हिंदी सेक्स स्टोरी

सहेली की शादी में अंकल सेक्स का मजा-1

Saheli ki shadi me uncle sex ka maza-1

मैं 30 साल की तलाकशुदा सेक्सी लड़की हूँ. मेरी सहेली ने अपनी शादी में मुझे पहले ही बुला लिया. जब मैं उसके पापा से मिली तो अंकल सेक्स भरी नजर से मुझे देख रहे थे.

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हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम माधुरी है. मेरी उम्र 30 साल की हूँ और मेरा फिगर 36-28-38 का है. मैं लखनऊ की रहने वाली हूँ. मैं थोड़ी काली हूँ, लेकिन मेरे मम्मे मोटे और कसे हुए हैं. मेरी गांड भी भरी हुई और मोटी है, काफी ज्यादा बाहर को उठी हुए है.

मैं हर तरह के वे कपड़े पहनती हूँ, जिसमें मेरा पूरा शरीर साफ़ दिखे. इस तरह के चुस्त कपड़ों को पहनने की वजह से मैं और भी सेक्सी दिखती हूँ. मुझे देखने वाले लोग मुझे ज़्यादातर घूर कर देखते हैं.

यह बात तब की है, जब 2 साल ही पहले मेरे पति से मेरा तलाक़ हो गया था. अभी तक मेरी कोई भी संतान नहीं थी क्योंकि शादी के बाद से ही हम दोनों की कभी भी बनी ही नहीं, इसलिए मुझे अपने पति के साथ साथ ज्यादा सेक्स करने को मिला ही नहीं. जितनी बार भी मेरी चुदाई हुई, उतनी बार मैंने जल्दी बच्चा न करने के नजरिये से सुरक्षा चक्र का इस्तेमाल किया.

पति से अलग होने के बाद भी मुझे रहने खाने की कोई दिक्कत नहीं थी. अब मैं अपना अलग घर लेकर अकेली रहती थी. अपनी मर्जी से किसी का भी लंड पसंद आने पर चुद लेती थी. इस दौरान मुझे गांड मराने का भी मजा आने लगा था.

एक दिन मेरी कॉलेज की एक बेस्ट फ्रेंड सपना का कॉल आया. बहुत दिनों के बाद आज उसकी कॉल आई थी.
उसने मुझसे बात की और बताया कि इसी माह उसकी शादी है.
मैंने उसे बधाई दी.

उसने मुझसे कहा- बधाई तो ठीक है, मगर तुमको मेरे घर शादी के लिए थोड़ा जल्दी आना है.
चूंकि मैं उसकी सबसे अच्छ सहेली हूँ, इसलिए वो मुझे पहले अपने घर बुला रही थी. इसलिए मैंने हां कह दिया.

वो मुझे रोज कॉल करने लगी कि तेरा कब आने का बना है? जल्दी आ जाओ. मैं हर बार कह देती कि हां मैं एक हफ्ते पहले तेरे पास आ जाऊंगी.

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एक दिन फिर से उसका कॉल आया कि अब बस एक हफ़्ता ही बचा है, तू आने की कह रही थी कि एक हफ्ते पहले आ जाएगी, तो अब आ जा, अब एक हफ्ता ही तो बचा है.
मैंने उससे बोला- ठीक है … मैं शाम तक निकलती हूँ.

इसके बाद मैंने अपना सारा सामान पैक किया और शाम को मैं अपने घर से निकल गई. बस स्टैंड से बस पकड़ी और अगले दिन सुबह उसके घर पहुंच गयी. बस अड्डे पर वो खुद मुझे लेने आई थी.

जब मैं उसके घर पहुंची तो उसने मुझे सबसे मिलवाया. फिर मेरा सारा सामान एक कमरे में पहुंचा कर बोली- ये तुम्हारा रूम है. अब तुम अपना सामान लगा लो, मैं कुछ काम करके बाद में आती हूँ.

मैं अपने रूम में चली गयी और सामान आदि बिना खोले, कुछ देर के लिए सो गयी. रात भर का बस से सफर किया था तो मुझे थकान थी.

जब मैं उठी, तो शाम हो गयी थी. मैंने नहा कर एक सादा सा सलवार सूट पहन लिया. मेरी सलवार तो नॉर्मल थी लेकिन ऊपर का कुर्ता एकदम फिटिंग का था. मुझे वैसे भी फिटिंग का कपड़ा पहनना ही पसंद है. मेरा ये कुर्ता छोटा था लेकिन उसमें गला काफी खुला हुआ था, जिस वजह से सामने से मेरे मम्मों की क्लीवेज काफी खुली दिख रही थी.

एक तो कुरते का गला वैसे ही ज्यादा गहरा खुला था और मेरे मम्मों की साइज़ भी कुछ ज़रूरत से ज़्यादा बड़ी थी. इसलिए मेरे पूरी फिल्म सभी को साफ़ नजर आ रही थी.

फिर मैं तैयार होकर जैसे ही नीचे पहुंची, तो सपना ने मुझे अपने पास बुला लिया.

वो मुझे अपनी शादी के कपड़े दिखाने लगी. सामने सपना के पापा बैठे थे, मुझे नहीं मालूम था कि वो सपना के पापा हैं. उनका मुझे देखने का नज़रिया कुछ गड़बड़ था. अंकल सेक्स भरी निगाहों से बस मेरे मम्मों को ही ताड़ रहे थे.

