हिंदी सेक्स स्टोरी

टीचर के साथ सेक्स की क्लास-1

Teacher ke sath sex ki class-1

मेरी मैथ्स टीचर का भरा गोरा बदन, बड़े बड़े चूचे और जबरदस्त कूल्हे! बहुत सेक्सी थी वो! मुझे बहुत अच्छी लगती थी वो! मैडम के साथ मेरी सेक्स की क्लास कैसे लगी?

दोस्तो, मेरा नाम शिवम् है, उत्तर प्रदेश रहने वाला हूं, दिखने में औसत से ऊपर, कद 5’8″ और सांवला रंग। मैं कुछ समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और यहां लिखी कहानियों का लुत्फ लेता रहता हूं।

कुछ दिनों से अपने साथ हुए एक मीठे अहसास को आप सभी के साथ बांटना चाहता था। यह घटना कुछ साल पहले की है जब मैं 19 साल का था. फिलहाल मैं 26 साल का एक आकर्षक युवक हो चुका हूं।
चलिए अब अपने अनुभव की ओर ले चलता हूं आपको।

बात उस समय की है जब मैं स्कूल में कक्षा बारहवीं का छात्र था।
मैं शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज़ था और हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आता था जिसकी वजह स्कूल के सारे टीचर्स मुझे बहुत मानते थे। एक मैम हमको मैथ्स पढ़ाती थीं जिनका नाम प्रीति था। उम्र में लगभग 38 की शादीशुदा और एक 7 साल की बेटी की मां थी। भरा भरा गोरा बदन, बड़े बड़े चूचे और जबरदस्त कूल्हे की मालकिन थी वो!

पर चूंकि मुझे इस उम्र तक सेक्स का इतना ज्ञान तो था पर कभी प्रैक्टिकल नहीं किया था, मैंने हमेशा उनको इज्जत और एक स्टूडेंट की नजर से ही देखा था।

जब मैं कक्षा ग्यारहवीं में गया तो वो हमारी क्लास टीचर बना दी गईं। मैं बहुत खुश हुआ क्यूंकि वो मुझे बहुत अच्छे से जानती थीं और बहुत मानती थीं। मुझे बस इसी बात की खुशी थी कि अब मैथ्स में तो मैं ही टॉप करूंगा पर इसके साथ साथ और जो खुशी मिलने वाली थीं उसका मुझे अंदाज़ा ही नहीं था।

मैम के हसबैंड बिजनेसमैन थे जिसकी वजह से वो अक्सर शहर बाहर टूर पर जाया करते थे, बेटी भी बोर्डिंग स्कूल में थी। मैम का घर जिस एरिया में था वो थोड़ा सुनसान था तो जब भी उनके हसबैंड बाहर जाते थे तो वो हमारे स्कूल की ही एक 12वीं क्लास की स्टूडेंट, जिसका नाम निधि था, को अपने घर रात रुकने के लिए बुला लेती थी।
क्योंकि निधि मैम से ट्यूशन लेती थी इसलिए कभी कभी वहीं रुक जाती थी।

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अगस्त का महीना था जब हमारे अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली थी. तब मैम को काफी सारा सलेबस पूरा करवाना था और रिवीजन भी करवाना था। उसी टाइम पर उनकी तबीयत भी कुछ खराब रहने लगी जिसकी वजह से असाइनमेंट्स भी नहीं चेक कर पाईं।

एक दिन उन्होंने मुझे स्कूल की छुट्टी के बाद रोका और बोली- शिवम्, काफी सारा असाइनमेंट्स चेक करना है और मेरे हसबैंड भी बाहर गए हुए हैं. मेरी तबीयत भी ठीक नहीं लग रही तो क्या तुम शाम मेरे घर आकर कॉपीज चेक करने में मेरी हेल्प कर दोगे?
मैंने कहा – क्यों नहीं मैम, आप टाइम बता दो, मैं जाऊंगा।

शाम को करीब 5 बजे मैं मैम के घर पहुंचा, मैंने बेल बजाई, मैम ने दरवाजा खोला, उन्होंने काले रंग की मैक्सी पहन रखी थी।

यह पहली बार था जब मेरे मन में हवस की भावना जगी … वो भी अपनी टीचर के लिए। एक पल लिए मैं अकबका सा गया क्योंकि वो बला की खूबसरत लग रही थी.
मेरा तो मन हुआ कि मैं उनके होंठों को चूम लूं पर फिर किसी तरह मैंने अपने आप को सम्भाला और गुड इवनिंग बोलते हुए अन्दर आ गया.

चूंकि शाम का समय था मैम ने मुझे चाय के लिए पूछा और मैंने हां कर दी.
वो चाय बनाने रसोई में चली गई।

तब तक मैंने टी वी ऑन किया और मूवी देखने लगा।

जब वो चाय लेकर वापस आयी तब मूवी में एक गरमागरम सीन चल रहा था. जैसे ही मैंने उनको आते हुए देखा मैंने चैनल बदल दिया पर प्रीति मैम ये देख चुकी थीं।

चाय पीते हुए हम यूं ही इधर उधर की बातें करते रहे.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि कॉपीज चेक करने में मैं उनकी हेल्प करूँ.
हम दोनों कॉपी चेक करने लगे और बातचीत भी चलती रही.

