिर से आप सभी को अपना एक सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों यह करीब एक साल पहले की बात है जब मैंने पुणे में एक बहुत अच्छे कॉलेज में अपना एडमिशन ले लिया था.

तब मैंने पहली बार जाकर देखा कि मेरी क्लास में एक बहुत मस्त लड़की थी, जिसको देखकर में उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो चुका था, क्योंकि दोस्तों वो दिखने में एकदम मस्त सेक्सी माल थी, उसकी हाईट 5.3, लम्बे काले बाल, काली आखें, वो एकदम गोरी, उसके गुलाबी रसीले होंठ, उसकी वो पतली कमर और उसके बूब्स तो एकदम उभरे हुए थे, जिनको देखकर मेरा मन करता कि अभी पकड़कर उनको चूस लूँ और अपनी प्यास बुझा लूँ, वो बहुत सुंदर थी और उसका नाम मनीषा था.

दोस्तों मेरे कॉलेज के सभी लड़के उस पर लाईन मारा करते थे, लेकिन में तो उस समय थोड़ा सा शर्मीले स्वभाव का था, इसलिए में बिल्कुल चुप रहता था, लेकिन में अपनी चोर नजर से हमेशा बस उसी को देखा करता था और हमारे कॉलेज के पहले सेमेस्टर तक कुछ ही महीनों में हमारी एक दूसरे से बहुत अच्छी जान पहचान और उसके बाद बहुत अच्छी दोस्ती भी हो गई थी.

हम अब एक दूसरे से हर एक बात करने लगे थे और हम दोनों के बीच अब कुछ भी छुपा हुआ नहीं था, वो मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और इसलिए में भी उससे कभी कभी दो मतलब वाली बातें कह दिया करता था, जिनका मतलब वो बहुत आसानी से समझ जाने के बाद भी जानबूझ कर मेरे सामने बिल्कुल अंजान बनी रहती थी.

एक दिन उससे बातें करने पर मुझे पता पता चला कि उसका एक बॉयफ्रेंड है, जो इस समय मुंबई में रहता है और वो बहुत मजबूरी में अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए यहाँ पर पूना में रहने आ गई है, वो बार बार अपने उस बॉयफ्रेंड को याद करती और मुझे उसकी बातें, उसके साथ बिताए वो पल अपनी आप बीती घटनाए सुनाती, तो में भी कभी कभी तुरंत उसकी बात को बीच में काटकर उससे मजाक ही मजाक में कह देता कि कोई बात नहीं में भी किसी के बॉयफ्रेंड से कम हूँ क्या? और वो मेरी यह बात सुनकर तुरंत हंस जाती और फिर ऐसे ही दिन बितने के साथ साथ धीरे धीरे उसे पता चल गया था कि में भी उस पर लाईन मार रहा हूँ, क्योंकि में हर कभी मौके मिलते ही उसके गदराए बदन, सुंदर चेहरे और फिगर की उसके सामने तारीफ करता और उसे छूने की नाकाम कोशिश करता और फिर में उससे कहता था कि उसके बॉयफ्रेंड को उसकी जरा सी भी परवाह नहीं है, उसकी जगह अगर में होता तो में उससे मिलने हमेशा मुंबई से यहाँ पर आ जाता.

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दोस्तों में दिखने में बिल्कुल ठीक-ठाक मेरी हाईट 5.8 और में एकदम अच्छा दिखने वाला बंदा हूँ कि किसी भी लड़की का मुझ पर दिल आ ही जाएगा. अब वो भी मेरी बातें, हंसी मजाक करने की आदत, मेरे चेहरे को देखकर मेरी तरफ आकर्षित होकर वो भी मुझ पर लाईन मारने लगी थी, क्योंकि उसे भी अब किसी के साथ की ज़रूरत थी और वैसे भी दोस्तों एक बार अगर किसी लड़की को बॉयफ्रेंड की आदत पड़ जाए तो वो बहुत आसानी से नहीं छूटती है.

एक दिन उसने मुझसे कहा कि मुझे कहीं घूमने जाना है. मैंने यहाँ पर कभी कुछ नहीं देखा है और मुझे बाहर घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि मुझे भी उसके साथ घूमने फिरने का मौका चाहिए था और में बहुत दिनों से इस मौके की तलाश में था, लेकिन में थोड़ा भाव खाने नाटक करने के बाद मान गया और उसे में रविवार के दिन अपनी बाईक पर ले जाने के लिए उसके होस्टल के दरवाजे पर एकदम तैयार होकर उसके बताए ठीक समय पर पहुँच गया.

वो मुझे पहले से ही दरवाजे पर बाहर खड़ी मिली, शायद वो भी मेरी तरह मेरा इंतजार कर रही थी और उसको उस समय देखकर मेरा तो लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि उसने उस समय पीले कलर की गहरे गले वाली टॉप पहनी हुई थी, जिसमें से उसकी छाती के बीच की दरार साफ दिख रही थी और उसके वो बड़े आकार के उभरे हुए गोरे गोरे बूब्स बहुत ही टाईट दिख रहे थे, जिनको देखकर में अपने लंड के साथ साथ अब पागल हुआ जा रहा था. उसने नीचे काले रंग की जींस पहनी हुई थी. दोस्तों माँ कसम से वो उस बिल्कुल कयामत लग रही थी, मेरी नजर उस पर से बिल्कुल भी हटने को तैयार नहीं थी और मेरी इच्छा तो उसे अपने घर पर ले जाकर उसी समय उसकी जमकर चुदाई करने की हो रही थी, लेकिन में मजबूर था.

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फिर मैंने कुछ देर बाद उसे घूरना बंद करके उससे कहा कि आज तो तुझे देखकर मेरा किसी दूसरी जगह जाने का मूड कर रहा है, तुझे देखकर तो मेरा मन अब कहीं और लगना ही नहीं चाहता और ना चाहते हुए भी मेरी नजर बार बार तुझ पर आकर अटक रही है और अब तू ही मुझे बता में क्या करूं? तो उसने एक शरारती स्माईल देकर मुझे पीठ पर धीरे से मारा और फिर उसने मुझसे बदमाश कहा और बाईक पर बैठते ही उसने तुरंत मेरे पैरों पर अपना एक हाथ रख दिया और अब वो मेरी कमर पर आगे की तरफ झुककर मुझसे बातें करने लगी, जिसकी वजह से मैंने महसूस किया कि उसके एकदम गोल, मुलायम बड़े आकार के बूब्स मेरी पीठ पर दबने लगे थे और अब उस वजह से मेरी तो सांसे बहुत तेज हो गई थी और फिर अपनी मंजिल पर पहुंचते ही मैंने अपनी बाईक को स्टेंड पर लगा दिया और फिर तुरंत उसके पास आकर मैंने उसका नरम मुलायम गोरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में उसका हाथ पकड़कर धीरे धीरे उसके साथ चलाने लगा था.

तभी वो अचानक से रुक गई और वो अब हंसते हुए मुझसे बोली कि क्यों मन में क्या चल रहा है? में देख रही हूँ कि तुम आज बहुत खुश नजर आ रहे हो, क्यों तुम्हारे इरादे तो मेरे लिए आज नेक है ना? तो मैंने उससे कहा कि मेरी गर्लफ्रेंड है, में उसके साथ कुछ भी करूं, लेकिन तुझे उससे क्या समस्या है? दोस्तों मैंने उससे इतना सब कुछ कहा, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी ना कहा और मुझे उसकी उस हरकत को देखकर अब आगे बढ़ने का मौका मिल गया और मैंने आगे बड़ते रहने का निर्णय लिया.