भाई-बहन की चुदाई

वर्षों पुरानी चाह

(Varshon Purani Chah)

दोस्तो, मेरा नाम संदीप है, उम्र 29 साल है। मुझे बचपन से ही लड़कियों को नंगा देखना अच्छा लगता है। मेरी एक नौकरानी मुझे बचपन में अपना दूध भी पिलाती थी और मैं उसके निप्प्ल को काट जाता था। मन की कामुकता ने मुझे काफ़ी सारे मौके दिए ज़िन्दगी में मजे लेने के।

ऐसी ही एक सच्ची कहानी मैं आज आपको सुनाने जा रहा हूँ, इसे पढ़ कर सभी लड़के मुठ मारे बिना नहीं रह सकेंगे और सभी लडकियाँ चुदने को आतुर हो उठेंगी।

मेरी बुआ की एक बेटी है जिसका नाम प्रीति है, वह मुझसे कुछ साल छोटी है। बचपन से ही हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब रहे हैं। जब छोटे थे तो गर्मी की छुट्टियों में अक्सर बुआ हमारे घर आया करती थी और साथ में प्रीति भी। मुझे वह शुरू से ही काफी सेक्सी लगती थी। उसका चेहरा और उसके जिस्म का हर हिस्सा मदहोश कर देने वाला रहा है। पता ही नहीं चला कि कब एक दूसरे के प्रति लगाव शारीरिक लगाव बन गया और मैं उसे चोदने के हसीं सपने देखने लगा।

मैं उसके जिस्म को चूसने के लिए बेहद पागल उठा था। फिर तो बस हर पल दिमाग में उसे छूने और उसे नंगा करने का ख्याल ही घूमता रहता था।जब भी हमारे यहाँ आती तो हम दोनों अक्सर रात को साथ ही सोते थे और ऐसी ही एक रात को मैं और प्रीति और एक और चचेरी बहन साथ में सो रहे थे। मुझसे था कि बस रहा न जा रहा था।

रात को जब मुझे लगा कि सभी गहरी नींद में सो रहे है तो मैंने अपना हाथ प्रीति के ऊपर रख दिया और उसके पास खिसक गया। थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए और उसे चूमने लगा मगर प्रीति को कुछ भी एहसास न हुआ। फिर मैंने इस डर से कि कोई उठ न जाए अपने आप को रोका और सो गया।

उस घटना के बाद मैं और प्रीति एक दूसरे से अगले चार साल मिल न सके क्यूंकि मेरी पढ़ाई के कारण मुझे बाहर जाना पड़ा था। फिर एक बार मौका पड़ा जब प्रीति मेरे घर रहने आई और वह भी बिल्कुल अकेले। मेरी मम्मी ने हम दोनों के सोने का इंतजाम मेरे कमरे में ही कर दिया जिससे हम आराम से बातें वगैरा कर सकें। बस प्रीति को चोदने की चाह मन में फिर जाग उठी।

Hindi Sex Story :  बहन बनी रोमेंटिक वाइफ

अब तो प्रीति भी काफी मस्त हो चुकी थी। उसका शरीर काफी भर गया था और उसकी गांड चिकनी और मस्त हो चुकी थी। उसमे वक्षों में इतना दूध भर गया था कि पूरी रात भी उन्हें चूस लूँ तो ख़त्म न हो। देख कर बस एक ही ख्याल आता कि इसे तो हर लड़का चोदना चाहता होगा और तो और शायद इसकी चूत 3-4 ने तो मार ही ली होगी। उसके जिस्म को नोचने के लिए मैं पागल हो उठा था।

फिर रात को जब हम दोनों सोने लगे तो मैंने ऐसे ही थोड़ी देर बात करने का बहाना बना कर उसके पास लेट गया। थोड़ी ही देर में पता न चला कि कब हम दोनों को नींद आ गई। रात को जब आँख खुली तो मेरी वासना मुझ पर हावी हो चुकी थी और मैंने फिर वही बरसों पुराना तरीका अपनाना सही समझा और उसके ऊपर अपना हाथ रख दिया। मगर यह क्या, प्रीति ने भी अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया। पहले तो मेरी थोड़ी फटी फिर मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा। अगर आज मैंने इसके गर्म बदन को न चोदा तो फिर शायद ज़िन्दगी में कभी नहीं मौका मिलेगा।

थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ उसके होंठों पर छुआ दी और फिर अपने होंठ भी उसे छुआ दिए। अब मैं और कुछ सोचता उससे पहले ही प्रीति ने भी अपना मुंह खोल लिया और मेरे होंठों को चूमने लगी। उसको उत्तेजित होते देख कर मुझे भी मज़ा आने लगा। लेकिन मैंने अपने आपको थोड़ा सही रखने के लिए बोला- नहीं प्रीति ! यह हम क्या कर रहे हैं, यह तो गलत है।

तो प्रीति बोली- भैया, पता नहीं क्यूँ आपको चूम लेने का मन किया। यह कहानी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं।

फिर वो मुझे बोली- आपसे एक बात पूछूँ?

तो मैंने कहा- पूछ।

वह बोली- आज से कुछ साल पहले आपने रात में मुझे सोते वक़्त चूमने की कोशिश की थी?

