रंडी की चुदाई / जिगोलो

रंडी ने चूत का जुगाड़ करवाया

Randi ne choot ka jugad karwaya

हैल्लो दोस्तों, में सुनील आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटी एक सच्ची रात की चुदाई की बात है. दोस्तों मेरी लम्बाई 6 फिट है उम्र 24 साल है और रंग गोरा है और में सूरत का रहने वाला हूँ. मेरा बदन गठीला है और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है.

दोस्तों मुझे एक काम मिला था और उस काम की वजह से मुझे शहर में देर रात तक रुकना पड़ता था और में जब उस दिन काम को खत्म करके अपने घर के लिए निकल रहा था, तब मेरे मन में एक विचार आया कि क्यों ना में किसी लड़की को आज पैसे देकर उसको अपने साथ ले जाकर में उसकी मस्त चुदाई करूं? और मैंने एक लड़की को पैसे देकर में उसको अपने साथ सुनसान सुरक्षित जगह पर ले गया और वहां से मैंने अपने घर पर फोन करके घर वालों को बताया कि में आज़ बहुत काम होने की वजह से घर नहीं आ सकता.

दोस्तों मेरी हालत पैसों की वजह से बहुत खराब चल रही थी, जिसकी वजह से में देर रात को भी हमेशा काम करना पड़ता था और फिर मैंने उस रात को उस लड़की को बहुत जमकर चोदा और मस्त चुदाई के मज़े लिए और फिर जब मैंने दूसरी बार उसकी चुदाई करना शुरू किया.

फिर वो लड़की दर्द की वजह से बड़ी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी जिसको देखकर में एकदम चकित हो गया कि जो लड़की धंधा करती है और जिसकी चूत में हर दिन किसी भी लंड आता जाता रहता है, आज वो लड़की मेरे लंड की वजह से अपनी चुदाई करवाने से रो रही थी.

फिर भी में यह बात सोचकर लगा रहा और उसकी चुदाई करने के बाद उस लड़की को मैंने अपनी समस्या के बारे में सब सच सच बता दिया. तब वो लड़की मुझसे कहने लगी तुम किसी की चुदाई करके पैसे कमाने जैसे काम को क्यों नहीं करते? क्योंकि मैंने तुमसे अपनी चुदाई करवाकर तुम्हारा वो दम और तुम्हारा वो जोश देखा है और वैसे भी तुम्हारा लंड भी बहुत तगड़ा है इससे चुदाई करवाकर कोई भी चूत पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएगी और उस चूत को चुदाई के पूरे मज़े इसके जोश के साथ मिलेंगे.

अब में मन ही मन में उसकी वो सभी बातें सोचने लगा कि वो यह बात तो मुझसे एकदम सही कह रही है और में ऐसा कर भी सकता हूँ और मुझे इस काम को करने में किसी भी तरह की कोई भी आपत्ति नहीं है और में यह सब कुछ बहुत आराम से कर सकता हूँ और इसमें मेरा बहुत बड़ा फायदा भी है. फिर मन ही मन यह बात सोचकर जब मैंने उससे पूछा कि यह सब काम होगा कैसे? तब उसने मुझसे कहा कि तुम यह सब काम मेरे ऊपर छोड़ दो और में तुम्हारा सभी काम करवा दूंगी.

उसके बाद मैंने उसका फोन नंबर और उसका नाम भी पूछ लिया, तब मुझे पता चला कि उसका नाम प्रिया था. एक दिन के बाद मैंने प्रिया को कॉल किया और उसने मुझे एक होटल में आने के लिए कहा और में उसके बताए पते पर उस होटल में चला गया और मेरे वहां पर पहुंचने के बाद उसने मुझसे कहा कि तुम्हे एक डॉक्टर के यहाँ कल रात को जाना है और तब उसने मुझे उस मेरे पहले ग्राहक के बारे में पूरी जानकारी और पता बता दिया.

दोस्तों अब मुझे जो काम मिला था उसमे एक डॉक्टर की बीवी जिसका नाम आरती था आज उसकी जमकर चुदाई करनी थी, जिसकी उम्र 23 साल थी और वो एक घर के काम को करने वाली एक ग्रहणी थी, जिसका पति हार्ट की बीमारी का रोगी था और उसकी उम्र 31 साल की थी. फिर प्रिया ने मुझसे कहा कि पहली बार आरती को मैंने जब तुम्हारे बारे में बताया तो आरती ने मुझसे तुम्हारे साथ एक रात गुजारने की ज़िद पकड़ी है और वो तुमसे अपनी चुदाई करवाकर अपनी प्यास को बुझाना चाहती है, जिसको बहुत समय से उसके पति ने बिना चुदी रखा हुआ है.

