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सर्दी में हुआ मेरी बीबी शालिनी का गैंग बैंग

मेरे दोस्त अमन की खूबसूरत बीवी जिया अपने मायके से आ गयी थी। असल में कभी मैं, अमन, सुशांत दोस्त हुआ करते थे। पहले जिया सुशांत की गर्लफ्रेंड थी। फिर उसके घरवालों ने उसकी शादी अलग तय कर दी। फिर जिया मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी थी। पर मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरे घर वालों ने मेरी शादी मेरी इक्षा के खिलाफ कर दी थी। ऐसे में जिया की मुलाकात अमन से हो गयी और अमन ने उससे शादी कर ली।

हम चारो दोस्त खुली हुई मानसिकता के थे। इसलिए हम लोग आम हिंदुस्तानी मर्दों जैसे नही थी। अमन मेरे घर आता था तो मेरी बीवी शालिनी से खूब घटों घण्टों बात करता था। और मैं जब अमन और सुशांत के घर जाता था तो उसकी बीवी से घण्टो घण्टो बात करता था। पर इस सब के साथ हम लोगों की एक सीक्रेट लाइफ थी। असल में हम तीनों दोस्त हर हफ्ते बारी बारी से हर एक की बीवी के साथ गैंग बैंग करते थे।

हम तीनों दोस्त कॉलेज के टाइम से दोस्त से , इसलिये हममे जरा भी शर्म नही थी। हम आधुनिक विचारधारा के थे, और सेक्स पर खुलकर बात करते थे। हमारी बीबियाँ भी हमारे साथ पढ़ती थी।

शादी से पहले ही हम तीनों दोस्त एक दूसरे की बीवियों को बदल बदलकर चोदने का गरम खेल खेलते थे। बाद में हमारी गर्लफ्रेंड हमारी बीबियाँ बन गयी। पर एक चूत मारने में कुछ मजा नही आ रहा था। वही चूत चूत बार बार। हमारी बीबियाँ भी वही एक लण्ड खा खाके बोर हो गयी थी। फिर एक दिन मैंने अपने दोंस्तों को व्हाट्सअप करके पूछा की क्यों ना हम हर हफ्ते बदल बदल के गैंग बैंग करे।

बस क्या था, बात बन गयी।
यार! तूने बड़ा मस्त आईडिया दिया है! सुरुवात तेरे से ही होगी! सुशांत बोला।
अमन भी यही कहने लगा। मैंने अपनी बीवी शालिनी से बात की। वो राजी हो गयी। फिर क्या था। संडे नाईट को मेरी बीवी 3 मर्दों से चूदने वाली थी। मैं एक अच्छी सी ब्रा पैंटी खरीद लाया। लंबे समय तक चुदाई करने वाली गोलियां ले आया। कुछ स्प्रे भी खरीद लाया जिसे स्प्रे करते ही झड़ा लंड भी तुरन्त खड़ा हो जाता है।

मेरी बीबी शालिनी का ये पहला गैंग बैंग था। उसने अपनी झांटे साफ कर ली। शाम को नहाकर बिलकुल फ्रेश मॉल हो गयी। अमन और शुशांत ने पहले ही बता दिया था कि भाभी को साड़ी ब्लॉउज़ में ही रखना। मेरी जवान बीबी को भारतीय कपड़ों में देखकर ही उनके लण्ड खड़े होंगे और वो मेरी जवान बीबी को चोद चोदके उसकी चूत फाड़ देंगे। असल में हम तीनों कपल बहुत ठरकी थे। हम लोग किसी नैतिकता को नही मानते थे, किसी ईश्वर में विस्वास नही करते थे और चुदाई और जी भरके चुदाई में ही विस्वास रखते थे।

शाम को अमन और शुशांत घर आ गए थे। मेरी बीवी शालिनी ने उसके लिये मटन और चिकन बिरयानी बनायी थी। सबने छक कर खाया। शालिनी चाहती थी की नॉनवेज खाना खाने से गर्मी और ताक़त आएगी जो रात भर चुदाई में काम आएगी।
कैसी हो भाभी??? अमन ने मेरी खूबसूरत बीवी से पूछा।
मैं ठीक हुँ अमन! तुम सुनाओ! मेरी बीवी शालिनी ने जवाब दिया।
शालिनी के अगल बगल अमन और शुशांत बैठ गए। मैं जरा दूर बैठ गया। धीरे धीरे बाते खत्म होने लगी। हम चारो चुदाई पर अधिक ध्यान देने लगे। अमन मेरी बीवी के पैर पर डाइनिंग टेबल पर खाना खाते खाते हाथ फेरने लगा। वही सुशांत भी शालिनी के पैर में अपने पैर लगाने लगा।

