विधवा किरायदारिन की रसीली बुर को कंडोम पहन कर मैंने चोदा और मजे मारे
हेलो दोस्तों, मैं अमन खत्री आप सभी पाठकों का hotsexstory.xyz में स्वागत करता हूँ। मैं रोज नई-नई सेक्सी स्टोरीज पढ़ता हूँ और अपनी माल को चोदता हूँ। मैं राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको अपनी रियल कहानी सुना रहा हूँ। मेरे पापा एक ठेकेदार थे और उन्होंने ३० कमरों का एक मकान बना रखा था जिसे वो किराए पर देते थे। पापा के पास कोई दूसरा काम या नौकरी नहीं थी। ये मकान ही हमारी कमाई का जरिया था। इसलिए मैं भी पापा के साथ काम करता था। जब हमारे मकान में कोई कमरा खाली हो जाता था तो मैं प्रॉपर्टी डीलर्स से मिलकर कमरा किराए पर उठवाता था। कुछ दिनों बाद हमारे घर में एक जवान लेकिन विधवा आंटी रहने आई। Hot Aunty की एंट्री ने मेरी जिंदगी बदल दी।
Sexy Entry आंटी की
“२ कमरे चाहिए बेटा, कितना किराया लोगे??” आंटी ने मुझसे पूछा। “8 हजार, १ कमरे का 4 हजार” मैंने कहा। “ये तो बहुत ज्यादा है बेटा, मैं विधवा हूँ, कमाई का कोई जरिया नहीं है, कुछ पैसे कम तो करो” आंटी बोली। दोस्तों, वो भले ही विधवा थी पर देखने में बिल्कुल टंच माल लग रही थी। उम्र भी कोई ज्यादा नहीं थी। कोई ३२-३३ की उम्र रही होगी आंटी की। उनका साड़ी का आँचल हवा से उड़ रहा था तो मेरी नजर उसकी साड़ी के ब्लाउस की तरफ चली गयी। भई वाहहहहहह….. कितने मस्त-मस्त कसे हुए, बिल्कुल शेप में boobs के दर्शन मुझे हो गए। दिल किया कि अभी आंटी को पकड़ लूँ और उनको चोद-चोदकर सारे मजे ले लूँ। मैं आंटी को कमरा देना चाहता था क्योंकि इससे ये फायदा होता कि एक तो मेरे खाली कमरे भर जाते और दूसरा रोज-रोज इस मस्त माल वाली आंटी के दर्शन हो जाते। “चलिए आंटी… आप विधवा हैं इसलिए मैं २ कमरों के ६ हजार ले लूँगा। इससे कम नहीं हो पाएगा” मैंने कहा। अगले दिन आंटी अपना सारा सामान लेकर आ गयी और मेरे मकान में शिफ्ट कर गयी। Sexy Entry के साथ मेरी नजरें बदल गईं।
Love Spark और दोस्ती
उनके एक लड़का और एक लड़की थी। लड़की अभी छोटी थी, कोई १२ साल की रही होगी और चोदने लायक वो अभी नहीं हुई थी। शाम को मैं जब भी मकान में जाता, आंटी मुझे चाय पिलाती। धीरे-धीरे मेरी उससे दोस्ती हो गयी। मैं बाकी किरायेदारों से किराया १ तारीख को बड़ी सख्ती से वसूल कर लेता था, पर आंटी के साथ मैं कोई जोर-जबरदस्ती नहीं करता था। मैं कहीं न कहीं आंटी को पसंद करता था और चोदना चाहता था। मैं जब भी आंटी से मिलकर आता था तो रोज रात में यही सोचता था कि अगर उनका पति जिंदा होता तो खूब कसकर उनकी chut मारता। उनके ४०” के दूध पीता। दोस्तों, धीरे-धीरे वो विधवा आंटी मुझे बहुत अच्छी लगने लगी। एक दिन जब उनके बच्चे बाहर खेलने गए तो मैंने आंटी से अपने दिल की बात कह दी। “आंटी, आप जवान हैं, खूबसूरत हैं, कोई भी मर्द आपसे