हिंदी सेक्स स्टोरी

सांवली सी एक लड़की सेक्स की दीवानी-2

Saawli si ek ladki sex ki diwaani-2

वो बोली- आप छत पर मत आना. जो मज़ा बंद कमरे में आता है वो खुले में नहीं आएगा. फिर छत पर तो किसी की नज़र पड़ने का भी डर रहेगा.

उसकी बात पर मैंने पूछा- तो बोलो फिर क्या करना है? जो चाहते हैं वो कैसे होगा?
वो बोली- मेरे रूम का दरवाजा बाहर गली में खुलता है. जब आपको आना हो तो कॉल कर देना. मैं दरवाजा खुला रखूंगी उस वक्त।

सारी बातें फाइनल होने के बाद मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा. फिर रात को लगभग 12 बजे मैं उसके रूम में दाखिल हुआ. जैसे ही मैं अंदर गया उसने कस कर मुझे गले से लगा लिया और बेतहाशा चूमने लगी. मैंने भी उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस चाट रहे थे। मैं कपड़ों के ऊपर से ही एक हाथ उसके उभारों पर ले गया और उन्हें हल्के हल्के दबाने लगा. वो मेरे होंठों को और जोरों से चूसने लगी। वो अब पूरी तरह से मादक वासना में लीन हो गयी थी।

उसकी चूत की प्यास अब उसकी आहों से और उसकी हरकतों से साफ झलक रही थी। उसकी चूचियों को दबाते दबाते मैंने उसका टॉप उतार दिया। उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी। ज्यादा इंतजार न करते हुए मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया।

मेरे सामने अब दो सख्त गोल गोल संतरे लटक रहे थे। मैंने एक चूची को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा।
उसने जोर से सीईई … करके सिसकारी भरी.

मैं अपनी जीभ उसकी चूची पर घुमाने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे संतरे को मसलने लगा।

हम दोनों की सांसें तेज चल रही थीं। वो मेरे चेहरे को उसके मम्मों पर जोर से दबाने लगी। मैं भी एक एक करके उसके दोनों मम्मों को चूसता और दबाता रहा. वो जोर जोर से सी… सीई… सीईई… करके आवाज़ करती रही।

मैंने उसका एक हाथ मेरे हाथ में लिया और मेरे लंड की तरफ इशारा किया। पहले तो वो पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी लेकिन फिर तुरंत बाद जोर से दबा कर वो मेरे लंड की तरफ मुड़ गयी। वो घुटनों के बल नीचे बैठ गयी।

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शायना ने मेरी बेल्ट को खोला और मेरी पैंट उतार कर एक तरफ रख दी। मैं अब उसके सामने अंडरवियर में खड़ा था.

उसने ऐसे ही मेरे लंड को अंडरवियर के साथ मुँह में भर लिया और अपने दांतों से काटने लगी। उसके हाथ मेरी जाँघों पर घूम रहे थे।

मैं भी अपने होश खोने लगा। मैं उसके सिर पर हाथ फेरने लगा।
वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे मर्दों के लिए वो पागल हो और लंड को खाने के लिए मरी जा रही हो.

उसने मेरी अंडरवियर को नीचे किया और मेरा सांप उसके सामने तन कर खड़ा हो गया। मेरी अंडरवियर उसने पूरी उतारी भी नहीं थी कि उसने तुरंत मेरे लंड को मुँह में ले लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगी।

शायना ने पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया जो उसके गले तक गया होगा। वो कभी लंड को पूरा अंदर लेती, कभी चाटती, कभी उसे काट देती तो कभी लंड के सुपारे को मुँह में रख कर स्ट्रॉबेरी की तरह चूसती।

मर्द के साथ चूसा चुसाई के सब खेल में वो माहिर थी और मुझे पूरे मजे दे रही थी। जब वो मेरे लंड को जोर से मुँह में ही अंदर बाहर करने लगी तो मैंने भी मौका देख कर उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया.