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दोस्तों मुझे प्रिया ने बताया कि आरती का रंग गोरा है उसकी लम्बाई 5.7 इंच और तब प्रिया ने मुझसे कहा कि उसने तुम्हारे लिए मुझे एक रात चुदाई करने के लिए पूरे 2000/ रूपये दिए है और फिर प्रिया ने वो पैसे उसी समय अपनी बात को खत्म करके मेरे हाथ में रख दिए और वो पैसे और आरती के घर की सारी जानकारी मैंने प्रिया से ली और तब मैंने प्रिया को मेरे दिल में आए हुए उस थोड़े से डर के बारे में बताया और उस समय प्रिया ने मेरी पूरी बात को सुनकर समझकर मुझसे कहा कि उसके पति उनके कोर्स के लिए दो दिन के लिए कल सुबह से दिल्ली जा रहे है और तब में प्रिया की वो बात सुनकर एकदम खुश हो गया.

अब उस रात को मुझे नींद नहीं आई और में अपनी उस पहली अंजान औरत की चुदाई के बारे में सोच सोचकर बहुत नर्वस था और वैसे में खुश थी बहुत था, क्योंकि मुझे शुरू से ही चुदाई करने का बहुत शौक था और आज मुझे जी भरकर मस्त चुदाई करने का मौका भी मिल रहा था. फिर में सुबह सुबह जल्दी उठकर नहाकर अपना टिफिन लेकर अपने घर से निकल गया और जाने से पहले में अपनी माँ को यह बात बोलकर घर से निकला कि माँ आज में रात को नहीं आऊंगा, क्योंकि आज मुझे कुछ ज्यादा काम करना है इसलिए तुम मेरी राह मत देखना.

फिर में उसी शाम को करीब 7 बजे उस पते पर पहुँच गया और फिर मैंने दरवाजे पर लगी घंटी को बजा दिया, तो कुछ देर बाद दरवाजा खोलकर मेरे सामने एक औरत आई. अब मैंने उसके सामने वो कोड शब्द बोला जो प्रिया ने मुझे बताया था और जिसकी वजह से वो पहचान गई और उसने मुझे अपने घर के अंदर ले लिया.

में समझ गया कि यह वही आरती है, जिसकी आज रात को मुझे चुदाई करनी है और फिर उसने तुरंत दरवाजे को बंद कर दिया. शायद वो भी मेरा ही इंतजार कर रही थी और अंदर जाने के बाद उसने मुझसे पूछा कि तुम तो रात को दस बज़े आने वाले थे? तब मैंने उससे कहा कि पहली बार मुझे किसी ने रुपये दिए है, जिसके लिए मैंने कुछ नहीं किया, इसलिए मैंने मन ही मन में सोचा कि उसका सारा पैसा चुकता होना चाहिए जितना मुझे उस काम के लिए पैसा मिला है उतना ही उस पैसे देने वाले को मज़ा भी आना चाहिए और यह बात सोचकर में थोड़ा सा जल्दी आ गया.

फिर आरती ने मेरी वो बात को सुनकर खुश होकर मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा और में अब बिल्कुल पागल हो गया था, क्योंकि प्रिया ने मुझे जितना आरती के बारे में बताया था वो उससे भी ज्यादा सुंदर और उसके बड़े आकर के बूब्स, गुलाबी होंठ, गदराया हुआ बदन और वो बहुत हॉट सेक्सी थी. फिर मैंने खुश होते हुए आरती से कहा कि क्यों अब हम अपना काम शुरू करते है? तो आरती ने मुझसे कहा कि तुम यहीं रुको में बस दो मिनट में अभी आती हूँ और तुम तब तक मेरे बेडरूम में जाकर बैठ जाओ और उसने मुझे अपने बेडरूम की तरफ इशारा करके बता दिया और फिर में उसके बेडरूम में जाकर बैठ गया.