शादी करने को तैयार हो जाएगा। आप शादी क्यों नहीं कर लेती? क्या आपका चुदवाने का दिल नहीं करता है??” मैंने साफ-साफ पूछ लिया। “बेटा अमन, मेरा चुदवाने का बहुत मन करता है। मुझे chut में lund खाना बहुत पसंद है। दुबारा शादी भी मैं करना चाहती हूँ पर इन दो बच्चों का मैं क्या करूँ?? अब कोई मुझसे शादी करेगा तो इन बच्चों की जिम्मेदारी तो नहीं उठाएगा” आंटी बोली। Love Spark अब जाग चुका था।
Wild Desire और बारिश
उस दिन आंटी ने मेरे लिए रवे का हलवा बनाया था। मुझे उन्होंने परोसा। मैं चाव से खाया। २ महीने बाद अचानक आंटी के पास पैसा खत्म हो गया। तो मैंने अपने पास का किराया पापा को दे दिया और बोल दिया कि आंटी ने दिया है। कुछ दिन बाद जुलाई का मौसम आ गया। झमाझाम बारिश होने लगी। मैं बाजार में सब्जियाँ खरीद रहा था। आंटी भी उसी मार्केट में थी और सब्जी खरीद रही थी। अचानक मैं उनसे टकरा गया। फिर मैंने उनको एक दुकान में चाय पिलाई। आंटी बहुत माल लग रही थी और मेरा उनको चोदने का दिल कर रहा था। जैसे ही हम दोनों घर की ओर निकले, फिर से बारिश होने लगी। दोस्तों, हम दोनों किसी दुकान में छिप पाते, इससे पहले हम दोनों भीग गए। मेरी पैंट की जेब में मेरा मोबाइल, पर्स सब पड़ा हुआ था। सब कुछ भीग गया था। मेरी नजर आंटी पर पड़ी। बारिश ने उनके एक-एक अंग को भिगो दिया था। उनकी आसमानी रंग की साड़ी पूरी तरह गीली हो गयी। ब्लाउस भीगकर उनके ४०” के boobs से चिपक गया। मुझे आंटी के सुडौल दूधों के दर्शन साफ-साफ हो गए थे। आंटी ने मुझे उनके दूध को घूरते पकड़ लिया। मैंने नजरें नीचे कर ली। शायद वो समझ गयी थी कि मैं उनको पसंद करता था और उनको चोदना चाहता था। Wild Desire अब और बढ़ गया था।
Hot Moment और चुदाई का प्रस्ताव
मैंने ऑटो कर लिया। हम दोनों के हाथ में सब्जियों के भारी-भारी झोले थे, इसलिए मैंने आंटी को ऑटो में बिठा लिया। ऑटो तेजी से हमारे घर की ओर चल पड़ा। बारिश होने के कारण हवा बहुत ठंडी हो गयी थी और बहुत अच्छा मौसम हो गया था। मैं अब आंटी के भीगे ब्लाउस और उसके अंदर कैद २ बेहद मस्त boobs को नहीं ताड़ रहा था, क्योंकि आंटी ने मुझे पकड़ लिया था। कुछ देर बाद जब मैं दूसरी तरह देख रहा था, आंटी ने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया। मैं डर गया और चौंक गया। “आंटी???” मैंने धीरे से पूछा। “अमन, क्या तुम मुझको पसंद करते हो???” आंटी ने धीरे से कहा। “हाँ” मैंने जवाब दिया। “मुझे आज चोदोगे….. देखो मौसम कितना मस्त है। ऐसे मस्त मौसम में अगर lund खाने को मिल जाए तो क्या कहने” आंटी ने कहा। “ठीक है……” मैंने धीरे से बोला। दोस्तों, मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था। मैं ऑटो में ही आंटी को कसकर पकड़कर चुम्मी ले लेना चाहता था। पर मैंने अपनी बेचैनी को किसी तरह रोके रखा। आज मेरी मस्त आंटी की chut मुझे पीने और चोदने को मिल जाएगी। इस बात को सोच-सोचकर मैं फूले नहीं समा रहा था। Hot Moment अब शुरू हो चुका था।
