हिंदी सेक्स स्टोरी

टारगेट पूरा करने के बहाने चुदाई

(Target Pura karne ke bahane chudai)

हेलो दोस्तों मेरा नाम अपर्णा है और मैं इस वेबसाइट पर पब्लिश होने वाली डेली सेक्सी कहानिया रोज़ पढ़ती हु. कुछ दिन पहले ही मुझे इस साईट के बारे में पता चला था. मैं पहले अपने बारे में बता दूँ. मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 23 साल है और मैंने अपने शरीर को बहुत ठीक ठाक किया हुआ है. मेरे फिगर का साईज़ 34-28–34 है और मेरी हाईट 5 फीट 10 इंच है. मेरे होंठ थोड़े मोटे है, जो बहुत सेक्सी लगते है. मेरी त्वचा सफेद से थोड़ी कम है. दोस्तों कुछ समय पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था.. लेकिन बाद में, उससे मेरा ब्रेकअप हो गया था और उसके बाद मैंने अपना ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बेचने का काम शुरू कर दिया. मैंने अपनी सील अपने बॉयफ्रेंड से ही तुड़वा ली और उस समय मैंने उसके साथ एक साल तक लगातार सेक्स किया.. लेकिन मेरा ब्रेकअप होने के बाद मैंने किसी और की तरफ ध्यान नहीं दिया और बस अपने काम पर ध्यान दिया.

फिर एक दिन मेरी लाईफ में ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बेचते हुए एक ऐसी घटना हुई जिसने मुझे बदल दिया. मैं सभी के घर घर जाकर प्रॉडक्ट्स बेचती थी और मुझे उसका कमिशन मिलता था. मेरे पड़ोस में एक आंटी का ब्यूटी पार्लर है और उनको मेरे प्रॉडक्ट्स अच्छे लगे.. लेकिन उनके पति मुझमें ज्यादा रूचि दिखाते थे और फिर मैं जब भी उनके घर पर सामान देने जाती तो अंकल मुझे जगह जगह हाथ मार देते थे.. लेकिन मैं हंसकर टाल देती थी. उन अंकल का नाम रमेश है वो 40 साल के है और उनका एक बेटा है जो अभी किसी कॉलेज में पढ़ रहा है.. अंकल की हाईट 6 फीट है.. लेकिन थोड़े मोटे है.

फिर एक दिन आंटी घर पर नहीं थी और मैं आंटी ने जो सामान मँगवाया था वो देने उनके घर गई. तभी अंकल ने चलते हुए मेरे कुल्हे पर हाथ लगाया.. लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. फिर मैं उनको जो मँगवाया था वो सामान दिखाने लगी.. तो उन्होंने मुझ को अपनी गोद में बैठा लिया. मैंने पायजामा और टी-शर्ट पहनी हुई थी और अब उनका लंड खड़ा हो चुका था और मुझे महसूस हो रहा था और मैं उनकी गोद से उठाना चाहती थी.. लेकिन उन्होंने मुझे उठने नहीं दिया. फिर मैं समान देकर अपने घर पर आ गई और मैंने उनसे पैसे भी नहीं लिए और आकर शर्ट पहनकर बेड पर लेट गई.

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तभी थोड़ी देर के बाद मुझे बाहर से अंकल की आवाज़ सुनाई दी और मैं उनसे बात नहीं करना चाहती थी इसलिए मैं सोने का नाटक करने लगी.. नीचे मेरी भाभी थी.. लेकिन वो अपने काम में व्यस्त थी. तो उन्होंने अंकल को ऊपर मेरे पास भेज दिया. फिर अंकल ने ऊपर आकर मुझे आवाज़ लगाई और मुझे हिलाया भी.. लेकिन मैं नहीं उठी. फिर मुझे लगा कि शायद अंकल चले गये.. लेकिन तभी मुझे अपनी छाती पर उनका हाथ महसूस हुआ. फिर अंकल मेरी छाती दबा रहे थे.. लेकिन मैंने कोई हरकत नहीं की क्योंकि मैं देखना चाहती थी कि अंकल और क्या करेंगे. फिर मैंने कोई हरकत नहीं की तो इससे उनकी हिम्मत और बढ़ गई..

उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी छाती पर रख दिए और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. फिर एक हाथ उन्होंने मेरी केफरी के ऊपर रखा और मेरी चूत को ऊपर से ही सहलाने लगे.. लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरी केफरी में एक होल है वो उस होल से अंदर उंगली डालने लगे फिर और हिम्मत करके उन्होंने मेरी केफरी में हाथ डाल दिया. मैं कोई हरकत करना नहीं चाहती थी.. लेकिन में चुपचाप लेटी रही मेरी चूत पर बाल थे.. लेकिन वो उनको सहला रहे थे और मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैं एक साईड होकर लेट गई. तो वो डर गये और एक साईड हो गये.. मैंने हल्की सी आँख खोलकर देखा कि उन्होंने अपना लंड अपनी पेंट से बाहर निकाल लिया था और हाथ से हिला रहे है.