दोस्तों करीब दस मिनट के बाद आरती दुल्हन की तरह सजधजकर, लाल रंग की साड़ी पहनकर अपने हाथ में एक दूध से भरा हुआ गिलास ले आई, तब मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ और उसके बाद वो मेरे पास आकर बैठ गई और उसने वो दूध का गिलास मुझे दे दिया. फिर मैंने उससे पूछा कि यह क्या है? तब उसने मुझसे कहा कि में अभी तक कुँवारी हूँ और मेरे पति ने आज तक सुहागरात का वो मज़ा मुझे नहीं दिया है और वो मेरी तरफ बहुत प्यार से देख रही थी और वो कहने लगी कि आज मेरा सब कुछ तुम्हारा है और तुम्हे ही वो सब मेरे साथ आज करना है.

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फिर मैंने वो दूध उससे लेकर उसको आधा पी लिया और उसके बाद उसने वो बचा हुआ दूध पी लिया. तब मैंने देखा कि वो पूरा बेड उसने पहले से ही फूलों से सजाया हुआ था और मैंने उसको उसी समय तुरंत कसकर अपनी बाहों में भर लिया और में उसको पागलों की तरह किस करने लगा.

दोस्तों जहाँ पहले मेरे होंठ रुकते थे, वहीं आज में उसको जोश में आकर लगातार किस करता था और उसके बाद मैंने उसकी साड़ी और फिर एक एक करके सभी चूड़ियों को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने ब्लाउज में थी और मैंने उसकी गोरी गर्दन को किस किया और में उसके बूब्स को भी दबाने लगा. तभी आरती गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी.

फिर मैंने उसका ब्लाउज भी खोल दिया और तब में उसके बूब्स को देखकर बहुत ज्यादा गरम हो गया. फिर मैंने बूब्स को चूसना और मसलना शुरू किया जिसकी वजह से अब आरती के मुहं से आह्ह्ह्हहह उफ़फ्फ़ दबाओ हाँ और ज़ोर से हाँ आज तुम इनको दबाकर मुझे खुश कर दो, में कब से इसके लिए तरस रही हूँ.

फिर में कुछ देर तक उसके बूब्स को चूसते हुए नीचे की तरफ आ गया, जिसकी वजह से अब आरती पहले से भी ज्यादा जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी और में लगा रहा. अब मैंने सही मौका देखकर उसी समय उसकी पेंटी को खोल दिया और में उसकी कामुक, गरम, चिकनी चूत को देखकर अपने होश खो बैठा और में पागलों की तरह चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.

थोड़ी देर चूत को चाटने के बाद आरती ने मुझसे मेरे लंड को उसकी चूत के अंदर डालने के लिए कहा और तब मैंने अपने कपड़े उतार दिए और में अपने लंड को अपने एक हाथ में लेकर खड़ा रहा था, जिसकी वजह से आरती अपनी चकित आखें फाड़ फाड़कर मेरे लंड को देख रही थी और थोड़ी देर के बाद वो एक प्यासी शेरनी की तरह मेरे लंड पर उसी समय झपट पड़ी और वो मेरी लंड को चूसने लगी, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो जोश में आकर पागलों की तरह मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी.

फिर मैंने थोड़ी देर के बाद अपने लंड को उसके मुहं से बाहर निकालकर मैंने उस पर एक साथ दो कंडोम चढ़ाए और फिर मैंने आरती की चूत को अपने एक हाथ से सहलाते हुए कहा कि आरती तुम अब इसको अपनी चूत के अंदर ले लो और में आरती की कमर को पकड़कर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर चूत को सहलाने लगा, जिसकी वजह से अब आरती अहह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह करने लगी और मैंने उसी समय सही मौका देखकर उसके दोनों बूब्स को कसकर पकड़कर एक ज़ोर का झटका दे दिया, लेकिन मेरा लंड उसकी गीली चिकनी चूत के बाहरी किनारे से ही फिसल गया और आरती कुतिया की तरह बहुत ज़ोर से चिल्लाई ऊईईईईई माँ में मर गई आह्ह्ह्हह्ह् मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है और इतना कहकर उसने मुझे अब ज़ोर से धक्का देकर उसके बदन से दूर धकेल दिया.