अचानक से वो मुझसे बोली- शिवम् तुम टीवी पर कौन सी मूवी देख रहे थे?
मैंने कहा- मुझे नाम नहीं पता!
तो वो बोली- उस मूवी का नाम मर्डर है. और तुमको अभी वो मूवी नहीं देखनी चाहिए.
इस पर मैंने उनसे पूछा- क्यों नहीं देखनी चाहिए?
तो उन्होंने कहा- वो बड़े लोगों के देखने वाली फिल्म है.

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मासूमियत से अनजान बनते हुए मैंने कहा- मैं भी बड़ा हूं।
मेरी इस बात पर प्रीति मैम हंसने लगी और उन्होंने मेरा गाल खींच लिया।

ये पहली बार था जब अपने से उम्र में इतनी बड़ी किसी औरत से इस तरह बात रहा था. इससे पहले सिर्फ आंटी कह कर या रिस्पेक्ट से ही बात की थी। मैम तो मुझसे मेरे दोस्तों की तरह बातें कर रही थी।

यूं ही हम बातें करते करते कॉपीज चेक कर रहे थे।

मैंने बात को आगे बढ़ाने के लिए उनसे पूछा- आपको कैसे फिल्म का नाम मालूम है?
तो वो बोली- मैंने फिल्म देख रखी है।
मैंने आगे पूछा- क्या है फिल्म में?

वो जवाब देने ही वाली थी कि तभी बाहर हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई। मैम जल्दी बाहर लॉन में कपड़े लेने लिए भागी जो सुखाने को डाले थे। मैं भी बिना कुछ सोचे समझे उनके पीछे गया. पर जब तक सारे कपड़े उतार पाते, हम दोनों ही काफी भीग चुके थे।

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कमरे में वापस आकर मैम ने मुझसे कपड़े बदलने को कहा. पर मेरे साइज़ के कपड़े उनके पास नहीं थे तो मैं उनके हसबैंड की लुंगी पहन कर बैठ गया।
मैम अन्दर जाकर एक ढीला सा गुलाबी रंग का गाऊन पहन के बाहर आयी।

मैं बस उनको देखता ही रह गया। शर्तिया उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उनके चूचे रोज की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे और हिल भी रहे थे।
मेरा ध्यान अब दोबारा कॉपी चेक करने में नहीं लग रहा था।

बारिश में भीगने की वजह से मैम बाल भी खोल कर आई जो कि और भी आग में घी का काम कर रहे थे।
मैं उनकी नजर बचा के उनके कभी उनके होंठ देखता तो कभी उनके चूचे।

मैम ने शायद मुझे ये सब करते देख लिया था पर वो कुछ बोली नहीं।
कुछ देर बाद वो खुद ही बोली- आज के लिए बस करते हैं, चलो टीवी पर कुछ देखते हैं।
हम टीवी देखने लगे और वो इधर उधर की बातें मुझसे करने लगी।

देखते ही देखते 9 बज गए तो मैंने घर वापस जाने की बात की तो प्रीति मैम ने मुझसे कहा- शिवम्, तुम रात को मेरे घर ही रुक जाओ। मेरे हसबैंड बाहर गए हैं और अकेले मुझे डर लगता है।
इस पर मैंने उनसे कहा- मैंने घर पर बताया नहीं है।
वो बोली कि वो मेरी मम्मी से बात कर लेंगी.
और वो मेरी मम्मी को फोन करने अन्दर चली गई.

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वापस आकर बोली- मैंने तुम्हारे घर पर बात कर ली है, तुम यहां रुक जाओ।
मैंने कहा- ठीक है पर मेरे कपड़े?
उन्होंने मुझे अपने हसबैंड की शोर्ट्स और टीशर्ट दे दी।

इसके बाद हम लोग डिनर करने लगे और उसके बाद मैंने मैम से पूछा- मैं कहा सोऊंगा?
तो उन्होंने मुझे गेस्ट रूम दिखा दिया.

मैं गुडनाईट बोल कर सोने के लिए जाने लगा तो वो बोली- इतनी जल्दी सो जाओगे क्या?
मैंने कहा- घर पर तो इसी टाइम पर सोता हूं।
इस पर वो बोली- कुछ देर टीवी देखते हैं, फिर सो जाना।
मैंने कहा- अच्छा आइडिया है।

फिर हम दोनों मैम के बेडरूम में जाकर बेड पे बैठ कर एक मूवी देखने लगे.
तभी प्रीति मैम ने मुझसे पूछा- तुमने क्या सच में वो मूवी नहीं देखी है?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- कौन सी मूवी मैम?
वो बोली- वही जो दिन में देख रहे थे … मर्डर!
मैंने कहा- हां वो तो नहीं देखी है।