रूचि की कुंवारी चूत 2
Ruchi ki kunwari chut-2
मैंने उसे चुंबन लेते हुए उसके बूब्स की काफ़ी मालिश की, रूचि उत्तेजना के कारण पागल हो रही थी पर प्राइवेट प्लेस ना होने से हम दोनों को डर था!!!
1 घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला, बाहर से हमे नोक किया गया की टाइम ख़तम होने में 5 मिनट रह गये हैं।
यह सुनते ही, जब मैंने उसे अपने से दूर करना चाहा तो अचानक रूचि ने मेरे लिप्स पर लिप्स रख दिए और मुझे मेरे अपर लिप्स पर काट लिया!! !! !!
हमने करीब करीब 5 मिनिट स्मूच किया, फिर जब बाहर से किसी ने नॉक किया तो हम अलग हुए और उसने अपना नक़ाब पहना और घर चली गई…
वो हम दोनों की “पहली किस” थी!!!
उफ़, क्या किस थी वो!! !!! आज भी याद है…
फिर ऐसे ही हम साथ समय बिताते रहे!!!
एक दिन मैंने उससे यूँही कहा कि हमें आगे बड़ना चाहिए पर उसने साफ मना कर दिया, सो मैं भी चुप हो गया और अपना काम मूठ मार कर चलाता रहा…
तीसरा सेमेस्टर भी निकल गया और एक दिन उसने बताया कि उसके पेरेंट्स किसी काम से दो दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं और घर में वो अकेली रहेगी और उसके साथ सिर्फ़ उसके दादी रहेंगी…
दादी का मोतिया बिन्द का ऑपरेशन होना था सो उन्हें कम दिखाई देता था और काफ़ी वृद्ध होने के कारण वो दवाई खा कर जल्दी सो जाती थीं!! !!!
मैने मौके का फ़ायदा उठाया और रूचि को बिना बताए मैं उसके घर पहुँच गया। रात को 11 बजे मैने दरवाजा नॉक किया तो उसने दरवाजा खोला… …
हम दोनों शॉक हो गये!! वो मुझे देख कर और मैं उसे देख कर क्यूंकी उसने एक छोटी सी मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी और कम से कम 2-3 साइज़ छोटी टी-शर्ट डाली हुई थी…
उसने मुझे झटके से अंदर खींचा और दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे से लिपट गई!! जैसे मेरा ही इंतज़ार कर रही हो पर थोड़ी देर में उसे होश आया और उसने कहा – यहाँ क्या कर रहे हो।।?? किसी को पता चल गया तो बड़ी प्राब्लम हो जाएगी… !!!
मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और उसके काँपते होंठों को चूमने लगा, उसने भी हमेशा की तरह अपने आप को मेरी बाहों में झूला दिया!!! !!
कुछ समय बाद, करीब करीब 10 मिनिट बाद मैंने उसे अलग किया और समझाया कि कोई प्राब्लम नहीं होगी। वो मान तो गई पर थोड़ा डरी हुई थी, सो उसने मुझे अपने बेड रूम में लेजा कर कहा कि वो बाकी काम ख़तम कर के आएगी…
मैंने भी कहा – ठीक है पर जल्दी आना!!
फिर वो 5 मिनट में दादी का बेड रूम बाहर से लॉक कर सारे घर की लाइट ऑफ कर के मेरे पास आ गई!! वो आते ही मेरे ऊपर झपट पड़ी और फिर हम दोनों स्मूच करते हुए एक दूसरे का रास पान करने लगे!!! !!
मैंने आदत के मुताबिक उसके बूब्स को हाथ लगाया तो पाया उसने ब्रा नहीं पहनी है और उसके निप्पल पूरी तरह खड़े हो गये हैं… …।
अब मैंने टी-शर्ट को पूरा ऊपर उठाया और उसके खड़े निप्पल चूसने लगा… !!
रूचि अब तक पूरी तरह गरम हो चुकी थी और वो मेरे बालों मे हाथ डाल कर सहला रही थी और धीरे धीरे सिस्कारियां ले रही थी… …
उसके ब्राउन निपल्स, परपल कलर के हो गये थे… !!
मैं पूरे जोश में था और अब एक हाथ मैंने उसकी जाँघों पर घुमाया और उसकी स्कर्ट के अंदर डालना चाहा; तो उसने कहा – तुषार, ये सब ठीक नहीं है… हम ये ठीक नहीं कर रहे हैं!!!
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके होंठों पर मेरे होंठों से ताला लगा दिया… और एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और दूसरे हाथ उसकी जाँघों पर फेरने लगा!!
वो अब उत्तेजना के कारण पागल हो रही थी और अपने हाथ से मुझे स्कर्ट को ऊपर ना उठाने से रोकने की कमज़ोर कोशिश कर रही थी… !!!
पर मैं तो ठान के आया था की आज किल्लाह फ़तह कर के ही घर जाना है!!! !!
सो मैंने धीर धीरे उसके स्कर्ट को उसके पेट तक उठा दिया, छोटा होने के कारण कम समय लगा!!!
फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से सी ही उसकी चूत को सहला दिया; तो उसे जैसे 440 वॉल्ट का करेंट लगा… !!! और उसने मुझे और ज़ोर से पकड़ लिया और कहा – तुषार, मुझे धोखा तो नहीं दोगे ना; मैं तुम्हारे सिवा किसी और से शादी नहीं कर सकती!!!
मैंने उसे प्यार से समझाया की हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं और समय आने पर शादी भी हो जाएगी पर आज हमारी सुहाग रात है!!!
रूचि मे मुझे अपने ऊपर खींचते हुए कहा – हुमें शादी तक इंतज़ार करना चाहिए… …
तो मैंने उसे कहा – आज हमारा गंधर्व विवाह हो गया है… !!! और आज हमारी सुहाग रात है…
दोस्तो, आप तो यह जानते ही हैं की लड़की कितनी भी बड़ी चुदक्कड़ क्यूँ ना हो, पहली बार उसकी चूत मारना आसान नहीं होता!! !!!
आपके मेल्स के लिए बहुत बहुत शुक्रिया…
यह जान कर बहुत अच्छा लगा की कहानी आपको रोमांचक और अच्छी लगी… …
मित्रो; आप सभी पाठकों के साथ मैं “एम एस एस” और कामिनी जी का भी धन्याबाद देना चाहूँगा… …।
जल्द ही आपके सामने पेश करूँगा, अगला भाग; लेकिन जब तक पिछली बार की तरह ही मुझे यह जरूर बताएं की मेरी कहानी ने आपके लण्ड में और लड़कियों की चूत में खलबली पैदा की या नहीं…??
जवाब के इंतज़ार में…
आपका दोस्त –
तुषार… …