चुदाई की कहानियाँ

सेक्सी थानेदारनी की सज़ा

(Sexy Thanedarni ki saza)

लेखराम के दो शब्द
लेखराम द्वारा लिखें जानी वाली कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है ये किसी भाषा,जाति, धर्म, पद, नाम से और किसी भी प्रकार के घटना नहीं संबंधित है। अगर संबधित लगता है तो ये एक संजोक मात्र है। लेखक किसी भी प्रकार से वेष्याविति को बढ़ावा नहीं देता है न वेष्याविति से संबंध रखता है। यह कहानी में वयस्क पाठकों के लिए लिखें गई है और कड़े शब्दों का प्रयोग किया गया है।

मेरा नाम अभिषेक है मैं पेशे से एक फ़ोटोग्राफर मैं किसी शादी काम के सिलसिले से बिहार जाने का आमंत्रण आया मैंने बुकिंग ले कर बस में सवार हो गया। अच्छा सुहाना मौसम था मैंने सोचा था की काम निपटा कर घर जल्दी आ जाऊगा अच्छा काम का अच्छा पैसे कमा कर घर लौट आऊंगा।
मैं बस में सवार हो कर आगे बढ़ रहा था क़रीब 2घंटे के सफर के बाद मेरी बस खराब हो गई लगभग 1घंटे रुकने के बाद भी बस ठीक नहीं हो पाई मैने तक हार कर एक कार वाले से लिफ्ट ले लिया कार में ड्राइवर के अलावा 3 लोग और थे। उनकी सकल थोड़े गुंडे टाइप थे पर मुझे क्या मुझे तो अपने काम पर जाने से मतलब था।
थोड़ा 10-15 किलोमीटर आगे जाने के बाद कुछ पुलिस के सिपाही ने गाड़ी रोक लिया उन्होंने सब को पकड़ कर नीचे उतारा उन्होंने मुझे भी उठा लिया थोड़ी देर में समझ आ गया इनलोगो ने हम सब को शराब के तस्करी में गिरफ्तार कर लिया था।

लेकिन मेरे निर्दोष होने के बावजूद सिपाहियों ने मुझे अपने साथ ले लिया तोड़ देर बाद थाने के थानेदारनी के पास हम सब को पेश करने की बात हुई थानेदारनी के आने का सब इंतजार करने लगे और साथ ही सब दर रहे थे पर मैं नहीं क्योंकि निर्दोष था मैं।
थोड़ी देर बार थानेदारनी थाने में आई मैंने देखा वो किसी हीरोइन से कम नहीं थी रंग गोरा कद 6 फुट सकल जैसे किसी अपसरा को देख कर बनाया गया हो सुराही जैसा गला उसके बॉडी से उसकी वर्दी चिपकी हुई थी जिससे उसका फिगर साफ समझ आ रहा था थानेदारनी के स्तन बड़े थे जो इसके वर्दी से चिपके होने के कारण स्तनों का आकर मैं साफ समझ सकता था।
थानेदारनी के पैंट भी थानेदारनी के कूल्हे से चिपकी हुई थी जिसमे मैं उसके गाड़ का आकर भी देख सकता है ये सब बहुत सेक्सी था।
पर ज्यादा देर तक सेक्सी नहीं लगा क्योंकि थानेदारनी ने आते ही मेरे साथ पकड़ाये तस्करों की जो पिटाई की मेरा हालत ख़राब हो गया। अब मेरी पारी थी मेरे अपने बेकसूर होने के सारे सबूत दे दिए उसके बाद कही जा कर थानेदारनी ने मुझे छोड़ने में राज़ी हुई पर ज़ब तक राज़ी हुई रात हो चुकी थी मेरे पास काम पर जाने के लिए कोई साधन नहीं था।
इस बात से मैं बहुत परेशान था आखिरी कार मैं अपनी परेशानी थानेदारनी मैडम के पास मैंने बताया की जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है क्या आप पुलिस जीप में मुझे छोड़ देंगे थानेदारनी बहुत ने हवलदार को आवाज़ लगाया हवलदार आया उससे बात करने के बाद पता चला की ड्राइवर का तबीयत ख़राब है और जो हवलदार ऑफिस में है उनको ड्राइविंग नहीं आती है।

