माँ की चुदाई

विधवा माँ के प्यार की कहानी-1

Widhwa ma ki pyar ki kahani-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रेम है और मेरी उम्र 23 साल है. दोस्तों में पिछले कुछ समय से अपनी भी एक सच्ची घटना आप सभी को बताने की सोच रहा था, लेकिन ना जाने क्यों डरता था और आज मैंने बहुत हिम्मत करके अपनी यह कहानी आप सभी के सामने रखी है और यह घटना मेरी माँ की चुदाई पर आधारित है, जो कि एक विधवा औरत है और वो उम्र में करीब 40 साल की होगी, लेकिन वो चेहरे से ऐसी बिल्कुल भी नहीं लगती कि वो बहुत जवान, हॉट, सेक्सी दिखती है और उन्हें एक बार देखकर हर कोई उनके बारे में सोचने पर मजबूर हो जाता है.

दोस्तों मेरे पापा की म्रत्यु तब ही हो गई थी जब में उम्र में बहुत छोटा था, इसलिए उस समय मेरी माँ बहुत अकेली रहने लगी थी और अब उसको एक सहारे की ज़रूरत थी. दोस्तों मेरी माँ का एक पुराना आशिक़ था, जो कि मेरी माँ घर के पास ही मतलब कि मेरी नानी के घर के पास रहता था और उसके तो मेरी उम्र के दो लड़के भी थे. मेरे पापा के गुज़र जाने के कुछ सालों बाद मेरी माँ की एक बहुत अच्छी सहेली ने उन्हें बताया कि एक कपड़े सिलाई का कोर्स है, जिसकी वजह से वो घर पर बैठकर कुछ पैसे भी कमाने लगेगी और उनका काम में मन भी लगा रहेगा, तब हम लोग मेरे नानी के पास रहने लगे थे.

फिर मैंने बहुत दिनों तक इस बात पर ध्यान दिया कि मेरी माँ बहुत बार छत पर जाया करती थी और उसके पास एक सेल फोन भी था, जब मैंने देखा तो मैंने मेरे मामा को यह बात बताई. फिर उन्होंने माँ से पूछा तो उसने बताया कि उसने वो फोन 500 रुपये में पुराना किसी अंजान आदमी से खरीदा था जो कि बस में सफ़र कर रहा था. फिर यह पूरी बात सुनकर मामा ने माँ को बहुत डांटा कि यह सब ठीक नहीं. फिर में जैसे जैसे बड़ा हुआ तो मैंने ध्यान दिया कि माँ का चेहरा कुछ अलग ही हो गया है और यह भी देखा कि माँ कुछ दवाईयाँ भी लेती थी, शायद दर्द की दवाई लेती होगी और अब में बड़ा साल का हो गया था तो एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वो अपनी दोस्त के पास जा रही है तो मुझे अब उनकी हर एक हरकतों पर शक होने लगा था और में उनके ऊपर पूरी पूरी नजर रखने लगा, वो कहाँ कब और किससे मिलने जा रही है.

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फिर मैंने उनका पीछा किया और फिर मुझे पता चला कि वो उस काले मोटे से आदमी के साथ उसकी गाड़ी पर बैठकर कहीं जा रही है और में लगातार उसका पीछा करता रहा और तब मैंने थोड़ा और आगे जाकर देखा कि वो लोग एक लवर्स पार्क के पास आकर रुके और वो अब एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए मज़े से घूमने फिरने लगे और यह सब कुछ देखकर मुझे बहुत दुख हुआ और फिर में कुछ देर बाद वहां से अपने घर पर आ गया. फिर माँ कुछ घंटो बाद घर पर आ गई और मैंने उनसे कुछ भी नहीं पूछा, लेकिन जब रात हुई और वो छत पर गई और में भी उसके पीछे पीछे ऊपर चला गया.

