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Talak Ke Bad Chudai Ki Pyasi Chadhi To Chudwa Liya

Talak Ke Bad Chudai Ki Pyasi Chadhi To Chudwa Liya

मेरा नाम नम्रता है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मेरा नेचर थोड़ा गुस्से वाला है लेकिन मैं दिल की बिल्कुल भी बुरी नहीं हूं और इसी वजह से मेरे और मेरे पति के बीच ज्यादा समय तक रिलेशन नहीं चल पाया, उन्होंने मुझे डिवोर्स दे दिया। उसके बाद से मैं अपने घर पर ही हूं, मेरे डिवोर्स को एक साल हो चुका है और एक साल में मैंने अपने जीवन में बहुत बार उतार-चढ़ाव देखे है। मेरे रिश्तेदार मुझे बहुत सारी बातें सुनाकर जाते हैं और वह सब लोग मुझ पर ही मेरे डिवोर्स का ठीकरा फोड़ते हैं और कहते हैं तुम्हारी वजह से ही तुम्हारा डिवोर्स हुआ है लेकिन मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि मेरी वजह से डिवोर्स हुआ है क्योंकि उसमें मेरी पति की भी गलती थी, उन्होंने ही मेरा साथ नहीं दिया। मेरा जब भी उनकी मम्मी के साथ झगड़ा होता तो वह हमेशा ही कहते कि तुम्हारी गलती है लेकिन उनकी मम्मी भी हर बात के लिए मुझे ही दोसी ठहराया करती थी। Talak Ke Bad Chudai Ki Pyasi Chadhi To Chudwa Liya.

मैं कई बार अकेले अपने रूम में बैठ कर रोती भी थी लेकिन मेरे पति को मुझ पर तब भी तरस नहीं आया। फिर मुझे लगा कि मुझे अब उनसे अलग हो जाना चाहिए,  जब यह बात मैंने उनसे कही तो उसके बाद उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा और कहा कि ठीक है तुम देख लो जैसा भी तुम्हें अच्छा लगे। उन्होंने एक बार भी हम दोनों के रिश्ते को बचाने की कोशिश नहीं की और जब उनकी तरफ से मुझे डिवॉर्स के लिए पेपर आए तो मैंने भी सोच लिया कि मैं अब डिवोर्स देकर ही रहूंगी।

हालांकि मेरे पिताजी इस बात से बहुत दुखी थे क्योंकि मैं घर में इकलौती हूं और सारे रिश्तेदार मेरे पिताजी को ही कह रहे थे कि आप क्यों नहीं नम्रता को समझाते लेकिन मेरे पापा ने मुझे एक बार भी नहीं कहा और मैंने भी डिवोर्स दे दिया। उसी के कुछ समय बाद मेरी मुलाकात नरेन्द्र के साथ हुई, मैंने नरेन्द्र को अपनी जिंदगी के बारे में सब कुछ बता दिया था, उसे मैंने यह भी बता दिया कि मैं बहुत ही गुस्से वाली हूं और मुझे कई बार अचानक से गुस्सा आ जाता है। नरेन्द्र ने मुझे कहा कि तुम्हें अपने आप को थोड़ा बदलना चाहिए।           “Talak Ke Bad Chudai”

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उसने मुझसे कहा कि तुम थोड़ा समय ले लो और अपने आपको बदलने की कोशिश करो, नरेन्द्र मेरा बहुत ही सपोर्ट करता है।  मेरी मम्मी को नरेन्द्र बिल्कुल भी पसंद नहीं था, मेरे मम्मी कहती की नरेन्द्र देखने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, उसका रंग सांवला है और वह मेरी मम्मी को बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन नरेन्द्र एक अच्छी जॉब करता था और वह मुझे बहुत अच्छे से समझता भी था। मैं जब से नरेन्द्र से मिली हूं तब से मेरा उससे कभी भी झगड़ा नहीं हुआ। नरेन्द्र भी मुझे बहुत अच्छे से समझता है, मैंने यह बात अपने पिताजी को भी बताई, नरेन्द्र और मेरे बीच में बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग है हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते हैं। मेरे पिताजी कहने लगे कि यदि तुम एक दूसरे को समझते हो तो तुम दोनों को एक दूसरे के साथ में रिलेशन रखना चाहिए। मेरे पिताजी को नरेन्द्र से कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन मेरी मम्मी की वजह से मैं अपने रिलेशन को आगे नहीं बढ़ा पा रही थी।

हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही मिलते लेकिन मेरी मम्मी की वजह से हम दोनों की शादी नहीं हो पा रही थी क्योंकि नरेन्द्र ने भी मुझे कहा था कि हम दोनों को एक दूसरे को समझने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए। हम दोनों जितना भी समय साथ रहे उस दौरान मुझे ऐसा लगा कि नरेन्द्र और मैं साथ में जीवन नहीं बिता पाएंगे। मैंने भी एक दिन उसे अपने घर पर बुला लिया और हम दोनों ही साथ में बैठे हुए थे, उस दिन मेरे पापा भी घर पर ही थे और मेरी मम्मी भी घर पर थी, मैं और नरेन्द्र हमारे घर के हॉल में बैठे हुए थे। मैं नरेन्द्र से कह रही थी तुम इस बारे में पापा से बात कर लो, वह कहने लगा मैं तो उनसे अभी बात कर लूंगा लेकिन तुम्हारी मम्मी को मैं कैसे समझाऊं। मैंने उस दिन नरेन्द्र से कहा कि आज तो तुम्हें मेरे मम्मी से बात करनी ही होगी, यदि हम उन्हें  कन्वेंस नहीं कर पाए तो हम दोनों शादी कैसे करेंगे, मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं और तुम्हारे बिना मैं नहीं रह सकती क्योंकि मुझे भी किसी का सहारा चाहिए, मुझे भी कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए जिससे मैं बात कर पाऊं, जो मुझे समझ पाए।                        “Talak Ke Bad Chudai”

