ठंड में मारी श्रुति की चुत
नमस्ते, मैं गौरव, भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र हूँ। आज मैं आपसे एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरे एक दोस्त ने मुझे ईमेल की थी। पसंद आए तो भी, न पसंद आए तो भी, अपना फीडबैक जरूर भेजें।
यह बात उन दिनों की है जब मैं ग्रेजुएशन के तीसरे वर्ष में था। मेरे एक गर्लफ्रेंड थी, नाम था श्रुति (नकली नाम)। उसका फिगर बहुत ही अच्छा था – 34-26-34। ठंड का मौसम था और हमारी फाइनल परीक्षा कुछ ही दिनों में बाकी थी। मैं और श्रुति अक्सर साथ में पढ़ते थे, या तो मेरे कमरे में या उसके कमरे में। एक दिन की बात है, शाम को मैंने पढ़ाई करने के लिए श्रुति के घर गया। हम दोनों पढ़ाई कर रहे थे, उस दिन उसके माता-पिता भी घर पर नहीं थे। जब मैं पढ़ाई खत्म करके चलने को हुआ, तो अचानक थोड़ी सी बारिश हो गई।
मौसम बहुत ही रोमांटिक लग रहा था। श्रुति ने मुझे अपने पास ही रोक लिया। मैंने उसे अपनी बाहों में भरकर प्यार करने लगा। उसे किस करना शुरू कर दिया। फिर हम दोनों थोड़ी डबल मीनिंग वाली बातें करने लगे और हम पर धीरे-धीरे सेक्स का जादू छाना शुरू हो गया। फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया। बेडरूम में उसे प्यार से बिस्तर पर लेटाया और उसके होंठों को प्यार से चूमा। उसने मेरा गला पकड़ा और खुद को मेरे ऊपर ले लिया, और मेरा सिर अपने स्तनों पर रख लिया।
मैंने अपना सिर उसके स्तनों में दबा दिया, उसके मुंह से हल्की सी आह निकल गई। वह अपने हाथ से मेरे सर में घुमा रही थी। मैंने उसके स्तनों को समझकर ऊपर से चूमना शुरू कर दिया और हाथ से दबाना शुरू कर दिया। वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी और मेरी लिंग को पैंट के ऊपर से सहलाने लगी। फिर, मैंने उसके गालों, गर्दन, होंठों को चूमा। कुछ देर तक वैसा ही चूमने के बाद मैंने उसके स्तनों को उठाना शुरू कर दिया, उसने मुझ पर एक बहुत ही सेक्सी मुस्कान दी। क्या बताऊं दोस्तों, मेरा दिल उससे मुस्कुराहट ने चुरा लिया था।
फिर, मैंने उसके स्तनों को शरीर से अलग कर दिया। वह काले रंग की प्यारी सी ब्रा पहन रही थी। उसके स्तन ब्रा के कद से बाहर आने को बेताब थे। मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही छूना और दबाना शुरू कर दिया, वो मदहोश आहें भरने लगी। मैं उसकी नाभि तक पहुँच गया और उसे अपनी जीभ डालकर चूसने लगा, श्रुति सिसकियों से भरी हुई थी। अब मैं उसके स्तनों को बुरी तरह से मसलने लगा। कुछ देर बाद, मैंने उस ब्रा के हुक को खोला और उसके प्यारे-प्यारे स्तनों को आजाद कर दिया। ब्रा खोलने के बाद तो जैसे मैं उसके स्तनों पर टूट पड़ गया। बुरी तरह से उन्हें मसलना शुरू कर दिया। उसके निप्पल्स बहुत कड़े थे।
फिर, मैंने उसके निप्पल्स को अपनी दो उंगलियों के बीच लेकर मसलना शुरू किया, श्रुति तो जैसे पागल हो गई। फिर मैंने, उसके एक स्तन को मुंह में लिया और चूसने लगा, जबकि दूसरा स्तन मैं अभी भी दबा रहा था। श्रुति झिलमिलाते हुए अपने स्तन को चूस रही थी। 5-7 मिनट तक मैंने उसके दोनों स्तनों को बारी-बारी से चूसा। अब मैं धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा।
अब मैं उसकी पैंट के नॉट तक पहुँच गया। उसका योनि पैंट के ऊपर से ही दबा रहा था। उसे उत्तेजित करने के लिए मैंने उसके योनि पर हल्का सा एक थप्पड़ मारा, उसने फिर से एक मदहोश मुस्कान दी। फिर मैंने उसकी पैंट को भी खोल दिया, उसने काले रंग की ही पैंटी पहनी हुई थी। उसकी योनि वाली जगह थोड़ी गीली थी, फिर मैंने उसके योनि को पैंट के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया, वो मस्त करने वाली आहें भरने लगी। फिर मैंने, उसकी पैंट को भी उतार दिया और उसके योनि को रगड़ना शुरू कर दिया।
फिर मैंने, अपनी एक उंगली उसके योनि में डालकर हिलाना शुरू किया। वो मस्ती में आहें भरने लगी। फिर कुछ देर तक वैसा ही मैं 1, फिर 2 उंगलियां डालकर उसकी योनि में खूब उंगलीबाज़ी की। फिर, मैंने उसे कहा कि मुझे उसकी गांड में उंगली डालनी है तो वो घबरा कर ना कहने लगी। लेकिन थोड़ी देर में वो मान गई, बोली “बस, थोड़ी देर करना और वो भी सिर्फ 1 उंगली” क्योंकि आज तक उसने अपनी गांड मुझे देखने तक नहीं दी थी। मैंने उसे पीछे मुड़ने को कहा। फिर थोड़ी सी ठुक लगकर मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद में डाली, वो झिलमिला गई। फिर जब मैंने उंगली को आगे-पीछे करने लगा तो उसे भी अच्छा लगने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा, “चलो जान। अब लंड भी घुसाओ मेरे में”। उसके मुंह से ऐसी बात सुनकर मुझे बहुत जॉश आया। फिर उसने ही अपने हाथों से नजदीक लंड को बाहर निकाला। उसने लंड को मुंह में लिया और चूसने लगी। 5 मिनट तक चूसने के बाद वो अपनी योनि की तरफ इशारा करने लगी। मैंने उसका पैर फैलाकर उसके पैरों के बीच आ गया। फिर, मैंने अपना लंड उसके योनि के मुंह से टिक किया और धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया। चूंकि वो पहले मेरे से चुदाई कर चुकी थी, इसलिए मेरा लंड आसानी से उसके योनि में चला गया।
फिर मैंने हल्के-हल्के झटके लगाने शुरू किए। वो मस्ती में आहें भरने लगी। फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और लगातार उसे उसी स्थिति में 10-12 मिनट तक छोड़ता रहा। बीच-बीच में उसके स्तनों को भी सहलाता रहा, फिर, मैंने उसे बिस्तर के सहारे से झुकाकर खड़ा कर दिया, और खुद उसके पीछे जाकर, अपना लंड पीछे से उसके योनि में डालना शुरू कर दिया। फिर, मैंने उसे डॉग़ी स्टाइल में कुछ देर तक चोदा और हम दोनों साथ ही जहर गए। फिर, दोनों नंगे होकर एक दूसरे की बाहों में सो गए।