Bhabhi Sexपड़ोसी की चुदाई

शालिनी भाभी की प्यासी चूत 1

Shalini bhabhi ki pyasi chut-1

हाय दोस्तो, मेरा नाम विशाल देसाई है।

प्लीज़, मेरी स्टोरी पूरी पढ़ना, मैंने अपनी पूरी भावना से लिखी है…

मैं मुंबई से हूँ, उम्र है 25 और हाइट 6.1। मैं हटा-कटा हूँ और मेरे लण्ड का साइज़ 6 है।

मुझे हमेशा से ही कसी और भरी हुई शादीशुदा औरतों पर आकर्षण रहा है, भाभियाँ मुझे बहुत पसंद है।

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ। थोड़ी लंबी कहानी है इसलिए दो भागों में लिखी है, पर मैं यकीन के साथ कहता हूँ दोनो भागों को पढ़ने के बाद लड़के मूठ ज़रूर मारेंगें और लड़कियाँ उंगली ज़रूर करेंगीं…

तो दोस्तो, ज़रा सब्र के साथ आनंद लीजिए कहानी का…

मेरी बिल्डिंग में एक शालिनी नाम की भाभी रहती हैं। उनकी उम्र तीस साल है और फिगर का साइज़ है ३६-२८-३८। एकदम दूध जैसी गोरी हैं। हाइट लगभग 5।6 है।

ज़्यादातर वो साड़ी पहनती थीं, लो-कट वाली, जिससे उनकी नेवेल साफ दिखती थी, जाहिर है दोस्तो, मेरा लण्ड खड़ा हो जाता। ऐसा लगता था कि अभी जा कर चूम लूँ और उस गोरे-गोरे मखन जैसे पेट को खा जाऊँ।

भाभी एक हाउस-वाइफ है और सिलाई-मशीन पर कपड़े सिलाने का काम करती हैं।

मैं शालिनी भाभी से हमेशा ही बात करने का बहाना ढूंढ़ता था, वो भी मुझसे अच्छे से बात करती थीं।

मैं मौका के ही तलाश में था पर डरता था क्यूंकी अंकल भी मुझसे हमेशा अपनेपन से बात करते थे।

फिर अचानक एक दिन मेरी किस्मत चमकी। हुआ यूँ कि मैं अपनी बिल्डिंग की सीढ़ियों से उतर रहा था कि तभी मैंने देखा, भाभी मेरे सामने झुके हुए झाड़ू लगा रही थीं।

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पहली बार मैंने भाभी की दोनों गोरी-गोरी चूचियाँ देखी, वो पूरी ब्लाउज से बाहर आ रहीं थीं।

ये सब देख कर मेरा ईमान डोल गया। दोस्तो, मैं उनकी चुचियों में इतना खो गया कि मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं गिर गया।

भाभी मेरे पास दौड़ कर आईं और मुझे उठाने लगीं। उनका स्पर्श होते ही मेरे शरीर में करेंट दौड़ गया।

मेरा एल्बो उनके बूब्स को लगा, उफ़, क्या सॉफ्ट लग रह थे उनके बूब्स।

फिर भाभी मुझे अपने रूम में ले गईं, और मेरे पैर को देखा। वो प्यार से मेरे पैर को दबाने लगीं।

मैंने बोला – अरे भाभिजी, आप चिंता ना करें, कुछ नहीं हुआ। मुझे इतना नहीं लगा।

शालिनी भाभी – अरे नहीं विशाल, मुझे देखने दो, तुम्हारी शर्ट तो फट गई है।

ये सुनते ही मैं खड़ा हो गया क्यूंकी मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था।

शालिनी भाभी – विशाल मुझे दे दो, मैं सिल देती हूँ।

भाभी फिर मेरी फटी हुई शर्ट देखने लगीं। ये सब करते वक्त भाभी ने अचानक उनका हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया।

मैं एकदम से चौंक गया, मुझे लगा शायद ग़लती से लगा होगा।

दोस्तो, भाभी मेरे लण्ड के एकदम पास में थीं, मेरा लण्ड अब कड़क होने लगा था।

इतने में भाभी ने अपना पल्लू गिरा दिया और मुझे उनकी गोरी-गोरी चूचियाँ साफ दिखने लगीं।

ये सब देख कर मैं अब बेकाबू हो रहा था, मेरी साँसें तेज हो रहीं थीं।

मेरा लण्ड अब झटके दे रहा था, बहुत बुरी तरह कड़क हो गया था, बेचारा।

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ये सब भाभी देख रहीं थीं, मैंने भाभी की आँखों में एक चमक देखी।

उसी वक्त भाभी ने एकदम से मेरा लण्ड ज़ोर से पकड़ा और उसे मसल दिया। फिर वो चड्डी के ऊपर से उसे हिलाने लगीं।

मैंने भाभी को बोला – अरे भाभी, ये आप क्या कर रही हो… ये सब ग़लत है।

शालिनी भाभी – ओह, विशाल प्लीज़… मुझे मत रोको… मैं बहुत प्यासी हूँ… मुझे मेरा पति ठीक से नहीं चोद पता… मैं अपने जीवन से बहुत उदास हूँ… क्या मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती?

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूँ।

शालिनी भाभी – अच्छा तो ये बताओ, तुम्हारा लण्ड इतना कड़क क्यूँ हुआ है।

मेरा संयम अब जवाब दे गया था, मैंने भाभी को ऊपर उठा लिया और उनके होंठ अपने होंठों से पकड़ लिए और हम एक-दूसरे को चूमने लगे।

फिर शालिनी भाभी ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मैंने उनकी साड़ी। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं।

अब शालु मुझे किस करते-करते मेरे नीचे आ गई और एक झटके में मेरी चड्डी निकाल दी, मेरा लण्ड शालु को सलामी दे रहा था।

शालिनी भाभी – ओह माई गॉड, अरे विशाल तेरा लण्ड तो बहुत ही लंबा है… क्या मैं इससे चूस सकती हूँ?

मैं बोला – हाँ मेरी शालु जान, ये लण्ड अब तुम्हारा है… तुम इसके साथ कुछ भी करो।

फिर शालिनी ने मेरा लण्ड एकदम से मुँह में ले लिया और उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, वो उसे चूस भी रही थी और हिला भी रही थी। करीब दस मिनिट तक शालु मेरे लण्ड को चूसती रही, मेरा शरीर पूरा अकड़ गया था।

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मैंने शालु को बोला – ओह शालु, बस करो मेरा निकल जाएगा।

शालिनी भाभी – निकल जाने दो, मेरे विशु डार्लिंग… मुझे तुम्हारा पानी पीना है।

जैसा कि मैंने बताया था कि कहानी लम्बी होने के कारन मैंने दो भागों में लिखी, जिससे की पाठकों का रोमांच बना रहे…

इसलिए दोस्तों इंतज़ार कीजिये अगले भाग का, जो जल्द ही प्रकाशित होगा…