माँ की चुदाई

सेक्सी माँ की चूत की दरार

Sexy maa ki choot ki darar

हैल्लो दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को मेरी सेक्सी माँ की एक नई चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. वैसे तो में अब तक अपनी माँ के साथ बहुत बार सेक्स करने का आनंद उठा चुका था, इसलिए में हमेशा नये मौका ढूंढता था कि कब मेरे पापा कोई काम से बाहर जाएँ और में अपनी माँ के साथ मस्ती करूँ और उनकी चूत के मज़े लूँ. यह सभी काम मेरी माँ की मर्जी से होता और वो भी इसमे मेरा पूरा पूरा साथ देती और उनकी मेरे साथ चुदाई करके बहुत संतुष्टि और मुझे चुदाई का मज़ा मिलता था.

एक दिन जैसे ही मुझे सुबह ही पता चला पापा कि आज मेरे पापा कहीं बाहर जा रहे है तो में यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया था, क्योंकि मुझे अपनी माँ के साथ उनकी चुदाई करने का मौका उस दिन मिलने वाला था, में जिसकी तलाश में पिछले कुछ दिनों से लगा हुआ था, लेकिन हमेशा नाकाम रहा और फिर मेरे पापा की उसी शाम की ट्रेन थी इसलिए वो चले गये और उनको वापस आने में अब कुछ दिन लगने थे इसलिए मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा.

फिर में जब शाम को अपनी ट्यूशन से लौटकर अपने घर आया तो मैंने अपनी माँ के चेहरे को देखकर उनकी इच्छा को जान लिया, लेकिन वो तो नाटक करने लगी और माँ ने मुझसे कहा कि तुम चलो अब जल्दी से खाना खा लो, मुझे आज बहुत नींद आ रही है, क्योंकि में आज बहुत थक गई हूँ इसलिए में जल्दी सोना चाहती हूँ.

फिर मैंने माँ से पूछा कि क्या आपने आज कोई स्पेशल बनाया है? तब वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि तुम खाओ तब तुम्हे सब पता चल जाएगा कि आज खाने में ऐसी क्या स्पेशल चीज़ है? इतना कहकर उन्होंने खाना लाना शुरू किया और में हाथ धोकर खाने के लिए बैठ गया, जब वो मेरे लिए खाना परोस रही थी तो उस समय उनका पल्लू कंधे से नीचे सरक गया और मुझे उनके बूब्स भी दिखने लगे, वो बड़े मस्त और गोल गोल मोटे मोटे थे. उनके बूब्स को देखने में मुझे बड़ा मज़ा आता था.

खाना खाने के बाद वो मुझसे पूछने लगी कि अरे तू क्या दूध पियेगा? उन्होंने आज केसर का दूध बनाया था, जिसमे मलाई भी डालकर उन्होंने मुझे दी थी और साथ में काजू बदाम भी थे. मैंने और मेरी माँ ने भी वो दूध पी लिया और फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों कैसा लगा, मज़ा आया तो मैंने हंसकर गिलास में बचे हुए थोड़े से दूध की कुछ बूँद को उनके ब्लाउज पर डालकर मैंने उनसे कहा कि मुझे तो इनका दूध पीना है, इनसे ज़्यादा मज़ा और कहाँ है? मुझे बस यही भाते है.

अब वो बहुत मादक तरीके से मुस्कुराई और बोली कि तू आजकल बड़ा बदमाश हो गया है और बोली कि मुझे बहुत ज़ोर की नींद आ रही है और में अब सोने जा रही हूँ और वो हाथ मुहं धोकर कपड़े बदलने लगी तो मैंने उनको कहा कि में भी अपने कपड़े बदल लेता हूँ और फिर मैंने भी हाथ मुहं धोए और बदन में बॉडी स्प्रे किया और छोटी पेंट पहनकर में तैयार हो गया माँ ने अपने रूम का दरवाज़ा जानबूझ कर खुला रखा था और माँ ने अपने कमरे में जाकर सबसे पहले साड़ी को खोल दिया और इसके बाद फिर अपने ब्लाउज को भी उन्होंने खोल दिया. ब्लाउज को खोलकर एक हेंगर पर टांगने के बाद माँ जब अपनी ब्रा को खोलने की कोशिश करने लगी तो में तुरंत समझ गया कि आज की रात जरुर मस्त होगी और में माँ के रूम की तरफ चला गया.