फिर वो अपना लंड मेरे होंठ पर लगाने लगे और फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी केफरी में फंसा दिया और हिलाने लगे और उन्होंने अपना सारा उस पर ही वीर्य निकाल दिया. तो मेरी पेंटी और मेरी केफरी दोनों ही उनके वीर्य में भीग गये थे और अंकल चले गये. फिर मैं उठी और मैंने केफरी और पेंटी चेंज किए और धोकर सूखने के लिए धूप में डाल दिए. तो अब मुझे अंकल की जरूरत पता लग गई थी.. लेकिन मुझे उससे भी बड़ी टेंशन थी कि मुझे अपना टारगेट पूरा करना था और टारगेट पूरा करने के लिए 10,000 रुपये के और प्रॉडक्ट्स बेचने थे.

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फिर मैंने आंटी को यह बता बताई.. तो आंटी ने कहा कि उन्होंने पहले ही बहुत सामान ले लिया है वो मेरी कुछ और मदद नहीं कर पाएँगी. फिर अंकल भी वहीं पर थे तो वो कहने लगे ठीक है कुछ करते है. फिर अगले दिन मेरी चूत पर बहुत बाल हो गये थे और वो मैंने रेज़र से सब हटा दिए थे और हाथ पैर के भी रिमूविंग क्रीम से हटा दिए. फिर अंकल ने शाम को मुझे उनके घर पर बुलाया.. तो मैं जाना नहीं चाहती थी.. लेकिन फिर भी चली गई मैंने पायजामा और टी-शर्ट पहनी हुई थी. उन्होंने फिर से मुझे अपनी गोद में बैठा लिया.. मैंने पूछा कि आंटी कहाँ है और उनका बेटा कहाँ है?

तो वो बोले कि वो किसी पार्टी में गये है और मुझे थोड़ा अजीब लगा.. लेकिन वो मुझे अपनी गोद में बैठने के बाद हल्का हल्का हिलने लगे.. उनका लंड फिर से खड़ा हो चुका था वो मेरी छाती पर हाथ फैरने लगे. तो मैंने उनका हाथ हटाया.. लेकिन वो नहीं माने तभी में एकदम से खड़ी हो गई.. लेकिन अंकल ने जबरदस्ती से मुझे पकड़ कर अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और हिलाने लगे. तो में कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और लंड को हिलाते हुए अंकल ने मेरे मुहं में सारा वीर्य निकाल दिया. मैं रोने लगी तो अंकल ने कहा कि अगर मैं चुप रहूंगी तो वो मेरा टारगेट खुद पूरा करवाएँगे.. मुझे ठीक नहीं लग रहा था.. लेकिन काम का सवाल था 25,000 का टारगेट था 15,0000 हो चुके थे बाकि 10,000 पूरे करने थे तो मैं चुप रही.

फिर उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ सब कुछ करना पड़ेगा.. तभी मैंने मना कर दिया और जाने लगी तो उन्होंने कहा कि सोच लो यह टारगेट और आगे जितने भी टारगेट होंगे वो सब पूरा करवाएँगे. तो मैं रुक गई और अंकल शुरू हो गये उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और पायजामा भी मैं अब सिर्फ़ उनके सामने ब्रा, पेंटी में थी और उनका 6 इंच का लंड कड़क टाईट था. फिर उन्होंने मेरी इनर भी उतार दी मैं अब उनके सामने बिल्कुल नंगी थी.. उन्होंने मुझे बेड पर लेटाया और मेरे बूब्स को दबाने लगे.. किस करने लगे. फिर मुझे लिप पर स्मूच करने लगे.

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तो मैंने भी फिर जवाब दिया और धीरे धीरे मुझे भी अच्छा लगने लगा और फिर उन्होंने मेरे पैर खोलकर मेरी चूत को चूसने लगे और मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर अंकल ने पूछा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो मैंने कहा कि नहीं तब उन्होंने मेरी चूत को थूक लगा लगाकर गीला कर दिया और थोड़ी देर के बाद मुझे अपना लंड चूसने को कहा. तो मैं अब उनके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मुझे लंड को चूसने में बहुत मज़ा आने लगा.. मैंने चूस चूसकर उसको पूरा गीला कर दिया था. फिर उन्होंने मेरी चूत में लंड को डालना शुरू किया.. मैंने बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया था तो मेरी चूत टाईट हो गई थी. फिर अंकल ने 3-4 झटको में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल ही दिया और चुदाई करने में शुरू हो गये और ज़ोर ज़ोर से लंड को अंदर बाहर करने लगे.

मैं आहे भर रही थी मुझे दर्द भी हो रहा था.. लेकिन थोड़ी देर में मज़ा भी आने लगा और मैं भी मस्त हो गई थी.. लेकिन अंकल ने कंडोम नहीं लगाया था और थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत के अंदर ही निकाल दिया और थककर लेट गये और मुझे किस करने लगे. तभी थोड़ी देर के बाद उनका लंड फिर से खड़ा हो गया और वो फिर से मेरी चुदाई करने लगे. इस बार भी पूरी चुदाई उन्होंने बिना कंडोम की. फिर आंटी के आने का टाईम हो गया था तो हमने कपड़े पहने और अंकल ने मुझे 10,000 रुपये लाकर दे दिए और 200 रुपये अलग से जिससे में गर्भनिरोधक गोली ले सकूँ और फिर मैं वापस अपने घर आ गई और मैंने अपना टारगेट पूरा कर दिया. मुझे एक न्यू टारगेट मिल गया 50,000 की सेल करने का. तो अंकल ने कहा कि वो मेरा वो टारगेट भी पूरा करवाएँगे.