फिर मैंने बहुत ध्यान से उनकी बात को सुना और फिर में समझ गया कि वो छत पर अकेले में आकर उसी गेंडे से बातें कर रही थी. तभी मैंने उसे पीछे से आवाज़ दी और पूछा कि यहाँ पर अकेले में आकर तुम किस से बात कर रही हो? तो वो मुझे वहां पर देखकर अचानक से चकित हो गई और उसका चेहरा पसीने से बिल्कुल गीला हो गया और अब डरते हुए उसने मुझसे कहा कि मेरी दोस्त है. फिर मैंने उससे कहा कि लाओ में भी तुम्हारी इस दोस्त से थोड़ी बहुत बात कर लूँ? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गई और उसके चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ गया और फिर उसने कॉल कट कर दिया और जब मैंने वो मोबाईल नंबर देखने की कोशिश की तो उसने वो नंबर भी अपने मोबाईल से डिलीट कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि मैंने उन्हे उस दिन लवर्स पार्क में भी हाथों में हाथ डालकर घूमते हुए देखा था और अब वो मेरी पूरी बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

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फिर मैंने उन्हे बहुत कुछ कहा और अब में उनसे बात ही नहीं कर रहा था तो उसने अपना वो फोन छत से नीचे जमीन पर फेंक दिया और अब वो उसे काम में भी नहीं ले रही थी और कुछ महीनो तक ऐसे ही चलता रहा, क्योंकि वो मुझसे बहुत प्यार करती थी और इसलिए उन्हें अब मेरी उस बात का बहुत दुःख हो रहा था. फिर एक दिन मैंने ऑनलाइन एक फेक आईडी बनाकर कुछ लड़कियों से इस बारे में उनकी सलाह ली तो उन्होंने मुझे बताया कि तुम उसे मत रोको, वो अगर अपनी पहली शादीशुदा जिन्दगी भुलाकर अपनी दूसरी जिन्दगी में खुश रहना चाहती है तो उसे वैसे ही रहने दो वर्ना वो अकेले कैसे जियेगी? फिर कुछ दिनों के बाद मैंने माँ को मनाया और उससे कहा कि वो फोन पर बात करे, मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है और फिर मैंने उनसे कहा कि आप अगर उनसे बात करना चाहती है तो आप कर सकती है.

दोस्तों अब वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर उन्होंने अपनी बातचीत को एक बार फिर से शुरू कर दिया और एक दिन हमारे घर के सब लोग कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर गये थे. फिर मैंने अपनी माँ को चकित करने के लिए उसे अपने घर पर बुला लिया और माँ यह सब देखकर बिल्कुल हैरान हो गई और में भी उनकी उस ख़ुशी को देखकर बहुत खुश हुआ और फिर मैंने उन्हें कुछ ना कहते हुए उन दोनों को बिल्कुल अकेला छोड़ दिया, वो लोग कुछ देर बैठे रहे और बातें करते रहे और में उठकर वहाँ से चला गया.

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फिर माँ ने मुझे बुलाया और कहा कि तुम कहाँ जा रहे हो? तो मैंने उनसे कहा कि आप दोनों अकेले रहो और कुछ पल बिताओ तो उसने मुझे हग किया और फिर वो अपने रूम में चली गयी, लेकिन मैंने देखा कि उस कमरे की एक खिड़की खुली हुई थी और में उन्हें कमरे पास उस खिड़की में से देखने लगा. मैंने देखा कि वो दोनों बहुत खुश थे और कुछ देर बाद मेरी माँ उस गेंडे की गोद में बैठ गई और वो उसके बूब्स दबा रहा है और वो उसे किस भी कर रहा है और फिर उसने ब्लाउज से दोनों बूब्स को बाहर निकाल लिया और फिर वो दोनों बूब्स को सकिंग करने लगा और अब वो बेड पर लेट गए और उस गेंडे ने अपने कपड़े खोल दिए और मेरी माँ की साड़ी को भी उतार दिया और वो माँ की चूत को चाटने लगा और कहने लगा कि तेरा बेटा भी अब हमारी तरफ हो गया है अब तो हम बिल्कुल फ्री होकर हर दिन बहुत मज़े किया करेंगे.