में जब रूम में अंदर गया तो उस समय माँ अपनी ब्रा को खोलने की कोशिश में लगी हुई थी और उस समय उनकी पीठ दरवाजे की तरफ थी. अब में माँ के पास पहुंच गया और उनकी पीठ पर अपना हाथ रखकर में अपने हाथ को धीरे धीरे रगड़ने लगा सहलाने लगा तभी वो अचानक से मेरी तरफ घूम गयी और बोली कि अरे तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में उनसे बोला कि मुझे भी यहीं पर सोना है तुम बोलो तो में भी यहीं सो जाता हूँ क्यों अच्छा नहीं लगा?

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वो कहने लगी कि नहीं मेरा मतलब है कि तुम यहाँ पर अचानक से आ गये मुझे इसका पता ही नहीं चला. फिर में उनको बोला कि मैंने बाहर से देखा कि आप अपनी ब्रा को खोलने में असमर्थ थी और आपने इसको खोलने की बहुत देर से कोशिश की है और आप परेशान हो रही है तो इसलिए मैंने सोचा कि में आपकी थोड़ी मदद कर देता हूँ.

दोस्तों मुझे अब उसमे उनकी हाँ साफ दिख रही थी, इसलिए मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स को दबा दिया और फिर ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसके बाद उन्होंने अपने बदन से उसको उतारकर नीचे डाल दिया.

अब में उनका इशारा पाकर जोश में आकर उनके रसीले बूब्स से जमकर खेलने लगा, जिसकी वजह से उनके बड़े बड़े बूब्स बाहर खुली हवा में उछलकर मज़े करने लगे और में जोश में आकर उनके रसीले बूब्स से जमकर खेलने लगा और मज़े मस्ती करने लगा. वाह क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे तने हुए बूब्स और खड़े हुए निप्पल उनको देखकर मुझसे रहा नहीं गया, इसलिए में उनको ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और फिर उन्हे चूसने लगा.

में कहने लगा कि आज तो में यही दूध पीऊंगा, मुझे तो यह मस्त कर देते है. फिर वो बोली कि हाँ पी लेना इतनी जल्दी भी क्या है? दोस्तों मेरा लंड भी अब खड़ा होने लगा था और वो मेरी अंडरवियर से बाहर निकलने के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. अब तक मेरा 6 का लंड पूरे जोश में आ गया था और मम्मी के बूब्स को मसलते मसलते हुए में उनके बदन के बिल्कुल पास आ गया था, जिसकी वजह से अब मेरा लंड उनकी गोरी गरम जाँघो में रगड़ मारने लगा था.

फिर मैंने मम्मी की चूत को अपने एक हाथ से सहला दिया तो माँ ने मेरी पेंट की तरफ देखा और वो सहलाते हुए बोली अरे यह तो बड़ा टाइट हो गया है, पहले से ज्यादा बड़ा भी हो गया है. दोस्तों उनके मुहं से इतना सुनकर मैंने माँ के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया और वो नीचे सरककर ज़मीन पर जा गिरा. अब में माँ के एक बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा.

अब वो मुझसे पूछने लगी कि आज तुम्हारा क्या इरादा है? लगता है कि तुम अब तैयार हो गए हो? और उन्होंने मेरी पेंट को भी खोल दिया और मैंने उनसे कहा कि आज जब से मैंने आपके भीगे हुए गोरे बदन को देखा है मेरे मन में एक आग सी लगी हुई थी और भगवान का शुक्र है कि आज ही मुझे यह मौका मिल भी गया, नहीं तो मेरा मन बहुत बेचैन हो गया था और आज में आपकी हर एक कामना को पूरा करना चाहता हूँ और यह बात कहते हुए में माँ के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.

अब मैंने देखा कि माँ भी जोश में आकर उम्म्म्म सस्स्स्स्स्स्स् आहह्ह्ह्हह नहीं की आवाज़ निकालने लगी थी. फिर तभी मैंने भी माँ के कंधे के पास से बाल को हटाते हुए अपने होंठो को माँ के कंधे और गर्दन के बीच धीरे धीरे रगड़ने लगा और साथ ही उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते हुए अपने दूसरे हाथ से में माँ की चूत को सहलाने लगा.

