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सास और बहू की एक साथ चुदाई – Bahu ne saas ko chudwaya – Chut Bur ki chudai

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एक बार सास बहू और नन्द तीनो बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। तीनो ने अच्छी खासी शराब पी रखी थी। बातें खूबी गहरी होने लगी, हंसी मजाक भी खूब होने लगी। गाली गलौज भी होने लगी। एक तरफ नशा चढ़ा हुआ था और दूसरी तरफ जवानी की मस्ती। कपड़े तो तीनो के अस्त व्यस्त थे। लगभग नंगी ही थीं तीन की तीनों।

इतने में सास उठी और अपना पेटीकोट उठा कर बोली – ले देख भोसड़ी की बहू अपनी सास का भोसड़ा ? ये है तेरी सास का भोसड़ा ? और हां तू भी देख ले माँ की लौड़ी फ़िरोज़ा ये है बहन चोद तेरा माँ का भोसड़ा ?

तब तक बहू उठी और अपने सारे कपड़े खोल कर बोली – ले तू भी देख ले मेरी हरामजादी सासू जी, ये है तेरी बहू की बुर। और हां फ़िरोज़ा तू बुर चोदी मेरी नन्द है न ? तू भी देख ये है तेरी भाभी की चूत ?

तब तक फ़िरोज़ा खड़ी हुई। उसने भी अपने सारे कपड़े उतार कर बोली – अब तू देख ले अम्मी ये है तेरी बिटिया की बुर ? और भाभी जान तू भी देख ले ये है तेरी नन्द की बुर ? फिर न कहना की मैंने अपनी नन्द की बुर कभी देखी नहीं ?

दोस्तों, ये सब आपको बड़ा अजीब लग रहा होगा पर जब जवानी अपने शबाब पर हो साथ में शराब का नशा हो तो फिर यही सब होता है जो यहां हो रहा है। न किसी को किसी की शर्म, न किसी को किसी का डर, न कोई झिझक और न कोई संकोच ? सब की सब बिंदास हैं,एक दूसरे से खुली हुई हैं और इस बात को होड़ लगी हुई है कौन कितनी ज्यादा गन्दी बातें कर लेती है और कौन कितनी ज्यादा अश्लील हरकतें कर लेती हैं। गालियों की तो कोई सीमा ही नहीं है। कौन किसको किस तरह की गालियां देगी यह कोई जान ही नहीं सकता ? सबसे अच्छी बात यह है की इनमे किसी को भी किसी की भी बात बुरी नहीं लगती। सब आपस में खूब एन्जॉय करतीं हैं। मज़ा करती हैं और जवानी का लुत्फ़ उठातीं हैं।

जवानी में जब मस्ती चढ़ती है तो फिर ऐसा ही होता है और ऐसी ही होना चाहिए।

मैं इस घर की बहू हूँ। मेरा नाम है फरीन। मैं २५ साल की हूँ। बड़ी खूबसूरत सेक्सी और हॉट हूँ। मेरी सास है नसीम बानो। वह ४६ साल की हैं। मद मस्त जवान है और हंसमुख हैं। बड़ी बड़ी चूँचियों वाली और मस्त गांड वाली हैं मेरी सास। खुल कर बातें करने की शौक़ीन हैं। अपनी बेटी और बहू को अपनी दोस्त की तरह रखतीं हैं। मेरी नन्द है फ़िरोज़ा। वह २४ साल की है शादी शुदा है। बेहद खूबसूरत और लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है मेरी नन्द। अपनी अम्मी की ही तरह वह भी गन्दी गन्दी और अश्लील बातें करने में माहिर है। एक दिन उसने अपनी सुहाग रात की बातें हम सबको खुल कर बताई। अपने शौहर के लन्ड की एक एक बात बताई। कैसे उसने लन्ड पकड़ा, हिलाया और उसे मुंह में लेकर चूसा , कैसे उसने लन्ड अपनी चूत में पेलवाया और कैसे धक्का लगा लगा कर चुदवाया। उसने यह भी बताया की उसने चुदवाते हुए क्या क्या बातें की, कौन कौन सी गालियां दीं और रात भर में कितनी बार चुदवाया।