Wild Chudai की शुरुआत
कुछ देर बाद हमारा घर आ गया। आंटी ने मेरे कान में धीमे से कह दिया कि मैं २-३ कंडोम लेकर उनके कमरे पर पहुँचूँ। मेरे पास पहले से ५ कंडोम पड़े हुए थे। पहले लिए और मैं पहुँच गया। उनके दोनों बच्चे स्कूल गए हुए थे। घर पर सिर्फ मैं और आंटी ही थे। मैंने दरवाजे की अंदर से कुंडी लगा दी। हम दोनों अभी भी बारिश के पानी से भीगे हुए थे। आंटी ने मुझे गले लगा लिया और बाहों में भर लिया। उफ्फ्फफ्फ्फ़…. उनके गाल बहुत गोरे और प्यारे थे। पहला प्यार मैंने आंटी के मस्त-मस्त गालों पर दिखाया। आज हमें कोई देखने वाला नहीं था। कोई कुछ कहने वाला नहीं था। इसलिए हम दोनों हसबैंड-वाइफ की तरह प्यार करने लगे। आंटी माँ कसम…. बिल्कुल चोदने-खाने वाला सामान थी। मेरे हाथ उसके ४०” के boobs पर चले गए और मैं दबाने लगा। फिर आंटी मुझसे लिपट गयी और मेरे होंठ पीने लगी। “अमन बेटे!! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। बेटे आज तुम मुझको कसके चोद डालो” आंटी बोली। “आंटी, आप बिल्कुल टेंशन न लें। आज आपका ये बेटा आपसे बहुत प्यार करेगा और आपकी रसीली chut चोद-चोदकर पूरी तरह से फाड़ देगा” मैंने कहा। Wild Chudai अब शुरू हो गयी थी।
Hard Fucking और नंगा खेल
उसके बाद हम दोनों पागलों की तरह किस करने लगे। आंटी मुझे बिस्तर पर ले गयी। उन्होंने खुद अपनी साड़ी निकाल दी। तो मैंने अपने भीगे कपड़े निकाल दिए। शर्ट-पैंट मैंने निकाल दी। मैं अब अपनी किरायेदारिन आंटी के सामने खड़ा था और मैं पूरी तरह नंगा था। दोस्तों, आप लोग तो जानते ही होंगे कि बरसात में ठंडे-ठंडे मौसम में lund कितना ज्यादा खड़ा होता है। मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल था। मैं आंटी के सामने पूरी तरह से नंगा था और मेरा lund खड़ा हुआ था और बहुत मोटा हो गया था। उधर आंटी जैसे-जैसे अपनी साड़ी निकालती गयी, उनके जिस्म का सफ़ेद और उजला-उजला भाग मुझे दिखने लगा। अब वो मेरे सामने ब्लाउस और पेटीकोट में थी। वो बहुत ज्यादा चुदासी महसूस कर रही थी इसलिए उन्होंने देर नहीं की और जल्दी-जल्दी अपने भीगे और दूध से चिपके ब्लाउस को वो खोलने लगी। उन्होंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। जैसे ही ब्लाउस उन्होंने निकाला, मुझे तो जैसे चक्कर आ गया। दो ४०” के बड़े-बड़े बेहद खूबसूरत boobs मेरे सामने थे। मैं पागल हो रहा था। फिर उन्होंने भीगा पेटीकोट भी निकाल दिया। जैसा मैं उम्मीद कर रहा था, आंटी ने कोई पैंटी नहीं पहनी थी। उनकी काली-काली झांटें मैं साफ देख सकता था। “अमन!! आओ चोदो आकर मुझे” आंटी ने आदेश दिया। Hard Fucking का खेल शुरू हो गया था।
Chut Chusai और बैंगन का मज़ा
