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समधी समधन की चुदाई-2

Samdhi Samdhan ki chudai-2

जब उसकी ब्रा खोलने लगा तो वो बोली- इसे रहने दो।

मुझे मालूम था कि साली नखरे चोद रही है, चुदाना है, फिर भी नाटक कर रही है। यह तो हर लड़की का जन्मसिद्ध अधिकार है सती सावित्री बनने का।

मैं कहाँ रुकने वाला था, उसकी ब्रा खोल कर देखा तो अन्दर से दो कबतूर आज़ादी के लिए फड़फड़ा रहे थे। अंजू की चूचियाँ कई साल से किसी मर्द के हाथ ना लगने से एकदम कड़क थी।

“क्या चूचियाँ है अंजू तेरी ! एकदम दूध से भरी हुई ! और कितने बड़े गुलाबी निप्पल ! मज़ा आ गया। आज तो तेरा सारा दूध पीकर तेरी चूचियों का भारीपन हल्का करना पड़ेगा।”थोड़ी देर दूध पीने के बाद उसकी चड्डी में हाथ डाला और सटाक से उसकी चड्डी उसके पैरों के नीचे सरका दी और जैसे ही झुक कर उसकी चड्डी पैरों से निकालने लगा, मेरा मुँह अंजू क़ी नाभि पर लगा और मैं उसकी नाभि को चाटते हुए नीचे अंजू क़ी चूत तक चाटता रहा। मैंने अपनी जीभ अंजू क़ी चूत पर रख दी।

वाह ! क्या महक थी ! सुहानी सुगंध थी अंजू की चूत की ! एक तो दारू का नशा, ऊपर से अंजू की चूत की खुशबू किसी को भी पागल कर दे। मैंने अंजू की चूत में अपनी जीभ घुसेड़ दी और वो सिसकारी भरने लगी- उई माँ ! उई ! और चाटो कई साल हो गए ! आज चूत को निहाल कर दो। मेरे पति तो कभी नहीं चाटते थे चूत को ! आज पहली बार यह चूत चटी है, तूने तो मुझे दीवाना बना दिया। आज तक तो महज ब्लू फिल्म में देखा था लेकिन मेरी आज पहली बार चटी है, तू तो आज चाट कर चला जायेगा, फिर कौन चाटेगा इस भूखी चूत को !

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मैं बोला- भोंसड़ी की ! अभी तो मैं यहाँ 15 दिन हूँ, रोज़ तुझे जम कर चोदूँगा।

मैं अंजू क़ी चूत चाटता रहा और अंजू सिसकारी भरती रही- उई आह उई आह।

दस मिनट बाद अंजू बोली- मेरा पानी निकल रहा है !

मैं बोला- तो छोड़ो ना पानी ! मेरे मुँह में ही छोड़ दो !

अंजू बोली- 15 दिन के बाद क्या होगा? कौन मेरी प्यास बुझाएगा? तुमने तो मेरी सोई हुई चूत को फिर लंड का चस्का लगा दिया।

मैं बोला- उसके बाद जब भी मौका मिलेगा, तेरी चूत की सेवा के लिए मेरा लौड़ा हमेशा तैयार मिलेगा मेरी अंजू रानी ! अब तो तू मेरी बीबी है वो भी क़ानूनी। और मादर चोद ! अब मेरे कपड़े क्या तेरी बहन आकर निकलेगी? या तू ही निकालेगी?

अंजू हंसने लगी- हे हे हे !

और उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किये। मेरा लौड़ा चड्डी फाड़ कर आजाद होने के लिए बेताब था।

अंजू तो चड्डी के बाहर से देख कर ही बोली- हाय राम ! तेरा तो बहुत बड़ा लग रहा है/

मैं बोला- क्या बड़ा लग रहा है? नाम लेने से तेरी क्या गांड फट जाएगी/

अंजू बोली- तेरा लंड बड़ा भारी दिख रहा है !

