पड़ोसी की चुदाई

सेक्सी मकान मालकिन की चूत मारी-1

Sexy makan malikin ki chut mari-1

हैल्लो दोस्तों, सेक्सी लड़कियों और भाभियों आप सभी अब अपनी अपनी चूत को नंगी कर लो, क्योंकि मुझे विश्वास है कि इस कहानी को पढ़ते पढ़ते आप सभी की चूत का पानी निकल जाएगा और लंड वालों आप सभी अपना अपना लंड हाथ में पकड़ लो और मुठ मारना शुरू कर दो, क्योंकि यह मेरी कहानी बहुत गर्म है. दोस्तों मेरा नाम प्रदीप है और में जालंधर के एक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों आज में जो कहानी आप सभी के सामने पेश कर रहा हूँ वो मेरे साथ उस वक्त घटित हुई थी जब में कॉलेज के दूसरे साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था और में यहाँ पर एक मकान में किराए से रहता था.

उस मकान में मकान मालिक का परिवार जिसमे एक छोटा लड़का उम्र 2 साल लेकिन वो बहुत शरारती है और उस लड़के की माँ जिसे में भाभी कहता हूँ उनकी उम्र करीब 27 साल है और मकान में दादा, दादी भी रहते है. दोस्तों उन भाभी के पति जो कि अभी कनाडा में रहते है और उन्हे यहाँ से गये हुए पूरे दो साल हो गये थे. दोस्तों यह बात फरवरी 2013 की है उस वक़्त पंजाब में बहुत ज्यादा ठंड होती है, क्योंकि मकान में जवान सिर्फ़ भाभी है तो हर काम उन्हे ही देखना पड़ता है, लेकिन जब से में उनके मकान में रहने लगा हूँ तब से उन्हे मेरी तरफ से थोड़ी बहुत मदद मिल जाती थी, क्योंकि में बाहर से कुछ भी जरुरी सामान लाने में उनकी हमेशा मदद किया करता था.

दोस्तों थोड़ा बहुत में अपनी भाभी के बारे में भी बता दूँ कि उनकी उम्र 27 साल, गोरा चेहरा, उनके फिगर का साईज़ 32-30-34 है और वो दिखने में बहुत मस्त है. उन्हे एक बार देखने से ही किसी का भी चोदने का दिल कर जाए. अब में अपने मन की बताऊँ तो भी ऐसा परिवार पाकर बहुत खुश था और भाभी के बूब्स तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छे लगते थे और वो मकान पर अधिकतर समय सूट पहनती थी और उन कपड़ो में तो वो बिल्कुल कयामत लगती थी, उन्हे देखते ही मेरा दिल करता है कि बस पकड़कर चोद दूँ. दोस्तों अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ. तो एक दिन हुआ यह कि मुझे उस मकान में कमरा लिए हुए अभी दो महीने ही हुए थे और में उनके मकान पर एक परिवार के सदस्य की तरह रहने लगा था और उनका मुझ पर विश्वास भी पूरा बन गया था, मेरा रूम ऊपर वाला था और मुझे खाना देने भाभी खुद ही आया करती थी, क्योंकि में बाहर के कामों में उनकी मदद कर देता था और जब मकान के सभी सदस्य खाना खा लेते थे तो उसके बाद भाभी मुझे खाना लाकर ऊपर दे दिया करती थी. दोस्तों पहले पहले तो में भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा करता था, लेकिन थोड़े दिनों के बाद भाभी की शायद मुझमें रूचि ज्यादा ही बन गई थी और अब वो मेरे साथ कुछ अजीब सा व्यहवार करने लगी थी, उन्होंने मेरे साथ अब हंसी मज़ाक भी करना शुरू कर दिया था और में भी कभी कभी उन्हे मज़ाक में पकड़ लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी और अब मुझे उनका व्यहवार देखकर लगने लगा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है? लेकिन मैंने उस काम में ज्यादा जल्दी नहीं की. दोस्तों में हर रोज शाम को जिम जाया करता था और फिर वहां से आकर नहाता था.

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एक दिन जब में शाम को जिम से वापस आया तो मैंने देखा कि मकान में सिर्फ़ भाभी और उनका लड़का ही था. तो मैंने उनसे पूछा कि मकान के सब लोग कहाँ गये? तो वो मुझसे बोली कि दादा दादी पास में किसी के मकान पर जागरण में गए हुए है, लेकिन मुझे लगता कि शायद वो आज घर नहीं आएँगे. तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में बाथरूम में नहाने चला गया. दोस्तों में हमेशा नंगा होकर नहाता हूँ और हर रोज की तरह आज भी में नंगा ही नहा रहा था, वो बाथरूम इस तरह से बना है कि अगर कोई छत पर खड़ा हो तो उसे ऊपर से अंदर की तरफ सब कुछ दिखेगा, लेकिन वहां पर ज्यादा कोई नहीं जाता है, सिर्फ़ कपड़े सुखाने के लिए तार लगा हुआ है. उस दिन शायद भाभी ने अपने कुछ कपड़े तार पर डाल रखे थे और वो छत पर उन्हे उतारने गई हुई थी, लेकिन मैंने उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और फिर मैंने अपने लंड पर साबुन लगाया तो वो धीरे धीरे तनकर खड़ा होने लगा और इसी बीच मेरा मुठ मारने का मन किया और फिर में शुरू हो गया और शायद यह सब भाभी देख रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर मैंने मुठ मारी और नहाकर बाहर आ गया. दोस्तों मेरा लंड 6 इंच का है. तो उसी रात को भाभी रूम में खाना लेकर आई और फिर पानी वग़ैरह रखकर मेरे सामने ही बैठ गयी. तभी मैंने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा कि लगता है आज आप अपने सभी कामों से बिल्कुल फ्री है? तो उन्होंने कहा कि हाँ और फिर मैंने उनसे पूछा कि छोटू कहाँ है? तो वो बोली कि वो सो गया है.