तब थोड़ी देर बाद थानेदारनी मुझे खुद छोड़ेने की बात कही मैं मरता क्या न करता मान गया थानेदारनी के साथ चलने को मैं तैयार हो गया इतने में थानेदारनी आई उसने अपना बंदूक लोड किया हथकड़ी रखी और पुलिस वालो का सामन ले कर अपने गाड़ी में रख दी। फ़िर हम दोनों साथ गाड़ी में बैठे कर थाने से निकल गए थोड़े दूर आगे बढ़ते ही थानेदारनी अपना तनाव और काम के बारे में बता रही थी।
मैंने भी उसके हाँ में हाँ मिला रहा था उसके बाद थानेदारनी ने पूछा तुम्हारा उम्र क्या है मैंने 25 वर्ष बताया फ़िर धीरे धीरे वो मेरे से पर्सनल सवाल करने लगी क्या तुम्हारी सादी हुई है मैंने न में जवाब दिया।
थोड़े देर आगे रास्ता बहुत सुनसान था चारो तरह न कोई इंसान नहीं था तब मौका देख थानेदारनी ने पूछा क्या तुमने कभी सेक्स किया है मैं बोला ये आप कैसे कैसे सवाल कर रहे हो ये सब का मैं जवाब ही क्यों दू फ़िर थानेदारनी ने बोला तेरे लवडे की लम्बाई बता मैंने बोला मेम ये अब कुछ ज्यादा हो रहा है। फिर थानेदारनी ने अपने शर्ट के सामने के दो बटन खोली और पुछा कभी किसी लड़की का बूब्स दबाया है? मैं अब बहुत ज्यादा डर गया था। मैंने बोला मेम आप मुझे उतार दीजिये मैं यहाँ से पैदल चल दूंगा।
थानेदारनी बोली – उतार तो दूंगी पर तुझे नहीं तेरे कपड़े को. ऐसा बोलत ही थानेदारनी गाड़ी को रोकी और मेरा कालर पकड़ कर कार से बाहर निकला फ़िर बोला – देख बे चिकने तू मेरेको आ गया पसंद और मैं लड़को का पेंट देख कर उसके लवड़ा का साइज बता सकती हूँ मैंने बोला मेम ये आप क्या बात कर रही है प्लीज मुझे जाने दीजिये।
थानेदारनी ने गुस्से में अपना बंदूक निकला और बोला देख तेरेको अपनी जान प्यारी है की नहीं?और तेरे को मैं तस्करी के आरोप में 5 साल जेल में रख सकती हूँ अच्छा है तू मेरी बात मान मैं जैसा बोलुँगी वैसा कर….
मेरी फट गई मैं थानेदारनी का हुकुम मानने में मजबूर था।

Hindi Sex Story :  अंकिता ने अपनाया चुदाई का रास्ता-1

थानेदारनी ने कहाँ – चल साले अब अब अपने कपड़े एक एक कर उतार मैं वैसी करते चला गया अब मैं नंगा हो गया था।
थानेदारनी बंदूक के नोक मेरे सिर पर थी थानेदारनी ने पास आने का हुकुम दिया मैं अपने हाथों से अपने लवडे को छुपा कर थानेदारनी पास गया फ़िर….
थानेदारनी ने 3 4 गोलियां मेरे पैर हाथ के आस पास चलाया और मैं उछल उछल कर बच रहा था
थानेदारनी बोली – अपने लवडे से हाथ हटा मादरचोद साले मेरे साथ बकचोदी मत कर तेरे गाड़ में सारी गोलियां उतार दूंगी। मैंने अपने लवडे से हाथ हटा दिया अब मैं थानेदारनी के सामने नंगा था और मेरा लवड़ा सोया हुआ था।
थानेदारनी ने मुझे पेंट निकलने का हुकुम मैं थानेदारनी के पास गया और डरते हुए थानेदारनी की पेंट का बेल्ट निकला फ़िर थानेदारनी की पेंट निकली अब थानेदारनी मेरे सामने सिर्फ शर्ट और पैंटी में और उसकी गौरी चिकनी जाँघ मेरे आँखो के सामने थी।

