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कुंवारी भांजी की वर्जिन चूत का रस मैंने निकला

(Kunwari Bhanji Ki Virgin Chut Ka Ras Maine Nikala)

मैं दिल्ली से हूँ और ये बात आज से 7 साल पहले की हे.  मेरी भांजी का नाम सुरभि हे और वो मेरी बड़ी बहन कंचन की बेटी हे. कंचन और मेरी उम्र में बड़ा डिफ़रेंस हे. मैं और मेरी भांजी उम्र में बहुत छोटे बड़े नहीं हे. लगभग एकाद साल का फर्क होगा बस. मैं तो बहुत छोटा था तभी से मेरा लंड कदा होने लगा था. 15 साल की उम्र में तो मैं कैसे किसी को पटा के चोदुं उसकी फिराक में था. मेरी बहन कंचन ने एक बार मुझे लंड हिलाते हुए पकड के खूब डांटा. फिर मेरे बड़े लंड को देख के वो मेरे से चुदने से बच नहीं सकी. उसका घाघरा उठा के मैंने उस दिन ही उसकी चूत और गांड दोनों को चोदा. कंचन से छोटी बहन का नाम सुरेखा हे उसे तो मैं रात में सेड्युस किया था और पेंटी सरका के उसे भी चोदा था. सुरेखा और कंचन को मैं रेगुलर चोदता था. पर उन दिनों मुझे 10-12 दिन से दोनों में से किसी की भी चूत नहीं मिली थी. सुरेखा अपने प्रोजेक्ट के लिए गई थी शहर से बहार और कंचन दीदी का पति बीमार था इसलिए वो घर पर ही होता था. इसलिए मैं उसके घर जा के चोदता भी तो कैसे. Kunwari Bhanji Ki Virgin Chut Ka Ras Maine Nikala.

दिमाग में सेक्स के गंदे गंदे ख़याल आ रहे थे उन दिनों. और तभी सुरभि हमारे घर पर रहने के लिए आई. कंचन दीदी अपने पति की सेवा में रहती थी इसलिए उसने अपनी बेटी को यहाँ नाना जी के घर पर भेज दिया. सुरभि के बारे में बताऊँ तो वो बहुत ही क्यूट हे. छोटी सी उम्र में ही उसने अपने बदन को सही ढाला हुआ हे. वो कोलेज में पढ़ती थी उन दिनों लेकिन तब उसकी होलिडेस थी. वो घर में स्कर्ट और टॉप पहनती थी. और उसके टॉप में ब्रा के आकार और बूब्स की छाप को देख के मेरा लंड खड़ा हो जाता था. मामा मामा कह के बहुत चिपकती थी. और मैंने उसे छूना वगेरह चालू कर दिया था. वो इस सब को सहजता से लेटी थी. Virgin Chut Ka Ras

मैं जानबूझ के उसके साथ ही सोफे के ऊपर लेट जाता था टीवी देखते हुए. और जब वो करीब होती तो उसके बदन की महक मुझे मदहोश कर देती थी. वो निविया की बॉडी क्रीम लगाती थी और उसकी महक बड़ी ही सेक्सी लगती थी मुझे. 3 दिन से ऊपर हो गया था और मेरा लोडा शिकार के फुल मूड में था. मैं सुरभि के नाम की मुठ मारने लगा था. घरवाले एक शादी के लिए दिल्ली से बहार जा रहे थे. मैंने मना कर दिया और सुरभि ने कहा की मैं भी नहीं आउंगी और मामा के साथ यहाँ रहूंगी.

बस ये सुन के तो मेरा दिमाग अपने जगह से हिल चूका था. और मेरे अंदर के दानव पूरी तरह से बाहर आ रहा था. शाम  के 7 बजे घर के सभी लोग निकल गए और वो लोग दो दिन से पहले वापस आनेवाले नहीं थे. सब गए तो मैं बहार जा के अपने लिए बियर और सिगरेट ले आया. सुरभि को मैंने कहा चल ऊपर मेरे कमरे में चलते हे. वहां पर भी टीवी था तो वो आ गई मेरे साथ. मैंने सुरभि को कहा तुम बियर पि लेती हो? Virgin Chut Ka Ras

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वो बोली, नहीं मामा नहीं पीती हूँ.

मैंने कहा, ट्राय करेगी?

वो बोली, आप नाना नानी को बोलोगे तो नहीं ना?

सुरभि को बियर का एक ग्लास भर के दिया और मैंने कहा, कोलेज की लडकियां पीती हे वो मुझे पता हे बेटा जी. और नाना नानी को कौन बतायेगा कोई भी नहीं बोलेगा. तुम भी उन्हें मत बोलना की मैं पीता हूँ.