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मैं अपने मम्मी पापा से इतनी बातें शेयर नहीं कर सकती जो मैं तुमसे कर सकती हूं, नरेन्द्र कहने लगा ठीक है आज मैं तुम्हारी मम्मी से बात कर लेता हूं। नरेन्द्र ने उस दिन मेरे मम्मी और पापा से बात की, मेरे पिताजी को तो पहले से ही कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन मेरी मम्मी को ही नरेन्द्र से दिक्कत थी। नरेन्द्र ने उस दिन मेरी मम्मी को बहुत समझाने की कोशिश की और उन्हें उस दिन थोड़ा बहुत बातें समझ में आ गई। जब उन्होंने कहा कि तुम अपने माता पिता से हमें मिलवा दो उसके बाद ही हम लोग कोई निर्णय ले पाएंगे, नरेन्द्र कहने लगा ठीक है मैं आपको अपने माता पिता से मिलवा देता हूं, मुझे आपको उनसे मिलवाने में कोई भी आपत्ति नहीं है।                “Talak Ke Bad Chudai”

नरेन्द्र उस दिन हमारे घर पर काफी देर तक बैठा हुआ था, हम सब ने लंच भी साथ में ही किया। नरेन्द्र मुझे कहने लगा अब मैं चलता हूं और वह मेरे पापा मम्मी से भी मिला, उसके बाद वह घर से चला गया, जब वह घर से गया तो उसके कुछ देर बाद मेरे मम्मी पापा भी घर से चले गए क्योंकि उन्हें किसी से मिलने के लिए जाना था। शाम के समय नरेन्द्र हमारे घर पर आ गया मैं उस वक्त घर पर ही थी मैने नरेन्द्र से पूछा तुम दोबारा क्यों आ गए। वह कहने लगा मेरा मोबाइल तुम्हारे घर पर ही रह गया है। मैने जब नरेन्द्र का मोबाइल देखा तो उसका मोबाइल हमारी टेबल पर ही रखा हुआ था। नरेन्द्र और मैं साथ में ही बैठे हुए थे उस वक्त हम दोनों अकेले थे। नरेन्द्र मुझसे चिपक कर बैठा हुआ था ना जाने उस दिन उसको क्या हुआ उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे होठों को स्मूच कर लिया। मैं भी उसे मना नहीं कर पाई मैंने भी उसका पूरा साथ दिया मैंने भी उसके लंड को जोर से दबा दिया। वह मेरे स्तनों को दबा रहा था मुझे बहुत आनंद आ रहा था।

नरेन्द्र और मैं पूरे मूड में हो चुके थे इसलिए नरेन्द्र मुझे मेरे बेडरूम में ले गया। जब उसने मुझे नंगा किया तो वह कहने लगा तुम्हारा फिगर तो बड़ा जोरदार है। हम दोनों की कभी भी आज तक ऐसी बात नहीं हुई थी और ना ही हम दोनों ने एक दूसरे के साथ कभी कुछ किया था। उसने मुझसे पूछा तुम्हारे स्तनों का क्या साइज है मैंने उसे बताया मेरे स्तन 34 नंबर के हैं और मेरी गांड 38 नंबर की है। नरेन्द्र इतना खुश हो गया उसने मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसने मेरे स्तनों से खून निकाल दिया। मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी थी मैं भी अपने आप को नहीं रोक पाई, मैंने भी नरेन्द्र के लंड को बाहर निकाल लिया और उसके लंड को सकिंग करने लगी। मैंने उसके लंड को 2 मिनट तक चूसा और उसका पानी निकाल दिया। उसने जब मेरी नरम और मुलायम योनि के अंदर अपने कड़क और मजबूत लंड को डाला तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ।                        “Talak Ke Bad Chudai”

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उसने धीरे धीरे अपने लंड को मेरी योनि के अंदर डाल दिया था मैं भी पूरी गिली हो गई थी मैं नरेन्द्र का पूरा साथ दे रही थी। नरेन्द्र का लंड मेरी योनि के अंदर बाहर होता तो मेरी भी उत्तेजना पूरे चरम सीमा पर पहुंच जाती। वह जिस प्रकार से मुझे चोद रहा था मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था। मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी। नरेन्द्र भी मेरी मादक आवाज से मुझे बड़ी तेज तेज चोद रहा था मेरी सांसे भी चढने लगी थी। मैंने काफी समय बाद किसी के साथ सेक्स किया था इसलिए मैं ज्यादा समय तक नरेन्द्र के मोटे लंड को नहीं झेल पाई, जब मैं झड़ने वाली थी तो मैंने राजत को अपने दोनों पैरों के बीच में कस कर जकड़ लिया। नरेन्द्र ने मुझे तेज झटके मारे जिससे कि उसका माल मेरी योनि के अंदर बड़ी तीव्र गति से चला गया। जब उसने अपने लंड को मेरी योनि से बाहर निकाला तो मैंने अपनी योनि से उसके माल को साफ किया। कुछ देर तक हम दोनों ने 69 पोज में एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चाटा जिससे की नरेन्द्र ने अपने माल को मेरे मुंह के अंदर डाल दिया।                                 “Talak Ke Bad Chudai”