में वापस उसको समझाकर उस पर दोबारा चढ़ गया और इस बार मैंने एकदम ठीक सही निशाना लगाकर अपने लंड को एक जोरदार धक्के के साथ उसकी चूत में डाल दिया और उस धक्के से मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता फाड़ता हुआ चला गया और अब दर्द की वजह से आरती बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी आईईईईई भगवान में मर गई प्लीज उफफ्फ्फ्फ़ अब तुम इसको बाहर निकालो और फिर भी मैंने उसकी बात को बिना सुने अपनी तरफ से दूसरा झटका दे दिया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उस समय मैंने अपने एक हाथ से आरती की गर्दन को कसकर पकड़ रखा था, जिसकी वजह से आरती मुझे उसके बदन से अलग नहीं कर सकी और अब आरती की आखों से आंसू बाहर निकल आए थे और में उसके बूब्स को सहलाकर उसके शांत होने का इंतजार कर रहा था.

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फिर कुछ देर के बाद जब वो पूरी तरह से शांत हो गई तो में अपनी तरफ से उसको धक्के देकर उसको मैंने चोदना शुरू कर दिया, लेकिन अब भी मेरे हर एक धक्के से आरती चिल्ला रही थी और में फिर भी धक्के देता रहा और फिर करीब दस मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि अब आरती भी मेरा साथ देने लगी थी और थोड़ी देर के बाद मेरे धक्को की स्पीड अब पहले से ज्यादा बढ़ने लगी और जैसे ही मैंने अपनी तरफ से उसको आखरी झटका दिया तो मेरे आंड ज़ोर से पीछे हो गए और मेरा लंड उसकी चूत में बहुत अंदर चला गया जो सीधा उसकी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया और आरती भी उस धक्के से पूरी हिल गई.

अब में उसको लगातार धक्के देकर चोदने लगा, जिसकी वजह से आरती को भी अब बड़ा मज़ा आ रहा था और इसलिए उसने भी अब मेरा साथ देना शुरू कर दिया था और वो भी अपने कूल्हों को उठा उठाकर मेरे हर एक धक्के का जवाब देने लगी, लेकिन कुछ देर और धक्के देने के बाद अब मुझे महसूस हुआ कि अब में झड़ने वाला हूँ, लेकिन तब भी में धीरे धीरे धक्के लगाता रहा और उस बीच में झड़ गया और में अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में डालकर पड़ा रहा.

फिर उसके बाद हम दोनों थोड़ी देर के लिए वैसे ही लेटे रहे और उसके बाद आरती ने उठकर बेड की चादर की तरफ ईशारा करके मुझसे कहा कि मेरा आज़ कुँवारापन टूट गया, क्योंकि वो चादर आज उसकी चूत से निकले खून से लाल हो गयी थी.

मैंने बाथरूम में जाकर कंडोम को हटा दिया और फिर में नीचे लेट गया और आरती ने मेरे ऊपर चड़कर अपनी दूसरी चुदाई के लिए तैयारियां की और जब मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और तब मुझे भी आरती की तरह अपने लंड पर बहुत तकलीफ़ होने लगी थी, क्योंकि मेरा लंड मोटा होने की वजह से उसकी चूत की दीवारों पर रगड़ खाते हुए आरती की चुदाई कर रहा था, इसलिए मेरे लंड पर अब मुझे कुछ अजीब सी जलन महसूस हो रही थी. उसकी चूत सच में बहुत टाईट बिल्कुल कुंवारी चूत की तरह थी, जिसकी चुदाई करके में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और उस रात को आरती ने मुझे अपना पति मानकर मेरे साथ करीब पांच बार संभोग किया.

फिर सुबह मुझे जाना था, लेकिन रात की उस चुदाई ने मेरी पूरी ताकत को चूस लिया था, इसलिए में वापस सो गया और में दोपहर को अपनी नींद से उठा तो उसी समय आरती भी मेरे साथ उठ गई और उसने सबसे पहले मुझे एक लंबा सा किस किया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अब नाश्ता करके जाना. फिर हम दोनों एक साथ नहाए और फिर आरती ने नाश्ता बनाकर मुझे दे दिया और अपने घर जाते समय उसने मुझे अपनी तरफ से 2000/ रूपये और भी दे दिए और मुझसे बाय किया. फिर में वो पैसे लेकर बहुत खुश होता हुआ वहां से चला आया और में दोपहर के समय अपने काम पर चला गया. दोस्तों यह थी मेरी वो चुदाई की सच्ची घटना जिसने मुझे आज कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया है.