हिंदी सेक्स स्टोरी

रिश्तों के लिए दी चूत की कुर्बानी-2

Risto ke liye di chut ki kurbani-2

मैं जैसे ही जाने के लिए आगे बढ़ी उसने मेरा हाथ पकड़ कर अप शब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि “साली रंडी तुझे क्या लगता है मेने क्या तुझे यहां सिर्फ देखने के लिए बुलाया है? आज मैं तेरी सारी अकड़ उतार कर तेरे उस दिन मुझे थप्पड़ मारने का बदला लेना चाहता हूं”।

बस इतना कहते ही उसने मुझे इतनी कस कर बाहों में जकड़ लिया कि मैं उससे खुद को छुड़वा ही नही पा रही थी। उसने बिना मेरी इजाज़त के मेरे मुंह को पकड़ा और भूखे भेड़िये की तरह मेरे होंठो को चूमना शुरू कर दिया था। इस बार मेने जैसे-तैसे कर के खुद को उसके चंगुल से छुड़वाया ओर फिर तुरंत ही उसके गालों पर एक चांटा रसीद दिया था। अब वह ओर भी ज्यादा आगबबूला हो गया था। उसने मुझसे कहा कि “अबे साली रंडी तुझे क्या लगता है तू बहुत ही ज्यादा होशियार है? मैं जानता हूँ कि तू निशा के भाई से प्यार करती है, लेकिन तू यह नही जानती कि निशा के पेट मे मेरा बचा है और अगर तूने कोई भी होशियारी की तो तेरे साथ तेरी फ्रेंड की भी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”

यह सुनकर तो मेरी रूह ही कांप चुकी थी। मुझे समझ ही नही आ रहा था कि अब क्या करना चाहिए। अब मैं बस चुपचाप खड़ी थी और मेरी आँखों से लगातार आंसू गिर रहे थे, क्योंकि मैं बहुत ज्यादा खुद को बेबस महसूस कर रही थी। मेरी मजबूरी का फायदा उठाते हुए अजय फिर से मेरे पास बड़ा और फिर मेरे होंठ पर होंठ रखकर मुझे चूमने लग गया था। इस बार मैं  इतनी बेबस हो चुकी थी कि चाहकर भी उसका विरोध नही कर पा रही थी। उस दिन मेने नीली टॉप ओर ब्लैक स्कर्ट पहनी हुई थी। कुछ देर बाद अजय ने मेरी टॉप के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया था। इस दौरान मेरी आँखों से आंसू बहने लगे गए थे, लेकिन मेरे पास उसे मना करने के अलावा और कोई रास्ता नही था। लेकिन हां में ये भी जानती थी कि अब मैं कुछ भी नहीं कर सकती हूँ।

कुछ देर बाद उसने उसने मेरी टॉप को भी ऊपर से खींच कर उतार दिया था। अब मैं केवल ब्रा में ही अजय के सामने खड़ी थी। मेने अपने स्तन को छुपाने के लिए अपनी ब्रा को अपने दोनों हाथों से ढंक कर रख दिया था। लेकिन अजय ने ज़बरदस्ती मेरे हाथों को हटा कर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को चूमना शुरू कर दिया था। उसने एक के बाद एक मेरे शरीर के सभी हिस्सों को चूमना शुरू कर दिया था। इस दौरान मेरे चेहरे से आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मेने कई बार अजय को मुझे जाने देने के लिए कहा, लेकिन वह एक भी सुनने के लिए तैयार ही नही था। अब अजय ने ऊपर से ही मेरी स्कर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी योनि को मसलना शुरू कर दिया था। अजय बार-बार मुझे गाली देकर मुझे बेबस किये जा रहा था। अजय के इस तरह योनि जो मसलने से मेरी सांसें तेज होती जा रही थी मैं ना चाहकर भी खुद को उत्तेजित होने से रोक ही नही पा रही थी। कुछ देर बाद अजय ने मेरे बूब्स की मेरी ब्रा से अलग कर दिया था। मैं देख पा रही थी कि मेरे बूब्स को देख कर अजय का लन्ड तन का खड़ा हो गया था, क्योंकि मैं उसके लन्ड को अपने शरीर से टकराते हुए महसूस कर सकती थी।

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अजय अब मेरे बूब्स को दबाकर मेरे निप्पल को चूस रहा था। उसके चूसने से मेरे निप्पल बहुत ही ज्यादा टाइड हो गए थे। वह कभी मेरे निप्पल को दांतों से काट रहा था, तो कभी बेरहमी से उन्हें मसल कर चूसते ही जा रहा था। कुछ देर बाद अजय ने अपनी पेंट को खोलकर मेरे सामने अपना 8 इंच का कड़क लन्ड बाहर निकाल लिया था। मेने पहली बार किसी जवान मर्द के लन्ड को आंखों से देखा था। अब अजय अपने लन्ड को मुझे मुंह मे लेने के लिए कह रहा था। मैं अजय के लन्ड को चुसने के लिए अपने घुटनों पर बैठ गयी थीं। जैसे ही मैं घुटनों पर बैठी तो अजय का कड़क लन्ड लगातार मेरे चेहरे से टकरा रहा था। मेने जैसे ही अजय के लन्ड को पकड़ा तो अजय अप शब्दों का प्रयोग करते हुए मुझे कहने लगा कि “चल साली रंडी अब चुपचाप से मेरे लन्ड को चूसना शुरू कर दे”।

