हिंदी सेक्स स्टोरी

सर्दी में गर्म झील का पानी-2

Sardi me garm jheel ka paani-2

अब हम दोनों में आग लग चुकी थी. फिर मैंने अपने चेहरे को ऊपर किया और उसके गुलाबी रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दिया. करीब 5 मिनट तक बिना रुके हमने स्मूच किया और फिर वो हल्का सा पीछे हटी और मुझे देखने लगी और फिर धीरे से मुझसे बोली, आज की रात में बस तुम्हारी हूँ और तुम मुझे इतना प्यार करो कि में यह रात कभी ना भूलूँ और फिर वो इतना कहकर मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.

अब मैंने बिना देर किए उसके टॉप को उतार दिया और अब वो मेरे सामने बस ब्रा में थी और उसके बड़े बड़े बूब्स मानो ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब थे. में नीचे झुककर उसकी गोरी पतली कमर पर किस करने लगा और मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि को पूरा गीला किया और फिर उसकी छाती को पूरा गीला कर दिया और किस करने लगा.

अब नीलू की साँसे धीरे धीरे तेज हो रही थी और वो अपने एक हाथ से मुझे पकड़ी हुई थी और उसने अपने एक हाथ से बेडशीट को पकड़ रखा था और उसकी दोनों आँखे बंद थी, मानो वो हर एक लम्हे को बस जी भरकर जी रही थी और उसके पूरे पूरे मज़े ले रही थी.

अब में उसके ऊपर आ गया और उसकी छाती पर लीक करने लगा और उसके दोनों बूब्स के बीच में अपनी जीभ को डालकर में लगातार आगे पीछे करना लगा, वो भी पूरी गीली हो गई थी और में उसके हर एक अंग को बस खा रहा था और उसके जिस्म के हर एक हिस्से का स्वाद ले रहा था और उसके बाद मैंने दांतो से उसकी ब्रा को दोनों तरफ से खींचकर थोड़ा नीचे किया, जिसकी वजह से उसके निप्पल बाहर आ गए.

दोस्तों इतने सख्त बिल्कुल गोल और बड़े आकार के निप्पल में पहली बार देख रहा था और उसके निप्पल तीखी तलवार की तरह लग रहे थे, जो अब बस मुझे काट देंगे. अब में भी बेकाबू होकर उन पर टूट पड़ा और उसके बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसने लगा. उसने मेरे एक हाथ को अपने दूसरे बूब्स पर रख दिया और अब दोस्तों में तुरंत उसका इशारा समझ गया था कि वो अब मुझसे क्या चाहती है और में उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे को अपना पूरा ज़ोर लगाकर मसलने निचोड़ने लगा था.

फिर इतने में नीलू ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपने निप्पल पर दबाकर अपना एक हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोल दिया और फिर उसके दोनों बूब्स अब पूरी तरह से मेरे सामने थे. दोस्तों उसके वाह क्या मस्त बूब्स थे, इतने बड़े आकार के थे कि उसके आधे बूब्स भी मेरे मुहं में नहीं आ रहे थे, एकदम गोरे बूब्स और उस पर गहरे रंग के और टाईट निप्पल मेरे लिए तो वो स्वर्ग बन गया. फिर मैंने करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स से मज़े किए और अब उसके बूब्स की वजह से वो गरम हो चुकी थी और अब वो पूरी तरह से तैयार हो गई थी.

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फिर में उसकी छाती पर, पेट पर लीक करते हुए धीरे धीरे नीचे आ गया. उसने नीचे लोवर पहन रखा था और मैंने अपने दांतो से उसके लोवर को नीचे खींच दिया और फिर अपने एक हाथ से पूरा नीचे उतार दिया. अब वो मेरे सामने बस अपनी काली कलर की पेंटी में थी और में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया और उसकी गीली पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सूंघने और चूमने लगा. दोस्तों उसकी महक ऐसी थी कि मुझे बस ना जाने कैसा नशा सा होने लगा था और में उसकी महक से पूरा मदहोश हो गया था.

कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी को भी अपने दांतो से पकड़कर खींचकर उतार दिया. अब उसकी पूरी सुन्दरता और पूरी जवानी मेरे सामने थी, वो भी पूरी नंगी उसको देखकर ऐसा लग रहा था कि आज एक भूखे शेर को खाने के लिए दावत में दुनिया भर का माँस मिल गया हो.

अब में उसकी चूत के पास आ गया और ध्यान से देखा तो वो पूरी चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. वो बाहर से गोरी चिकनी और अंदर से गुलाबी कलर की इतनी मदमस्त चूत मैंने अभी तक बस पॉर्नफिल्म में ही देखी थी. दोस्तों आज तो सच में मेरी किस्मत सुनहरे पेन से लिखी गई थी. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और फिर में उसकी गोरी भरी हुई जाँघो को चूमने, सहलाने लगा और मैंने उसके पेट से लेकर उसकी चूत के साईड तक दोनों तरफ अच्छे से उसको पूरा चाटा, जिसकी वजह से नीलू अब तक बहुत मस्त हो गई थी और वो पागलों की तरह छटपटा रही थी और वो पूरी तरह से जोश में थी.

दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब तक उसकी चूत पहले से भी ज्यादा गीली हो चुकी थी और मुझे उसका चूत रस साफ साफ नजर आ रहा था और शेर का माँस अब बहुत अच्छी तरह से पक चुका था और अब बस उस पर टूट पड़ने की देरी थी. मैंने सोचा कि क्यों ना इसे कुर्बान किया जाए तो मैंने उसके दोनों पैरों के बीच में आकर उसकी चूत पर अपना मुहं रख दिया और चूत को चाटने लगा. मेरी जीभ को उसकी चूत का स्वाद मिलते ही मेरा लंड तो सांप की तरह तनकर खड़ा हो गया, करीब 6 इंच लंबा मेरे पूरे बदन में करंट सा दौड़ने लगा और नीलू ने तो मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुहं को अपनी चूत में घुसा दिया.

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अब में भी सारी हदे पार करते हुए उसकी झील का पानी पीने लगा और मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल दिया और मैंने उनकी चूत को तब तक चाटा जब तक उसकी चूत का पानी निकलना कम नहीं हो गया, उसकी गोरी सी चूत एकदम खून जैसी लाल हो गई थी और मैंने उसकी चूत को हर तरह से चाटा और काटा भी. फिर इन सबके बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और मुझे अपने ऊपर बुलाया और अब उसने मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया था और मैंने भी उसके मुहं में अपना 6 इंच का लंबा मोटा लंड डाल दिया, उसका मुहं पूरा सलाइवा से भर गया और फिर उसने उसे बाहर किया.

दोस्तों अब हम दोनों को बहुत अच्छी तरह से पता था कि अब हमे क्या करना है. फिर उसने अपने पैरों को ऊपर उठा दिया और मैंने उसके पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट किया और फिर धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया, चूत गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर तक जा पहुंचा और उसके अंदर जाते ही हम दोनों एकदम पागल हो गए और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत की गर्मी ऐसी थी, जैसे किसी ने मुझे जलती हुई आग में खड़ा कर दिया हो और मेरा लंड इस तरह से टाईट था, जैसे वो कोई लोहे का सरिया हो.

दोस्तों अब शेर ने अपना शिकार करना शुरू कर दिया था और मैंने अपने पेट उसके कूल्हों से सटा दिया था और उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर थे, में पहले करीब 15 मिनट तक अपने लंड को पूरा अंदर डाल रहा था और फिर पूरा बाहर निकाल रहा था और यह क्रिया में धीरे धीरे कर रहा था, जिससे कि वो और गरम हो जाए. अब 15 मिनट बीतने के बाद नीलू ने मुझसे कहा कि अब तुम मुझे अपने लंड का असली दम दिखाओ और आज फाड़ दो इसे, में इससे बहुत परेशान हूँ, यह मुझे बहुत तड़पाती तरसाती है. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को साईड में किया और उसकी तरफ झुका और अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा और फिर उसकी चुदाई करना शुरू किया.

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अब मेरी रफ़्तार तो एक रेस की कार से भी ज़्यादा थी. में ज़ोर ज़ोर से झटके पे झटके मार रहा था और वो मेरे नीचे मेरे धक्कों से हिल रही थी और ऊपर उसके मस्त बूब्स हिचकोले खा रहे थे. मैंने उसको इस तरह से जकड़ रखा था कि वो कहीं हिल भी नहीं सकती थी, वो बस चीख रही थी और चिल्ला रही थी और उसकी सिसकियों की आवाज मुझे और भी ज्यादा जोश दिला रही थी. मैंने उसकी चूत को फाड़ने में बहुत व्यस्त हो रहा था और साथ ही कभी उसके निप्पल को तो कभी उसके होंठो को काट रहा था.

नीलू ज़्यादा तेज चिल्ला नहीं सकती थी तो वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभा रही थी और मुझे होंठो पर, गर्दन पर और कंघो पर ज़ोर ज़ोर से काट रही थी. करीब 25 मिनट तक में उसकी चूत में लगातार धक्के मारता रहा और वो मस्त होकर अपनी चुदाई मुझसे करवाती रही. फिर कुछ देर बाद मुझे लगने लगा कि अब में झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसे अपने शिकंजे से आजाद किया और फिर में कुछ देर सीधा होकर बैठ गया. उसके बाद मैंने लंड को दोबारा अंदर सरका दिया और उसके बाद में अब ज़्यादा तेजी से धक्के देकर चोदने लगा.

अब तो हमारा पूरा बेड हिल रहा था और साथ साथ नीलू भी हिल रही थी. करीब 2 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके बूब्स के ऊपर रखकर आगे पीछे करके हिलाकर मैंने अपना पूरा वीर्य निकाल दिया और अब उसके बूब्स पूरे मेरे वीर्य से रंग गए और उसने उसे अपने निप्पल पर लगाया और फिर लीक भी किया. उसके बाद हम दोनों एक साथ में बाथरूम में जाकर नहाए और फिर वापस आकर हम दोनों एक साथ में सोए. दोस्तों यह थी मेरी पहली रात जिसमें मैंने अपनी सर्द रात को उसके साथ गरम किया और उसकी चुदाई के मज़े लिये.