Aunty Sex Story

सरसो के खेत में मामीजी को नंगी कर बजाया–5

Sarso ke khet me mami ji ko nangi kar bajaya-5

यारो सरसो के खेत में किसी भी चूत को पेलने का मज़ा ही अलग होता है और यहां तो मुझे मेरी मामीजी ही चोदने को मिल रही थी तो मज़ा ही कुछ अलग था।
मेरा लन्ड अब तक मामीजी की टाइट गांड़ को बहुत ज्यादा ढीला कर चुका था।मुझे मामीजी को कुत्तिया बनाकर पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।तभी मामीजी आगे से फिसल गई।तभी मैंने मामीजी की गांड़ को खींचकर मेरे लन्ड पर ले लिया और मामीजी की फिर से जबरदस्त ठुकाई करने लगा। अब मामीजी सरसो के खेत में दोनों हाथ आगे पसारे हुए पड़ी थी और मै उनकी गांड़ में फटाफट लंड ठोक रहा था।ऐसा लग रहा था जैसे मामीजी ने खुद को फ्री छोड़ दिया हो।
मैं मामीजी की बहुत बुरी तरह से मार रहा था। इतनी मस्त शानदार माल की गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा ही मज़ा आ रहा था।
मामीजी– ऊंह आह ऊंह आह ओह।रोहित अब जल्दी कर ले यार घर भी चलना है।
मैं– हां मामीजी कर रहा हूं।

धीरे धीरे दिन अस्त हो रहा था। हमे टाइम पर घर भी जाना था। अब मैंने स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से मामीजी की गांड़ में लंड आर पार करने लगा। अब मैं ज़ोर ज़ोर से मामीजी की गांड़ में झटके दे रहा था। अब तो मामीजी अच्छी तरह से मेरे लन्ड के सभी धक्कों को अच्छी तरह से गांड़ में झेल रही थी।
अब तक मै मामीजी की अच्छी तरह से गांड़ मार चुका था। अब मैंने मामीजी की गांड़ में से लंड बाहर निकाला और मामीजी को पलटकर सीधा कर लिया। अब मामीजी की शक्ल सूरत देखने लायक थी।उनकी शक्ल में 12 बज चुकी थी। मामीजी के बूब्स और पेट पर सरसो के पत्तो की रगड़ लगी हुई थी।
अब मैं मामीजी के सिर की तरफ आ गया और घुटनों के बल खड़ा होकर लंड मामीजी के मुंह के ऊपर लटका दिया। अब मैंने मामीजी से लंड चूसने के लिए कहा तो मामीजी फिर से नखरे करने लगी लेकिन फिर वो थोड़ी देर में लंड चूसने के लिए तैयार भी हो है। अब मामीजी धीरे धीरे मेरा लन्ड मुंह में भरने लगी और लंड को चूसने लगी।
मुझे मामीजी को लंड चुसबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी आराम आराम से मेरा लंड चूस रही थी।मामीजी आइसक्रीम की तरह मेरे लन्ड को चूस रही थी।

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मैं– आह! मामीजी बहुत अच्छा लग रहा है।आह आह और चूसो मेरे लन्ड को।
मामीजी बहुत अच्छी तरह से मेरे लन्ड को चूस रही थी।मामीजी के लंड चूसने के तरीके से लग रहा था कि मामीजी को लंड चूसने का तो बहुत अच्छा अनुभव है।वो लपक लपककर मेरे लन्ड को मुंह में भर रही थी। अब तक मेरा लन्ड मामीजी के मुंह में गीला हो चुका था।
अब मैं थोड़ा आगे झुका और लंड को मामीजी के मुंह में अंदर बाहर करते हुए मामीजी के मुंह को चोदने लगा। अब इस तरह से मुझे मामीजी के मुंह को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था ।ये मुझे अलग ही एहसास दिला रहा था।फिर थोड़ी देर तक मैंने मामीजी के मुंह को अच्छी तरह से चोद डाला।
अब मैं 69 पोजिशन में आ गया और मै मामीजी के मुंह में लंड सेटकर उनकी गुलाबी गीली चूत को चाटने लगा।इधर मामीजी भी मेरे लन्ड को चूसने लगी।मामीजी की चूत की भीनी भीनी खुशबू मुझे पागल करने लगी। मुझे मामीजी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।आज जिंदगी में पहली बार मुझे चूत चाटने का मौका मिल रहा था।

मामीजी भी लपालप मेरे लन्ड को चूस रही थी।मामीजी को मेरा लन्ड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर थोड़ी देर तक हम दोनों इसी पोजिशन में लंड चूत का मज़ा लेते रहे।
अब मैं मामीजी के जिस्म के ऊपर से हट गया और सरसो के पत्तो पर लेट गया। अब मैंने मामीजी से फिर से मेरा लन्ड चूसने के लिए कहा। अब मामीजी उठी और उन्होंने मेरी टांगे फैला दी। अब मामीजी लंड पकड़कर तुरंत मेरा लन्ड चूसने लगी।
मैं– आह मामीजी बहुत मज़ा आ रहा है।आह आह ऐसे ही चूसो।

मामीजी झमाझम मेरे लन्ड को चूस रही थी। मैं मामीजी के बालो को संवार रहा था।मामीजी के बाल बार बार राह में रौड़ा बन रहे थे।मामीजी बड़ी शिद्दत से मेरे लन्ड को मज़ा दे रही थी।वो लंड को अच्छी तरह से मुंह में अंदर बाहर कर रही थी।
मै– आह ओह आह ओह मामीजी, मज़ा आ रहा है।आह आह।