“अरी, अभी तूने देखा ही कहाँ है इसको ! चड्डी से बाहर निकाल कर देख ! तबीयत खुश ना हो जाए तो बोलना ! तेल पिला पिला कर मालिश करके बड़ी मेहनत की है इस लौड़े पर ! जब तेरी चूत की सील टूटी थी, उससे भी ज्यादा मज़ा ना आये तो बोलना।”

“अंजू, जरा लौड़ा मुँह में लेकर चूस ! फिर देख इसका रंग ! और भी बड़ा हो जायेगा।”

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अंजू ने मेरा लौड़ा चूसना चालू किया और मैं अंजू क़ी चूचियाँ दबाने लगा।

15 मिनट तक अंजू मेरा लौड़ा चूसती रही और मैंने लौड़े का वीर्य रस अंजू के मुँह में ही छोड़ दिया, मैं बोला- अंजू, सारा रस पी जाओ ! बड़ा स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए बड़ा फायदेमंद होता है, पूरा रस पी जाओ।

नहाने में एक ट्रिप मारने के बाद हम दोनों नंगे ही सोफे पर आये और अंजू खाना लेकर आई और एक एक पेग व्हिस्की का बनाया।

मैंने अंजू को अपनी गोदी में बिठाया और मैं उसको और वो मुझे, एक दूसरे को व्हिस्की पिलाने लगे।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी बीवी मुझे वापस मिल गई।

व्हिस्की पीते पीते हम एक दूसरे को प्यार भी कर रहे थे। मुझे अंजू मेरी बीबी ही लग रही थी और उतना ही उस पर प्यार आ रहा था।

खाना ख़त्म करके फिर चुदाई के लिए अंजू बोली- चलो बेडरूम में चलें।

मैं बोला- यहीं करते हैं ना ! तुम मेरी गोदी में हो थोड़ा सा मुड़ कर मेरे लंड पर आकर बैठ जाओ और अपनी चूत में मेरा लौड़ा घुसेड़ो।

अंजू थोड़ा मुड़ कर मेरे लौड़े पर आकर बैठ गई, मैंने अंजू को चूतड़ों से पकड़ कर थोड़ा ऊँचा करके लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया।

एक झटके में मेरे लौड़े का सुपारा अंजू की चूत में जैसे ही गया, वो चिल्ला पड़ी- मेरी चूत में कई दिन बाद लौड़ा गया है, वो भी इतना मोटा ! दर्द हो रहा है लेकिन आप और डालो, मज़ा भी आ रहा है। आज फाड़ डालो मेरी चूत को ! कई दिन बाद चूत को लंड मिला है, तर कर दो अपने लौड़े से।

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“आह ! मर गई रे ! डालो और डालो ! अपना लौड़ा पूरा घुसेड़ दो मेरी चूत में !”

धीरे धीरे मैंने अपना पूरा लौड़ा अंजू की चूत में घुसेड़ दिया। अंजू अपने चूतड़ हिला हिला कर धक्के देने लगी। मैं उसकी चूचियाँ पकड़ कर दबा रहा था और उसको धक्के मारने में मदद कर रहा था।

अंजू पाँच मिनट में ही बोली- मैं थक गई हूँ ! अब तुम मेरे ऊपर आकर धक्के मारो।

मैंने अंजू को सोफे पर लिटाया और अंजू की चूत चोदने लगा।

15 मिनट चोदने के बाद मेरे लंड का रस निकलने वाला ही था, मैंने अंजू की चूत से लंड निकाला और अंजू की चूचियों पर रखा और अंजू को बोला- अंजू, बस मेरा निकलने वाला है, तू हाथ से जरा झटके मार, तेरी चूची पर रस निकालूँगा।

अंजू मेरा लौड़ा पकड़ कर मुठ मारने लगी और एक मिनट में ही मेरा रस निकलने लगा, मैंने सारा वीर्य रस अंजू की चूचियों पर छोड़ दिया।

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