मुझे वो घटना अच्छे से याद थी, यह सुन कर तो मैं हैरान रह गया।फिर जो उसने खुलासा किया वो सुन कर तो मेरी फट गई, उसाने बताया कि यह सब बात उसे अगले दिन मेरी चचेरी बहन ने बोली।

Hindi Sex Story :  मेरी सेक्सी बहन शालिनी की चुदाई-2

अब जब बात सामने थी तो मैंने प्रीति को बोला- पता नहीं तुझे देख कर मुझे क्या हो जाता है।

और वह भी मुझे यही बोली कि उसके मन में भी मेरे प्रति लगाव है।

फिर हम ज्यादा देर बात न करके और सोने का नाटक करने लगे।

मगर दिल में लगी आग कहाँ बुझने वाली थी। अब मैंने आव देखा न ताव, प्रीति को पकड़ लिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा। वह भी मुझे चिपक गई। अब तो बाजी मेरे हाथ में थी। मैंने उसके बदन को नंगा करना शुरू कर दिया। उसके जिस्म को बिना कपड़ों के देखने को मैं कब से ही पागल हो रहा था और आज तो सारा माल ही मेरे हाथ लग गया था।

मैंने उसके स्लीपिंग गाउन को उतार दिया और अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसके मदहोश बदन को इन छोटे से कपड़ों से ढका देख वह मुझे बहुत ही मस्त लग रही थी। अपना बरसों का सपना साकार होते देख मेरी आँखें हवस से लाल हो उठी थी। मैंने अब अपने उंगलियाँ उसके सांवले और चिकने बदन पर फिरानी शुरू कर दिया। प्रीति सिसकारियाँ भरने लग पड़ी थी। फिर मैंने उसके जिस्म को अपनी नाक से सूंघना शुरू करा और उसकी चूत की खुशबू तो बस मदहोश ही कर देने वाली थी। इच्छा हो रही थी कि अगर मेरे पास 3-4 लौड़े होते तो सब उसमें घुसा देता एक साथ।

वह भी मदहोश हो चुकी थी और मुझे बोलने लगी- भैया मेरे को मत छोड़ना आज। मेरा रस निकाल कर पी लेना पूरा। आज मैं आपकी रंडी बन चुकी हूँ और अच्छे से चुद कर ही मानूँगी।

मैं भी कहाँ उसे छोड़ने वाला था। बस ब्रा फाड़ डाली, उसके चुचूक कस कर पकड़ लिए। फिर उसकी पैंटी को खींच कर निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसके गर्म और नर्म शरीर के ऊपर चढ़ कर तो कोई भी पागल हो उठे। सही में ऐसी लड़की को चोदकर किसी भी लड़के को मज़ा आ जाए।

मैं उसके चूचों को मुँह में लेकर चूसने लगा और उन्हें काटने लगा। वह आह आह करने लगी और चिल्लाने लगी- भैया और जोर से चूसो।

मेरा सारा दूध पी जाओ। एक बूँद भी न छोड़ना और काट खाना मुझे पूरा।

Hindi Sex Story :  Barish Mein Bheega Bheega Sex Didi Ke Sath-2

अब बारी आई उसके मुँह में अपने लंड को डालने की। मैंने उसके मुँह को पकड़ा और मेरा औज़ार उसमें डाल दिया। वह भी बड़े मज़े से उसे चाटने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई कुतिया मदहोश होकर किसी चीज़ को चाट रही हो। वह मेरे लौड़े की तारीफ़ कर रही थी और उसे अपने अन्दर देखने की सिफारिश कर रही थी। मैं तो उसके नंगे बदन को देख कर ही इतना उत्तेजित हो चुका था कि उसके मुँह में ही एक बार तो पूरा रस निकाल दिया और वह भी उसे गटक कर पी गई।

रस निकलते ही मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया उसके चोदने के लिए। अब मैंने उसे लिटाया और उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में पूरी घुसा दी और जोर जोर से उसे हिलाने लगा।

वह चीखने लगी और मुझसे उसे चोदने की भीख मांगने लगी।

मैंने कहा- प्रीति, आज मैं तुझे नहीं बक्शूँगा।

मैंने अब अपने लौड़े को पूरे जोर के साथ प्रीति की चूत में घुसा दिया। उसकी चूत में घुस कर तो मेरे लौड़े को भी आनन्द आ गया। ऐसा लगा जैसे मानो जन्नत नसीब हो उठी हो। बस फिर क्या था, मैं जोर जोर से लौड़े को अन्दर-बाहर धक्का देने लगा और प्रीति पागलों की तरह चिल्ला रही थी- भैया, चोदो मुझे ! और जोर से चोदो ! मेरी चूत को फाड़ दो।

मैं भी लगा रहा, करीब एक घंटे तक लगातार उसकी चूत मारने के बाद जाकर कही मैं रुका और उसके जिस्म को नोचने लगा। इतना खाया मैंने उस रात को प्रीति को और इतना खिलाया उस रात प्रीति ने मुझे कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

उस रात के बाद तो अब जब भी प्रीति मुझे मिलती है मैं उसे चोदता जरूर हूँ। अब तो मेरी भी शादी हो चुकी है और उसकी भी। पर आज भी एक दूसरे के साथ जो सहवास का जो आनन्द है वो किसी और में कहाँ !

दोस्तो, आपको मेरी सच्ची कहानी पसंद आई या नहीं, जरूर बताएँ।