मामीजी लंड चूसने में कलाकारी दिखा रही थी।वो अलग अलग तरीके से लंड चूस रही थी।मुझे मामीजी को लंड चुसवाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं– ओह मामीजी मज़ा आ गया आज तो। आप तो पक्की खिलाड़ी निकली।
फिर मामीजी ने बहुत देर तक मेरे लन्ड को चूसा। अब मैंने मामीजी को मेरे लन्ड पर बैठा लिया और लंड उनकी चूत में सेट कर दिया। अब मामीजी गांड़ उछाल उछाल कर चुदाने लगी।
मामीजी– आह बहुत मज़ा आ रहा है रोहित।आह आह आह।
मैं– मुझे बहुत मजा आ रहा है मामीजी।और चूदो आह आह।

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मामीजी के हर एक शॉट के साथ उनके बड़े बड़े बूब्स बहुत ज्यादा हिल रहे थे।आज तो मामीजी सेक्स की देवी लग रही थी।सरसो के खेत में हम दोनों चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे।मामीजी को लंड पर उछलते हुए बहुत देर हो चुकी थी। अब मैं उन्हें अंतिम चरण में पेलना चाहता था।तभी मैंने मामीजी को फिर से सरसो के पौधों पर पटक दिया और उन्हें बड़े बड़े बूब्स को फिर से चूसने लगा।उनके बड़े बड़े बूब्स को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था।फिर मैंने जी भरकर मामीजी के रसदार बूब्स को चूसा।

अब मैं सीधा मामीजी की चूत पर आ गया और उनकी टांगो को मेरे कंधो पर रख लिया। अब मैंने तुरंत मामीजी की चूत में लंड सेटकर धमाधम उनकी चुदाई करना शुरू कर दिया।मामीजी फिर से मेरे लन्ड के कहर के आगे पस्त होने लगी।
मामीजी– आईईईई आईईईई आह आह ओह आईईईई आह आह।
मैं– ओह मामीजी,आह आह।
मैं झमाझम मामीजी की चूत में ज़ोरदार धक्कों की बारिश कर रहा था।मामीजी बुरी तरह से दर्द से तड़प रही थी। अब थोड़ी देर के घमासान मचाने के बाद मेरा लन्ड पानी छोड़ने वाला था।तभी मैंने मामीजी को कसकर दबा लिया और मेरे लन्ड का पूरा पानी मामीजी की चूत में भर दिया। अब मैं सर्दी में भयंकर पसीने में लथपथ होकर मामीजी के जिस्म से लिपट गया।थोड़ी देर तक मै मामीजी के जिस्म पर ही पड़ा रहा।
आज मामीजी को चोदकर मै बहुत ज्यादा खुश था।ये मेरे लिए अद्भुत पल था जिसका मैंने जमकर मज़ा लिया था। मामीजी भी आज मुझसे चुदाकर बहुत ज्यादा खुश थी।

मामीजी– मैंने कभी नहीं सोचा था कि तू अभी चोदने के लायक भी हो गया है लेकिन तूने तो मुझे दिन में ही तारे दिखा दिए।
मैं– मामीजी,अब मै बड़ा हो गया हूं।
मामीजी– हां और साथ में तेरा ये भी बहुत बड़ा हो गया है।पता नहीं अब तू किन किन की जान निकालेगा।
मैं– मामीजी जब लंड बड़ा हो, तभी तो चोदने का मज़ा आता है।
मामीजी– हां बिल्कुल सही कहा। पूरा मज़ा ले लिया आज तो तूने तेरी मामीजी का।
मैं– हां मामीजी।
मामीजी– चल अब कपड़े पहन ले,घर भी चलना है।नहीं तो किसी को शक हो जाएगा।
मैं– हां मामीजी चलते है अब।

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हमारे आस पास सरसो में हमारे कपड़े तीतर बितर बिखरे हुए थे।फिर मैंने ढूंढकर मामीजी को उनकी चड्डी और ब्रा पहनाई। अब मामीजी ने पेटीकोट खुद पहनाकर नाड़ा बांध लिया। अब मैंने भी मेरी अंडरवियर बनियान पहनकर सारे कपड़े पहन लिए। अब मामीजी ने भी ब्लाउज ,साड़ी पहनकर स्वेटर पहन लिया।
सरसो के खेत में अजब ही नज़ारा बन चुका था।आज ये जगह हमारी चुदाई की गवाह बन चुकी थी जहां सरसो के बहुत सारे पौधे टूटे पड़े थे जिसकी वजह से नीचे सरसो के पौधों का बिस्तर बन चुका था।इसी सरसो के बिस्तर ने मामीजी को पूरा सपोर्ट दिया था।

अब हम दोनो सरसो के खेत से बाहर आने लगे। अब मामीजी से चलना बहुत मुश्किल हो रहा था।उनकी गांड़ में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।
मामीजी– रोहित सच में आज तूने,मेरी हालत खराब कर दी।
मैं– मामीजी, ऐसी चुदाई करने में ही तो मज़ा आता है।
मामीजी– बस आज मै तेरे मामाजी से बच जाऊ नहीं तो अगर उन्होंने मुझे चोद दिया ना तो मर ही जाऊंगी।
मैं– मामीजी नहीं चोदेंगे आज तो।
मामीजी– तुझे कैसे पता?
मैं– आप कोई अच्छा से बहाना बना लेना।
मामीजी– देखती हूं यार।
लगभग अंधेरा हो चुका था।तब जाकर हम घर पहुंचे।तब तक भी मामाजी घर नहीं पहुंचे थे।अब हमे कोई डर नहीं था।