भाई-बहन की चुदाई

शादीशुदा बहन का रंडीपन

Shadishuda behan ka randipan

हैल्लो दोस्तों, मेरी दीदी शादीशुदा है और वो अपनी चूत को शांत करने के लिए एक रंडी बन गयी और मेरे जीजाजी के कुछ दोस्तों के साथ उसकी चुदाई का वो दौर बड़े मज़े से लगातार चल रहा था. मेरे जीजाजी के दोस्तों को भी जब भी उनकी चुदाई करने का मन करता वो दीदी के घर पर आकर दीदी को बड़े मज़े लेकर चोद लेते, लेकिन दीदी की भूख अब पहले से भी कुछ ज़्यादा ही बढ़ती जा रही थी. और उसकी अब हमेशा नये नये लंड से अपनी चुदाई करवाकर अपनी चूत को शांत करने की इच्छा होती चली गयी, जिसकी वजह से अब मेरी चुदक्कड़ बहन अपनी शरम को छोड़कर हमेशा घर में पेटीकोट और ब्रा में रहने लगी थी, जिसकी वजह से वो तुरंत ही किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करके उससे अपनी चुदाई करवा सके. और एक दिन उसने अपने दूध वाले को भी नहीं छोड़ा, मेरी दीदी उससे भी अपनी चुदाई करवा बैठी और उनको कैसे भी अपनी चूत को शांत करना था और उसके लिए वो कुछ भी करने के लिए तैयार थी.

दोस्तों दीदी के सामने वाले घर में रहने वाला एक लड़का जिसका नाम रमेश था, जो कि 28 साल का था, वो अब मेरी छिनाल दीदी के बारे में सब कुछ जान चुका था, इसलिए वो भी उनकी चुदाई करने के मौके देखने लगा और वो नये नये जुगाड़ लगाने लगा था और दीदी भी उसके इरादे को ठीक तरह से समझ गयी थी कि रमेश अब दीदी की चुदाई करना चाहता है और उस वजह से दीदी को उसको अपने काम के लिए पटाने में कुछ ज़्यादा समय और मेहनत नहीं लगी और अब मेरी दीदी ने रंडियों की तरह रमेश को अपने गंदे इशारे करने शुरू कर दिए थे, जिनको वो बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था.

एक दिन दीदी ने रमेश को अपने घर में बुला लिया उस समय घर में कोई भी नहीं था और टीवी पर फैशन टीवी चल रहा था, जिसमें वो मॉडल अपना काम कर रही थी और वो बहुत छोटे छोटे कपड़े पहनकर अपने बूब्स को दिखा रही थी.

दीदी उससे बोली कि आप बैठो में चाय बनाकर अभी लाती हूँ और वो उससे यह बात कहकर दूसरे रूम में चली गयी और वो अब छुपकर रमेश को देखने लगी और कुछ देर बाद रमेश की टीवी पर वो सब देखकर धीरे धीरे हालत खराब होने लगी थी, इसलिए उसने अपना पांच इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड बाहर निकाला और वो लंड को धीरे धीरे सहलाने लगा.

उसकी पीठ पीछे से दीदी उसके लंड को देखकर अपनी चूत में उंगली करने लगी थी और वो दोनों धीरे धीरे गरम होकर जोश में आने लगी उनकी स्पीड भी अब पहले से ज्यादा तेज होती चली गई और कुछ देर बाद दीदी की चूत से ढेर सारा पानी बहकर बाहर आने लगा और जब दीदी से ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो अब रमेश के सामने आ गयी और उन्होंने बिना पूछे ही रमेश के लंड को पकड़ लिया और वो अब रंडी की तरह उसके लंड को सहलाने लगी और लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी और पेशाब के छेद में अपनी जीभ को डालने लगी और एक हाथ से अपने बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगी, जिसकी वजह से रमेश की हालत भी अब पहले से ज्यादा खराब होने लगी थी और उसने अपने लंड के दबाव को दीदी के मुहं पर बढ़ाया और मेरी रंडी दीदी के मुहं को वो अब धकाधक मस्त मज़े से चोदने लगा और साथ में वो गालियाँ भी बकने लगा था.

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वो कह रहा था हाँ और ले मेरी रंडी, ले मेरा लंड, चूस मज़े से, चूस साली कुतिया, तुझे लंड का आज में असली मज़ा दूंगा, जिसको तू पूरी जिंदगी याद रखेगी, में आज तुझे वो मज़े दूंगा. आज में तेरी चूत को इतना जमकर चोदकर फाड़ दूँगा तू रंडी पता नहीं साली कितने लंड हर रोज खाती है, हरामजादी चल अब तू मेरे आंडो को भी चूस और मेरी रंडी मुझे मज़े दे और अपनी चूत में भी उंगली कर.