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फिर हम बातें करने लगे और जब मैंने खाना खा लिया तो वो बर्तन ले जाकर रसोईघर में रख आई और फिर दोबारा मेरे रूम में आई और बोली कि आज मेरा मन नहीं लग रहा है क्या हम कुछ देर बात कर सकते है? तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं? चलो भाभी हम दोनों आज छत पर बिल्कुल खुले में बैठकर बातें करते है और फिर हम छत पर चले गये, वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर हम दोनों ने बातें करनी शुरू की. दोस्तों भाभी ने अपनी शादी से पहले बी.ए. की हुई है इसलिए में उनकी कॉलेज लाईफ के बारे में पूछने लगा कि उनकी कॉलेज लाईफ कैसी थी? तो उन्होंने मुझे बताया कि उस समय उनके पीछे कॉलेज के बहुत सारे लड़के थे, लेकिन वो एक लड़के को बहुत पसंद करती थी. फिर वो मेरे बारे में मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ एक है, तो वो मुझसे मजाक में बोली कि क्यों इसका मतलब तुम तो पूरा मज़ा ले रहे होंगे? और वैसे भी आज कल तो सब बहुत तेज़ हो गया है. मैंने भी उनकी यह बात सुनकर उनको स्माइल किया और मैंने भाभी से कहा कि भाभी क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ, आप मुझसे गुस्सा तो नहीं हो जाओगी?

फिर वो बोली कि नहीं तुम पूछ लो ऐसा कुछ नहीं होगा. तो मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा कि आपने शादी से पहले कभी किसी के साथ कुछ किया है? तो यह बात सुनते ही वो मुझे एकदम हैरान होकर देखने लगी और फिर वो हंसकर बोली कि तुम यह मुझसे क्या पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि क्यों हम इतनी बात तो कर ही सकते है ना? तो वो हंसने लगी और फिर बोली कि नहीं पहले कभी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया था, लेकिन जिस लड़के को वो दिल से चाहती थी वो एक बार उन्हे अकेले में ले गया था और वहां पर हमने किस किए थे और उसने मेरे बूब्स दबाए थे और मुझसे मेरी चुदाई करने की कह रहा था, लेकिन में नहीं मानी.

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मैंने उनकी बात खत्म होते ही उनसे पूछा कि क्या आप अपनी इस लाइफ से खुश हो? तो वो एकदम से बोली कि हाँ और फिर वो मेरी बात को काटते हुए मुझसे पूछने लगी कि तुम बाथरूम में क्या कर रहे थे? दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो होश ही उड़ गये और उस घबराहट में मेरे मुहं से आवाज़ नहीं निकली. में पसीने से गीला हो गया, मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और में ये, वू, में वो कर रहा था और कुछ भी बड़बड़ाने लगा. फिर वो स्माइल करते हुए बोली कि क्या हुआ मुझसे इतना डर क्यों रहे हो? तुमने तो मुझसे बहुत आसानी से सब कुछ पूछ लिया और जब मैंने तुमसे कुछ तुम्हारे बारे में पूछा तो तुम्हारी आवाज़ नहीं निकल रही ऐसा क्यों? वैसे अब तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो क्योंकि मैंने तुम्हे वो सब करते हुए देख लिया था.

मैंने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर शांत रहा, लेकिन मन ही मन कुछ सोचता रहा और फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे कहा कि भाभी प्लीज आप यह बात किसी से मत कहना. तो वो बोली कि यहाँ पर इस समय कहने और सुनने के लिए सिर्फ़ तुम ही हो और कोई नहीं है. जिससे में यह सब कहूँगी और फिर वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि वैसे तुम्हे वो सब करने की ज़रूरत ही नहीं. मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए बहुत हल्की आवाज से पूछा कि क्यों? लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस शरारती अंदाज में मुस्कुराती रही.

मैंने पूछा कि भाभी भैया को बाहर गये हुए दो साल हो गये है तो आप कैसे रह लेते हो? फिर वो झट से बोली कि कैसे रह लेती हो का क्या मतलब् है? तो मैंने कहा कि वो सब जो एक पति पत्नी करते है उसका क्या? तो वो बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारा कहने का मतलब समझ गयी, लेकिन वो थोड़ी देर बिल्कुल चुप रही और फिर वो अपनी आंख से आँसू साफ करते हुए बोली कि चलो अब नीचे सोते है, क्योंकि अब रात भी बहुत ज्यादा हो गयी है.