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सफ़र में हसीन लड़की कि चुदाई

Safar me Hasin Ladki Chudai

नमस्ते दोस्तों। मेरा नाम हम्मारज़ है। मेरा उम्र 36 साल का है। मैं अहमदाबाद की एक ऊपरी मध्यम वर्ग परिवार से हूँ।

आज मैं आपको 13 साल पुरानी एक सच्ची कहानी सुना रहा हूँ।

एक बार मैं बेंगलुरु से अहमदाबाद के लिए ट्रेन से लौट रहा था। शाम को 7 बजे की ट्रेन थी। वहाँ बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर लोग बैठे थे। मेरी स्टैंड सीट पर एक 65-70 साल का आदमी और उसकी युवा, खूबसूरत शरीर वाली लड़की (21-22 साल की, फिल्मों में हीरोइन जैसी दिखने वाली) बैठी थी। थोड़ी देर बाद वो दोनों मुझसे बात करने लगे। फिर उस आदमी ने अपनी बेटी को कहा, “काजरी, चाय लेके आ जाओ यहाँ से होटल से।” वह ताना मारते हुए बोला “जी पिताजी कहकर वहाँ से दो कप चाय ले आई।”  उस आदमी ने मेरी तरफ देखकर काजरी को कहा, “इन्को भी एक कप चाय दे दे।” वो मुझे हँसकर एक चाय का गिलास देती है। तब मैंने चुपके से उसका गोरा हाथ पकड़ कर दबा लिया। वह भी 3 सेकंड तक मेरा हाथ ज़ोर से दबाते हुए खड़ी रही।

चाय का गिलास लेकर मैंने उसे चुपके से हवा में भरी नज़रों से इशारा किया तो वह डर गई। फिर वो मेरे और उसके पिता के बीच बैठ गई। उसका शरीर से बहुत ही मीठी, सेक्सी खुशबू आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे की टांगें छुपके से चिपकाते हुए बैठे। उसकी कलाई मेरी कोहनी में चिपक कर और उसके कंधे और छाती (boobs nipple) को मेरे पास लगाकर बैठी। मैंने चुपके से उसका गाल और गर्दन पर चार किस दिए। वह खुश हुई उसने धीरे-धीरे मेरे 8 इंच के बड़े लिंग पर चुपके से अपना हाथ दबाया। मैंने चुपके से उसकी बूब्स निप्पल्स को दबा रहा था। 15 मिनट तक हम दोनों बातें करते रहे। ट्रेन आ गई। हम तीनों एक ही डिब्बे में एक ही सीट पर बैठे। ट्रेन में बहुत भीड़ थी। भीड़ का फायदा उठाकर मैंने सामान रखते समय मेरे लिंग को उसकी चूत की तरफ ज़ोर से घुसा घुसा रहा था। वह खुश होकर और उसे चिपकाती हुई उसकी चूत को मेरे लिंग से ज़ोर से चुदती रही। मैंने चुपके से उसकी बूब्स निप्पल्स को किस किया। उसने भी चुपके से मेरे मुंह को किस किया। रकेश (उसका पिता) के बगल में मैं बैठा और खिड़की के पास काजरी को बैठा दिया। ट्रेन चलने लगी।

उसने अपना एक बैग अपनी जांघ पर रख लिया। मैंने अपना एक बैग अपने जांघ पर रख लिया। और फिर मेरे हाथ को उसके लहंगे में डालकर उसकी गर्म, सेक्सी चूत पर रखकर फेरता रहा। वह भी मेरी पैंट में अपना एक हाथ डालकर खुशी से मेरे पूरे लिंग को पकड़ कर हिला-हिला कर सहला रही थी। इन बैग की वजह से कोई हमारी यह सन प्रेम लीला नहीं देख पा रहा था।

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इस तरह दोनों पति और पत्नी जैसे धीरे-धीरे प्यार भरी चुदाई करते हुए एक दूसरे को किस करते हुए लिंग और चूत को प्यार से सहलाते रहे। दोनों को चिपकाकर साथ बैठे देखकर लोग भी हमें एक दूसरे के वास्तविक पति और पत्नी समझते रहे। 1 घंटे तक ऐसा करने के बाद काजरी बोली, “पिताजी आपकी बी.पी. की जांच करवा दीजिए। आप पानी के साथ पिएं।” उसके बैग से चूत चाय दो गोली निकालकर उसने मुझे प्यार से देखकर दो गोली दीं। फिर वो दोनों उसके पिता (रकेश) को दीं।