फिर दीदी उसकी बातें सुनकर बहुत जोश में आ गई और वो बिल्कुल एक रंडी की तरह रमेश के मोटे लंड को चूसकर मज़े देने लगी और वो बीच बीच में रमेश के आंडो को भी अपने मुहं में लेकर चूसने लगी थी और रमेश की हालत अब बहुत ज्यादा खराब हो गयी और वो मुहं में लंड को डालकर धनाधन धक्के देकर चोदने लगा. दीदी के गले तक उसने अपने लंड को डालकर वीर्य की एक जोरदार पिचकारी को छोड़ा और दीदी का पूरा मुहं उसने अपने लंड के पानी से भर दिया और दीदी किसी अनुभवी रंडी की तरह उस सारे पानी को पी गयी और वो फिर से लंड को चूसने लगी जिसकी वजह से कुछ ही देर बाद उसका लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और दीदी फिर से उसकी मुठ मारने लगी.

अब रमेश ने कहा कि रांड अब तू मुझे अपनी चूत दे में उसको कुछ देर चाटूँगा, तभी दीदी उसके कहते ही अपनी चूत को पूरा फैलाकर उसके सामने सीधी होकर लेट गयी और दीदी की चूत से उस समय ढेर सारा सफेद पानी बाहर निकल रहा था, क्योंकि वो रमेश का लंड चूसते हुए दो बार झड़ चुकी थी. अब रमेश ने सबसे पहले दीदी की चूत पर एक चुम्मा दिया और फिर वो चूत में अपनी जीभ को डालकर जीभ से ही दीदी की चूत को चोदने लगा और दीदी रंडी की तरह चिल्लाने लगी आह्ह्हह्ह उईईईईई साले बहनचोद कुत्ते जीभ से क्या तू मेरी चूत को चाट रहा है? इसमें तू अब जल्दी से तेरा लंड डाल दे और मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद, दिखा मुझे तू अपने लंड का दम और मुझे पूरे जोश में आकर चोद.

अब रमेश को दीदी की बातें सुनकर एकदम से जोश आ गया और वो उठकर किचन में चला गया और वो अपने साथ एक बेलन ले आया सबसे पहले उसने बेलन पर बहुत सारा तेल लगाया और उस मोटे बेलन को उसने पूरा का पूरा दीदी की चूत में डाल दिया जिसकी वजह से दीदी को दर्द के साथ साथ मज़ा आने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी और साथ में गालियाँ भी बकने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई हाँ आईईईइ चोद ले मादरचोद तू आज मेरी चूत को हाँ पूरा डाल दे फाड़ दे तू आज मेरी चूत को, में तेरी रंडी हूँ और रंडी को बुरी तरह से चोदते है, रंडी पर बिल्कुल भी रहम नहीं करते और यह सब कहते हुए वो झड़ गयी.

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रमेश ने दीदी की चूत के पानी को अपनी जीभ से चाटकर साफ किया और चूत को अच्छी तरह से चमका दिया और उसके बाद उन दोनों ने थोड़ी देर वहीं पर आराम किया. फिर दीदी की चूत में दोबारा से वहीं खुजली होने लगी, इसलिए वो रंडी की तरह अपनी चूत में अपनी उंगली को डालने लगी और अब बोली क्यों क्या हुआ साले तू अभी से ही थक गया? चल अब उठ आजा बहनचोद तू मेरी चूत को अपने लंड से चोद मुझे लंड की चुदाई का मज़ा भी दे जिसके लिए तुझे मैंने यहाँ बुलाया है और उस काम को भी अब तू जल्दी से पूरा कर दे.

दोस्तों अब रमेश को दीदी की बातें सुनकर जोश आ गया और उसने दीदी को तुरंत पलटकर अपने लंड को उनकी गांड के मुहं पर रखकर बहुत ज़ोर से धक्का देकर गांड में अपने लंड को डाल दिया और दर्द की वजह से दीदी बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी कि मादरचोद कुत्ते की औलाद साले हरामी तूने इतनी बुरी तरह से मेरी गांड में लंड क्यों घुसाया?