दोस्तों जैसे ही मैंने माँ की चूत को सहलाना कुछ देर तक लगातार जारी रखा तो वो गरम होने की वजह से अपने आपको रोक नहीं पाई और इसलिए वो अब अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और लंड को कसकर पकड़े हुए वो अपना हाथ लंड की जड़ तक ले गई जिसकी वजह से लंड की चमड़ी नीचे सरकी और टोपा बाहर आ गया. अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और कसकर दबा भी रही थी.

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अब तो हम दोनों बड़ी मस्ती जोश में थे. अब हम दोनों चूमते हुए बेड पर आ गए थे उस समय कमरे में हल्की रोशनी का लाल रंग का बल्ब जल रहा था, जो माँ के नंगे बदन को और भी मादक बना रहा था, वो मेरे लंड को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और में उनके बूब्स को पकड़कर बारी बारी से चूसने लगा. अब वो मुझसे कहने लगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ आज तुम अपनी हर एक तमन्ना को पूरी कर लो आह्ह्हह्ह हाँ जी भरकर दबाओ, चूसो और मज़े लो आईईईईई में तो आज पूरी की पूरी तुम्हारी ही हूँ और तुम जैसा चाहे वैसा ही करो. में ऐसे कसकर बूब्स को दबा दबाकर चूस रहा था जैसे कि में आज उनका पूरा का पूरा रूस निचोड़कर पी लूँगा और जिसमे मम्मी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब उनके मुहं से ओहहह्ह्ह्ह ससईईईईइ की आवाज़ निकल रही थी और मुझसे पूरी तरफ से सटे हुए वो मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रही थी.

तभी माँ ने अपने दोनों पैरों को फैला दिया, जिसकी वजह से मुझे उस हल्की रोशनी में उनकी रेशमी झांटो के जंगल के बीच छुपी हुए वो रसीली गुलाबी चूत का नज़ारा देखने को मिल गया और उस नाइट लेम्प की हल्की सी रोशनी में चमकते हुए नंगे जिस्म को देखकर में बहुत उत्तेजित हो गया और मेरा लंड अब मारे खुशी के झूमने लगा और में तुरंत उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स को दबाते हुए उनके रसीले गुलाबी होंठो को चूसने लगा.

फिर माँ ने भी मुझे कसकर अपने आलिंगन में कसकर जकड़ लिया और चुम्मे का जवाब देते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ को अंदर डाल दिया. वाह क्या मस्त मजेदार और रसीली जीभ थी? में भी उनकी जीभ को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर में उनके बूब्स को चूसता हुआ उनकी चूत को रगड़ने लगा और अब तक उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी. मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत की दरार में डाल दिया और वो पूरी तरह से फिसलकर अंदर चली गई. दोस्तों जैसे जैसे में उनकी चूत के अंदर ऊँगली करता मेरा मज़ा बढ़ता चला गया और जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत के दाने से टकराई तो उन्होंने ज़ोर से सिसकी लेकर अपनी जाँघो को कसकर बंद कर लिया.

अब माँ बिल्कुल बेबस हो गयी थी और वो अपनी दोनों जाँघो को फैलाते हुए बोली तू अब क्यों इतनी देर करता है? उफ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह क्यों मुझे तड़ापा रहा है? चल अब जल्दी से अपने इसको डाल दे मेरे अंदर और शुरू हो जा. फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत के पास ले जाकर एक ही धक्के में मैंने अपना टोपा अंदर डाल दिया और इससे पहले कि माँ थोड़ा संभले या अपना आसन बदले मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और अपना पूरा का पूरा लंड मखमल जैसी चूत की जन्नत में डाल दिया.

फिर माँ ज़ोर से चिल्लाई उईईईईईई आईईईई माँ उहुहुहह ओह्ह्ह्ह मेरे राजा तुम ऐसे ही कुछ देर हिलन डुलना नहीं, मेरी चूत बहुत जल रही है और कुछ देर रुकने के बाद वो अपनी कमर को हिलाने लगी और इस तरह से माँ भी अब मेरी मदद करने लगी और अब में माँ के एक बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और उसके साथ साथ अपनी कमर को भी हिलाने लगा और माँ भी अपनी कमर को हिला रही थी और माँ मेरे हर एक झटके के साथ एक अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी.

