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रिश्तों के लिए दी चूत की कुर्बानी-1

Risto ke liye di chut ki kurbani-1

Chut Ki Bali, प्रिय पाठकों कहानियों की इस दुनिया में आपका स्वागत करती हूं। मेरा नाम आयुषी है और मेरी उम्र महज 22 साल है। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी से अवगत करवाने वाली हूँ जो मेरे साथ कुछ 6 महीने पहले ही बीती है। तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करती हूं।

जैसा कि मैने आपको बता ही दिया है कि मेरा नाम आयुषी है। मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ। मैं अभी कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई पूरी कर रही हूं। मैं दिखने में काफी खूबसूरत लगती हूँ। कॉलेज में तो सब लड़के मुझे ऐसे देखते है जैसे मैं उनके सामने नंगी खड़ी हूँ। मेरे अलावा मेरी एक फ्रेंड निशा भी है ओर वो भी दिखने में काफी हॉट है लेकिन मेरे बूब्स ओर गांड दिखने में उसे बहुत ही ज्यादा आकर्षित है। पढ़ाई के सिलसिले में मेरा निशा के घर आना-जाना चलता ही रहता था। इसी बीच मुझे निशा के भाई गौरव से बहुत ज्यादा प्यार हो गया था। निशा भी इस बात को जानती थी कि मैं उसके भाई गौरव को पसन्द करती हूं। लेकिन मेने कभी निशा को खुद से नही बताया कि मैं उसके भाई गौरव को पसन्द करती हूं। गौरव एक शांत स्वभाव और एक खूबसूरत शरीर और चेहरे का मालिक था, इसलिए मैं उससे प्यार करने लग गयी थी। मुझे बार-बार किसी ना किसी बहाने से निशा के घर पर जाना अच्छा लगता था, जिससे कि मैं बार-बार गौरव को देख सकूँ।

लेकिन एक दिन ऐसा आया जब मेरी जिंदगी ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया था। मेरी फ्रेंड निशा को हमारे कॉलेज के सीनियर अजय से प्यार हो गया था। अजय एक नम्बर का वाहियाद नकारा ओर बुरा लड़का था। मुझे अजय बिल्कुल भी पसन्द नही था, लेकिन मेरी फ्रेंड निशा उसके प्यार में बिल्कुल पागल हो गयी थी। निशा, अजय के प्यार में अंधी होकर ये तक नही समझ पा रही थी कि अजय बस उसका फायदा उठाना चाहता है और वह उससे बिल्कुल भी प्यार नही करता है। जब निशा में मुझे बताया कि अजय उसके साथ शारीरिक संबंध बी बना चुका है तब मुझे बहुत ही हैरानी हुई साथ ही मुझे निशा पर बहुत ज्यादा गुस्सा भी आ रहा था। लेकिन मैं पूरी तरह से मज़बूर थी, क्योंकि इस समस्या को लेकर मैं कुछ भी नही कर सकती थी। अजय के माता-पिता बहुत बड़े बिजनेस मैन थे। अजय उसके माता पिता का इकलौता लड़का था, इसलिए वह दिन भर शराब पीता ओर अय्याशी करता रहता था।

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मुझे अजय बिल्कुल भी पसंद नही था। क्योंकि मैं जब से कॉलेज में आई थी, तब से ही अजय मुझ पर गंदी नजर टिकाए हुए था। वह हमेशा मेरे फिगर को घूरता ही रहता था। मुझे इस बात का पूरा यकीन था कि अजय ने मुझे तक पहुंचने के लिए ही निशा को अपना मोहरा बनाया है और निशा उसके जाल में आसानी से फंस भी चुकी थी। मेने एक दिन निशा को काफी अच्छे से समझाया कि अजय बहुत बुरा लड़का है और वह बस तुम्हारा फायदा उठा रहा है, लेकिन निशा ने मेरी बातों को मानने से पूरी तरह से इनकार ही कर दिया था। यही नही निशा ने यह बात अजय को भी बता दी कि मैं उसे अजय से दूर रहने का बोल रही हूँ। यह सुनकर अजय को काफी गुस्सा आ गया था। एक दिन जब कॉलेज में लंच के समय क्लास में अकेले बैठ कर पढ़ाई कर रही थी, तभी अचानक से अजय मेरे कमरे में आ गया था।

अजय ने क्लास में घुसते से ही मुझे कहा कि “ क्यो बे साली क्या कह रही थी तो? मैं निशा का फायदा उठा रहा हूँ। हां मैं उसका फायदा उठा रहा हूँ और उसके बाद तेरा भी फायदा उठाऊंगा बोल क्या कर पाएगी तू”?

“मुझे तुझसे कोई बाद नही करनी यहां से चुपचाप बाहर निकल जाए तू समझा”।- मेने अपना मुंह फेरतें हुए कहा

