हिंदी सेक्स स्टोरी

सर्दी में गर्म झील का पानी-1

Sardi me garm jheel ka paani-1

हैल्लो दोस्तों, में अर्पित दिल्ली का रहने वाला हूँ और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, जिसकी वजह से मुझे एक संतुष्टि एक बहुत अच्छा मज़ा मिलता है. मैंने अब तक बहुत सारी सच्ची कहानियाँ पढ़ी और उनको पढ़कर एक दिन मैंने अपने साथ भी घटित उस सच्ची घटना के बारे में विचार किया और उसको आप सभी लोगों के सामने आज लेकर भी आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को पढ़ने में बहुत अच्छी लगेगी और आपके दिल में अपनी एक छाप छोड़ जाएगी, क्योंकि यह है ही इतनी रोमांचक कामुकता से भरी हुई.

वैसे यह कहानी थोड़ी लंबी है, लेकिन में जानता हूँ कि आपको जरुर पसंद आएगी और अब आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए में कहानी की तरफ बढ़ता हूँ और पूरी विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ. दोस्तों यह बात आज से करीब 5 साल पहले की है, जब में उस समय कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहा था और मेरा कॉलेज में दूसरा साल था, में अपनी पढ़ाई में बहुत होशियार था और वो वक़्त जिस समय मेरे साथ यह घटना घटी, वो सर्दियों का समय था और वो जनवरी का महिना था.

उस दिन एक जनवरी थी और जब में नया साल मनाने के लिए अपने मामा के घर पर गया. दोस्तों में यह बात सोचकर वहाँ पर गया था कि वहां पर मेरे मामा के बच्चे भी होंगे तो मुझे उनके साथ बहुत मज़ा आएगा और हम सभी मिलकर उस ख़ुशी का मज़ा लेंगे.

में बहुत खुश था और फिर में अपने घरवालों से कहकर सुबह 11 बजे ही अपने मामा के घर पर पहुंच गया और मुझे अचानक से देखकर घर के सभी लोग बहुत खुश हुए. कुछ देर बाद मेरी मामी ने मुझे मुहं हाथ धोने के बाद नाश्ता कराया और फिर हम सभी बैठकर हंसी मजाक इधर उधर की बातें करने लगे और उसके बाद हम शाम की पार्टी के बारे में विचार करने लगे थे.

फिर इतने में मामी के फोन पर किसी का कॉल आ गया और वो बात करने के लिए हमारे बीच से उठकर बाहर चली गई. करीब 15 मिनट बात करने के बाद मामी वापस अंदर आ गई, वो बहुत खुश थी और अचानक से ना जाने उनको ऐसा क्या मिल गया था, वो मुझे उनके चेहरे से साफ साफ पता चल रहा था, वो अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लेकर अंदर आई थी और अब वो अंदर आकर कहने लगी कि उनकी चचेरी बहन नीलू भी शाम को यहाँ पर आ रही है.

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अब हम सभी लोग उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुए सिवाए मेरे, क्योंकि में इससे पहले कभी नीलू से कभी नहीं मिला था और ना मैंने उसको कभी देखा था कि वो कैसी दिखती है, उसकी उम्र क्या है, उसका रंग कैसा है, ऐसी बहुत सारी बातें थी और आप लोग मेरे कहने का मतलब जरुर समझ सकते हो. अब इन सबके बाद में सभी सामान लाने के लिए बाजार चला गया, क्योंकि हमें शाम की बहुत सारी तैयारियां भी करनी थी और हमारे पास अब बहुत कम समय बचा था.

फिर करीब दो घंटे के बाद में वापस घर पर आ गया और वापस आते ही मामी ने खुश होते हुए मुझसे कहा कि नीलू घर आने वाली है, इसलिए तुम्हारे मामा उसे लेने के लिए स्टेशन गये है, वो बस कुछ देर में घर पहुंच जाएगें. दोस्तों में बाजार में घूमने फिरने की वजह से बहुत थक चुका था, इसलिए मैंने उनकी बात पर ज्यादा ध्यान ना दिया और मैंने बाथरूम में जाकर गीज़र को चालू किया और फिर में नहाने चला गया.

उसके कुछ देर के बाद में नहाकर टावल बांधकर बाथरूम से बाहर निकलकर सीधा अपने रूम में गया और तब मैंने देखा कि मेरे सामने नीलू बैठी हुई है. वैसे मैंने पहले उन्हें कभी नहीं देखा था, लेकिन सुबह से घर में उनके आने की बातें हो रही थी तो इसलिए मुझे देखकर पता चल गया कि यह वही है और मुझे इस तरह टावल में देखकर उनकी आँखे खुली की खुली रह गई, क्योंकि वो टावल जो मैंने अपने बदन पर लपेटा हुआ था, वो बहुत पतला था और उसके गीला होने की वजह से सब कुछ पारदर्शी सा हो गया था.

अब में भी वहीं का वहीं खड़ा रह गया और वो लगातार मुझे देख रही थी और में उसकी सुन्दरता को मेरी नजर उस सुंदर चेहरे से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और में लगातार देखता रहा. उनकी भूरी बड़ी सी आँखे जैसे इनमें अभी अभी शाम ढली हो, काले लंबे घने बाल मानो हिमालय की चोटी से बहता हुआ कोई झरना हो, भरा हुआ बदन जैसे ऊपर वाले ने सारी सुन्दरता के साथ साथ कामुकता भी इनके अंदर ही भर दी हो.

