हिंदी सेक्स स्टोरी

अंकल सेक्सी बहु तड़प रही थी लौड़े के लिए

(Uncle Ki Sexy Bahu Tadap Rahi Thi Laude Ke Liye)

Hindi Sex Story मैं अपना सामान पैक करने लगा और उसके बाद मां मुझे कहने लगी कि निखिल बेटा नाश्ता करने के लिए आ जाओ। मैंने मां से कहा मां बस अभी आता हूं थोड़ा सा सामान और रखना रह गया है मां मुझे कहने लगी मैं तुम्हारी मदद कर दूं। मैंने मां से कहा नहीं मां रहने दीजिए मैं खुद ही अपना सामान पैक कर लूंगा और उसके बाद मैंने सामान पैक कर लिया कुछ देर बाद मैं डाइनिंग टेबल पर बैठा और मां ने मेरे लिए खाना लगा दिया। हम दोनों ने साथ में खाना खाया और खाना खाने के बाद जब मैंने मां से कहा कि मां आप घर में अकेले मैंनेज तो कर लोगी। Uncle Ki Sexy Bahu Tadap Rahi Thi Laude Ke Liye.

मां कहने लगी हां बेटा मैं घर में अकेले रह लूंगी इसमें भला मुझे डरने वाली क्या बात है और तुम मुझे फोन भी तो करते रहोगे मैंने मां से कहा हां मां मैं आपको फोन तो करता रहूंगा। मैं अपने ऑफिस के टूर से मोरादाबाद जा रहा था और पापा का ट्रांसफर भी आगरा हो चुका है इसलिए मां दिल्ली में अकेली थी। मुझे इस बात की चिंता तो थी कि मां कैसे अकेले रहेगी लेकिन मां ने मुझे कहा तुम चिंता मत करो मैं अपना ध्यान रख लूंगी।

हम लोगों ने अब डिनर कर लिया था और अगली सुबह मेरी ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से थी तो मैं जल्दी से तैयार हो गया और मां ने मेरे लिए नाश्ता बना दिया था। मैंने मां से कहा मां अभी तो मेरा नाश्ता करने का मन नहीं है आप मेरे लिए नाश्ता टिफिन में ही रख दो मैं रास्ते में खा लूंगा। मां ने मेरे लिए टिफिन रख दिया मैं अपने घर के बाहर निकला तो मैं ऑटो का वेट करने लगा तभी एक ऑटो वाला सामने से आया और मुझे कहने लगा भाई साहब कहां जाना है तो मैंने उसे बताया कि मुझे रेलवे स्टेशन जाना है।

वह कहने लगा ठीक है मैं आपको छोड़ देता हूं और उसके बाद उसने मुझे रेलवे स्टेशन छोड़ दिया कुछ देर मैंने ट्रेन का इंतजार किया थोड़ी देर बाद ट्रेन प्लेटफार्म पर लग चुकी थी और मैं ट्रेन में अपनी सीट देखने लगा। मुझे मेरी सीट मिल चुकी थी और उस पर मैंने अपने बैग को रख दिया था मेरे पास सामान तो ज्यादा नहीं था लेकिन मेरे ऑफिस के कुछ फाइलें जरूर थी जिसकी वजह से मुझे दिक्कत हो रही थी मैंने उन फाइलों को सीट के नीचे रख दिया। मैंने घड़ी में समय देखा तो अभी ट्रेन को चलने में आधा घंटा और था मैं प्लेटफॉर्म पर गया और मैंने पानी की बोतल ली। मैंने पानी की बोतल ली और कुछ देर तक मैं प्लेटफार्म पर खड़ा था थोड़ी देर बाद मैं ट्रेन में बैठ गया मैं जब ट्रेन में बैठा तो आसपास सब लोग बैठ चुके थे।

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ट्रेन का हॉर्न बजने लगा और हॉर्न बजने के साथ ही ट्रेन ने अपनी गति पकड़ ली और मेरे बगल में ही एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठे हुए थे कुछ देर बाद वह मुझसे बात करने लगे और कहने लगे बेटा तुम कहां जाओगे। मैंने उन्हें बताया अंकल जी मैं मोरादाबाद जा रहा हूं वह मुझसे मेरे बारे में पूछना लगे तो मैंने उन्हें अपने बारे में बता दिया इत्तेफाक से वह मेरे पिताजी को जानते थे क्योंकि पिताजी के साथ वह जॉब भी कर चुके थे लेकिन अब वह रिटायर हो चुके हैं। वह मुझे कहने लगे कि बेटा मैं मोरादाबाद में ही रहता हूं यदि तुम्हें समय मिले तो तुम घर पर जरूर आना मैंने उन्हें कहा जी अंकल मैं जरूर आपसे मिलने के लिए आपके घर पर आऊंगा।

उन्होंने मुझे अपना नंबर दे दिया और मुझसे मेरे पिताजी के बारे में पूछने लगे मैंने उन्हें अपने पिताजी का नंबर भी दे दिया था और मैंने उनकी बात अपने पिताजी से करवाई तो वह बहुत खुश हो गए। वह मुझे मेरे पिताजी के बारे में बताने लगे अब हम लोग मोरादाबाद पहुंचने वाले थे जैसे ही मैं मोरादाबाद पहुंचा तो मैं वहां से अपने होटल में चला गया। हमारे ऑफिस ने सारी व्यवस्था पहले से ही करवा रखी थी और जब मैं ऑफिस में गया तो वहां पर मैं अपनी ब्रांच मैनेजर से मिला ब्रांच मैनेजर से मिलकर मुझे अच्छा लगा। वह मुझे कहने लगे कि सर आपके सफर में कोई समस्या तो नहीं हुई मैंने उन्हें कहा नहीं सब कुछ ठीक था।

