सगी भाभी की गोद मेने भरी-2
(Sagi bhabhi ki god maine bhari-2)
कुछ देर बाद मैंने फिर से ऊँगली निकाल ली और सीमा भाभी के मुंह में डाल दी। वो किसी चुदासी औरत की तरफ अब अपना ही माल चाट रही थी। मुझे ये देखकर बहुत खुशी हो रही थी। दोस्तों फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मेरा लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था। मैंने भाभी के पास लेट गया और फिर से उनकी चूत में ऊँगली करने लगा। इसी बीच भाभी पागल हो गयी थी। उन्होंने खुद ही अपने ब्लाउस की बटन खोलनी शुरू कर दी।
“देवर जी!! मेरे मम्मे चूसो!! प्लीस जल्दी चूसो!!” भाभी बोली और उन्होंने अपना ब्लाउस निकाल दिया। फिर ब्रा भी खोल दी। 34 के शानदार मम्मो को देखकर मेरा तो दिमाग की खराब हो गया था। मैंने उनके दोनों मम्मे मुंह में भर लिए और जल्दी जल्दी दबाने लगा। सीमा भाभी की भरी हुई छातियों को बहुत ही खूबसूरत थी। कितनी बड़ी बड़ी और गोल गोल। मैं दोनों हाथ से उनके बूब्स को दबा रहा था। उधर भाभी को भी बहुत मजा मिल रहा था। रबर जैसी मुलायम छातियाँ जैसे ही मैंने दबाकर छोड़ता था वैसे ही वो दुबारा अपने शेप में वापिस आ जाती थी। मुझे तो जन्नत जैसा अहसास हो रहा था। अनार जैसी मुसम्मी के चारो ओर बड़े बड़े काले घेरे थे। लग रहा था की उपर वाले ने खुद ही अपनी मोहर लगाकर साबित कर दिया था की भाभी अब जवान हो गयी है और चुदने को तैयार हो गयी है। मैंने उनकी बायीं चूची को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। मुझे तो जिन्दगी का मजा ही आ गया था। जिस भाभी को देखकर मैं रोज मुठ मारा करता था आज वो मुझे चोदने को मिल गयी थी।
मैं मस्ती में झूम रहा था और भाभी के दूध चूस रहा था। वो भी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकाल रही थी। उनका बायाँ दूध मैं पी चुका था, फिर मैंने दांया दूध पीने लगा। मैं जोर जोर से चूस रहा था जिससे भाभी को पूरा आनंद आये। भाभी को बड़ी बेचैनी हो रही थी। वो बार बार कुलांचे भर रही थी। बार बार अपना सीना उपर उठा देती थी। मैंने तो खूब मजे से उनके दूध को चूसा। फिर हाथ से मैं उनकी निपल्स को ऐठने लगा। भाभी की चूत गीली हो गयी थी। फिर मैंने उनका पेटीकोट खोल दिया और पैंटी भी निकाल दी। मैंने अपना लौड़ा कुछ देर तक हाथ में लेकर फेटा। अब वो और कड़ा हो गया था। फिर मैंने लौड़ा भाभी के हाथ में दे दिया।
“भाभी जान इसे अच्छे से चूसो!!” मैंने कहा
उसके बाद सीमा भाभी जल्दी जल्दी मेरा लंड फेटने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। एक अलग तरह का नशा मुझे मिल रहा था। भाभी जल्दी जल्दी मेरा लंड फेट रही थी। फिर वो मेरी कमर पर झुक गयी और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। सीमा भाभी तो बहुत जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी थी। मुझे बहुत सनसनी हो रही थी। कुछ देर बाद तो सीमा भाभी किसी चुदक्कड़ लडकी की तरह मेरा लंड चूसने लगी। उनको भरपूर मजा आ रहा था। मैं उसकी नंगी और चिकनी पीठ पर हाथ से सहलाने लगा।