एक महीने के बाद जब वह यहाँ अपनी माईके आयी तो सबके लन्ड की चर्चा की। अपने दो देवरों के लन्ड की, अपने जेठ के लन्ड की, अपने नंदोई के लन्ड की, अपने खाला ससुर के लन्ड की और अपने ससुर के लन्ड की भी। मैं तो यह सब जान कर बड़ी हैरान हो गयी की उसने इतनी जल्दी इन सबके लन्ड कैसे पकड़ लिया और कैसे चुदवा लिया। उसने अपने ससुर से भी भकाभक चुदवाना शुरू कर दिया। उसके मुताबिक उसके ससुर का लन्ड सबसे मोटा है। एक बात तो सच है की मेरी नन्द ससुरी है बड़ी बुर चोदी ?

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एक दिन मैंने सास से पूंछ लिया की आपकी बेटी फ़िरोज़ा आपसे इतना खुल कैसे गयी ? अब तो वह मस्ती सेअपनी माँ की चूत में लन्ड पेलती है. मैंने कई लड़कियों को अपनी माँ चुदाते हुए देखा है लेकिन इतनी जल्दी तो कोई नहीं चुदवाती अपनी माँ ? वह बोली अरे बहू मेरी बेटी जब २० + की हुई मैंने एक दिन उसके हाथ में लन्ड रख दिया। मैं चाहती थी की मेरी लन्ड पकड़े लन्ड चूसे लन्ड पिये ताकि उसे जवानी का मज़ा मिले। फिर आगे चल कर मस्ती से चुदवाये। हो सके तो मेरे सामने चुदवाये। हुआ यह की मैं उस दिन अपने दोस्त माइकल का लन्ड हिला रही थी। तभी फ़िरोज़ा मुझे दिखाई पड़ी। मैंने उसे बुलाया और कहा बेटी अब तुम जवान हो गयी हो। तुम्हे जवानी का मज़ा लूटने का हक़ है। मुझसे खुल कर गन्दी गन्दी बातें करने का हक़ है। बिलकुल बोल्ड हो जाने का हक़ है तुम्हे बेटी यहाँ तक कीअब तुम गालियां भी दे सकती हो।

उसने मजे से लन्ड पकड़ लिया। मेरी भी हिम्मत खुल गयी। मैंने उसके कपड़े उतार दिया। मैं तो उतार कर बैठी ही थी। वह लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसका सुपाड़ा चाटने लगी। पेल्हड़ चूमने लगी। मैं समझ गयी की वह पहले भी लन्ड पकड़ चुकी है। मुझे एहसास हुआ की वह बहुत दिनों से लन्ड पकड़ रही है।मैंने मस्ती से कहा भोसड़ी की फ़िरोज़ा कितने दिनों के लन्ड पकड़ रही है तू ? वह बोली अम्मी जैसे तुम घर में लन्ड पकड़ती हो वैसे मैं कॉलेज के लड़कों के लन्ड पकड़ती हूँ। मैं तो उनका सड़का भी मारती हूँ अम्मी। मैंने कहा तू तो बहुत चालू हो गयी है माँ की लौड़ी फ़िरोज़ा। वह बोली हां मेरी हरामजादी अम्मी मुझे लन्ड पकड़ने में बहुत मज़ा आता है। फ़िरोज़ा तेरी माँ का भोसड़ा तूने कभी मुझे बताया नहीं। वह बोली तेरी बेटी की बुर अम्मी तूने कभी पूंछा भी तो नहीं। मैंने उसके गाल थपथपा कर कहा है अब ठीक है बेटी मुझसे इसी तरह से बातें किया कर। मैं बहू बेटियों की गालियां एन्जॉय करती हूँ। अच्छा यह बता की लन्ड पकड़ कर करती क्या है ?