मैं आंटी के साथ बेड में चला गया। एक टॉवेल से आंटी ने अपना और मेरा जिस्म अच्छी तरह से पोंछ दिया। अब हम लोग सूख गए थे। मैंने आंटी को बाहों में भर लिया। हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे और चूमने लगे। एक नंगी चुदासी और अधेड़ औरत को बाहों में भरना बड़े फख्र और गर्व वाली बात होती है। ठीक ऐसा ही हो रहा था मेरे साथ। मैं २४ साल का था और एक ३३ साल की अधेड़ औरत को मैं कसके चोदने वाला था। बरसात के इस सेक्सी मौसम में आज आंटी की अनचुदी chut का इंतजाम हो गया था। ये बहुत अच्छी और मस्त बात थी। जब एक औरत और मर्द के दो नंगे जिस्म आपस में मिले तो आग लगना तो लाजमी थी। हम दोनों के जिस्मों की हवस और शारीरिक भूख जाग गयी। मेरी किरायेदारिन आंटी भी चुदना चाहती थी, और मैं भी उनको चोदना चाहता था। वो ठुकवाना चाहती थी, मैं उनको ठोकना चाहता था। हम दोनों बड़े जोश और खरोश से एक-दूसरे को किस करने लगे। आंटी मुझे अपने दिल में छुपा लेना चाहती थी, वो मुझसे इतना प्यार कर रही थी। मैं उनके लिए एक प्यार का गीत गाने लगा। कुछ देर बाद मैं उनके ऊपर ही आ गया और उनके दूध पीने लगा। आज चुदासी विधवा आंटी की chut में मैं lund देने वाला था। मैंने उनकी chut पर पहुँचकर chut chusai शुरू की और बैंगन से भी मज़ा लिया।
Wild Fucking और चरम सुख
आंटी ने खुदको मेरे हवाले कर दिया था। मैं मजे लेकर और खुलकर उनके दूध मस्ती से पी रहा था। उफ्फ्फ्फ़…. कितने सेक्सी और मदहोश कर देने वाले आम थे उनके कि मैं आपको क्या बताऊँ। बड़े-बड़े boobs की निप्पल्स के चारों ओर काले घेरे तो जैसे चार चाँद लगा रहे थे और मेरे दिल पर छूरियाँ चला रहे थे। मैं एक-एक निप्पल को बड़े प्यार और आराम से चूस रहा था और पी रहा था। फिर मैं उनकी chut पर पहुँच गया। शायद कई महीनों से उन्होंने अपनी झाँटें नहीं बनाई थीं। इसलिए काफी बड़ी-बड़ी झाँटें हो गयी थीं। मैंने बेहद रूमानी अंदाज में उनकी chut के ऊपर झाँटों में अपनी उंगलियाँ फिराने लगा। आंटी मचलने लगी। आखिर मैंने घास के ढेर से रसीली chut को ढूंढ ही लिया। मैंने chut पीना शुरू कर दी। उफ्फ्फ्फ़….. कितनी मस्त रसीली chut थी आंटी की। मैंने chut के लटकते होंठों को बड़े करीने से पुचकार कर अपनी उंगलियों से खोल दिया और असली chut को पीने और चाटने लगा। आंटी सी सी सी सी… अई… अई…. अई…… अई करने लगी। मैंने और जोर-जोर से आंटी की chut चाटने लगा। फिर मैंने वहीँ पास में सब्जी की टोकरी में रखा लंबा बैंगन उठा लिया और आंटी की chut में डाल दिया। मैं जल्दी-जल्दी बैंगन को आंटी की chut में डालने लगा। वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी और उनकी बेचैनी मैं साफ देख सकता था। उनकी बेचैनी देखकर मुझे बहुत खुशी हुई और मैं और तेज-तेज आंटी की रसीली chut को बैंगन से चोदने लगा। Wild Fucking अब चरम पर था।
