हिंदी सेक्स स्टोरी

रिंकी ने घर पर बुलाया जब उसका भाई जयपुर गया था

(Rinki ne ghar par bulaya jab uska bhai jaipur gaya tha)

रिंकी ने घर पर बुलाया जब उसका भाई जयपुर गया था

आज मेरा मन्न बहुत खुस था और मेने सुबह जब रिंकी को कॉल किया तो पता चला की आज उसका भाई जयपुर एग्जाम देने गया हुआ हे और आज लाइन बिलकुल क्लियर हे! मेने रिंकी से कहा की क्या में फिर आ जाऊ आज तुम्हारे पास जिसको सुन कर वो इतरा कर बोली
“”क्यों मेरे बिना मैं नहीं लगता क्या !
मेने कहा “”नही””
तो वो बोली “”फिर आ जाओ ना””

मेने भी पलट कर पूछा , क्या तुम्हारा लगता हे मेरे बिना
वो हंस दी थी और बोली हां लगता हे
मेने फिर पूछा था अच्छा कितने बजे तक आ जाऊ
वह बोली ११ बजे तक

मेने भी फटाफट ऑफिस में न आने का बहाना लगाया और पहुँच गया सुबह ११ बजे रिंकी के घर !
में सीधे उसके कमरे तक पहुँच गया था क्यूंकि रिंकी ने मैं गेट का दरवाजा शायद पहले से ही खुला छोड़ रखा था इसलिए मेरे अंदर घुसने में कोई खटपट नहीं हुई थी और न ही मुझे उसके कमरे तक पहुंचने तक किसी ने देखा था और उसके कमरे में पहुँच कर मेने उसके कमरे का दरवाजा थोड़ा सा झपा दिया था !

रिंकी उस समय नहा कर बाहर ही निकली थी शयद क्यूंकि उसके बाल गीले थे और उस समय उसने गाउन पहन रखा था ! मेने पीछे से जाकर उसको हग कर लिया और पीछे से ही अपनी बाँहों की गिरफ्त में ले लिया था
रिंकी ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किआ था !

मेने पीछे से ही हग करते करते उसको किस किआ और बाँहों की गिरफ्त उसके चूचियों पर कस ली थी !

में उसको उसी तरह ग्रिफ्त में लिए लिए वही सोफे पर बेथ गया था और वो भी आराम से मेरी गोद में बैठ गई थी
और फिर मेने आपने हाथ उसके गाउन के अंदर दाल कर ब्रा उप्पर कर के दोनों बूब्स पर आपने पंजे चिपका दिए थे और दो मिनट तक ऐसे ही बैठा रहा था

रिंकी कोई ज्यादा न नुकर नहीं कर रही थी और आराम से मेरे गौड़ में बैठी रही थी
फिर मेने अपना हाथ निचे किआ और उसकी कच्ची के अंदर दाल दिया था और उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा था रिंकी गर्म हो चुकी थी और बिलकुल भी हिल डुल नहीं रही थी

मेने उसको धीरे से पास ही पड़े तख़्त पर लिटा दिया और उठ कर कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था और टीवी खोल दिया था और वॉल्यूम भी थोड़ा सा ज्यादा रखा था ताकि हमारी आवाज बाहर किसी को सुनाई न दे, और में उसके पास जा कर लेट गया था !

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अभी भी रिंकी वैसे ही लेती हुई थी उसने आपने कपडे बिलकुल भी ठीक नहीं किये थे
में उसके बगल में लेट गया था और लेटने से पहले मेने उसकी कच्ची उतरने लगा था जिसको उतरवाने में रिंकी ने मेरी हेल्प करि और अपनी गांड उठा कर आराम से कच्ची उतरवा ली थी

अब रिंकी गाउन में ही थी और ब्रा मेने पहले ही ऊँची कर दी थी
फिर में उसके बगल में लेट गया था और गाउन को बिलकुल ऊँचा कर दिया था और अब रिंकी की लम्बी लम्बी फांक वाली चुत
जो की उसके पेट के नाभि तक आती हे, पर धीरे धीरे हाथ और उंगलियों को फेर रहा था और रिंकी की चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और उसकी चुत बिलकुल गीली और टपकने लगी थी