उसने बताया की मैं लन्ड का सड़का मारती हूँ। सड़का मार के लण्ड पीती हूँ। मुझे लन्ड पीने में पीने में तोऔर ज्यादा मज़ा आता है। जितना मज़ा मुझे नारियल का पानी पीने में आता है उससे ज्यादा मज़ा मुझे लण्ड पीने में आता है, अम्मी। नारियल का पानी तो तन के लिए अच्छा होता है लेकिन लण्ड का पानी तो तन और मन दोनों के लिए अच्छा होता है अम्मी। कॉलेज के लड़कों के लण्ड का सड़का मारना मेरी हॉबी हो गयी है। सड़का मारने के लिए मैं कॉलेज में बहुत मशहूर हो गयी हूँ। अब तो लड़के अपना लण्ड खड़ा किये हुए मेरे सामने लाइन लगाए रहतें हैं। सब कहतें है यार पहले मेरा सड़का मार दो, पहले मेरा सड़का मार दो। इसलिए मैं सबको एक टोकन दे देती हूँ और बता देती हूँ की मैं किस दिन किसके लण्ड का सड़का माँरूंगी। लड़के बहन चोद उसकी दिन अपनी झाँटें बना कर मेरे पास आ जातें हैं।मुझे बिना झांट के चिकने लन्ड बहुत पसंद हैं अम्मी। मैं तो अब सके लन्ड से मोहब्बत करने लगी हूँ।

जानती हो बहू, फ़िरोज़ा ने दूसरे ही दिन दो लड़कों के लन्ड मेरी चूत में पेला। बस उसी दिन से वह चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा। मैंने भी उसी रात में उसकी चूत में लन्ड घुसाया। हम दोनों मिलकर जवानी का मज़ा लूटने लगीं। तो ये तो रही तेरी बुर चोदी नन्द की कहानी। अब तू बता तू कैसे इतनी बड़ी बुर चोदी बन गयी, बहू ?

मैं कहा मेरी भी कहानी कुछ कम रोचक नहीं है।

मैंने सबसे पहला लन्ड १५ साल की उम्र में पकड़ा था। तब पहली बार मुझे मालूम टी हुआ की लन्ड जो साला ढीला होने पर २” का रहता है वही बहन चोद खड़ा होने पर ७/८” का हो जाता है। धीरे धीरे मैं लन्ड पकड़ कर हिलाती गयी और यही करते करते मैं पूरी तरह जवान हो गयी। मैं जब कॉलेज में गयी तो १८ + की हो गयी थी। फिर ३ साल वहां रही और वहीँ पर गाली बकना और लन्ड पीना सीख गयी। १८ से २१ साल की हो गयी मैं। बड़ी बेशर्म और मुँहफट हो गयी। एक दिन मैं फोन पर ही अपनी दोस्त को गालियां सुनाने लगी – भोसड़ी की एंट्री माँ की चूत बुर चोदी तू मुझे समझती क्या है। मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी लन्ड। फाड़ डालूँगी तेरी गाड़। आज के बाद अगर तूने मुझे ज्यादा जबान लड़ाई तो मैं चोद दूँगी तेरी ममा का भोसड़ा ? बस यही गालियां मेरी अम्मी सुन लीं। मुझे लन्ड पकड़ने की और चुदवाने की भी आदत पड़ गयी थी।

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एक दिन जब अम्मी घर नहीं थी तो मैंने एक लड़के को बुर्का पहनवा कर बुला लिया। बस मैं उसका लौड़ा नंगी नंगी मुंह में डाल कर चूस रही थी और वह मेरी चूत और चूंची सहला रहा था। तभी अचानक अम्मी कमरे में आ गयी और चुपके से लन्ड मुझसे छीन कर बोली भोसड़ी की फरीन लन्ड तू अकेले अकेले ही पियेगी ? अपनी माँ को नहीं पिलाएगी इतना बढ़िया लन्ड ? अम्मी खुद लन्ड चूसने लगीं। बस मेरी तो शर्म ही ख़तम हो गयी। फिर थोड़ी देर में अम्मी बोली फरीन लो पेलो लन्ड और चोदो अपनी माँ एक भोसड़ा ? मैंने मन में कहा अरे वाह मुझसे ज्यादा तो मेरी अम्मी चुदासी हैं। मैंने फिर पेला लन्ड और चुदवाया अपनी माँ का भोसड़ा। उसके बाद उसने भी लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली अब तुम मेरे सामने चुदाओ अपनी चूत। मैं तो यही चाहती थी। मैं तो मस्ती से उचक उचक कर चुदाने लगी और अम्मी चुपचाप देखने लगी। वह समझ गयी की यह पहली बार नहीं है की मैं चुदवा रही हूँ। उसके बाद मैंने अम्मी को सब कुछ खुल कर बता दिया।