फिर रमेश ने कहा कि साली रंडी छिनाल वो इसलिए, क्योंकि तेरी फटी हुई चूत में अगर मेरा लंड जाएगा तो तुझे उसका पता भी नहीं चलेगा और ना तुझे मज़ा आएगा और ना मुझे अच्छा लगेगा और वैसे भी मेरी रंडी अब तेरे पास तेरी गांड ही चोदने के लिए बची है रंडी छिनाल, इसलिए में अब तेरी गांड मार रहा हूँ और तू देख तुझे आज कितना मज़ा आएगा?

फिर कुछ देर के बाद दीदी को उसके धक्के देने से अब मज़ा आने लगा था और वो आह्ह्ह्ह ऊईईईईईई माँ उफफ्फ्फ्फ़ जैसी आवाज़ें निकालने लगी और वो अपनी गांड को मज़े से चुदवाने लगी और वो दोनों एक दूसरे को बहुत गालियाँ देने लगी रमेश ने दीदी के बड़े बड़े बूब्स को अपने हाथ में लेकर बुरी तरह से मसलना शुरू किया और उसने पूछा क्यों रंडी यह क्या है? तब दीदी ने रंडी की तरह जवाब देकर कहा कि यह मेरे बूब्स है बहनचोद इसे तू आज और भी बुरी तरह से मसल दे और इसमे से दूध निकाल दे.

अब रमेश ने दीदी के बूब्स को जोश में आकर बुरी तरह से मसलना शुरू किया, जिसकी वजह से दीदी को और भी जोश आ गया और रमेश ने उसी समय नीचे से दीदी की चूत में अपना एक हाथ डाल दिया और वो अपने हाथ से दीदी की चूत को चोदने लगा और पूछने लगा कि बता यह क्या है रंडी?

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दीदी ने कहा कि बहनचोद तू मेरी चूत में हाथ डालकर मुझे चोद रहा है और मुझसे ही पूछता है कि यह क्या है? यह मेरा भोसड़ा है जिसमें में तेरे जैसे सभी के लंड खाती हूँ और पेशाब करती हूँ और दीदी बहुत मज़े से रमेश के हाथ से अपनी चूत को चुदवाने लगी.

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तभी रमेश ने अपने लंड को गांड से बाहर निकालकर एक बार और ज़ोर का धक्का मार दिया और गांड को फिर से लगातार धक्के देकर चोदने लगा और वो दीदी को गालियाँ देने लगा कि क्यों रंडी तू अब तक कितने लंड खा चुकी है छिनाल, तूने अपनी चूत का भोसड़ा ही बनवा लिया है, देख रंडी तूने अपने बूब्स को इतने बड़े बड़े कर लिए है? रंडी तू और कितना अपनी गांड को मरवाएगी, साली रांड तुझे तो बीस लोग भी अगर एक साथ चोदे तब भी वो लोग तेरी प्यास को नहीं बुझा सकते.

अब दीदी कहने लगी हाँ भड़वे मार तू आज मेरी गांड और ज़ोर से धक्के मार, फाड़ दे तू मेरी चूत को साली इसकी प्यास ही नहीं बुझती, चोद मुझे और अपने दोस्तों से भी तू मुझसे चुदवा दे, फाड़ दे मेरी चूत को और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से धक्के देकर फाड़ दे मादरचोद.

फिर रमेश बोला कि हरामजादी तू तो बहुत बड़ी रंडी है, कुतिया तुझे तो कोई कुत्ता चोदेगा रंडी तेरी चूत को तो में आज चीर दूँगा, तभी दीदी ने अपनी चूत से ढेर सारा पानी बाहर की तरफ छोड़ दिया और रमेश और ज़ोर से धक्के देकर गांड को चोदने लगा, क्योंकि उसका लंड अब बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और फिर एक ज़ोर की पिचकारी को रमेश ने गांड में छोड़ दिया, वो पिचकारी इतनी तेज थी कि दीदी का पूरा गोरा बदन कांप गया और उसने मज़े लेकर अपनी दोनों आखें मूंद ली, क्योंकि आज पहली बार उसकी गांड की किसी ने भरपूर मजेदार चुदाई के उसको मज़े दिए थे और वो अपने चेहरे से एकदम संतुष्ट नजर आ रही थी.

फिर वो दोनों एक साथ उसी बेड पर लेट गये और एक दूसरे को चूमते हुए सो गये. दोस्तों यह थी मेरी छिनाल बहन की चुदाई और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी पढ़ने वालों को मेरी यह कहानी ज़रूर पसंद आई होगी.