Climax Time और प्यार
कुछ देर बाद वो अपनी gand और कमर उठाने लगी। “बेटा अमन, आज चोद डाल मेरी chut को” आंटी बोली और उन्होंने कामोत्तेजना में अपना सीधा हाथ मेरे सिर पर रख दिया और मेरे बालों में उंगली चलाने लगी। मैंने आधे घंटे आंटी की chut को उस बैंगन से चोदा। फिर उनकी chut से फच्च-फच्च की आवाज करता पानी निकलने लगा। मैं बहुत ज्यादा चुदासा महसूस कर रहा था। बैंगन को मैंने फेंक दिया और अपना मोटा ७” का lund मैंने आंटी की chut में पेल दिया और जल्दी-जल्दी उनको चोदने लगा। मैंने आंटी के दोनों हाथ कलाई से पकड़ लिए और घप्प-घप्प उनको चोदने लगा। बरसात के मौसम में तो chut मारने में डबल मज़ा मिलता है। वाहहहह दोस्तों, आंटी का भीगा-भीगा बदन मुझे बहुत ठंडा और सेक्सी लग रहा था। मैं जब आंटी को जोर-जोर से कमर ऊपर-नीचे करके चोद रहा था तो पट-पट-पट-पट की आवाज आंटी की chut से आने लगी। जैसे पॉपकॉर्न मशीन में पॉप कर रहे हों। हम दोनों के पेट आपस में खट-खट टकरा रहे थे इसलिए वो मीठी-मीठी आवाज आ रही थी। मैं आंटी को पेलते-पेलते उनके गाल पर किस कर लेता था। फिर उनके रसीले होंठ पीकर मैं उनको ठोंकने लगा। आंटी आआआआअह्हह्हह… अई… अई…. ईईईईईईई.. सी सी सी करने लगी। कुछ देर बाद मैंने अपना माल आंटी की chut में डाल दिया। मेरा lund बाहर निकल आया। जैसे ही मैंने lund आंटी की chut से निकाला, मेरा माल उनकी chut से बाहर की ओर बहने लगा और बेडशीट पर गिर गया। आंटी की पहले राउंड की chudai संपन्न हो चुकी थी। Climax Time आ चुका था।
Love Bond और शादी का प्रस्ताव
आंटी ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरी वाइफ की तरह मुझे किस करने लगी। हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गए थे। “आंटी एक बात कहूँ??” मैंने पूछा बड़े प्यार से उनको बाहों में भरे हुए। “हूँ…..” आंटी बोली। “आंटी मुझसे शादी करोगी” मैंने कहा। “क्या???” वो हैरान हो गयी। मैंने उनको बताया कि मैं उनसे सच्चा प्यार करने लगा हूँ। और ताउम्र उनकी chut मारना चाहता हूँ। वो बहुत देर तक खामोश रही। शायद उनको मेरी बात का विश्वास नहीं हो रहा था। कुछ देर बाद फिर मैं उनके दूध पीने लगा। मैंने उनको उनके दोनों बेहद सुंदर घुटनों पर घोड़ी बना दिया। आंटी का पिछवाड़ा किसी इंडियन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म से कम नहीं था। बहुत बड़ी gand थी उनकी। मैं किसी कुत्ते की तरह बड़ी देर तक उनके चूतड़ चूमता रहा और chut पीता रहा। फिर मैंने उनकी chut में अपना मोटा lund फिर से डाल दिया और चोदने लगा। दोस्तों, मैंने उस बरसात वाले दिन आंटी को ४ बार चोदा। मेरी जिंदगी आंटी की रसीली chut मारकर बेहद खुशनुमा हो चुकी थी। कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स hotsexstory.xyz पर जरूर दें। Love Bond अब बन चुका था।