रकेश अंकल ने वो गोली बोतल के पानी के साथ निगल ली। काजरी और मैं फिर से पति-पत्नी की तरह धीरे-धीरे बातें करते हुए लिंग और चूत को प्यार से सहलाते हुए मौका देखकर चुपके से किस भी करते रहे। रात के 9.10 बजे एक स्टेशन आ गया, ट्रेन रुकी। बहुत सारे लोग वहाँ उतरे। हमारी अगल-बगल की सीट पर कोई नहीं था। तब काजरी ने अपने पिता को वही जगह पर बैठने को कहा। वो वहाँ बैठ गए और नींद की गोली के असर होने से वहीं गहरी नींद में सो गए। काजरी ने उसके बी.पी. के साथ एक नींद की गोली भी रकेश को खिला दी।

और मैं और काजरी दोनों अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गए। मेरा लिंग उसके गोरे प्यारे मुंह में लेकर पूरी तरह चूसती हुई बोली, “प्रेम पति जी, आज मेरी जिंदगी की पहली बार चुदाई कर ही दी है तुम मेरे साथ। मैं पूरी रात तुम्हारे साथ चुदती रहूंगी। सुनो, कॉन्डम लगाना है आप।” मैंने उसकी गोरी गोरी बड़ी बड़ी सेक्सी हॉट बूब्स निप्पल्स और उसकी गिरी चिकनी हॉट सेक्सी फुली हुई चूत को चाटते रहा। 20 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसे धीरे से घुसाकर सीट पर सुला दिया। वह हवा में भरी नज़रों से देख रही थी। मैं और उसके गोरे गोरे नंगे हॉट सेक्सी खूबसूरत शरीर पर पूरी तरह चढ़ गया और उसकी गोरी गोरी छाती और बूब्स को मुंह में लेकर कर चुसते हुए चुमते हुए मैंने अपना पूरा लिंग उसकी गोरी सेक्सी सेक्सी चूत में ज़ोर से घुसा दिया।

वो तुरंत  ही “ओwww बाबा रे आज सुन, ouchhhhh offff धीरे से पति जी आह्ह्ह” कहती हुई मुझे किस करते हुए रही। मैं उसे हिला हिला कर ज़ोर से उसकी चूत में मेरा पूरा लिंग अंदर तक डालकर चुदाई कर रहा था और वह खुशी से “पति जी ओwww पफ्फ आह्ह्ह उफ़्फ़ffff ओwww ओwww फाड़ दाली मेरी चूत रे, umm ufff ouchhh owwweee” कहती हुई उसके गोरे गोरे सेक्सी हॉट कूल्हे पेट कमर और चूत को हिला हिला कर ज़ोर से ऊपर और नीचे उछल उछल कर प्यारी चुदाई चुदाई करते हुए मुझे किस करते हुए मेरे साथ पूरी ज़ोर से चुदती रही। 1 घंटे इस तरह से चुदाई करके मेरा पूरा चिकना वीर्य उसके चूत में डाल दिया। वह खुश होकर मुझे प्यार से “पति जी thank you, thank you” कहती हुई किस करते हुए चुम रही थी। फिर 20 मिनट तक उसने मेरा पूरा लिंग अपने मुंह में ले कर चूसती रही। मैं उसके कूल्हे और बूब्स को अपने मुंह चूसते हुए साफ़ करता रहा।

