Stranger Sex

टूर पर चुदाई

(Tour par chudai)

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम रोहित है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी लम्बाई 5.6 इंच है. दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों वैसे मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में इसकी वजह से सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीखने लगा हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है.

अब आप सभी को ज़्यादा बोर ना करते हुए में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह बात तब की है जब हमारे यहाँ से घुमने के लिए एक बस गई हुई थी और तब मुझे मेरे घर वालो ने ज़बरदस्ती उनके साथ भेज दिया था और वो बस रात को चलकर मॉर्निंग में पहुंची और जब में सोकर उठा तो मेरी नजर खिड़की वाली सीट थी और मेरी नज़र उठते ही एक बहुत सुंदर लड़की पर पड़ी.. जो काले कलर के टॉप और नीली कलर की जीन्स पहने हुई थी और वो भी हमारे साथ ही उस बस में थी.

तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और उसका फिगर कुछ इस आकार का था कि कोई भी इंसान उसे एक बार देखकर अपना लंड पकड़ ले. उसके फिगर का साईज 32-26-34 था और फिर बाद में जब मैंने इधर उधर पता किया तो मुझे पता चला कि वो अपनी दादी माँ के साथ थी. तो मैंने उसकी दादी से बातचीत चालू कर दी और उसकी दादी मेरे व्यहवार से बहुत खुश हो गयी और इस तरह मैंने उससे बात करते और हंसी मजाक करते हुए तीन दिन में उसे बहुत अच्छी तरह पटा लिया था.

फिर तीसरे दिन जहाँ पर हम लोग रुके थे… वहाँ पर एक नदी थी और मैंने उसे नदी पर चलने को कहा.. तो वो अपनी दादी से कपड़े धोने का बहाना लेकर मेरे पीछे पीछे नदी पर आ गयी. तो वहाँ नदी पर बहुत सारे लोग थे और वो सभी नहाने धोने में लगे हुए थे. तो हम उन लोगो से थोड़ी दूर जहाँ पर आस पास कोई नहीं था वहाँ पर नदी किनारे जाकर बैठ गए और पहले मैंने उसकी कपड़े धोने में मदद की और बाद में जब थोड़ा थोड़ा अंधेरा हो गया तो हम एक साथ साथ नहाने लगे और हमे नहाने में बहुत मज़ा आया और लगभग 20 मिनट नहाने के बाद उसे थोड़ी ठंड लगने लगी. तो वो एक पत्थर के पास जाकर खड़ी हो गयी और उन गीले कपड़ो में तो वो और भी बहुत सेक्सी लग रही थी.

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तो मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया और उसके मुहं से थोड़ा धीरे से आहह उह्ह्ह्ह निकल गयी और वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मैंने अपनी पकड़ को और भी मजबूत बना लिया. तो कुछ देर बाद वो एकदम थककर ढीली पड़ने लगी और उसने अब मेरा विरोध करना बंद कर दिया था. फिर वो कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि वही जो तुम देख और महसूस कर रही हो. तो उसने कहा कि नहीं यह सब बहुत गलत है प्लीज मुझे छोड़ दो वरना कोई हमे देख लेगा. तो मैंने उससे कहा कि तुम चिंता मत करो.. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और मैंने वहीं पर थोड़ी साफ जगह देखकर उसे वहीं एक बड़े से पत्थर पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और में उसे किस करने लगा..

हमारी पहली किस लगभग 5 मिनट तक चली थी और उसके बाद मैंने उसे किस करते हुए उसके नरम मुलायम.. लेकिन एकदम तने हुए बूब्स को छुआ. तो वो एकदम उठी और मुझसे एकदम किसी नागिन की तरह ज़ोर से लिपट गयी और मैंने धीरे से उसका टॉप निकाल दिया और अब वो मेरे सामने काली कलर की ब्रा में थी. तो में उसे इस रूप में देखकर पागलों की तरह उस पर टूट पड़ा. मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बड़े बड़े तरबूज के आकार के बूब्स को चूसने लगा और धीरे धीरे उसके हल्के भूरे कलर के निप्पल को काटने लगा.. जिसकी वजह से वो पूरी तरह से मदमस्त हो गयी और अब मैंने कदम आगे बड़ाते हुए उसकी जीन्स को भी निकाल दिया और मैंने देखा कि उसने काली कलर की जाली वाली एकदम सेक्सी पेंटी पहन रखी थी और उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