थानेदारनी मेरे ठुड्डी में बंदूक की नोक रख कर बोली – सुन चिकने मेरी चिकनी जांघो के बीच चिकनी मेरी चुत तेरे चूसने का इंतजार कर रही तू मेरा चुत को जीतने मज़े देगा मैं उतने जल्दी तेरेको यहाँ से रिहा कर दूंगी। मैंने थोड़ा शांत दिमाग़ से सोचा फ्री में चोदने मिल रहा ये मौका मैं हाथ से क्यों जाने दू। मैं फिर अपने फॉर्म में आ गया थानेदारनी को कार के बोनेट पर बैठा दिया उसके जाँघो को फैला दिया फिर थानेदारनी की नंगी जांघो में अपने हाथ फेरने लगा तब मेरा डर बहुत कम हो गया फिर थानेदारनी नंगी गौरी जाँघो को मैं चूमने लगा थानेदारनी ख़ुश हो रही थी मैं थानेदारनी की नंगी चिकनी जाँघो में चाट कर भी बहुत मज़े ले रहा था जैसे उसका जाँघ रसमलाई का बना हो अब अपनी उंगलियां थानेदारनी के पिंक पैंटी के पास ले गया। और पैंटी के बीच से थानेदारनी की चुत को छूने की कोशिश कर रहा था पर चुत में ऊँगली की नहीं ऐसा मैंने बार बार किया थानेदारनी की पैंटी में पानी आने लगा था।
थानेदारनी बोली – एक हाथ में बंदूक रख के बोली भोसड़ीवाले मेरा चुत को चूस नहीं तो यही गोली मार दूंगी।
मैंने थानेदारनी की पैंटी तुरन्त उतार दी। फिर बीच के ऊँगली थानेदारनी के चुत में और जीभ को चुत के थोड़ा ऊपर रख कर मैं थानेदारनी के चुत चाटने लगा।

Hindi Sex Story :  चुदाई का उद्घाटन

थानेदारनी बोलती – हाँ मादरचोद चाट मेरी चुत को नहीं तो गोली मार दूगी लवडे के बाल मदरचोद चूतिये चूस मेरे चुत को आह्ह्ह्हह आहहह बहुत मजा आ रहा तेरे चुत चूसने में मादरचोद चूस चूस मेरी चुत को चूतिये…..
थानेदारनी ने मेरा बाल खींचा और अपने चुत को मेरे मुँह में रगडने लगी थानेदारनी ऐसा बरताव इसलिए कर रही थी क्योंकि उसको चोदवाने का मौका कम मिलता था।
मैंने अब चुत में ऊँगली करने की रफ्तार तेज़ कर दी मैं कभीचुत में ऊँगली करने की रफ्तार बढ़ता कभी कम कर देता ऐसा मैं बार बार करता मेरे उँगलियों से होता हुआ थानेदारनी के चुत का पानी हाथों में आ गया और थानेदारनी की सांस ऊपर नीचे होने लगी थी मैं एक टाइम तो चुत में ऊँगली करने की रफ्तार इतनी तेज़ कर दी की थानेदारनी की चीख निकल आई। अब मैं अपना ऊँगली थानेदारनी के चुत से बाहर निकला थानेदारनी हाफ्ते हुए बोली – तू मेरेको आज बहुत मजा दिया है ऐसा चुत में ऊँगली कोई नहीं कर सकता अब मैं तेरेको इसका इनाम दूँगी।
ऐसा बोल कर थानेदारनी ने मेरे लवडे के तरफ देखा और मेरा लवड़ा पकड़ लिया अब थानेदारनी अपने दोनों जाँघो को फैला कर बैठ गई फिर मेरा लवड़ा ऐसा चूस रही थी मानो खा ही जाएगी मुँह से सीधा हकल में ले कर चूस रही थी मुझे बड़ा मजा आरहा था इतने में थानेदारनी खडे हो कर एक तप्पड़ लगाया बोला – चूतिये तेरे मुँह से गाली क्यों नहीं निकल रही है मुझे ऐसे मजा नहीं आता लवड़ा चूसने में।