कुछ देर के बाद में उनसे बोला कि क्या हो रहा है? तो माँ बोली कि आहह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत मज़ा आ रहा है सस्सस्स उम्म्म्म उम्म्म्म की आवाज़ के साथ ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और में अपना लंड उनकी चूत में डालकर चुपचाप पड़ा था.

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अब माँ की चूत अंदर से फड़क रही थी और वो अंदर ही अंदर मेरे लंड को मसल रही थी और उनके उठे हुए बूब्स बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहे थे. तभी मैंने हाथ बढ़ाकर उनके दोनों बूब्स को पकड़ लिया और निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा तो कुछ देर बाद माँ को कुछ राहत मिली और उन्होंने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया.

अब माँ मुझसे बोली कि राजा और ज़ोर से ऊईईईइ करो, चोदो मुझे ज़ोर से, ले लो मेरी जवानी का पूरा मज़ा मेरे राजा और वो अपनी गांड को हिलाने लगी. दोस्तों माँ और में करीब एक मिनट तक ऐसे ही अपने उस काम को अंजाम देते रहे और फिर मैंने अपने लंड की स्पीड को बढ़ा दिया. अब माँ के मुहं से आअहहहह ऊऊह्ह्ह उूउउम्म्म्म की आवाज़ निकलने लगी और में कभी कभी बीच में ज़ोर ज़ोर के झटके लगता तो माँ पूरी तरह से हिल जाती, माँ ने अब अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर रख लिया था और वो मेरी पीठ को सहला रही थी और अब माँ भी मस्ती में आअहहहह ऊऊहह्ह्ह ऊऊअहह की अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी.

कुछ देर में मैंने माँ को फिर से झटके देने शुरू किए, तो माँ ने अपनी गर्दन को उठा उठाकर आहे भरना शुरू कर दिया. अब मैंने झटके मारते हुए माँ से पूछा क्यों मस्ती आ रही है? वो कहने लगी कि हाँ मुझे मस्ती का मीठा मीठा दर्द तो हो रहा है उन्होंने एक अजीब सी आवाज़ में करहाते हुए जबाब दिया नहीं आईईईई आहहहह ऑश हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे और ज़ोर से ऊऊओह हाँ ऐसे ही झटके दे आअहहहहहह ऊउउउंम्म.

अब मैंने अपनी कमर की स्पीड को बढ़ा दिया और कुछ ही देर में मेरा पूरा लंड माँ की चूत में चला गया था और माँ की चूत से अब छप छप की आवाज़ आ रही थी और उनको पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से अपनी कमर को उठा उठाकर मेरे हर एक धक्के का जवाब देने लगी थी. फिर मैंने कुछ देर के बाद माँ के होंठो को अपने होंठो में दबा लिया और अपने लंड को माँ की चूत में ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा.

यह सिलसिला मैंने पूरे आधे घंटे तक चलाया और तब जाकर हम दोनों शांत पड़े रहे और उसके बाद हम दोनों सो गये. फिर सुबह जब मेरी नींद खुली तो में अपनी माँ की बाहों में था और अब माँ ने मेरे गाल पर एक चूम लिया और बोली कि क्यों कल रात को मज़ा आया ना? अब सच बता तूने क्या कभी गांड को नहीं मारा या चोदा होगा इसलिए आज रात को में तेरे से अपनी गांड मरवाउंगी तेरे को भी बहुत मज़ा आएगा, क्या तू करेगा यह काम.

फिर मैंने बहुत खुश होकर कहा कि हाँ में करूंगा, मेरा आपसे वादा रहा और फिर माँ ने मेरे लंड पर चुटकी काट दी. मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर से किस कर लिया सस्स्स्स्स्स्स्स आहह्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ वो पूरी तरह से छटपटा उठी और बोली कि तू आज सारी मस्ती आज ही लेगा क्या, अभी तो कई रात है? और कुछ देर निप्पल से खेलने के बाद मैंने अपने कपड़े पहने और में बिस्तर पर ही लेटा रहा. फिर माँ भी अपने कपड़े पहनकर उठकर बाहर चली गयी.