मैं भाभी के पेट पर अब बैठ गया था। मैंने अपना लौड़ा उनके क्लीवेज में रख दिया और दोनों 34 के मम्मो को मैंने कसकर पकड़ लिया और बीच की तरफ दोनों मम्मो को मैंने दबा लिया। फिर मैंने कमर चला चलाकर भाभी के दूध को चोदने लगा। अब तक सिर्फ भैया ही उनके बूब्स को अपने लंड से चोदते थे। पर आज मैंने भी ऐसा कर रहा था। मैंने उनके दूध को बड़ा कसकर दबा रखा था जिससे मेरे लौड़े पर जादा से जादा प्रेशर बने, रगड़ लगे और चुदाई में मजा आये। मुझे अपनी भाभी के मुलायम स्तनों को चोदकर बड़ा मजा आया। मैंने 10 मिनट तक भाभी के मम्मो को अपने लौड़े से चोदा। वो इकदम मस्त हो गयी थी।
उसके बाद मैंने उनकी दोनों टागों को खोल दिया और उनकी बुर चाटने लगा। दोस्तों भाभी की बुर बड़ी गुलाबी गुलाबी थी। मेरे भैया ने उनको बहुत जादा चोद दिया था जिससे उसकी चुद्दी पूरी तरह से फट गयी थी। इसके बावजूद भी उनको अभी तक बच्चा नही हुआ था। मैं भाभी की चूत को मजे लेकर पी रहा था और जैसे पूरा खा जाना चाहता था। वो भी पूरी तरह से चुदासी हो चुकी थी। धीरे धीरे मेरे होठो से उसके भोसड़े में कम्पन होने लगा और भाभी किसी सूखे पत्ते की तरह कांपने और फड़ फड़ाने। उनकी चूत पूरी तरफ से साफ और चिकनी थी। बड़ी गोरी चुद्दी लग रही थी। एक भी झांट का बाल चूत पर नहीं था। सायद आज सुबह ही भाभी ने अपनी चूत को शेव किया था। इसलिए वो बहुत सेक्सी और कामुक लग रही थी। मेरी जीभ उनकी चुद्दी को जल्दी जल्दी चाट रही थी। वो चरम सुख का अहसास कर रही थी। उनकी जांघे खुल और बंद हो रही थी। वो जन्नत में उड़ रही थी। भाभी के मुंह से बस “आई…..आई….आई…अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाजे ही निकल रही थी। उनको मजा आ रहा था। हर औरत को अपनी चूत पिलाने में बहुत सुख मिलता है, ये बात मैं जानता था। इसलिए आज मैं भाभी को भरपूर मजा देना चाहता था। उसकी चूत धीरे धीरे अपने ही पानी से रसीली होने लगी और भाभी अपनी गांड उठाने लगी। अब वो पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और चुदने को तैयार हो चुकी थी।
मैंने भाभी की चूत में लंड लगाकर अंदर डाल दिया। फिर मैं उनकी चूत मारने लगा। चुदते वक़्त भाभी के दूध बिलकुल तन गये और नारियल जैसे नुकीले नुकीले हो गये। मैं उनको घप घप पेलने लगा। भाभी की एक एक पसली मुझे साफ साफ दिख रही थी। मैं उनको दोनों भरी भरी सफ़ेद चिकनी जांघ को पकड़ कर उन्हें चोद रहा था। भाभी की पसलियाँ और कमर उपर नीचे जा रही थी। उसकी कमर की एक एक हड्डी मुझे दिख रही थी। वो बहुत सेक्सी माल थी। मुझे डर लगा रहा था की कही मेरा 7 इंच का लंड उसकी कमर के अंदर ना घुस जाए। जैसे जैसे मैं उनको चोद रहा था, उनकी पतली सधी हुई कमर नाचने लगी। मैं उनको घप घप पेलता था। फिर मैंने सर को नीचे किया और सीधा भाभी की बुर में थूक दिया। इससे उसकी चूत और चिकनी हो गयी और मेरा लौड़ा सट सट उसकी बुर में फिसलने लगा। मैं जोर जोर से चूत में तेज धक्के मार रहा था। भाभी के 38 साइज़ के चुतड मेरे धक्के से थर थरा रहे थे। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया। इस तरह उन्होंने २ हफ्ते तक मेरे पास आकर अपनी चूत चुदवाई। 9 महीने बाद सीमा भाभी को एक बड़ा प्यारा सा बेटा हुआ। घर में अब सब बहुत खुश थे।
देवर जी!! थैंक यू सो मच!! सीमा भाभी मुझसे बोली। अब मैं भी बहुत खुश हो गया था। ये कहानी आप hotsexstory.xyz पर पढ़ रहे है
रिव्यु दे [email protected]