मेरा गुस्सा इस तप्पड़ ने बढ़ा दिया एक तो सब बात मानो और मार भी खाओ फिर मैंने थानेदारनी के बाल खींचा और उसका मुँह अपने लवडे में भर दिया थानेदारनी मेरा लवड़ा चूस नहीं पा रही थी क्योंकि मैं अब अपने लवडे से उसका मुँह को चोद रहा था इसके मुँह को मैंने चुत बना दिया
मैं बोला – ले मादरचोद बहुत गाली देने का सुनने का शौक है तेरेको साली ले मेरा लवड़ा अपने मुँह में।
थानेदारनी का मुँह को 10 मिनट तक चोद कर मैंने थानेदारनी की शर्ट उतार दी अब थानेदारनी बस ब्रा पहनें हुई थी मैंने थानेदारनी को पीछे से पकड़ा अपना खड़ा लवड़ा थानेदारनी की गाड़ में चिपकाया और पीछे से थानेदारनी के ब्रा के ऊपर से उसके मम्मो को दबाने लगा
थानेदारनी मम्मो के दबाने का बड़ा मजा ले रही थी। फिर मैं थानेदारनी के गाड़ में अपने हाथ लगाने लगा थानेदारनी की गाड़ में बहुत गुदा मैंने चट चट दो चार चाटे लगाए थानेदारनी बोली – इतने में क्या होगा करना है तो जोर से कर फिर मैं अपने हाथ हवा में ऊपर ले जा कर थानेदारनी के गाड़ में बहुत चाटे बरसाए थानेदारनी की गाड़ लाल पड़ गई मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

अब थानेदारनी की चुदने का वक़्त आगया था थानेदारनी को मैंने कार के बोनेट में लेता दिया और थानेदारनी की गौरी जाँघ फैला दी थानेदारनी की चुत में अपना लवडे को रगडते हुए उसके चुत में घुसा दिया। थानेदारनी बोली – आहहह मादरचोद कितने दिन बाद लवड़ा घुसा मेरी चुत में आहहह चोद चोद मेरेको चोद मादरचोद मादरचोद मादरचोद हाँ चोद मैं भी शुरू हो गया बोला – मादरचोद भोसड़ीवाली थानेदारनी चोदुँगा तेरा भोसड़ा कर दूँगा थानेदारनी तेरी चुत का भोसड़ा साली। मैंने इतने ताकत से थानेदारनी को चोद रहा था की थानेदारनी के मम्मे भी ऊपर नीचे हिल रहे थे थानेदारनी के नाभी में मैं हाथ रख कर थानेदारनी को रगड़ कर चोदने लगा। मुझे लगा अब इसका गाड़ मारने का वक़्त आ गया है मैंने थानेदारनी के दोनों जांघो को खींचा और उसको पलट दिया।

Hindi Sex Story :  टीचर की गर्लफ्रेंड को पटाकर चोदा

फिर मैंने अपने हाथ थानेदारनी को दिखाए और बोला उसमें थूको थानेदारनी ने हाथ में थूक दिया मैंने भी थूक में अपना थूक मिला दिया फिर थानेदारनी के गाड़ के छेद में लगा दिया थानेदारनी के गाड़ का छेद अब मुलायम हो गया अब थानेदारनी की गाड़ मारी जा सकती थी।
मैंने थानेदारनी के गाड़ में अपना लवड़ा घुसा दिया। थानेदारनी को इससे बहुत दर्द हुआ क्योंकि वो अपना गाड़ नहीं मरवाती थी उसके आँखो में आँशु थे इसलिए मैं धीरे धीरे गाड़ मारने लगा।
थानेदारनी- आह आह आह धीरे धीरे करो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है आह मेरी गाड़ ओ माँ मेरी गाड़ बहुत दर्द हो रहा है प्लीज धीरे करो मम्मी आह्ह