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फिर मैंने अपना पूरा लिंग उसकी चूत में घुसाकर उसके ऊपर चढ़ गया। फिर हम दोनों एक-दूसरे के साथ प्यार से चुमते हुए एक-दूसरे को गले लगाए हुए रहे और पूरी चादर खोलकर उसमे सो गए। सुबह 9 बजे काजरी ने मुझे अपने लिंग मेरा लिंग उसके चूत में घुसा कर जागाया और बोला “पति जी चुदाई करो मेरी।” मैंने देखा पूरा डिब्बा खाली है और ट्रेन यार्ड में खड़ी है। वो मुझे किस करते हुए लगी। मैंने छाती और बूब्स को अपने मुंह से चूसते हुए  उसकी चूत मेरा लिंग पूरी तरह घुसाकर ज़ोर से चूत चुदाई की। वह “पति जी ओwww पफ्फ आह्ह्ह उफ़्फ़ffff ओwww ओwww फाड़ दाली मेरी चूत रे, umm ufff ouchhh owwweee” कहती हुई उसके कूल्हे पेट कमर और चूत को हिला हिला कर प्यारी चुदाई चुदाई करते हुए मुझे किस करते हुए रही। 3 घंटे तक चुदाई करने के बाद मेरा पूरा वीर्य उसके चूत में डाल दिया। फिर हम दोनों ने फिर से लिंग और चूत को चूसते रहे। 20 मिनट बाद हम दोनों ने पूरी कपड़े पहन लिए। उसका पिता अभी भी सोए हुए थे। काजरी ने उसे हिला हिला कर जागाया।

फिर वो दोनों स्टेशन पर गए और एक होटल में जाकर नहाकर खाना खाया। बिल पूरा मैंने ही दिया। इन दोनों को जम्मू शहर उनके घर जाना था। काजरी ने मुझे अपना एड्रेस दिया। मैंने उसे मेरा एड्रेस दिया। फिर वो दोनों ने मुझे बाय बाय कहकर 12.30 की ट्रेन से चले गए। जाने वक्त में काजरी रो रही थी।

2 महीने के बाद काजरी का पत्र आया कि “पति जी बधाई हो। मेरा पेट में तुम्हारा एक बच्चा पाल रहा है। उसने मुझे गर्भवत कर दिया था। मैं बहुत खुश हूँ। 9 महीने के बाद उसके पत्र आया। “पति जी, मैंने आपका बच्चा जन्म दिया है। वह मेरी और आपकी बेटी पैदा हुई है। आगे भी लिखा था। “पिताजी और लोग मुझे सवाल करते हैं कि इस बच्चे का बाबा कौन है। तो मैंने कहा कि मेरे एक boy friend था। वो मुझे गर्भवत कर के विदेश चला गया है। आयेगा तब शादी कर लूँगी।” उसके बाद वो कभी नहीं मिली और उसका कोई पत्र भी नहीं आया।

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2 साल बाद मैं जम्मू गया और वहाँ पर गया तो उसको

उसके पिता ने मुझे कहा कि वह थोड़ा दूर 2 किलोमीटर की दूरी पर उसके साथ रहती है। 1 साल पहले महेश के साथ शादी करवा दी। मैं गया तो वहाँ पर एक अकेली ही थी। महेश काम पर गया था। वो मेरी बेटी निशा को दूध पिला रही थी। मुझे देखकर “पति जी आओ जी” कहकर खुशी से मेरे आल में ले ली। हम दोनों फिर से पूरी नंगे होकर 1 घंटे तक चुदाई करते रहे। फिर मैं लड़की के लिए 7000 रुपये देकर शानदार कपड़े और खिलने की चीजें खरीद कर शाम की ट्रेन में बैठकर अहमदाबाद वापस आ गया।

2 महीने बाद काजरी का पत्र आया “पति जी, आपका बच्चा पल रहा जी। उस दिन आपने मेरे साथ घर पर प्यार से चुदाई कर के फिर से एक बार गर्भवती कर दिया है।” मैंने उसे और 5000 रुपये भेजे। चार महीने बाद उसका खत आया। “पति जी प्यारे, महेश को मैंने यह झूठ बोला कि आप मेरे दूर के रिश्ते के भाई हैं। वो यह सुनकर बहुत खुश है। मैं भी इस लिए बहुत खुश हूँ कि मैं दूसरी बार आपके बच्चे को जन्म दूंगी।” नौ महीने बाद उसका एक और प्यारा खत आया। “पति जी, बधाई हो, आप और मेरे प्यार चुदाई की निशानी का एक और बेटा मेरे पेट से पैदा हुआ है जी।” और वो अपने सन्सार में महेश के साथ और मेरे दो बच्चों पालती हुई बहुत खुश है।

धन्यवाद..