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पंजाबन आंटी के साथ अश्लील कुश्ती !!

Punjaban aunty ke saath ashleel kushtee

ये कहानी नसीम द्वारा भेजी गई है जिसे चर्बी वाली औरते ज्यादा कामुक लगती थी। नसीम लखनऊ के रहने वाले है और उनकी उम्र करीब 25 साल है। उन्होंने अपनी कहानी में बताया की कैसे उनकी आंखे एक पंजाबन आंटी से लड़ गई और वो चुदाई कर बैठे। अब उनकी चुदाई किसी हुई जिस वजह से उन्होंने कहानी का नाम “पंजाबन आंटी के साथ अश्लील कुश्ती” ये तो कहानी पड़ कर ही पता चलेगा।

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम नसीम और मैं 25 साल का हूँ। मेरी चुदाई कहानी पड़ने के लिए आपका धन्यवाद। मेरी ये कहानी आज से ज्यादा पुरानी नहीं है। कुछ महीनों पहले मैंने एक हॉट और सेक्सी पंजाबन औरत के साथ संभोग किया।

आंटी काफी सेक्सी थी और सबसे ज्यादा मजा मुझे उनके मोटे कूल्हे रगड़ने में आया। आंटी का शरीर काफी नरम और कामुक था। वो जब भी छत पर कपड़े सुखाने आती तो मेरी नजर उनके चुचो पर रहती थी।

जब वो अपने पति की गीली कमीज को झाड़ती तो उनके दोनों स्तन भी हिलने लगते उन्हें देख छत पर मैं अपना हाथ भी हिलाना शुरू कर देता।

कामुक आंटी को देख मेरा लिंग अपनी लार टपकाने लगता और मैं उसे मसलना शुरू कर देता। मैं दिन रात आंटी के साथ समागम करने के सपने देखने लगता परन्तु न तो आंटी मुझे जानती थी और न ही मुझे कभी उनसे बात करने का मौका मिला।

आंटी हमारे यहाँ किराए पर रह रही थी। अब मुठ मारते मारते एक साल निकल गया और किसी तरह मेरा आंटी के घर आना जाना शुरू हो गया। आंटी के दो बेटे थे एक कॉलेज जाता था जो मेरी उम्र का था और दूसरा नौकरी करता था।

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अब जिस तरह मैं आंटी की चुत, गांड और स्तन देखा करता था उस से उन्हें पता लग गया की मैं क्या करना चाहता हूँ। आंटी के पति उन्हें कुछ खास भाव नहीं देते थी इसलिए आंटी भी मुझे कभी कभी मुस्कुरा कर देखा करती।

अब धीरे धीरे सब कुछ खुलने लगा हम दोनों आँखों ही आँखों में एक दूसरे को काफी कुछ जता देते। जब मुझ में हिम्मत बढ़ गई तो एक दिन मैं आंटी की छत पर चला गया।

उस वक्त आंटी वही थी और मैं उनसे बाते करने लगा। बातो बातो में आंटी ने कहा की आज घर पर कोई नहीं है क्या तुम चाय लोगे मेरे साथ।

मैंने उन्ही हाँ बोलै और नीचे जला गया। नीचे जाते ही मेरी आंटी से आंख लड़ गई और आंटी ने घर के खिड़की दरवाजे बंद किए और मेरे सीने को हल्के हाथ से छूने लगी।

आंटी की इस सेक्सी हरकत ने मेरी कामवासना भड़का डाली और मैं उन्हें गले लगा कर उनके स्तनों की गर्माहट अपने मुँह पर महसूस करने लगा।

पंजाबी आंटी गोरी थी और उनकी आंखे काफी सुंदर थी उनके स्तन भारी और नरम थे जीने मैं दबा रहा था। आंटी मेरी आँखों में प्यार से देखने लगी और मैं उनके होठो के तरफ आगे बढ़ा और उन्हें चूमने लगा।