उस दिन से वह मेरी दोस्त बन गयीं।

उस दिन शाम के ८ बजे थे। मैं बाहर से घरआयी तो देखा की घर में सास किसी आदमी के साथ बैठीं हैं। सास ने मुझे वहीँ बैठा लिया और बोली बहू ये है मुनीर मेरे गाँव का देवर।अभी अभी आया है। मैंने उसे आदाब बोला। सास ने फिर कहा मुनीर ये है मेरी बहू बिलकुल मेरी बेटी की तरह है। तब तक मेरी नन्द आ गयी। वह बोली हाय मुनीर चचा बहुत दिनों के बाद आये हो। वह बोला हां फ़िरोज़ा मैं जब आता था तब तू बच्ची थी। अब तो बड़ी हो गयी हो। सास और बहू की एक साथ चुदाई वह बोली हां अब मैं जवान हो गयी हूँ चचा जान ? उसके पीछे एक और लड़का आ गया। नन्द बोली अम्मी ये है मेरा दोस्त फरहान। मैं उसे देख कर अपने होंठ चाटने लगी क्योंकि वह बड़ा हैंडसम था और गोरा चिट्टा। मेरी नियत उस पर खराब हो गयी। इत्तिफाक देखिये तब तक मेरा मामू भी साला आ गया। मेरी सास उसे जानती हैं बोली अरे ज़मीर बड़े अच्छे मौके से आ गए हो। मेरी बेटी से मिलो। वह बोला है मैं जानता हूँ फ़िरोज़ा को। सास बोली और ये मेरा देवर मुनीर और ये फरहान मेरी बेटी का दोस्त। फिर सास ने थोड़ा व्हिस्की का इंतज़ाम कर दिया। वो सब भी पीने लगे और हम तीनोअपनी अपनी चूंचियां खोले हुए शराब पीने लगीं

तब तक नशा चढ़ने लगा था। सास ने अपने देवर के पैजामे का नाड़ा खोला और हाथ उसमे घुसेड़ दिया। हम सबने देखा की वह लौड़ाअंदर हीअंदर हिला रहीं हैं। तब तक नन्द ने भी फरहान के पैजामे ने हाथ घुसा दिया। वह लन्ड सहलाने लगी। कहाँ रुकने वाली थी। मैंने मामू जान का लन्ड पैजामे में हाथ डाल कर सहलाने लगी। फिर सास ने लन्ड पैजामे से निकाल लिया उसे दिखाते हुए बोली देख बुर चोदी बहू ये है मेरे देवर का लन्ड और तू भी देख ले लन्ड माँ की लौड़ी फ़िरोज़ा ? फ़िरोज़ा ने भी लौड़ा बाहर निकाला और बोली हाय भोसड़ी की अम्मी ले देख मेरे दोस्त का लन्ड। और तू भी देख ले फरीन भाभी जान लौड़ा है इसका ? तब मैंने भी लुङा पूरा बाहर निकाला और कहा सासू जी देख ये है मेरे मामू जान का मस्ता लन्ड। और बहन की लौड़ी फ़िरोज़ा तू भी देख ले लन्ड। यही लन्ड पेलूँगी तेरी माँ की चूत में ? तीनो मर्द साले हमारी अश्लील बातें और गालियां सुनकर मस्त होने लगे। उनके लन्ड टन टना कर और सख्त हो गये।

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फिर हमने मर्दों के कपड़े उतार कर उन्हें नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयीं। किसी बदन पर कोई कपड़ा नहीं बचा। सास अपने देवर का लन्ड चाटने लगी, नन्द अपने दोस्त का लौड़ा चाटने लगी और मैं अपने मामू जान का लन्ड मस्ती से चाटने लगी और उसके पेल्हड़ भी।