“मुझे माफ़ कर दो ओर कृपया कर के मुझे जाने दो “ – मेने बेबस होकर कहा

“अच्छा रंडी ये सब तो तुझे मेरा अपमान करने से पहले सोचना था। चल अब जैसा मैं कहूँ वैसा करती जा नही तो मैं तेरी फ्रेंड को बदनाम कर दूंगा” – अजय ने गुस्से में कहा

यह सुनकर मुझे काफी रोना आ रहा था, लेकिन मेरे पास अजय की बात मानने के अलावा ओर कोई दूसरा रास्ता भी नही था। मेने रोते हुए अजय के मोटे लन्ड को अपने हाथों में पकड़ा और फिर उसे अपने मुँह मे ले लिया था। मेने पहली बार किसी के लन्ड को इस तरह से मुंह मे लिया था, इसलिए मुझे पहली बार मे लंड का स्वाद काफी बुरा लगा इसलिये मेने उसे लन्ड को आधा मुंह मे लेकर उसे बाहर निकाल दिया था। मेने अजय को कहा भी कि मैने आज तक किसी के लन्ड को मुंह मे नही लिया है लेकिन अजय पर तो जैसे खून ही सवार था। उसे मुझ पर जरा सी भी दया नही आ रही थी, उसने तुरंत ही मेरे बालों को पकड़ा और फिर ज़बरदस्ती अपने लन्ड को मेरे मुँह में देकर जोर-जोर झटके देते हुए मेरे मुंह की चौदने लगा। अजय का लन्ड मेरे गले तक जा रहा था, इसलिए एक पल के लिए तो में तड़प ही गयी थी। कुछ देर तक वह ऐसे ही मेरे लन्ड को चूसने लगा और फिर वह एक बार झड़ गया था, उसने अपने गर्म और गढ़े वीर्य को मेरे मुंह पर ही ढोल दिया था।

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मैं यह देख पा रही थी कि अजय का लन्ड अभी भी काफी कड़क था। इससे मैं एक बात तो समझ चुकी थी कि आज मैं बहुत ही ज़बरदस्त तरीके से चुदने वाली थी। कुछ देर बाद ही अजय ने मुझे उठाकर एक बिस्तर पर ले जाकर घोड़ी बनाकर बैठा दिया था। उसने पहले तो मेरी स्कर्ट के नीचे से मेरी पेंटी को उतार कर नीचे फेंक दिया था और फिर मेरी स्कर्ट को ऊपर कर के मेरी कमर तक ऊंचा कर दिया था। अजय ने बिना देर किए पहले तो मेरी योनि को चाटना शुरू कर दिया था। उसने मुझे कुछ ही देर में तेजी से उत्तेजित कर के रख दिया था। कुछ देर बाद अजय ने अपने कड़क औजार को मेरी योनि की दीवार पर ले जाकर रख दिया था ओर फिर एक ही झटके में अपने लन्ड को केवल टोपे तक ही मेरी योनि के अंदर उतार दिया था। इस झटके से मुझे तेज दर्द हुआ जिससे मेरी तेज चीख ही निकल आयी थी बोर मेरी आँखों से आंसू ही निकल पड़े थे। कुछ देर तक अजय ऐसे ही मुझे केवल टोपे तक ही झटके देते हुए चोदते जा रहा था और मैं बस दर्द से तड़प कर “आह आह ओह्ह बस करो” कहते हुए चुदती ही जा रही थी। कुछ देर बाद अजय का लन्ड फिसल कर बाहर की ओर आ जाता है ओर वह अगले प्रयास में एक ही झटके में अपने पूरे लन्ड को मेरी योनि के अंदर उतार देता है। इससे पहले की चीखती अजय मेरे मुंह को पकड़ कर मुझे अपनी पूरी रफ्तार के साथ झटके देते हुए चौदने लगता है। अब तक मेरी योनि 2 बार पानी छोड़ चुकी थी, लेकिन अजय थमने का नाम ही नही ले रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह सेक्स बढ़ाने की दवाई लेकर चुदाई कर रहा है।

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इतनी देर तक चुदने के बाद अब मुझसे भी रहा नही जा रहा था। कुछ देर बाद मुझे भी अजय से चुदने में आनंद आने लग गया था। मैं अजय से किसी कामुक लड़की की तरह जोर-जोर से चौदने के लिए कह रही थी और अजय मुझे लगातार अलग-अलग पोजिशन में मुझे चोदता ही जा रहा था। कुछ देर बाद है ने मुझे बिस्तर पर सीधा लेता दिया और फिर मेरी टांगो को अपने कंधे पर रखकर मुझे फिर से मशीन की तरह चौदने लग गया था। इस दौरान में अपने बूब्स को दबाकर चुदने का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद अजय बिस्तर पर लेट गया था और मैं उसके ऊपर बैठ गयी थी। मैं पहले तो अजय के लिंग पर अपनी योनि को सेट करने लगी और फिर उसके लिंग को अपनी योनि में लेकर उपर नीचे होकर मजे से चुदने लग गयी थी। इस दौरान अजय मेरी कमर को पकड़े हुए था और मैं अपनी कमर को घुमाकर ओर उपर नीचे करते हुए अजय को चर्म सुख का आनन्द दिए जा रही थीं। अजय की इस लंबी चुदाई ने मुझे बिल्कुल बेशर्म ही बना दिया था। इस दौरान अजय ने अपने वीर्य को भी मेरी योनि में ही उतार लिया था। उसके बाद में अपने घर चली आयी थी ओर मेने अपने सभी रिश्तों को भी टूटने से बचा लिया था।

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