मेरा लंड उसके मुँह में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और वो गले से आवाज कर रही थी। उसके मुँह को दो ही मिनट चोदने के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। उसने भी सारा माल निगल लिया और मेरे लंड को फिर से चाटने लगी।

तीन चार मिनट मेरे लंड को चाटते ही मेरा लौड़ा फिर से तन कर खड़ा हो गया। शायना उठी और उसने फिर खुद ही अपनी जीन्स उतार कर फेंक दी।

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मैंने उसे गोदी में उठाया और पलंग पर लेटा दिया। मैंने देर न करते हुए उसकी लाल रंग की सफ़ेद फूलों वाली पैंटी उतार दी और उस पर चढ़ गया। मैंने लंड के सुपारे को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया।

उसके मुँह से फिर से आह… निकली। उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और मेरे लंड के स्वागत के लिये तैयार थी।

मैंने लंड को हल्के से अंदर धकेला तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया। उसने पहले भी सेक्स किया है, ये पता चलने में मुझे देर नहीं लगी।

जहां तक मेरा अंदाजा था उसने अभी तक उसने किसी छोटे लंड से ही काम चलाया था क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत में पूरा नहीं घुस पाया था।
मैं वैसे ही आधे लंड को अंदर बाहर करने लगा और कमरा आह … आह … आह … सी … सीई … की आवाजों से गूंजने लगा।

कुछ देर तक उसको चोदने के बाद मैंने लंड से उसकी चूत पर जोर लगाया और जोर का धक्का मारा। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। उसके नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ गए। वो उम्म्ह … अहह … हय … या … ना ना न करके चिल्लाई।

मगर तब तक मेरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए अंदर चला गया था। इसी झटके के साथ में वो झड़ गयी और मेरे लंड पर उसकी चूत का गर्म पानी लगता हुआ मुझे महसूस हुआ। मैंने उसे कस कर पकड़े रखा और हल्के से लंड को बाहर लेकर एक बार फिर हल्के से अंदर डाला।

उसके मुँह से आह्हह … अह्ह … अह्ह्ह … की आवाज़ निकली।
अब मैंने बिना रुके उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया। उसकी आहें निकलती रहीं और कुछ ही देर में वो चुदाई के मजे लेने लगी। मैं एक हाथ से उसके मम्में दबा रहा था और साथ में ही उसकी चूत की खुदाई कर रहा था।

उस जवान चुदासी लड़की की चूत मेरे लंड को अंदर लेने के लिए उछलने लगी. वो कमर उठा उठाकर चुदते हुए मेरा साथ दे रही थी और मैं हर शॉट में स्पीड बढ़ाता जा रहा था। पूरे कमरे में अब आह्ह… आह्ह… आह… और पच्च… पच्च… की आवाज़ गूंज रही थी।

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कुछ देर उसे इसी स्थिति में चोदने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये।
उसके चेहरे पर चुदाई के बाद जो संतुष्टि, आनंद और मजे की लहर उठी उसको वो छुपा नहीं पा रही थी. मैं भी अपने मुकाम तक पहुंच गया था और मेरे आनंद का भी ठिकाना न था.

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने।
उसने फिर एक बार मुझे गले लगाया और कान में धीरे से कहा- अब खुश?
जवाब में मैंने उसे कस कर बांहों में भींच लिया और उसकी गांड को दबा दबा कर निचोड़ते हुए उसके होंठों को जोर से काट लिया.

उसके बाद हम अक्सर सेक्स करने लगे और मज़े लेते रहे. मैंने शायना से यह भी वादा ले लिया कि इस सेक्स के खेल के कारण उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आनी चाहिए क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उसका फ्यूचर सेक्स की वजह से खराब हो.

चूंकि मैं उसकी जवानी की आग को अपने लंड से चोद कर शांत कर ही रहा था तो उसने भी मेरी बात को अच्छे से निभाना जारी रखा. इस तरह उस जवान लड़की की चुदाई करके मैं मजा लेता रहा.

उसके बाद शायना ने अपनी 52 साल की विधवा आंटी की चूत चुदाई भी मुझसे ही करवाई. आंटी की चुदाई का अनुभव कैसा रहा और आंटी ने किस तरह से मुझसे अपनी चूत चुदवाई, वो हिंदी सेक्सी कहानी मैं आपको आने वाले वक्त में सुनाऊंगा.

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे इसके बारे में अपनी राय जरूर बतायें. आपके रेस्पोन्स के आधार पर ही मैं अपनी अगली कहानी जल्द से जल्द लेकर आऊंगा. तब तक के लिए आप भी अन्तर्वासना पर गर्म-गर्म हिंदी सेक्सी कहानी का मजा लेते रहें, जैसे मैं लेता रहता हूं.