सगी बहनों ने बनाया बहन-चोद 3
Sagi behano ne banaya behan chod-3
हाय दोस्तो, “एम एस एस” पढ़ने वाले सभी साथियों को मेरा सादर प्रणाम!!
अब तक आपने पढ़ा –
मैं पहली बार चूत देख रहा था!!! !!! !!!
इसके पहले मैंने छोटी-छोटी लडकीयों की चूत जरूर देखी थी, पर जवान लडकी की चूत देखने का मौका कभी नहीं मिला था।
मौका मिलेगा भी तो अपनी सग़ी बहन की चूत देखने का इसका मुझे ज़रा भी एहसास नहीं था!!
मुझे यकिन ही नहीं हो रहा था की मुझे कभी स्वाती दीदी की “नंगी चूत” देखने को मिलेगी।
अब आगे –
खैर, स्वाती दीदी की चूत काफी गीली हो गई थी। मुझे सब कुछ अजीब लग रहा था और भरपूर मजा भी आ रहा था… …
दीदी ने अब अपनी टांगे ऊपर कर ली और अपनी चूत की तरफ़ ईशारा करके बोलीं – इसे “जन्नत” कहते हैं!! !!!
मैं चुपचाप दीदी के चेहरे को देखते हुए उनके मम्मे मसलता रहा। फ़िर वो धीरे से बोलीं – तुमने कभी किसी की चुदाई देखी है… ??
मैंने कहा – नहीं!!
अब दीदी ने मुझे मेरा लण्ड अपनी चूत के होल पर रख कर धीरे से रगड़ने को कहा।
मैं दीदी की दोनों टांगों के बीच बैठ गया और मेरा लण्ड दीदी के चूत पर लगा कर अंदर धक्का दिया…
एक ही पल में मेरा पूरा का पूरा लण्ड दीदी के चूत में था!!
फ़िर दीदी ने मुझे अपना लण्ड बाहर निकालने को कहा। मैं लण्ड को एक बार अंदर डाल देता; फिर दूसरे ही पल बाहर खींच लेता!! !!!
मुझे कितना मजा आ रहा था, ये मैं नहीं बता सकता… अब दीदी ने मुझे अपना लण्ड जोर-जोर से अंदर बाहर करने को कहा और दीदी अपनी गाण्ड हिला हिला कर मजा लेने लगीं।
फिर जब मैंने धक्के मारने की स्पीड और बढ़ा दी तो मुझे और भी मजा आने लगा। सचमुच ऐसा लग रहा था कि मैं “जन्नत की सैर” कर रहा था!! और इधर दीदी आँखें बंद करके मुँह से अजीब-अजीब आवाज़ें निकाल रही थीं – उम्म… ऊंह… ईश इस्स… आहह अहह अहः… आ अ… उफ़… आ माँ…
चुदाई का दीदी को काफ़ी अनुभव था; ऐसा लगता था… वो मुझसे बडे ढंग से चुदवा रही थीं और मुझे हर स्टेप समझा रही थीं…
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने धीरे से पूछा – दीदी, आज तक तुमने किसी से चुदवाया है, क्या?
तो वो बोलीं – हाँ!! कई बार चुदवाया है; लेकिन बाहर जा कर चुदवाने में काफ़ी परेशानी होती है, किसी के देखने का डर लगा रहता है!! भैय्या का दोस्त, सचिन है ना उन्होंने मुझे दो-तीन बार चोदा है!! !!!
फिर दीदी बोलीं – लेकिन, अब मैं बाहर किसी से भी नहीं चुदवाउंगी!!! अब तेरा लण्ड जो है मेरे लिये… हर रोज चोदेगा ना मुझे…??
मैंने तुरंत ही हाँ कर दिया…
फ़िर दीदी बोलीं – तुझे एक बात बतानी है।
मैंने कहा – बता दो ना, दीदी।
दीदी बोलीं – आज दोपहर में नेहा राजू से चुदवा कर आई है!! राजू ने उसे जम कर चोदा है!!! लेकिन ना जाने, भैया को इस बात का कैसे पता चल गया कि वो चुदवा कर आई है और बेचारी नेहा की कितनी धुलाई भी हो गई… …
तब मुझे मालुम हुआ की दोपहर का मामला असल में क्या था… …
मैंने देखा तो नेहा दीदी बडे आराम से सो गई थीं।
मैं दीदी की चूचियों से खेलने लगा और उन्हें दबाने लगा, चूसने लगा, मरोडने लगा!!
काफ़ी बड़ी और सख्त चूचियाँ थी उनकी!! !!!
दीदी; मस्त होकर चुदवाने लगीं!!! मैं अब समझ रहा था कि दीदी को बहुत मज़ा आ रहा है… …
करीब 20-25 मिनट तक मैं दीदी की चूत और मम्मों का मजा लेता रहा। थोडी देर बाद अचानक दीदी ज़ोर से आँख बंद करके कराही और उनकी चूत से कुछ सफ़ेद सा चिपचिपा पदार्थ निकलने लगा!!!
मैंने देखा अब दीदी पहले से काफी शांत हो गई थीं, लेकिन मेरा लण्ड अभी भी एकदम से तन तना कर खडा था!!
दीदी ने अपनी टांगों को मेरे ऊपर से लपेट कर अपने हाथों से मेरी पीठ को लपेट लिया।
अब हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल गुथे हुए थे… …
दीदी मेरे लण्ड को अपनी चूत के अंदर लेके अपनी टांगों के बीच में दबाने लगीं।
कुछ ही पलों मे मेरे लण्ड से भी सफ़ेद सा पानी निकलने लगा!!! !!
मैं थोडा घबरा गया था, लेकिन दीदी ने बताया कि वो मेरा विर्य था और हर चुदाई के बाद ऐसा ही होता है… !!!
मैं स्वाती दीदी की चुदाई करते करते थक गया था: लेकिन मैं आज खुब खुश था।
मैं नंगा ही स्वाती दीदी के बदन पर पड़ा रहा।
थोडी देर के बाद वो बोलीं – तुम ठीक तो हो न…??
मैंने कहा – हाँ!!
आज मेरी बहन ने मुझे चोदना सिखाया था; “जिंदगी का सबसे बडा खेल”!! !!!
अब मैं वह था; जिसे दुनिया “बहन-चोद” कहती है।
उस रात हमने दो बार चुदाई की और रात भर नंगे ही एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे!! !!!
उस दिन के बाद, हम ये खेल अब हर रोज खेलने लगे।
कुछ ही दिनों में मैंने नेहा दीदी को भी चोदा… … और पिछले 15 साल से आज तक मैं दोनों को चोद रहा हूँ और कई बार तो मैंने अपनी दोनों दीदी को एक ही बिस्तर पर चोदा है!!! !!
दोस्तो, ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है।
आपको कैसी लगी…?? मुझे मेल करना ना भूलें…
मेरा इमेल आई डी है – [email protected]
मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा।
जल्द ही मैं अपनी दूसरी कहानी लेके हाजीर हो रहा हूँ; मैंने कैसे नेहा दीदी को चोदा!!! !!
तब तक सलाम, नमस्ते।
धन्यवाद मस्त कामिनी जी और सभी पाठकों… … …