तभी अचानक से अजय मेरे करीब आ गया था। मैं घबरा कर बेंच पर से खड़ी हो गयी थी, लेकिन अजय मेरे करीब बढ़ता ही जा रहा था। अचानक से उसने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर मुझे बाहों में जकड़ लिया था। मैं काफी घबरा गयी थी, ओर इससे पहले की मैं कुछ कहती अजय ने मेरे होंठ पर होंठ रख दिये और वह मुझे चूमने लग गया था। इस बार मैं ओर भी ज्यादा गुस्सा हो गयी थी। मेने पहले तो उसे धक्का देते हुए खुद को उसकी बाहों से छुड़वाया ओर फिर मेने सीधा उसके गालों पर एक जोरदार तमाचा दे मारा। मेरा तमाचा पढ़ने के बाद वह ओर भी ज्यादा गुस्सा हो गया था। वह दोबारा मेरे पास आया और उसने फिर से मेरे दोनों बूब्स को आने हांथों में जकड़ कर मुझे किस करने की कोशिश की लेकिन मेने इस बार फिर से उसके गालों तमाचा दे मारा। दो बार मेरे हाथों से ज़ोरदार तमाचा खाने के बाद अजय ओर भी ज्यादा आगबबूला हो गया था। इसके बाद अजय ने मुझसे कहा कि वो इस बेज्जती का बदला मुझ से जरूर लेगा, ओर बस इतना कहते हुए वह क्लास रूम से बाहर चला गया था।

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उस घटना के बाद तो मैं ओर भी ज्यादा घबरा गई थी, क्योंकि पहली बार किसी ने सार्वजनिक जगह पर किस किया और मेरे बूब्स को दबाया था। कुछ दिन तक तो मैं इस सदमे से बाहर ही नही निकल पाई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद मेने इस घटना के बारे में अपनी दोस्त निशा को सबकुछ बता दिया था। निशा ने पहले तो मेरी बातों को मानने से कर दिया और कहने लगी कि अजय कभी ऐसा कर ही नही सकता है। यह सुनकर मुझे निशा पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था और अब मैं ओर ज्यादा बर्दाश्त नही कर सकती थी, इसलिए मैंने उस दिन के बाद से निशा से बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया था। कुछ दिन तक मैंने निशा से बात करना बिल्कुल ही बंद कर दिया था, लेकिन एक दिन निशा अचानक से मेरे पास आकर कहती हैं कि “आयुषी मेरे भाई गौरव के लिए घर वालों ने लड़की पसंद कर ली है और उसकी जल्द ही शादी करवाने वाले है”। यह सुनकर तो मेरे पैरों तले जमीन ही ही खिसक गई थी। आयुषी यह बात अच्छे से जानती थी कि मैं उसके भाई गौरव से बहुत प्यार करती हूं।”

यह सुनकर तो मैं पूरी तरह से बेबस हो चुकी थी। मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ? इसलिये मेने निशा से कहकर इस शादी को जल्द से जल्द रुकवाने ली मांग कि क्योंकि केवल निशा ही उसके भाई गौरव की शादी रुकवा सकती थी।

“ठीक है आयुषी मैं तुम्हारे लिए इस शादी को रुकवा सकती हूं, लेकिन बदले में तुम्हें भी मेरी एक मदद करना होगी।” – निशा ने कहा

“ठीक है पर मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकती हूं निशा??” – मेने जवाब देते हुए कहा

“देखो तुमने मुझसे अजय से मिलने के लिये मना किया ना? इस बात से अजय मुझसे नाराज़ हो गया है और वह मुझसे शादी करने के लिए मना कर रहा है। अगर तुम चाहती हो कि मैं अपने भाई गौरव की शादी को रोक दूं, तो तुम्हे पहले मेरे लिए अजय से एक बार अकेले में मिलना होगा और तभी वह मुझसे शादी करेगा”। – निशा ने चालाकी से भरी निगाहों से कहा

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अब तक मैं समझ गयी थीं कि निशा मेरे पास मेरी मदद के लिए नही, बल्कि खुद की मदद करने के लिए मेरे पास आई है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह थी कि उसने मुझसे उसके भाई गौरव की शादी के बारे में भी झूठ कहा था, लेकिन मैं उसके जाल में बुरी तरह से फंस चुकी थी। इसलिए गौरव की शादी को रुकवाने के लिए में निशा के बॉयफ्रेंड अजय से अकेले में मिलने के लिए तैयार हो चुकी थी। कुछ दिनों बाद मैं निशा के बताए हुए समय के अनुसार, उसके बॉयफ्रेंड अजय से मिलने के लिये निकल चुकी थी। अजय ने मुझे जिस जगह पर बुलाया था, वह काफी सुनसान जगह थी, इसलिए मुझे बहुत डर लग रहा था। थोड़ी ही देर बाद मैं उस फ्लेट पर पहुंच जाती हूँ जहां पर अजय ने मुझे बुलाया था। मैं बाहर से ही दरवाज़ा बजाती हूँ ओर अजय से दरवाज़ा खोलने के लिए कहती हूँ। अजय तुरंत ही अपना दरवाज़ा खोलता है और मुझे अंदर आने के लिए कहता है।

अजय नशे मैं काफी धुत्त लग रहा था, ओर कुछ देर तक उसने मुझसे कुछ नही कहा और बस ऐसे ही कुछ देर तक तो मुझे ऊपर से नीचे की तरफ घूरता रहा ओर फिर अचानक उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया था। वह बहुत ही गंदी नियत के साथ मेरे कंधे पर हाथ फेर रहा था, जो कि मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था। सच बताऊं तो अजय के ऐसे बर्ताव से मैं काफी डर गई थी और डर के मारे मेरी सांसे भी तेज होती जा रही थी। कुछ ही देर बाद अजय मेरे करीब आया और मुझे चूमने के लिए आगे बढ़ने लगा, तो मेने उसे धक्का देते हुए कहा कि “देखो तुम्हारे कहने पर मैं यहां पर आ चुकी हूं अब मैं वापस जा रही हूं”।

बाकि कहानी अगले भाग में पढ़े..