मेने अब अपनी पेंट उतारी और कच्चा भी उत्तरा और आपने लंड पर उसका हाथ रखवा कर पकड़ने को बोला और रिंकी ने फट से उसको जोर से पकड़ लिया था

और मेने धीरे से रिंकी का गाउन उसके सर से उप्पर कर के उतरवा दिया था और ब्रा भी उसके हाथो से निकल दी थी अब रिंकी कमरे में बिलकुल नंगी लेती हुई थी

रिंकी ने मेरे लंड को बहुत टाइट से पकड़ लिया था और में उसकी चुत पर धीरे धीरे आराम से उंगलियों को फेर रहा था और बीच बीच में उसकी चुत में अपनी 1 या दो उंगलिया भी दाल दिया करता था !
जैसे ही में उसकी चुत में अपनी उंगलिया डालता था रिंकी के हाथो की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ जाती थी और उसके मुंह से आवाज भी निकलने लग जाती थी !

अब में उसके चुत के उप्पर दाने को अपनी दो उंगलियों से मसल रहा था और रिंकी उह्ह्ह आहहहहह कर रही थी और उसने एक बार भी मेरा हाथ आपने दाने से नहीं हटवाया था
मेय करीब २-३ मिनट तक उसके दानो को मसलता रहा था और बीच बीच में अपनी २ उंगलिया उसकी छूट की गहराई नापने के लिए भी दाल दिया करता था

करीब ५-८ मिनट तक में उसको ऐसे ही गर्म करता रहा था और इस बीच में रिंकी इतनी गर्म हो गई थी की उसने अपनी पेरो को थोड़ा सा खोल लिया था और अब मेरा हाथ उसकी छूट में आराम से अंदर बहार जा रहा था

मेने उसकी जांघो पर हाथ रख कर उसको पैर फैलाने को कहा था और उसने आपने एक पैर को मोड़ कर लिटा दिया था और अब उस्सकी छूट पूरी फेल गई थी और मेरा उसकी छूट के उप्पर दाना चमकने लगा था और मेने उसके दाने को अपनी उंगलिओ से और भी ज्यादा मसलना शुरू कर दिया था और बीच बीच में दाने को दबा भी रहा था !

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उफ्फ्फफ्फ्फ़ ये क्या रिंकी मचल गई थी और टेढ़ी हो कर मुझसे चिपक गई थी और करहाने लगी थी
उसकी आवाज तो साफ़ साफ़ नहीं सुन रही थी पर पता चल रहा था की नाउ शी इस रेडी तो फ़क इन एनी manner

मैंने अपनी शर्ट और बनियान उतारी और अपना लंड हाथ से पकड़ क्र सीधा करके लेट गया और उसको बोलै की तुम उप्पर आ जाओ
रिंकी ने ठीक वैसा ही किया और वो मेरे उप्पर आ गई थी
मेने उसको बोलै की तुम इस को अपनी छूट में डालो
उसने बिना कोई समय गवाय उस लंड को पकड़ कर अपनी छूट में दाल लिया था और मेरा लंड बिलकुल मक्खन की तरह उसकी छूट के अंदर सरक गया था
रिंकी छूट में जाते ही मुझे आपने लंड में बहुत गर्म गर्म लगा था
और जैसे ही वो अंदर गया था रिक्की की छूट में से बहुत सारा पानी निकल कर मेरी टैंगो को भी गिला करता व गया था
में समझ गया था की रिंकी इस समय बहुत गर्म हे और रिंकी ाअपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरे लंड को अपनी छूट से दबा रही थी और सांसे उसकी नाक के अलावा उसके मुंह से भी निकल रही थी