मैंने बोला लवड़ा निकाल दू क्या?
थानेदारनी दर्द में बोली – नहीं नहीं ये भगवान आह नहीं दर्द में मजा और सज़ा दोनों है। तुम मारते रहो मेरी गाड़ आज नहीं तो कल कोई और मार देता।
करीब 20 बाद थानेदारनी के गाड़ का छेद बड़ा हो गया और थानेदारनी मज़े से गाड़ मराने लगी।
थानेदारनी – मारो मारो मारो मारो मारो मारो मादरचोद मेरी गाड़ मारो आह्ह्ह्ह बड़ा मजा आरहा है गाड़ मरवाने में।
अब थानेदारनी ने मुझे लेटने को कहाँ मैं लेट गया थानेदारनी मेरे ऊपर चढ़ गई फिर मेरे लवडे को अपने चुत में डाल ली फिर एक हाथ मेरे छाती में रख कर संतुलन बना कर मेरे लवडे में कूद कूद कर चुदने लगी थानेदारनी के मम्मो को हवा में उचलते साफ देख सकता था।
थानेदारनी – आह अहह आह तेरा लवड़ा आह चोद चोद चोद चोद आ वाह क्या लवड़ा है वाह मादरचोद मजा आ रहा है मादरचोद……
इतने में थानेदारनी को ऑर्गेज्म आ गया वो जोर से चीखी – आहहह मादरचोद
थानेदारनी का मेरे ऊपर बैठे-बैठे ही पेशाब छूट गया। थानेदारनी की अब सांस फूल गई थानेदारनी मेरे ऊपर बैठ कर अपने ऑर्गेज्म के दर्द का कम होने का इंतजार करने लगी तब भी उसका हाथ मेरा लवड़ा हिलाने में लगा हुआ था।
थानेदारनी बोली – ये लवड़ा सच में बहुत मज़ेदार है मैं तेरा लवड़ा काट कर रख लू जी होता है खेर ये उसका एक माज़क था थानेदारनी ने ऐसा कुछ नहीं लिया।

अब थानेदारनी मेरे लवडे में अपना चुप घुसा कर चुदने लगी चोद चोद बड़ा मजा आरहा है मैं उसके चुत के पानी और पेशाब से नहा चूका था अब मेरा लवड़ा छड़ने वाला था थानेदारनी अब भी मेरे ऊपर थी।
मैंने बोला – अब मैं छड़ने वाला हूँ थानेदारनी बोली तेरा ज़ब माल निकला तो मैं सब पी जाऊगी पर अब तेरे ऊपर से नहीं निकलूंगी तेरा ज़ब माल आने वाला होगा तो 10 गिनती उल्टी गिन देना। क़रीब 2 मिनट बाद मुझे लगा
मेरा मुठ निकलने में बस इतना ही कुछ टाइम बचा है मैंने गिनती शुरू कर दी 10 -9-8-7-6-5-4-3-2-1.
थानेदारनी 2 के गिनती में मेरा लवड़ा अपने चुत से निकाल दी थी और सारा माल मेरे सीने में गिर गया मैं तो 1 मिनट के लिए लशत पड गया।
थानेदारनी मेरे सीने का सारा माल कुतिया जैसे चाट गई और मेरे ऊपर लेट गई 15 20 मिनट बाद थानेदारनी और मैं कपड़े पहन लिए उसके बाद थानेदारनी मुझे अपनी मंजिल में पहुँचा दी।
[लेखक से सम्पर्क कैसे करे :- लेखक आप के लिए निजी तौर पर कहानी लिखता है लेखक आप के लिए कहानी लिखने का शुल्क लेता है। लेखक आप की जानकारी गोपनीय रखता है पाठकों से निवेदन है की कृपया सक्षम व्यक्ति ही सम्पर्क करे। [email protected] ईमेल कर सकते है जवाब अवश्य मिलेगा।