अचानक सास का हाथ मेरी चूत पर चला गया। थोर देर में वह बोली मुनीर लो तुम पहले मेरी बहू की बुर चोदो फिर बहू की नन्द की बुर चोदो। ऐसा कह कर सास ने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उधर फ़िरोज़ा ने हाथ बढ़ाया और लन्ड अपनी माँ के भोसड़ा में टिका दिया। वह बोली फरहान यार पहले तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदो फिर मेरी भाभी की बुर चोदो। उसका लन्ड दनदनाता हुआ उसकी माँ की चूत में घुस गया। बस फिर चुदने लगा सास का भोसड़ा। तब तक मैंने मामू से कहा अरे भोसड़ी के मामू लो तुम पहले मेरी नन्द की बुर में पेलो लन्ड और चोदो। उसके बाद चोदो मेरी सास का भोसड़ा ? रात भर तुम इन दोनों की चूत चोद चोद कर फाड़ डालो ?

हम तीनो मस्ती से चुदवाने में जुट गयीं। मैंने कहा हाय राजा हचक हचक के चोदो। बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरी सास बोली यार फरहान बेटा खूब मस्ती से चोदो अपनी गर्ल फ्रेंड की माँ का भोसड़ा। तू तो मेरी बिटिया की बुर लेता है न अब तू उसकी माँ की बुर ले। तेरा लौड़ा बड़ा हलब्बी है बेटा। ऐसे ही मेरी बेटी भी चोदा करो। उधर मेरी नन्द बोली हाय मेरी भाभी के मामू तू तो बड़ा चोदू है यार। मेरी भाभी की बुर तू बहुत दिनों से चोद रहा है अब उसकी नन्द की बुर चोदो। अपनी गांड से जोर लगा के चोदो। फाड़ दो मेरी चूत। उड़ा दो मेरी चूत के चीथड़े। आज सबके साथ चुदाने में बड़ा मज़ा आ रहा है।

थोड़ी देर के बाद मैंने इशारा किया तो मामू ने लन्ड नन्द की बुर से निकाल कर मेरी सास की चूत में घुसा दिया। सास की बुर से फरहान ने लन्ड निकाला और उसे मेरी बुर में पेल दिया। वह मुझे चोदने लगा। उधर सास का देवर मुनीर ने लन्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। हम तीनो के लन्ड बदल गए तो मज़ा और बढ़ गया। सास और बहू की एक साथ चुदाई अब हमारी मस्ती और बढ़ने लगी। सब मस्ती में एक दूसरे को गालियां देने लगीं।

सास बोली :- बुर चोदी फ़िरोज़ा तेरी माँ की चूत बहन चोद। तुझे शर्म नहीं आंटी अपनी माँ चुदवाते हुए। और तू माँ की लौड़ी फरीन तू भी अपनी सास का भोसड़ा चुदवा रही है। ऐसे ही तू अपनी माँ भी चुदवाती होगी।

मैंने कहा :- हां सासू जी मैं अपनी माँ उसी तरह चुदवाती हूँ जैसे मेरी नन्द अपनी माँ चुदवा रही है। और तू तो यहाँ खुल्लम खुल्ला अपनी बहू की बुर चुदा रही है और बेटी की चूत ? नन्द रानी तेरी भाभी का भोसड़ा। तू इतनी बड़ी चुदक्कड़ होगी यह मुझे आज ही पता चला।

तब तक मेरी नन्द बोल पड़ी :- हाय मेरी भोसड़ी की भाभी तू भी कुछ कम नहीं है। सास और बहू की एक साथ चुदाई बड़ी मस्ती से तू अपनी नन्द की चूत चुदाने में लगी है। भाभी तेरी नन्द की बुर मादर चोद ? अब तो मैं रोज़ पेला करुँगी तेरी चूत में लन्ड और तू भोसड़ी वाली नसीम बानो। तेरी तो बिटिया की बुर ? तुझे न शर्म आती है अपनी बेटी चुदाने में और न बहू चुदाने में ?

हम तीनो इसी तरह प्यार की गालियां बकती हुईऔर लन्ड अदल बदल कर रात भर  चुदवाती रहीं।