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टीचर की बीवी ने दिया सजा में मजा-1

Teacher ki biwi ne saza me diya maza-1

हैल्लो फ्रेंड्स.. में अशोक शर्मा फरीदाबाद का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 27 साल है और में एक कॉलेज में MBA के आखरी साल में पढ़ाई कर रहा हूँ. में आप अभी के सामने अपने जीवन की एक सच्ची घटना लेकर लाया हूँ. यह घटना आज से लगभग एक साल पहले की है जब में MBA के पहले साल में था और मैंने जो सब्जेक्ट लिया था उसकी तैयारी के लिए मैंने अपनी कॉलोनी के एक टीचर से शाम की ट्यूशन लगा ली. में उनको भाई साहब बुलता था.. क्योंकि उनकी उम्र लगभग 35 साल की होगी उनकी फेमिली में वो.. उनकी वाईफ 32 साल और उनकी एक बेटी 7 साल की थी. उनकी बेटी अपने दादा- दादी के पास दिल्ली में रहती थी. भाई साहब एक स्कूल में भी बच्चो को पढ़ाने जाते थे और स्कूल में भी ट्यूशन देते थे और वहां से शाम को 6 बजे तक आते थे और 8 बजे फिर किसी के घर पर ट्यूशन देने जाते थे.

उनकी वाईफ हाउसवाईफ थी और सारा दिन घर पर अकेली रहती थी और अब में आपका उन दोनों से परिचय करवाता हूँ. भाई साहब जिनकी उम्र 35 साल थी.. लेकिन वो बहुत मोटे थे और इस कारण वो कई बिमारियों के शिकार थे और अक्सर बीमार रहते थे और उनके बिल्कुल विपरीत उनकी वाईफ रोशनी उम्र 32 साल.. पूरा देखरेख किया हुआ शरीर दूध जैसा कलर और कोई भी उनको देख ले तो अपनी आखों में समा ले और जब वो हंसती थी तो उनके सीधे गाल पर डिंपल पड़ता था जिससे वो बहुत सुंदर लगती थी. तो दोस्तों अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.. मुझे आशा है आपको मेरी यह कहानी बहुत पसंद आएगी. तो मैंने भाई साहब से बात करके अपना ट्यूशन शाम वाले बेच में करवा दी.. उस बेच में हम 11 स्टूडेंट थे 5 लड़के और 6 लड़कियाँ जिन में से 2 लड़कियाँ बहुत सुंदर थी.. लेकिन मुझे उन में कोई खास रूचि नहीं थी.

फिर मेरा एक दोस्त भी बन गया राहुल जिससे मेरी बहुत अच्छी बनती थी. फिर एक दिन बातों बातों में हम भाई साहब की वाईफ रोशनी भाभी की बातें करने लगे क्योंकि वो बहुत टाईम से ट्यूशन पड़ रहा था और उसने एक दो बार उनकी वाईफ को देखा भी था.. लेकिन मैंने अभी तक उनकी वाईफ के दर्शन नहीं किए थे और सभी दोस्तों की बातों से मुझे लगा कि भाभी बहुत सुंदर और सेक्सी है. जिससे उनको देखने का मेरा भी बहुत मन कर रहा था.. लेकिन एक समस्या थी कि जब तक हम लोग ट्यूशन पढ़ते थे तो भाभी नीचे ही रहती थी और हम लोग पहली मंजिल पर ट्यूशन लेते थे. तो उस दिन में अपने घर पर जाकर भाभी को देखने का प्लान बनाने लगा और एक दो घंटे सोचने के बाद वो काम भी बन गया और में अगले दिन ट्यूशन के लिए निकल पड़ा और वहाँ पर पहुंच कर पढ़ाई करने लगा.

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फिर प्लान के मुताबिक जब आखरी के 5 मिनट बचे थे तो मैंने अपना मोबाईल फोन स्विच ऑफ करके बेंच के कॉर्नर पर रख दिया.. क्योंकि मुझे पता था की भाई साहब हमें ट्यूशन पढ़ा कर फिर दोबारा बाहर ट्यूशन देने जाएँगे और में फोन वहाँ पर छोड़कर चला गया और गली के कॉर्नर पर जाकर खड़ा हो गया. फिर भाई साहब के जाने का इंतजार करने लगा लगभग 8:10 पर भाई साहब बाईक से निकल गये और में 5 मिनट के बाद उनके घर पर पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई.. तो भाभी ने दरवाजा खोला. दोस्तों में तो बस भाभी को देखता ही रह गया.. वो क्या कमाल की बला थी? उन्होंने सफेद कलर की मेक्सी पहनी हुई थी जो कि आधी बाहं की थी और उनका शरीर बिल्कुल सांप की तरह चिपका हुआ था और वो अपने सीधे कंधे पर टावल रखे हुई थी.. शायद उनको नहाने जाना था.

भाभी : हाँ जी किससे मिलना है?

में : भाभी जी में भाई साहब से ट्यूशन लेता हूँ और आज में मेरा मोबाईल फोन यहाँ पर भूल गया.. उसको लेने आया हूँ.

भाभी : ठीक है तुम ऊपर आकर देख लो.