इस समय रिंकी बिलकुल एक सेक्स की देवी लग रही थी
मेने रिंकी को एक दम से निचे उतरा और उसको आपने लंड चूसने को कहा
रिंकी ने एक दम से झुक कर मेरे लंड को पकड़ा और आपने हाथो से साफ़ कर के आने मुंह में ले कर चूसने लग थी और में उसकी छूट में अपनी ३ उंगलिया दाल कर उसकी छूट को फाड़ने की कोशिस कर रहा था
बीच बीच में मे उसके छूट के दानो को भी अपनी उंगलियों से खूब मसल रहा था और रिंकी ने बहुत सारा वीर्य मेरे हाथो पर निकल दिया था और उसका वीर्य देख क्र में भी हॉट हो गया था और मेने भी आपने वीर्य रिंकी के मुंह में उड़ेल देइया था
और मेरा सारा वीर्य जैसे ही रिंकी के मुंह में जाना शुरू हूत था मेने रिंकी का सर जोर से पकड़ लिया था ताकि वो आपने मुंह से मेरा लंड न निकल पाए

बिलकुल वो ही हुआ जैसे ही मेने आपने वीर्य निअक्ल रिंकी ने मुंह हटाने की कोशिश करि और मेने उसका सर वही पर पकडे रहा और रिंकी को न चाहते हुए भी मेरा वीर्य उसके गले से निचे चला गया था जिसका की उसने बाद में बहुत विरोध किया था
पर जब मेने उसको समझाया की इससे प्यार बढ़ता हे तो वो खुश हो गई थी और मेरे साइन से चिक कर लेट गई थी

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अब रिंकी मेरे उप्पर नंगी लेती हुई थी और मेरे हाथ उसके चुतरो पर और बीच बीच में उसकी चूचियों पर और कभी कभी उसकी छूट के अंदर बहार हो हो कर आ रहे थे और ऐसे करते करते पता नहीं कब कब में रिंकी दुबारा से गर्म हो गई थी और मेरे छाती पर लेते लेते मेरी चूचियों के निप्पल्स को आपने लिप्स से चूस रही थी और बीच बीच में मेरे निप्पल्स पर चुकौती भी काट रही थी
और जान बुझ कर कभी कभी मेरी छतियो को भी चूचिया समझ कर बीच देती थी

में भी अब गर्म हो चूका था और नीचे से मेरा लंड भी अब तन कर खड़ा हो चूका था और रिंकी की छूट के दरवाजे के पास तैयार मोर्चा सँभालने के लिए सज्ज खड़ा था
मेने रिंकी को निचे उतरा और फिर मेने उसकी गांड के निचे तकिया लगाया और उसके दोनों पेरो को आपने कंधो पर रखा और दोनों चूचियों पर आपने पंजे से पकड़ कर मेने आपने लंड उसके छूट के दरवाजे पर रखा और बास एक शॉट दन्त भींच कर बिना रहम करे पूरी ताकत के साथ रिंकी की छूट पर दे मारा
उफ्फफ्फ्फ़फ्फफ्फ्फ़ फ्फफ्फ्फ़ फ्फफ्फ्फ़
रिंकी के मुंह से एक जोर की चीख निकली थी और वो चीख मार कर जोर सी आपने मुंह इधर उधर करने लगी थी
और मेने उसके बाद आपने शॉट्स में कोई कमी नहीं राखी थी
और में बिना किसी रहम करे उसकी चूचियों पर आपने पंजो को गड़ाए हुए और आपने सारा शरीर की ताकत आपने पंजो के जरिये उसकी चुचिओ पर दाल कर, और अपने लंड की ताकत उसकी छूट में मरते हुए में ढाका धक् रिंकी की छूट को मार रहा था

और रिंकी बेबस सी बेसहारा सी जल बिन मछली की तरह निचे चटपटा रही थी और छटपटाते हुए वो दो बार आपने वीर्य निकल चुकी थी और फिर मेने भी आपने सारा वीर्य उसकी छूट में उड़ेल दिया था
और फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गए थे

अबकी बार रिंकी बिलकुल मेरे से चिपक कर और मेरे को जाफी पा कर बेल के तरह लिप्त कर लेट गई थी और ऐसा लग रहा था की इस दफा वो अंदर से बहुत ही ज्यादा संतुष्ट हे

बाकि अगली कहानी में