रूचि की कुंवारी चूत 4
Ruchi ki kunwari chut-4
मेरी इस हरकत से रूचि पूरी तरह से तड़प उठी और अपने दोनों पैर अलग कर लिए और मुझे “खुली जन्नत” के नज़ारे दिखा दिए…
लगभग दो दिनों पहले साफ़ की हुई नाज़ुक सी दो गुलाब की पंखुड़ियो की तरह उसकी चूत पूरी तरह से फूली हुई थी!! !!!
अब तक उस में से नमकीन पानी का रिसाव काफ़ी बढ़ गया था…
रूचि ने पहली बार अपनी “कुंवारी चूत” किसी के लिए खोली थी… !!
अब क्या था; मैं उसकी चूत पूरे जोश में चाटने लगा; तो रूचि की साँसें रुक सी गईं और वो ज़ोर की अँगड़ाई लेते हुए, मुझे अपने से चिपका कर सिस्कारियां लेने लगी – उम्म… ऊंह… ईश इस्स… आहह अहह अहः… आ अ… उफ़… आ माँ… हाँ हाँ हाँ… ऐसे ही; ऐसे ही… ओह माँ!! मर गई रे; आह्हह आहह अहह अहः… आ आ अ अ… ऊंह… ईश इस्स…
जैसे जैसे मैं अपनी जीभ उसकी चूत के दाने से ले कर ओपनिंग तक ले जा कर चाट रहा था, वो अपनी कमर मेरी जीभ के साथ ऊपर नीचे करने लगी थी… …
इसी तरह उसने अपनी कमर करीब करीब 1 फुट ऊपर तक उठा ली थी और अचानक मुझे अपने चूत से और चिपकाने लगी!!! !!
बस यही मौका था; मैंने उसे छोड़ दिया और उससे दूर हो गया!!! !!
वो अचानक हुए इस बदलाव के लिए तैयार नहीं थी; अब वो एक जल बिन मछली की तरह तड़फने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखते हुए बोल पड़ी – क्या हुआ…??
मैं थोड़ा मुस्कराया और कहा – रूचि; मेरी जान सारे मज़े खुद ही लॉगी या हम को भी कुछ दोगी… ??
इस पर उसने अपनी ऊपर उठी स्कर्ट नीचे की और कहा – आप मेरी जान हो… !! आप को खुश करने के लिए मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ!! !!! !!!
मैंने उसे अपने लण्ड को तरफ इशारा किया इस पर रूचि ने मुझे बेड से उठ कर मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे पैरों से ले कर मुझे सिर तक चूम लिया… …
अब तक रूचि की शर्म पूरी तरह ख़तम हो गई थी, वो धीरे धीरे मेरे लण्ड को हाथों में ले के ऊपर नीचे करने लगी… !!!
मैंने उसे अपने लण्ड के तरफ झुकाया तो बिना बोले ही उसने मेरा लण्ड का सुपरा अपने होंठों से चूस लिया !!!!
उसे थोड़ा अजीब लगा पर उसने फिर भी कुछ देर बाद; पूरा का पूरा लण्ड मुँह मे ले लिया… …
अब मैं तो सातवें आसमान पर पहुँच गया… !!!
रूचि एक एक्सपीरियेन्स लड़की की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी थी और खुद ही एक हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी थी!! !!!
करीब करीब 10 मिनट बाद; मुझे लगा अब मुझे भी रूचि को थोड़ा मज़ा देना चाहिए तो मैंने रूचि से अपने होंठों पर बैठने को कहा… …।
उसने झट से मेरे चेहरे के ऊपर आ कर अपनी “कुंवारी चूत” को मेरे होंठों पर रख दिया!!! !!
मैंने भी देर ना करते हुए अपनी जीभ रूचि के चूत में डाल दी, अब उसने ज़ोर से सिसकारी मारते हुए मेरे लण्ड को चूसना शुरू किया…
अब हम दोनों एक दूसरे को खाने की कोशिश कर रहे थे… !!
जब मुझे लगा की मैं रूचि के मुँह में ना झड़ जाऊँ, तो मैंने उसे उतरने को कहा; पर वो तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी… … …
जब टाइम देखा तो रात के 1 बज गये थे, तब मैंने उसे कहा – अब तुम्हें पूरी तरह से “कली से फूल” बनाने का समय आ गया है…!!!
अब रूचि पूरी तरह से मेरे वश में थी… … …
अब देर थी तो उसकी “कुँवारी चूत” चोदने की!!! !!
हमेशा की तरह आपके मेल का बहुत बहुत शुक्रिया, साथ ही “एम एस एस” और कामिनी जी का धन्यवाद…
भूलियेगा मत; यह बताना की मेरी कहानी ने आपके लण्ड में और लड़कियों की चूत में खलबली पैदा की या नहीं…??
जवाब के इंतज़ार में…
आपका दोस्त –
तुषार… …