हम लोगों ने अब काम की बातें शुरू की और करीब चार-पांच घंटे बाद मैं फ्री हो गया और मैं होटल वापस चला गया। उस दिन मुझे बहुत थकान हो रही थी इसलिए मैं जल्दी ही सो गया सोने से पहले मैंने मां को फोन कर दिया था। अगले दिन मुझे उन्ही अंकल जी का फोन आया जो मेरे साथ ट्रेन में थे वह मुझे कहने लगे कि बेटा तुम्हें समय मिले तो तुम घर पर जरूर आना। मैंने उन्हें कहा जी अंकल मैं कोशिश करूंगा की आज आपसे मिलने के लिए घर पर आऊं तो वह कहने लगे कि हां बेटा तुम जरूर घर पर आना। उनके इतना कहने पर मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चला गया उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चला जाऊंगा।

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जब मैं उनसे मिला तो वह मुझे कहने लगे कि तुमने बहुत अच्छा किया जो हम से मिलने के लिए आ गए उन्होंने मुझे अपने परिवार में सब लोगों से मिलवाया उनका परिवार काफी बड़ा है। उनका परिवार अब भी संयुक्त परिवार में रहता है वह सब लोग एक साथ ही रहते हैं। मैं सोफे पर बैठा था तभी सामने से एक महिला आई आई वह बड़ी ही सुंदर थी उनकी सुंदरता देखकर मैं उन पर पूरी तरीके से मंत्र मुक्त हो गया। जब अंकल ने मेरा परिचय अपनी बहू सरिता से करवाया तो मैं सरिता को ऊपर से लेकर नीचे तक निहारता रहा।

वह भी शायद मेरी बातों को समझ चुकी थी इसलिए वह मेरी तरफ देखकर कहने लगी पिताजी आपकी बड़ी तारीफ कर रहे थे यह तो सिर्फ उनके कहने का अंदाज था इसमें उन्होंने सब कुछ बयां कर दिया था। वह मेरी तरफ देख रही थी मैं उनकी बातों को मै समझ चुका था मैं चाहता था कि उनके साथ में शारीरिक संबंध बनाऊ मुझसे ज्यादा वह तडप रही थी। मैंने उन लोगों के साथ खाना खाया मुझे सरिता भाभी ने अपना नंबर दे दिया था सरिता भाभी का नंबर मेरे पास आ चुका था। जब मैं होटल पहुंचा तो मैंने उन्हें फोन किया वह मुझे कहने लगी आज आपको देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह मेरी तारीफ कर रही थी और मुझे भी बहुत खुशी हो रही थी।

मैंने सरिता भाभी को कहा आप होटल में ही आ जाइए वह कहने लगी ठीक है मैं आपसे मिलने के लिए होटल में आ जाऊंगी। वह मुझसे मिलने के लिए होटल में आई तो वह मुझे मिली उनके बदन को देखकर मैं अपने अंदर की गर्मी को ना रोक सका। मैने उनको बाहो मे ले लिया वह कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आप ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में लेकर रखिए मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। मैंने जब उनके होंठों को चूमना शुरू किया तो उनके होठों से मैंने खून बाहर निकाल कर रख दिया वह अपने कपड़े उतारते हुए कहने लगी आप मेरे स्तनों की तरफ भी तो देखिए?

जब उन्होंने मुझे अपने स्तनों को दिखाया तो मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका और जैसे ही मैंने उनके स्तनों पर अपने हाथों का स्पर्श किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। मैं उनके स्तनों को दबाने लगा मैं उनके स्तनों को दबा रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैंने उनके स्तनों को चूसना शुरू किया तो मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी।

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जब मैंने उनकी पैंटी को उतारकर अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा तो उनकी चूत से पानी का रिसाव होने लगा था। वह मुझे कहने लगी मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी मैंने उन्हें कहा बर्दाश्त तो मैं भी नहीं कर पा रहा हूं जब उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मुठ मारना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। वह बहुत देर तक मेरे लंड को हिलाती रही मुझे बहुत खुशी हो रही थी जब मैंने अपने लंड को उनके मुंह के अंदर डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझसे रहा नहीं जाएगा।

मैं भी अपने आपको बिल्कुल रोक नहीं पा रहा था मैंने उनकी गीली हो चुकी चूत के अंदर लंड को घुसाया और जैसे ही मेरा मोटा लंड उनकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाने लगी। उनके मुंह से मादक आवाज निकलने लगी वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकिया लेने लगी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने उन्हें कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ गया मैंने उन्हें तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए थे और उन्होंने अपने पैरो को चौड़ा कर लिया। “Uncle Ki Sexy Bahu”

मैंने उनको पैरों को इतना चौड़ा कर लिया कि मेरा लंड आसानी से उनकी चूत के अंदर प्रवेश हो रहा था और वह बहुत तेज चिल्ला रही थी उनकी सिसकियां मेरे कानों में जाती तो मेरे अंदर और भी ज्यादा उत्तेजना पैदा हो जाती और मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था मेरा वीर्य मेरे अंडकोषो से बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारना शुरू किया

जब मेरे वीर्य की तेज धार सरिता भाभी के स्तनों पर गिरी तो वह मुझे कहने लगी आपने आज मेरी गर्मी को शांत कर दिया है। वह चूत मरवाने की बहुत बड़ी शौकीन थी ना जाने उन्होंने किस किस से आज तक अपनी चूत मरवाई होगी लेकिन मैंने उनकी गर्मी को अच्छी तरीके से शांत कर दिया था और उसके बाद भी हम लोगों ने करीब आधे घंटे तक संभोग का आनंद लिया। मुझे उनके साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आया मैंने उनकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया था। “Uncle Ki Sexy Bahu”