माँ की चुदाई

सेक्सी धोबन और उसका बेटा-8

Sexy Dhoban Aur Uska Beta-8

मैं फिर पूरे जोश के साथ हल्के हाथो से उसके चुचियों को दबाने लगा. ऐसी मस्त मस्त चुचिया पहली बार किसी ऐसे के हाथ लग जाए जिसने पहले किसी चुचि को दबाना तो दूर छुआ तक ना हो तो बंदा तो जन्नत में पहुच ही जाएगा ना. मेरा भी वही हाल था, मैने हल्के हाथो से संभाल संभाल के चुचियों को दबाए जा रहा था. उधर मा के हाथ तेज़ी से मेरे लंड पर चल रहे थे, तभी मा जो अब तक काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी ने मेरे चेहरे की ओर देखते हुए कहा “क्यों मज़ा आ रहा है ना, ज़ोर से दबा मेरे चुचयों को बेटा तभी पूरा मज़ा मिलेगा, मसलता जा, देख अभी तेरा माल मैं कैसे निकलती हू”.

मैने ज़ोर से चुचियों को दबाना शुरू कर दिया था, मेरा मन कर रहा था की मैं मा के ब्लाउज खोल के चुचियों को नंगा करके उनको देखते हुए दबाऊं , इसीलये मैने मा से पुछा ” मा तेरा ब्लाउज खोल दू?”

इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली “ऩही अभी रहने दे, मैं जानती हू की तेरा बहुत मन कर रहा होगा की तू मेरी नंगी चुचियों को देखे मगर, अभी रहने दे”

मैं बोला ठीक है मा, पर मुझे लग रहा हाई की मेरे औज़ार से माल निकालने वाला है “.

इस पर मा बोली “कोई बात ऩही बेटा निकालने दे, तुझे मज़ा आ रहा है ना?”

“हा मा मज़ा तो बहुत आ रहा है”

“अभी क्या मज़ा आया है बेटे अभी तो और आएगा, अभी तेरा माल निकाल ले फिर देख मैं तुझे कैसे जन्नत की सैर कराती हू” कह कर मा ने अपना हाथ और ज़यादा तेज़ी के साथ चलना शुरू कर दिया. मेरे पानी अब बस निकालने वाला ही था, मैने भी अपना हाथ अब तेज़ी के साथ मा के अनारो पर चलाना शुरू कर दिया था. मेरा दिल कर रहा था उन प्यारे प्यारे चुचियों को अपने मुँह में भर के चुसू, लेकिन वो अभी संभव ऩही था. मुझे केवल चुचियों को दबा दबा के ही संतोष करना था. ऐसा लग रहा था जैसे की मैं अभी सातवे आसमान पर उड़ रहा था, मैं भी खूब ज़ोर ज़ोर सिसकते हुए बोलने लगा “ओह मा, हा मा और ज़ोर से मस्लो, और ज़ोर से मूठ मारो, निकाल दो मेरा सारा पानी”

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पर तभी मुझे ऐसा लगा जैसे की मा ने लंड पर अपनी पकर ढीली कर दी है. लंड को छोड़ कर मेरे आंडो को अपने हाथ से पकड़ के सहलाते हुए मा बोली “अब तुझे एक नया मज़ा चखती हू, ठहर जा” और फिर धीरे धीरे मेरे लंड पर झुकने लगी, लंड को एक हाथ से पकडे हुए वो पूरी तरह से मेरे लंड पर झुक गई और अपने होठों को खोल कर मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया. मेरे मुँह से एक आह निकल गई, मुझे विश्वास ऩही हो रहा था की वो ये क्या कर रही है.

मैं बोला “ओह मा ये क्या कर रही हो, है छोड़ ना बहुत गुदगुदी हो रही है”

मगर वो बोली “तो फिर मज़े ले इस गुदगुदी के, करने दे तुझे अच्छा लगेगा”.

” मा क्या इसको मुँह में भी लिया जाता,”

“हा मुँह में भी लिया जाता है और दूसरी जगहो पर भी, अभी तू मुँह में डालने का मज़ा लूट” कह कर तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी, मेरी तो कुछ समझ में ऩही आ रहा था, गुदगुदी और सनसनी के कारण मैं मज़े के सातवे आसमान पर झूल रहा था. मा ने पहले मेरे लंड के सुपारे को अपने मुँह में भरा और धीरे धीरे चूसने लगी, और मेरी ओर बड़ी सेक्सी अंदाज़ में अपने नज़रो को उठा के बोली, “कैसा लाल लाल सुपारा है रे तेरा, एकदम पहरी आलू के जैसे, लगता है अभी फट जाएगा, इतना लाल लाल सुपरा कुंवारे लड़कों का ही होता है” फिर वो और कस कस के मेरे सुपारे को अपने होंठो में भर भर के चूसने लगी. नदी के किनारे, पेड़ की छावं में मुझे ऐसा मज़ा मिल रहा था जिसकी मैने आज तक कल्पना तक ऩही की थी. मा अब मेरे आधे से अधिक लौरे को अपने मुँह में भर चुकी थी और अपने होंठो को कस के मेरे लंड के चारो तरफ से दबाये हुए धीरे धीरे उपर सुपारे तक लाती थी और फिर उसी तरह से सरकते हुए नीचे की तरफ ले जाती थी. उसकी शायद इस बात का अच्छी तरह से अहसास था की ये मेरा किसी औरत के साथ पहला संबंध है और मैने आज तक किसी औरत हाथो का स्पर्श अपने लंड पर ऩही महसूस किया है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए वो मेरे लंड को बीच बीच में ढीला भी छोड़ देती थी और मेरे अंडों को दबाने लगती थी. वो इस बात का पूरा ध्यान रखे हुए थी की मैं जल्दी ना झाडूं . मुझे भी गजब का मज़ा आ रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे की मेरा लंड फट जाएगा मगर. मुझसे अब रहा ऩही जा रहा था मैने मा से कहा ” मा, अब निकाल जाएगा मा, मेरा माल अब लगता है ऩही रुकेगा”.

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उसने मेरी बातो की ओर कोई ध्यान ऩही दिया और अपनी चूसाई जारी रखी.

मैने कहा “मा तेरे मुँह में ही निकल जाएगा, जल्दी से अपना मुँह हटा लो”

इस पर मा ने अपना मुँह थोरी देर के लिए हटाते हुए कहा की “कोई बात ऩही मेरे मुँह में ही निकाल मैं देखना चाहती हू की कुंवारे लड़के के पानी का स्वाद कैसा होता है” और फिर अपने मुँह में मेरे लंड को कस के जकड़ते हुए उसने अब अपना पूरा ध्यान केवल अब मेरे सुपाडे पर लगा दिया और मेरे सुपारे को कस कस के चूसने लगी, उसकी जीभ मेरे सुपारे के कटाव पर बार बार फिर रही थी. मैं सिसकते हुए बोलने लगा “ओह मा पी जाओ तो फिर, चख लो मेरे लंड का सारा पानी, ले लो अपने मुँह में, ओह ले लो, कितना मज़ा आ रहा है, ही मुझे ऩही पाता था की इतना मज़ा आता है, ही निकाल गया, निकाल गया, मा-निकला.

कहानी जारी है……