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फिर जब में उसकी पेंटी उतारने लगा तो वो बोली कि रोहित पहले अपने कपड़े तो उतार लो.. तो मैंने कहा कि तुम खुद ही उतार दो और फिर उसने जल्दी जल्दी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और तब मैंने महसूस किया कि वो पत्थर जिस पर हम दोनों लेटे हुए थे वो बहुत ही ठंडा था और वो मेरा लंड जो 7 इंच लम्बाई का है उसे एकदम अपने सामने सांप की तरह फन फैलाकर खड़ा हुआ देखकर बोली कि यह इतना बड़ा मेरे अंदर कैसे जाएगा? तब मैंने कहा कि तुम बस इसका कमाल देखती जाओ और बस मज़े लो.. क्योंकि यह अपना रास्ता खुद ही बना लेगा.

तो में उसके दिल से मेरे लंड का डर दूर करने और उसे जोश में लाने के लिए में उसके बूब्स को धीरे धीरे सहलाने और उसकी गीली छटपटाती हुई चूत चाटने लगा. जिससे वो बिल्कुल पागल हो गयी.. वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी और कहने लगी कि प्लीज थोड़ा जल्दी करो में अब और नहीं सह सकती.. प्लीज जल्दी करो. तो मैंने कहा कि अभी रूको और मैंने उससे अपने लंड को मुहं में लेने को कहा और वो मना करने लगी कि यह बहुत गंदा है.. लेकिन मेरे ज़िद करने और बहुत समझाने के बाद वो मान गयी और उसने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा. फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और लंड को उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा.. जिससे वो मदहोश हो गयी और अब वो लंड को अपनी चूत के अंदर डालने के लिए गिड़गिड़ाने लगी. फिर मैंने एक जोरदार करारा झटका लगाया.. जिससे मेरे लंड का सुपड़ा उसकी चूत में फंस गया और उसकी एकदम ज़ोर से चीख निकल गयी.

उसकी आँखो से आँसू निकल गये थे और वो मुझसे मेरे लंड को बाहर निकालने के लिए बोलने लगी और कहने लगी कि प्लीज रोहित इसे बार निकालो वरना में मर जाउंगी.. लेकिन मैंने उसके आंसू की परवाह ना करते हुए धीरे धीरे लंड को धक्का देकर अंदर डालना चालू रखा और उसका दर्द के मारे बहुत बुरा हाल हो रहा था और करीब 10 मिनट के बाद मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था.

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फिर मैंने धीरे से अंदर बाहर करना चालू कर दिया और थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी नीचे से अपनी गांड को उठा उठाकर धक्के लगाने लगी और वहाँ पर इतनी ठंड में भी हम दोनों को पसीने आ रहे थे. करीब 15 मिनट के बाद जब में झड़ने को हुआ तो मैंने उसको बताया.. तो वो बोली कि तुम मेरी चूत के अंदर ही छोड़ दो मुझे कोई प्राब्लम नहीं है और तब तक वो भी एक बार झड़ चुकी थी.

मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अपना सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और में कुछ देर लंड को चूत में अपनी जगह पर रखकर रुक गया. फिर जब लंड अपने आप छोटा होकर बाहर आया तो मैंने उसे साफ किया और फिर हमने अपने कपड़े पहने और जल्दी से बस में आ गये. उसकी दादी उसके लिए बहुत परेशान हो रही थी. तो हमने बोल दिया कि तेज बहाव के कारण इसका एक टॉप नदी में बह गया था जिसको पकड़ने के चक्कर में हम लेट हो गये. फिर अगले दिन सुबह जब में फ्रेश होने के लिए गया तो मैंने देखा कि उस पत्थर पर उसकी वर्जिनिटी और हमारे प्यार की निशानी खून के रूप में नजर आ रही थी. उसके बाद बचे हुए 6 दिनों में मैंने उसे लगभग 6-7 बार और चोदा और घर आने के बाद भी चोदा.. लेकिन अभी पिछले साल उसकी शादी होने के कारण दोस्तों मेरे पास चूत का अकाल सा पड़ गया.