में तो बस पहली नज़र में बिल्कुल दीवाना हो गया. तभी इतने में बाहर से मामी ने नीलू को आवाज़ लगाई और वो तुरंत बाहर चली गई. फिर मैंने दरवाजे को बंद किया और कपड़े पहनकर बाहर आ गया.

अब मामी ने मुझे नीलू से मिलवाया और मैंने नीलू को देखकर हाए कहा और उसने भी मुझसे हैल्लो कहा, लेकिन दोस्तों मुझसे हैल्लो कहते समय उसके चेहरे के एक कोने में एक दबी हुई सी हंसी थी, जिसे मैंने बहुत अच्छी तरह से देखकर समझ लिया था. फिर हम सबने कुछ देर बाद पार्टी शुरू की खाना, पीना और डांस सब कुछ था. दोस्तों डांस करते समय में कई बार जानबूझ कर नीलू के पास आकर उसे छूने की कोशिश कर रहा था और कई बार ऐसा किया भी.

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पहले तो उसने मेरी इस हरकत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया, लेकिन मेरे बार बार हाथ पकड़ने से और छूने की वजह से वो अब समझ गई और थोड़ी देर बाद उसने खुद मुझे डांस करने के लिए कहा और में उसके साथ डांस करने लगा और अब हम दोनों बहुत करीब थे. में लगातार उसकी आखों में देख रहा था और वो मेरी आखों में देख रही थी.

फिर हम बहुत देर तक एक दूसरे से कुछ नहीं बोले. फिर में धीरे से अपने एक हाथ को उसके बूब्स के पास ले गया और फिर में धीरे धीरे से सहलाने लगा, वो तो पहले एकदम चकित हो गई, लेकिन फिर मुस्कुराने लगी और इतने में मैंने उससे कहा कि नीलू तुम बहुत सुंदर हो और मैंने आज तक तुमसे ज्यादा सुंदर, सेक्सी लड़की नहीं देखी और मेरे मुहं से इतना सुनते ही वो हंसने लगी. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम इस तरह से क्यों हंस रही हो? तभी उसने मुस्कुराते हुए कहा कि वो सब जो तुमने अभी अभी मुझसे कहा है, वो तो तुम्हारी आँखो से भी दिख रहा है.

फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें और क्या क्या दिख रहा है? तो नीलू ने कहा कि वही सब जो तुम मुझ में इस तरह से लगातार घूर घूरकर देख रहे हो? और फिर उसके मुहं से यह बात सुनकर हम दोनों हंसने लगे और डांस खत्म करने के बाद हमने खाना भी एक साथ ही खाया और कुछ ही समय में हम एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे और हम दोनों को ऐसा लग रहा था कि हमें वो मिल गया, जिसकी हम दोनों को तलाश थी.

दोस्तों यह कहानी प्यार और कामुकता दोनों की तरफ एक साथ ही बढ़ रही थी. मेरे मन में कई सवाल थे, लेकिन मैंने सोचा कि जो हो रहा है होने दो ना जाने ऐसा पल फिर कब आए? हमारी पार्टी करीब एक बजे खत्म हुई और मेरे भाई बहन सोने चले गए. उसके बाद मामी के कमरे में मामी, नीलू और में बैठकर बातें करने लगे और कुछ ही देर में मामी भी सो गई. अब में और नीलू ही वहाँ अकेले रह गए थे. मैंने धीरे से अपने पैरों को एक तरफ किया और नीलू के पैरों को छू दिया तो उसने तुरंत मेरी तरफ देखा लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.

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फिर में कुछ देर वैसे ही उसके पैरों को महसूस करता रहा. मैंने उस समय मोज़े पहन रखे थे और उनको देखकर नीलू ने मुझसे कहा कि क्या तुम्हें गर्मी नहीं लग रही है? तो मैंने कहा कि हाँ, लेकिन थोड़ी थोड़ी और अब नीलू ने मुझसे कहा कि चलो हम गेस्ट रूम में चलते है और हम दोनों वहाँ पर चले गये. गेस्ट रूम में एक छोटे आकार का बेड था और एक कुर्सी भी थी.

नीलू बेड पर जाकर लेट गई और में कुर्सी पर बैठ गया और उस गेस्ट रूम का मुहं रोड की तरफ था और उसकी एक खिड़की खुली हुई थी, इसलिए वहाँ पर बहुत ठंड थी. फिर कुछ ही देर में नीलू ने तो तुरंत पास में पड़े कंबल को अपने ऊपर डालकर खुद को उससे ढक लिया, लेकिन में कुर्सी पर बैठा था, इसलिए मुझे बहुत ठंड लग रही थी और अब मुझे हल्की सी कंपकपी छूटने लगी.

नीलू ने मुझे ऐसे देखकर तुरंत मुझसे कहा कि पागल है क्या वहाँ पर क्या कर रहा? और फिर उसने मुझे बेड पर अपने पास बुला लिया और में अब बेड पर लेट तो गया, लेकिन नीलू से अभी थोड़ा सा दूर था और काँप रहा था. नीलू तुरंत मेरे करीब आ गई और उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया. दोस्तों सच में उसका वो सेक्सी बदन इतना गरम था कि जैसे में किसी तंदूर के पास खड़ा हूँ. मेरा चेहरा उसकी गर्दन के पास था. फिर मैंने धीरे से उसे गर्दन पर किस करना शुरू किया और फिर उसने पीछे से मेरी टी-शर्ट के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और अब वो मेरी पीठ पर अपना गरम मुलायम हाथ फेरने लगी और में उसकी गोरी गर्दन से उसकी छाती पर किस करने लगा.