फिर में अंदर आया.. भाभी ने कहा कि अच्छा हुआ तुम आ गए.. मुझे भी ऊपर कपड़े लेने जाना था.. लेकिन रात हो गई है इसलिए मुझे ऊपर जाने में डर लग रहा था. दोस्तों वो बातों से तो बहुत खुली लग रही थी और लग भी रहा था कि वो बहुत जल्द पट भी जाएगी.. क्योंकि मैंने कहीं पर पड़ा था कि मोटापा और शुगर दोनों ही सेक्स पावर को कम करते है और वो दोनों ही गुण भाई साहब में थे. फिर भाभी और में दोनों ऊपर जाने के लिए सीड़ियों पर जाने लगे.. भाभी मुझसे आगे थी और में उनकी गांड के एकदम पीछे था. में आपको शब्दों में नहीं बता सकता कि वो क्या मतवाली चाल से सीड़ियों पर चढ़ रही थी और मेरा सारा ध्यान उनकी गांड पर ही था और में बस यही सोच रहा था कि ये सीड़ियों का सफ़र कभी खत्म ही ना हो.. में और भाभी बस ऐसे ही चढ़ते रहे और आखिरकार पहली मंजिल भी आ गई.. लेकिन ऊपर की लाईट बंद थी. तभी भाभी लाईट जलाने के लिए अचानक से रुक गई मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा था और में चलता गया और सीधा भाभी की गांड से जा टकराया.

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भाभी का संतुलन खराब होने की वजह से मैंने उनको हग कर लिया.. मेरे दोनों हाथ उनकी पीठ पर थे और उनकी गांड मेरे लंड से बिल्कुल छू रही थी. मेरा लंड तो भाभी को देखकर पहले से ही खड़ा था.. फिर भाभी को मेरा लंड उनकी गांड पर महसूस हो रहा था और मेरा लंड उनकी गांड का स्पर्श पाकर और भी ज़्यादा बड़ा हो गया और जींस फाड़ने को तैयार हो रहा था. तो भाभी ने कुछ नहीं बोला और मैंने भाभी को सीधा खड़ा किया और भाभी को सॉरी बोला और लाईट चालू करके एक शरारती सी स्माईल दी. तो वो बोली कि अब मत टकराना.. में भाभी को देखता ही रह गया और अपना मोबाईल को छुपाई हुई जगह से उठाने लगा. तो भाभी मुझे खिड़की से देख रही थी और उनको मुझ पर शक हो गया कि मैंने मोबाईल जानबूझ के वहाँ पर छोड़ा है. फिर मैंने भाभी को आवाज़ दी भाभी जी मुझे मोबाईल मिल गया है. तो भाभी ने बाहर आकर मुझसे पूछा

भाभी : आपका नाम क्या है?

में : जी मेरा नाम अशोक है.. लेकिन भाभी अपने मुझे मेरा नाम क्यों पूछा?

भाभी : एक बात पूंछू?

में : जी भाभी.. तो में बहुत खुश हो रहा था कि चलो इस कत्ल कर देने वाली जवानी के साथ कुछ समय और मिलेगा.

भाभी : तुमने यहाँ पर मोबाईल जानबूझ कर छोड़ा था ना? मैंने खिड़की से सब कुछ देख लिया था तुम सीधा वहीं पर गये थे जहाँ पर तुम्हारा मोबाईल था.

में : नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है और में गर्दन झुकाकर खड़ा रहा और बहुत डर रहा था कि यह भाई साहब को सब बता देगी.

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भाभी : देखो जो तुम्हारे मन में है वो मुझको साफ साफ बोल दो.. वर्ना में उनको सारी बात बता दूंगी?

में : सॉरी भाभी मैंने सुना था कि आप बहुत सुंदर और..

भाभी : और क्या गुस्से से.

में : भाभी पहले आप वादा करो किसी को नहीं बोलोगी?

भाभी : ठीक है अब बोलो.

में : भाभी मैंने सुना था कि आप बहुत सुंदर और सेक्सी हो.

भाभी : तो तुम लोग ट्यूशन में यही सीखने के लिए आते हो?

में : सॉरी भाभी आज के बाद में आपको कभी नहीं देखूँगा.

भाभी : चलो नीचे वहाँ पर सोचकर बताती हूँ कि तुम्हारे साथ क्या किया जाए?

फिर में नीचे आ गया.. लेकिन भाभी नीचे अभी तक नहीं आई थी. एक मन तो कर रहा था कि यहाँ से भाग जाऊँ.. लेकिन यह सोचकर रुक गया कि जो सज़ा देनी है वो यह दे ही देगी.. पता नहीं अगर भाई साहब को पता चल गया तो बड़ी समस्या हो जाएगी. तभी थोड़ी देर के बाद भाभी नीचे आई और बोली कि तुम कल दोपहर 1 बजे घर पर आना.. में तुम्हारे लिए सजा सोचकर रखूंगी.

में : भाभी प्लीज भाई साहब को मत बोलना.. आप जो भी सजा दोगी.. मुझे मंजूर है.

दोस्तों फिर में वहां से आने के बाद रात भर यह सोचता रहा कि कल पता नहीं भाभी क्या बोलेगी? तो अगले दिन ठीक 1 बजे में भाभी के घर गया और डोर बेल बजाई.. भाभी ने दरवाजा खोला.. यार वो क्या लग रही थी? लाल कलर की जाली वाली मेक्सी और खुले हुए बाल वो क्या कयामत लग रही थी? में फिर से उसको देखने लगा.