पड़ोसी की चुदाई

मस्त पड़ोसन ने मेरा बड़ा पाइप माँगा-2

Erotic Foreplay Ki Kahani

जैसे ही अंजलि ऊपर आई… मैंने उसको पकड़ कर उसे उसके बेड पर लेटा लिया और होंठों को चूमने लगा. अंजलि ने ब्रा नहीं पहनी थी. मैं गाउन के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाने लगा. करीब 10 मिनट तक चूमने के बाद मैंने अंजलि का गाउन निकाल दिया. अब अंजलि की टाइट चूचियां मेरे सामने थीं
मैं एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा. अंजलि ने अपने पैरों से मेरा लोअर निकाल दिया और अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ घुमाने लगी.

अब मैंने एक हाथ उसकी चुत पर रखा तो देखा कि अंजलि की चूत गीली हो गई थी. मैंने अपनी कमीज और अंडरवियर भी निकाल दिया. फिर अंजलि को मैंने उल्टा किया और उसकी कमर को चूमने लगा. अंजलि के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज निकलने लगी. मैं अंजलि की गर्दन को चूम रहा था. अंजलि अपनी कमर को बार बार ऊपर नीचे कर रही थी.

इसके बाद अंजलि को मैंने सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया. उसके पेट और नाभि पर किस करने लगा. अंजलि का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा मेरी कमर पर था. अंजलि की साँसें काफी तेज हो चुकी थीं.
वो बोलने लगी कि कई दिनों से चुदाई नहीं हुई.

चूंकि अंजलि के पति की उम्र उससे 10 वर्ष ज्यादा थी और वो रोज शराब पीता था इसी कारण इनके बीच ज्यादातर लड़ाई होती रहती थी. खैर छोड़ो.. हम वापस चुदाई पर आते हैं.

अब अंजलि नीचे से ऊपर आ गई और अंजलि मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. कसम से दोस्तो, आज तक मुझे ऐसा मजा नहीं आया था. अंजलि ने पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं अंजलि के दोनों निप्पलों को उंगलियों से मसल रहा था. अब मुझे भी लगने लगा कि मेरा वीर्य ना निकल जाए. मैंने अंजलि को रोका ताकि हम चुदाई का मजा ज्यादा देर तक ले सकें.

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मैंने एक गिलास पानी पिया. उसके बाद अंजलि की एक चूची को पूरा मुँह में लेकर काटने लगा. दोस्तो मैं अंजलि का साइज आप लोगों को बताना ही भूल गया उसके शरीर का फिगर 34-32-36 का है.

अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. अंजलि ने चुत को अच्छे से साफ किया हुआ था और शायद कोई अच्छा डीओ लगाने के कारण चुत से अच्छी खुशबू आ रही थी. मैं भी अपनी जीभ अंजलि की चुत में डालकर आगे पीछे करने लगा. अंजलि भी मेरे लंड को चूस रही थी.

जब अंजलि को ज्यादा मजा आने लगा तो अंजलि ने चुत का दबाव मेरे मुँह पर बढ़ा दिया, जिससे कि मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था. अंजलि का भी बुरा हाल हो रहा था.

फिर अंजलि उठी और मेरे लंड पर बैठ कर अपने हाथ से लंड पकड़ कर चुत पर सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड चुत में चला गया क्योंकि अंजलि की चुत पहले ही काफी पानी से गीली हो चुकी थी. इसी कारण लंड को चुत में जाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

अब मेरे हाथ अंजलि के दोनों चुचों पर थे और वह पूरे लंड को चुत में लेकर झटके मार रही थी.

कुछ देर की धकापेल के बाद मेरा भी निकलने वाला था. मैंने अंजलि को बेड के किनारे पर डॉगी स्टाइल में किया और एक पैर बेड पर.. और एक नीचे रखा. मेरा लंड अंजलि की चुत में पूरा अन्दर तक जा रहा था.
अंजलि बोली- आह.. आज मजा आ गया.
मेरे धक्कों की स्पीड अब बहुत बढ़ गई थी. मैंने दोनों हाथों से उसकी गांड को पकड़ लिया. अंजलि बोलने लगी- जानू और जोर से धक्के लगाओ..

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फिर आठ दस धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. हम दोनों एक साथ बेड पर लेट गए. कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने.

उसने मेरे लिए चाय बनाई.. परांठे बनाए.. हम दोनों ने एक साथ चाय और परांठे खाये और बातें करने लगे.
अंजलि का पति भी रात को 9 बजे तक आता है ओर मेरी भी छुट्टी थी.. इसलिए कोई जल्दी नहीं थी.

हम दोनों ने सोफे पर बैठ कर नाश्ता किया. कुछ देर बाद अंजलि ने फिर अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैं अंजलि के दोनों होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा.

थोड़ी देर उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने उसका गाउन निकाल दिया और अंजलि ने मेरी शर्ट और लोअर निकाल दिया. अब अंजली को मैंने वहीं सोफे पर अपनी गोद में बैठा लिया. मेरी ओर अंजलि पड़ोसन की गांड थी. मेरे दोनों हाथ अंजलि के चुचों पर थे और मेरा मुँह अंजलि की गर्दन पर टिका था.

अंजलि फिर से लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी. मेरा लंड अंजलि की चुत के ऊपर आ गया था. अंजलि अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ रही थी.

मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो चुका था. अब अंजलि सोफे से नीचे बैठ गई. उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. अंजलि के लंड चूसने का स्टाइल बिल्कुल ब्लू फिल्मों की तरह था. उसने मेरे लंड को बिल्कुल गीला कर दिया था. अंजलि के मुँह का थूक मेरे आंड तक आ गया था और मेरा मुँह अंजलि की चूचियों के निप्पलों को दाँतों से काट रहा था. मैंने उसकी चूची को चूस चूस कर लाल कर दिया था.

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अब मैंने अंजलि को सोफे की एक साइड पर डॉगी स्टाइल में किया ओर उसका मुँह सोफे पर लगा कर, अपने लंड को उसकी चुत में एक ही झटके से पूरा अन्दर डाल दिया. अंजलि को थोड़ा दर्द हुआ तो मैं रुक गया और उसकी गांड पर हाथ घुमाने लगा. जब वो थोड़ा नॉर्मल हुई तो मैं धक्के मारने लगा.

दोस्तो, आप जानते ही हैं कि जब हम सेकंड टाइम चुदाई करते हैं तो जल्दी झड़ते नहीं, यही मेरे साथ भी हुआ. अब तक वो दूसरी बार झड़ गई, लेकिन मेरा नहीं हुआ था. मैं लगातार धक्के मारता रहा. लगभग 20 या 25 धक्के मारने के बाद मैं अंजलि की चुत में झड़ गया. अब हम दोनों बिल्कुल थक चुके थे.

थोड़ी देर आराम करने के बाद अंजलि ने काफी बनाई और हम दोनों ने पी.
अंजलि ने कहा कि आज ‘जी सा आ गया…’ दोस्तो हरियाणवी में ‘जी सा आ गया..’ का मतलब होता है कि बहुत मजा आया.

यह थी मेरी रियल सेक्स स्टोरी जो कि बिल्कुल सत्य है, इसमें एक भी शब्द बनावटी नहीं है. अगर आपको पसंद आई हो तो मुझे मेल के द्वारा बताना कि आपको ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी.

दोस्तो, आप अपने सुझाव भी अवश्य देना ताकि अगली स्टोरी और अच्छे से लिख सकूं. अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे अंजलि ने अपनी शादीशुदा ननद को मुझसे चुदवाया.