आंटी भी फुल मूड में मेरे होठो को चूसने लगी और अपनी दबी हवस को बाहर निकालने लगी।

उनके मुँह से निकलने वाली हरम सासो से मेरा लिंग तन गया और मैंने आंटी का हाथ पकड़ा और उसे अपने पजामे में डाल दिया। मेरा लिंग झाटो से भरा था जो काफी हरम था।

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पहले आंटी ने मेरे अंडे पकड़े और उन्हें हल्के हाथ से दबाने लगी। उस दौरान वो मेरे हाथ चुम रही थी।

आंटी – तू ते बड़ा चंगा है नसीम। तेरा एना वडा होगा मेनू पता नीसी।

पहले बार आंटी के अश्लील काम करके मुझे शर्म आने लगी। कुछ देर में आंटी मेरे अंडो पर प्यार से अपने नाख़ून मारने लगी।

उस वक्त मेरा लंड अपने मुँह से पानी टपकाने लगा और मैं चुदाई की आग में जलने लगा।

मैंने आंटी को गले लगाया और पीछे से उनकी सलवार में हाथ डाल दिया। सलवार के बाद कच्छी में और फिर उनकी गांड के बीच।

अब आंटी की मोटी गांड अंदर से काफी गर्म थी। रसीली गांड महसूस कर मैंने जल्दी से आंटी का सूट उतारा और उनके दोनों स्तन मशीन की तरह चूसने लगा।

आंटी मजे से गहरी सासे लेने लगी और मेरा लिंग चुदाई मांगने लगा। आंटी ने अपनी सलवार खोली और मैंने उनकी कच्छी उतरकर उन्हें चोदना शुरू कर दिया।

उनकी चुत से लार टपक रही थी जिसमे मेरा लंड सना हुआ था। मैंने उनकी योनी में अपना लिंग रलखा और उसे आगे पीछे हिलाने लगा।

पंजाबन की चुत टाइट थी और मैं उसके शरीर उसके बिस्तर पर चुदाई मचाने लग गया। उस वक्त चुदाई करते करते रात के 8 बज गए पर मेरी कमर एक पल नहीं थमी।

पंजाबन आंटी के साथ अश्लील कुश्ती करने में मुझे काफी आनंद आ रहा था परंतु 8 बजे तक घर वाले वापस आने वाले थे।

मैं जल्दी जल्दी आंटी को लटा सीधा कर हर तरह से चोदने लगा और अपना गन्दा पानी उनके शरीर में डालने लगा।

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मेरे जोरदार धको से आंटी के स्तन ऊपर नीचे उछाल रहे थे और मैं कभी अपने हाथो से उनके स्तन दबोचता तो कभी कूल्हे।

पंजाबन का शरीर किसी आम औरत से कही गुना ज्यादा सेक्सी और हॉट था।

पंजाबन आंटी बार बार मेरे अंडे अपने हाथ में लेकर उन्हें दबाने लगती। वो कभी अपनी चुत से लंड निकाल कर अपने मुँह में लेती तो कभी मुँह निकाल कर गांड में।

अंत में आंटी ने मुझे कस कर गले लगा लिए जैसे वो मुँह से प्यार करती हो। उसके बाद बाद उन्होंने अपनी गांड आगे पीछे हिलानी शुरू कर डाली। अब आंटी की इतना सेक्सी रूप देख मुझ से और रुका नहीं गया और मैंने अपना गंदा पानी उनकी चुत के अंदर छोड़ दिया।

बस तभी घर के दरवाजे की घंटी बजी और मैं नंगा अपने कपड़े लेकर छत की तरफ भागा। अब उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता।

पर उस वक्त जो भी आया था आंटी की चुदकड़ हालत देख समज गया होगा की क्या हुआ है। तो दोस्तों ये थी मेरी आंटी की चुदाई की कहानी। अब आपको पता लग गया होगा की मैंने अपनी कहानी का नाम पंजाबन आंटी के साथ अश्लील कुश्ती क्यों रखा गई।