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सर्दी में प्रिंसिपल मेम ने चुदवा लिया–1

Shardi me principal madam ne chudwa liya-1

सभी पाठको को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एक बार फिर हाज़िर हूं चूत चुदाई,लंड ठुकाई के सफर में। मैं 26 साल का जवान लौंडा हूं।मेरा लन्ड 7 इंच लम्बा है जो किसी भी चूत की जड़ तक पहुंच कर चूत में भयंकर उथल पुथल मचा सकता है।अगर कोई भी चूत एकबार मेरे लंड से चुद जाए तो फिर वो जिंदगी भर मेरे लन्ड को नहीं भूल सकती। मैं चूत को जमकर बजाता हूं।

ये मेरे स्कूल टाइम की कहानी है।उस समय मै क्लास 12 वी में पड़ रहा था।कल्पना मैडम को चोदने के बाद मुझे चूत चोदने की भयंकर लत लग गई थी और फिर मैंने हमारी प्रिंसिपल मेम को भी ऑफिस में गर्म करके पेल दिया था। इसके बाद मुझे प्रिंसिपल मेम की चूत नहीं मिल रही थी।

मेरा लन्ड फिर से प्रिंसिपल मेम की चूत लेने के लिए मचल रहा था।वैसे तो मेरे लन्ड को क्लासमेट्स और मैडम की चूत मिल रही थी लेकिन अब मेरा लन्ड प्रिंसिपल मेम को चोदने की जिद करने लगा।
हमारी प्रिंसिपल मेम उस टाइम लगभग 45 साल की थी।वो एकदम  गौरी चिट्ठी थी।उनका पूरा मखमली जिस्म गजाराया हुआ था।उनको देख देखकर मेरा लन्ड फिर से हिचकोले खा रहा था।मेम के बड़े बड़े 34 साइज के बूब्स को मुझे फिर से चूसने ,दबाने की जबरदस्त इच्छा हो रही थी। मैं फिर से मेम के मस्त बूब्स का आनंद लेना चाहता था।मेम की 32 साइज की चिकनी कमर मुझे पागल कर रही थी।

वहीं मेम के 34 साइज के शानदार चूतड़ तो गजब ही थे।मेरा लन्ड अब मेम इन चूतड़ों के बीच बने सुराख में काम करना चाहता था।अबकी बार मै मैडम की गांड मारने की पूरी प्लानिंग बना चुका था।
अर्धवार्षिक परीक्षा होने के बाद स्कूल में छुट्टियां चल रही थी।तभी मैंने प्रिंसिपल मेम को कॉल किया तो मेम ने कॉल रिसीव नहीं किया।फिर थोड़ी देर बाद उनका मेसेज आया कि वो अभी बाहर है जब टाइम मिलेगा तो वो खुद कॉल कर देगी।
अब मैं लंड पकड़कर मेम के कॉल आने का इंतजार करने लगा।फिर लगभग 2 घंटे बाद मेम का कॉल आया– हां ,रोहित बता ,क्यो कॉल किया था।
मैं– मेम आपकी चूत लेने की बहुत ज्यादा इच्छा हो रही है।
मेम– तो मैं क्या करू?
मैं– चूत दो और क्या करोगी?

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मेम– देख उस दिन वो गलती से हो गया था। मैं खुद तेरा देखकर बहक गई थी।लेकिन अब वो गलती मै दुबारा नहीं करूंगी।और वैसे भी तुझे तो चोदने के लिए भरपूर माल मिल ही रहा है ना।
मैं– तो क्या उस दिन आपको चुदाने में मज़ा नहीं आया था क्या?
मैडम– मज़ा तो बहुत ज्यादा आया था।और तू चोदता भी बहुत अच्छा है। लेकिन मैं स्कूल की प्रिंसिपल हूं। अब मुझे थोड़ी सी तो शर्म करनी पड़ेगी ना। तू तो अभी नादान है।
मैं– अरे मेम आप शर्म वर्म को छोड़िए और चुदाने के लिए स्कूल आ जाइए।आपको चोदने के लिए मेरा लन्ड उतावला हो रहा है।
मैडम– यार अब मैं तुझसे नहीं चूद्वाऊंगी। तू मेरा स्टूडेंट् है।मुझे अच्छा नहीं लगता है।
मैं– जब मुझे आपको चोदने में कोई दिक्कत नही तो फिर आपको इतनी ज्यादा प्रॉब्लम क्यो हो रही है?
मेम–बात प्रॉब्लम वाली नहीं है।बात रिश्ते वाली है।
मैं– आजकल तो सभी रिश्तों में चुदाई हो रही है।