जब कुछ बाद वो वहां से चले गए, तो मैंने उनके बारे में सपना से पूछा.
तो उसने बताया कि वो मेरे पापा हैं और उनका नाम संजय है. पापा आर्मी में कर्नल थे … मगर अब रिटायर हो चुके हैं … अब घर पर ही रहते हैं.

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इसी तरह से सब चलता रहा. सारा दिन सपना के पापा मुझे घूरते हुए मेरी जवानी का मजा लेते रहे.

शाम को खाना आदि हुआ और रात को सब सोने के लिए अपने अपने कमरों में चले गए.

मैंने एक नाइटी पहन ली और बिस्तर पर लेट गई. मुझे उस रात देर तक नींद नहीं आई क्योंकि मैं शाम को ही तो सो कर उठी थी.

इसलिए मैं मोबाइल खोल कर अन्तर्वासना की साईट खोल कर सेक्स कहानी का मजा लेने लगी. मुझे चुदास चढ़ने लगी, तो मैंने अपनी नाइटी में हाथ डाल कर अपने चूचों और चुत के साथ खेला और पानी निकाल कर सो गई.

अगले दिन भी सब नॉर्मल रहा और शाम को खाने के बाद मैं अपने रूम में चली आई. आज मैंने एक दूसरी नाइटी पहन ली. ये रेड कलर की फ्रॉकनुमा नाइटी थी, जो बस मेरी जांघों तक आती थी. ये स्लीवलैस थी और डीप गले की थी.

उसी समय सपना का कॉल आया और उसने मुझे नीचे बुलाया. चूंकि रात गहरा गई थी, तो मैंने सोचा कि सब सो गए होंगे. इसलिए मैं इसी बेबीडॉल में नीचे चली गयी.

मैंने वहां देखा सभी लेडीज बैठी थीं. हालांकि सब स्लीपिंग ड्रेस में ही थीं. मेरी फ्रेंड खुद नाइटी में थी. अभी तक वहां कोई आदमी नहीं था … इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.

सभी लेडीज मेरी बेबीडॉल देख कर मुझे ही देखने लगी थीं. वे सब ड्रिंक कर रही थीं.
सपना ने मेरे लिए पैग बनाया और बोली- लो पी लो.

वहां पर उसकी मम्मी और बुआ और सब रिश्ते की महिलाएं ही थीं, वो सब भी साथ बैठ कर पी रही थीं. उनके घर में सब काफी खुले थे, सब साथ में ही पीते थे.

इतना ही नहीं मेरी सहेली के सभी ब्वॉयफ्रेंड्स के बारे में भी उसकी मम्मी को सब पता था. मैंने भी उनके सबके साथ बैठ कर ड्रिंक लेनी शुरू कर दी. मैंने दो पैग पिए और हम लोग बैठ कर बात करने लगे.

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कुछ देर बाद उसके पापा भी वहीं आ गए. वो मुझे बहुत ध्यान से देखने लगे. मुझे अब पैग की मस्ती चढ़ने लगी थी, तो मैं कुछ ज्यादा ही बिंदास हो गई थी.

संजय अंकल सपना से बोले- पता करो, बुआ कहां तक पहुंची.

मालूम हुआ कि बुआ जम्मू से ट्रेन से आ रही थीं.
सपना ने कहा- ठीक है पापा, मैं देखती हूँ.

एक मिनट बाद उसने बताया कि ट्रेन आने वाली है.
तो उसके पापा बोले- ठीक है, मैं उनको लेने जा रहा हूँ.
फिर अंकल मुझसे बोले- चलो माधुरी, तुमको अपना शहर दिखा दूं. तुम्हारे चलने से वापसी में बुआ को भी तुम्हारा साथ मिल जाएगा.

मैं कुछ सोचने लगी, तभी सपना की मम्मी बोलीं- हां जाओ बेटा चली जाओ … घूम लो.
मैंने बोला- ठीक है … चलती हूँ.

वो वहां से बाहर चल गए, तो मैंने सपना से बोला- मैं कपड़े चेंज कर लूं.
उसने बोला- अरे कपड़े चेंज करके क्या करोगी … रात तो है. तुम बस कार में बैठी रहना.

मैं तैयार हो गयी और अपनी इसी सेक्सी सी बेबीडॉल में बाहर आ गयी. इतनी देर में अंकल भी गाड़ी ले कर आ गए और मैं उनके बगल वाली सीट पर बैठ गयी. कार सड़क पर दौड़ने लगी. मैंने दारू के नशे में कार के शीशे खोल लिए थे. मस्त हवा चल रही थी, जिससे मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी.

कुछ देर बाद स्टेशन आ गया और अंकल उतर कर पता करने चले गए.

फिर वो कुछ देर बाद आए और बोले- ट्रेन एक घंटा लेट हो गई है, पता नहीं सपना ने कैसे देख कर ट्रेन आने की कह दी थी. बताओ क्या करें … घर आने जाने में एक घंटा लग जाएगा.
मैंने कहा- अंकल, यहीं रुक कर इंतज़ार कर लेते हैं.