उसने हंस के ग्लास ले लिया मेरे से. फिर हम दोनों ने चियर्स किया और वो पिने लगी. वो ऐसे पी रही थी की मैं समझ गया की उसने पहले भी बियर पी हे. फिर मैंने सुरभि को कहा चल ना हम दोनों डांस करते हे. Virgin Chut Ka Ras

मैंने टीवी के ऊपर डांस वाली चेनल लगा दी और सुरभि के हाथ पकड़ के उसके साथ डांस करने लगा. मैं जानबूझ के अपने हाथ मेरी भांजी के बूब्स और उसकी गांड के ऊपर रख रहा था. उसे अपनी तरफ खिंच के मैं अपना लंड उसकी चूत से लडवा देता था ताकि उसे पता चले की मेरा लंड कड़क हुआ हे. उसने मुझे देखा तो मैंने आँख मार दी. वो हंस पड़ी. मैंने मौका देखके सुरभि की कमर के ऊपर से हाथ को उसकी गांड अपर रख दिया. फिर उसकी गांड के क्रेक को मैंने थोडा सा दबाया. वो आह कर उठी और मैंने उसे अपने एकदम करीब ले लिया. उसके बूब्स मेरी छाती में लगे हुए थे. मैंने देखा तो वो चुदासी नजरों से ही मुझे देख रही थी. मैंने जल्दी से अपने होंठो को उसके होंठो पर लगा के दुसरे हाथ को भी उसकी गांड पर रख दिया. सुरभि को जबान मेरे होंठो से होते हुए मेरी जबान से लड़ने लगी थी!

सुरभि ने अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर दबा दी और मैंने उसके होंठो को काट लिया. वो एकदम से मेरे ऊपर आ गई. मैंने उसे बाहों में भरे हुए ही बिस्तर के ऊपर डाला. और हम दोनों बिस्तर के अन्दर एक दुसरे को लिपट के चूसने लगी. सुरभि ने मेरे हाथ को अपने हाथ में ले के अपने बूब्स पर रख दिया. और मैंने दुसरे हाथ को आगे ले के उसकी चूत पर रख दिया. सुरभि की साँसे उखड़ चुकी थी और उसकी चूत में गर्मी आ गई थी. मेरे लंड की हालत तो काफी दिनों से खराब ही थी दोस्तों. Virgin Chut Ka Ras

सुरभि ने अपने हाथ को मेरे लंड के ऊपर रख के दबाया और बोली, मामा आप का तो बहुत हि गरम हे!

मैंने कहा, तूने पहले कभी किया हे सेक्स?

वो बोली, नहीं बस रोमांस किया हे अपने बॉयफ्रेंड के साथ.

मैंने उसके कान के ऊपर किस दी और कहा, आज मामा तुझे सेक्स करना सिखाएगा!

सुरभि मेरे से लिपट गई. मैंने उसके कपडे निकाले तो वो शर्म के मारे अपनी चूत को अपने हाथ से छिपाने लगी. मैंने कहा, अरे भाई अब क्या शर्मा रही हो. कुछ देर में तो मैं इसे पेल दूंगा.

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सुरभि ने अपनी उंगलिया चूत के ऊपर से धीरे से हटाई. उसकी चूत एकदम गुलाबी फांको वाली थी और उसके ऊपर हलके से बाल थे. मेरा मन नहीं माना और मैंने निचे झुक के अपनी एक ऊँगली को उसकी फांको पर फेर दी. और फिर ऊँगली को बहार निकाल के चाटी. सुरभि मुझे देख रही थी. मैंने ऊँगली को उसके मुह में दे के उसे भी खुद उसकी चूत का सवाद दिया. वो हंस के बोली, मामा आप बहुत सेक्सी हो.

मैंने कहा, तुम भी कहा कम सेक्सी हो मेरी जान. Virgin Chut Ka Ras

फिर मैंने खड़े हो के अपने कपडे खोले और मेरे लंड को देख के सुरभि को थोड़ा डर सा लगा. हर वर्जिन लड़की को बड़ा लंड देख के ये डर होता हे की भला ये लोडे चूत के कैसे आ सकते हे. लेकिन पहली चुदाई के बाद सब डर निकल भी जाता हे.

सुरभि के हाथ में मैंने अपने लंड पकडवा दिया. वो उसे मर्दन कर के हिला रही थी. मैंने उसके बालों को पकड के उसके चहरे को अपने चहरे के सामने रख दिया. और फिर मैंने उसे एक ऐसा चुम्मा दिया की उसकी साँसे एक मिनिट के लिए थम सी गई. हम दोनों के ही मुहं बियर की स्मेल से महक रहे थे. फिर मैंने सुरभि को टांगो खोल के बिठा दिया और मैं उसकी चूत को चाटने लगा.

वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह माअम्म्म्मम्म्म्मा आह्ह्ह अहह आऔऊऊउ करने लगी थी. मैंने पहले उसकी चूत की फांको को ऊपर ऊपर से लिक कर के गिला कर दिया. और उसके बाद मैंने अपनी जबान को चूत के अन्दर डाला. सुरभि के अन्दर सेक्स के तरंग विसर्जित होने लगे थे. वो अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आह्ह्ह कर के मेरे माथे को अपनी जवान चूत के ऊपर दबा रही थी. और मैंने अपनी जबान को अब चूत की फांक में अन्दर तक डाल दिया था. सुरभि की साँसे तेज हो गई थी और वो मेरे बालों को भी नोंच रही थी. मेरी भांजी की चूत रस छोड़ चुकी थी और मैं अंदर तक अपनी जबान को डाल के फिर बहार निकाल के उसके चूत के दाने को हिला देता था. वो एकदम से चुदासी हो गई थी और मैं उसे कहा, मुहं में लेना हे? Virgin Chut Ka Ras

वपो कुछ भी तो नहीं बोली. मैंने उसे बेड में लिटा के मैं उसके पास घुटनों के ऊपर बैठा. फिर कंधे से उपर उठा के अपने लंड को मैंने उसके मुहं में दे दिया. आधा लंड ही ले सकी वो अपने मुहं में. और फिर उसे चूसने लगी. सुरभि के बालों में उंगलिया घुमा के मैं उसके पास ब्लोजोब करवाने लगा.

पांच मिनिट लंड चूसने के बाद उसने लंड को मुहं से निकाला. उसके मुहं में प्रीकम निकला था उसे चाट गई. मैंने उसकी टांगो को खोल के उसके ऊपर किस किया. फिर उसके निपल्स को अपने हाथ में ले के दबा लिया. वो चुदासी आवाजें निकाल के बोली, मामा जल्दी से चोदो मुझे.

मैंने अपने बिस्तर के निचे से कंडोम का पेकेट निकाला. और अपने लंड के ऊपर एक्स्ट्रा थिन कंडोम पहन लिया. फिर सुरभि की टांगो को खोल के मैंने लंड का एक धक्का उसकी चूत को दिया. सुरभि के बुर में जैसे गरम लोहे की सलाख दे दी हो वैसे वो एकदम से उछल पड़ी. मैंने लंड को ऐसे ही रहने दिया कुछ देर बिना हिले हिलाए. उसे बहुत दर्द होने लगा था और वो कराह रही थी. उसकी चूत से खून भी छुट गया था जो की उसे पता नहीं था लेकिन मेरे कंडोम के ऊपर लगा था सो मैंने देखा था. Virgin Chut Ka Ras

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मैंने उसे किस करते हुए उसके बूब्स दबाये. एक मिनिट में वो थोड़ी शांत हुई और आई आई बंद हुआ उसका तो मैंने एक धक्का और दिया. उसकी चूत बड़ी टाईट थी और मेरा आधा लंड ही घुस पाया था दो धक्को के बाद में.

सुरभि की आँखे लाल हो गई थी लेकिन उसने एक बार भी नहीं कहा की लंड निकाल लो. मैं समझ गया की वो बड़ी हो के आला दर्जे की रांड बनेगी. मैंने उसके बूब्स को चुसे और फिर एक धक्का मारा. अब की उसकी चूत फट सी गई और मेरा लंड पौने से भी ऊपर अन्दर था. मैंने उसे ऊपर उठा के उसके कंधे को और दुसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़ा. और एक झटके में पुरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया. सुरभि की बस हो गई थी अब तो.

एक मिनिट मैंने उसके कंधे को किस किया और उसके कमर पर हाथ फेरा. अब वो भी शांत और गरम हो के अपने चूतड़ हिलाने लगी थी. मेरा लंड उसकी चूत में घुस के तांडव करने लगा था.

बहुत दिनों के बाद मेरे हाथ में चूत लगी थी इसलिए मैं तो उसे छोड़ने से रहा! Virgin Chut Ka Ras

सुरभि भी अब अपनी गांड को हिलाने लगी थी. और वो मुझे सेक्स का पूरा सपोर्ट कर रही थी. मैंने उसको उपर ले के निचे उसकी चूत में गच गचा के धक्के दिए. मेरा लंड जब उसकी चूत में पूरा घुसता था तो उसकी माँ बहन एक हो जाती थी. पर वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड से चुदवा रही थी.

कुछ देर ऐसे ही उठा के चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दी. फिर मैंने उसकी चूत को पीछे से भी चोदना चालू कर दिया. उसकी चूत में कुछ ही देर में झाग सा बन गया था. और जबरदस्त चुदाई से मेरा कंडोम भी फट गया था. मैंने लंड निकाला, कंडोम को बदला और फिर से चूत के अन्दर डाल दिया.

सुरभि को पांच मिनिट और चोद के मैंने अपने लंड को उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ा. वीर्य सब कंडोम में भर गया था जो मैंने बहार निकाल के लपेट लिया. सुरभि थक गई थी और उसने मेरे लंड के ऊपर खून देखा तो डर भी गई. लेकिन मैंने उसे समझाया की पहली चुदाई में ऐसे खून निकलता ही हे! अब सुरेखा और कंचन के साथ सुरभि की चूत भी मेरे लिए लाइन में लग गई थी. Virgin Chut Ka Ras