अब मेरी बात सुनकर मेम चुप हो गई।
मैं– बोलिए ना मेम।
मेम– अरे यार तू मान जा ना।
मैं– मै आपकी चूत लेकर ही मानूंगा।
मेम– अरे यार। तू नहीं मानेगा।चल ठीक है।अभी तो मैं बाहर शादी में हूं।जब वापस आऊंगी तो तुझे बता दूंगी।
मैं– जल्दी आना मेरा लन्ड आपका बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
अब मैं मेम का वापस आने का इंतज़ार करने लगा। फिर दो दिन बाद मेम का कॉल आया– कल सुबह 10 बजे स्कूल पहुंच जाना।

मैं– ठीक है मेम।
अब जैसे तैसे करके मैंने रात निकाली।फिर सुबह 10 बजते बजते लंड को मसलता हुआ स्कूल पहुंच गया।आज भी भयंकर सर्दी पड़ रही थी।चारो तरफ घना कोहरा छाया हुआ था। मेम पहले से ही स्कूल पहुंच चुकी थी।मेम ने पीली साड़ी के ऊपर पिंक कलर का जैकेट पहने हुआ था।वो ऑफिस में प्रिंसिपल चेयर पर बैठी हुई थी।
मैं– नमस्ते मेम।
मेम– नमस्ते।
मैं– बहुत सर्दी पड़ रही है आज।
मेम– हां रोहित,बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है।
मैं– और बताइए क्या हालचाल है आपके? घूम आई शादी में?
मेम– हालचाल सब अच्छे है।शादी में खूब मज़े किए। तू बता तेरे क्या हालचाल है?

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मैं– बस लंड आपकी चूत मांग रहा है।
मेरी बात सुनकर मेम चुप हो गई।उनसे कोई जवाब नहीं दिया गया।फिर थोड़ी देर बाद मेम ने कहा– तुझे इतनी अच्छी अच्छी हॉट सेक्सी माल चोदने को तो मिल रही है।उनसे तृप्त नहीं हो रहा है क्या?
मैं– तृप्त तो मै हो रहा हूं।लेकिन वो क्या है ना कि सभी में कोई ना कोई अदा होती है जिसकी वजह से लंड अलग अलग चूतो का आनंद लेने के लिए तड़प उठता है।
मेम– बड़ा ज्ञानी है तू। तेरी मेम को चोदकर ही मानेगा।
मैं– हां मेम।

तभी मै उठा और चेयर के पीछे खड़े होकर जैकेट के ऊपर से ही मेम के बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा।तभी मेम ने मुझे रोक लिया।
मेम– क्या कर रहा है? थोड़ी देर रुक। पहले मुझे पूजा तो कर लेने दे।फिर तेरी इच्छा पूरी कर लेना।
मैं– अरे मेम आप भी क्यो इतनी तड़पा रही हो। चलो ठीक है।जल्दी करो।
अब मेम पूजा की तैयारी करने लगी।फिर थोड़ी देर बाद मेम पूजा करके फ्री हुई।फ्री होते ही मैंने मेम को दबोच लिया और उन्हें बाहों में उठाकर पास के ही क्लासरूम में लेे गया। आज मेम के बदन से शानदार खुशबू आ रही थी।उनके जिस्म से परफ्यूम की खुशबू महक रही थी।

मेम– क्या गजब का दिन आया है।मुझे मेरे ही स्टूडेंट से चुदाना पड़ रहा है।
मैं–आपको तो गुरु दक्षिणा मिल रही है।
मेम– वाह बेटा, ऐसी गुरु दक्षिणा।
मैं– हां तो ये क्या कम है क्या। आपको जवान लंड दे रहा हूं।
मेम– ओह।
अब मैंने मेम को झट से बेंच पर लेटा दिया।बेंच पर ओस की बूंदें जमी हुई थी। अब मैं बिना कोई देर किए मेम पर टूट पड़ा और उनके लाल गुलाबी रसीले होंठों को चूसने लग गया।मेम भी मेरे होंठो को काटने लगी। अब मेम ने शर्म का चोला उतारकर चुदाई का चोला पहन लिया था।