शालिनी ने मेरी ओर देखा।
कोई बात नही! लगी रहो! अभी तो बन्द कमरों में तुमको चुदना ही है इन दोनों से ! मैंने कहा
शालिनी ने कुछ नही कहा। हमारी बाते अब खत्म हो गयी थी। खाना हम चारो ने खा लिया था।
दोंस्तों, कमरे में चलने का वक़्त हो गया! मैंने कहा। हम सब कमरे में आ गए। बत्ती बन्द हो गयी और 2 हल्की रोशनी वाले नाईट लैंप जला दिए गए। मैंने सारे पर्दे अच्छे से लगा दिए। हम सभी सफेदपोश आदमी थे, जो रात के अंधेरे में काला काम कर रहे थे। अगर किसी को इसकी भनक लग जाति तो हम सब किसी को मुँह नही दिखा पाते।

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अमन बिस्तर पर बैठ गया भाभी इधर आओ! अमन बोला
शालिनी उसके पास चली गयी।
भाभी! क्या गजब की लग रही हो? अमन बोला। उसने शालिनी को अपने पास खीच लिया। उसकी चूड़िया खनकने लगी। अमन ने शालिनी का हाथ पकड़ लिया और अपने पास बेड पर बैठा लिया। अमन ने शालिनी को बाँहों में भर लिया। और उसके गालों पर चुम्बन लेने लगा। मेरी बीवी शालिनी शरमा गयी।
अरे भाभी! इतना शरम करोगी तो हम दोंस्तों का लण्ड कैसे खाओगी? अमन से कहा और मेरी बीबी शालिनी के गालों, माथे, गले में चुम्बन लेने लगा। गाल पर किस करने से शालिनी को गुदगुदी सी हुई।

उसने शादी वाला काली मोतियों वाला लॉकेट और मंगलसूत्र पहन रखा था। अमन ने शालिनी को सीने से लगा लिया। इतने में सुशांत एक ओर खड़ा शरम कर रहा था।
सुशांत आओ भाई! सुरु हो जाओ! आखिर में तुमको भी तो अपनी बीबी को हम दोंस्तों से।चुदवाना पड़ेगा मैंने कहा
ये सुनते ही सुशांत की शरम गायब हो गयी। वो भी बेड पर आ गया। उसने मेरी बीबी शालिनी को बिस्तर पर खीच लिया। उसने शालिनी के पेट से साडी का पल्लू हटा दिया। शालिनी का गोरा जिस्म चमकने लगा। सुशांत मेरी बीबी को पेट पर चूमने, चाटने और किस करने लगा।
अमन और शुशांत मेरी बीवी को जगह जगह चूम चाट रहे थे। शालिनी का चेहरा पढ़के मैं बता सकता था कि गैर मर्दों से चुम्वाने, चटवाने में उसे पूरा मजा मिल रहा था। उसने मारे शर्म के आँखे बंद कर ली थी। दोनों उसको जगह जगह चूम चाट रहे थे।

दूर से यही लग रहा था कि दो शेर किसी गाय को जमीन पर गिरा चुके है और हलाल करने वाले है।
सुशील!।आओ यार! ऐसै मजा नही आ रहा है! अमन बोला। इसी महासंग्राम में मैं भी कूद पड़ा। मैं अपनी बीवी के हसींन गोरे पैरों को चूमने चाटने लगा।
भाभी! अब नँगी हो जाओ! अमन बोला। मेरी बीबी शालिनी नँगी होने लगी। हम तीनों दोस्त भी कपड़े उतारने लगे। जैसे ही शालिनी नँगी हुई, सुशांत ने उसे नरम, मखमली बिस्तर, पर खींच लिया। उसके पैर फैलाके उसकी बुर चाटने लगा। अमन मेरी बीबी के बाये मम्मे को पीने लगा। मैं उसके दाँये मम्मे को पीने लगा।

अब अगर कोई हम चारों को देखता तो यही कहता कि 3 शेर एक असहाय गाय का शिकार कर रहे है। सुशांत मेरी बीबी शालिनी के मुँह में लण्ड देना चाहता था, पर जरा हिचक रहा था।
दोंस्तों! शरमाओ मत! खुलकर चोदो मेरी बीवी को! मैंने कहा।
भाई पहले मैं भाभी की गुझिया चाट लूँ! सुशांत बोला। और मेरी बीबी शालिनी की बड़ी सी चूत चाटने लगा। शालिनी अब गरम् होने लगी। सुशांत अपनी खुदरी जीभ से शालिनी की बुर पी रहा था। जैसै उसने आज तक किसी औरत की बुर नही पी थी।
भाई! दूसरे की बीबी की बुर पीने का मजा ही अलग है। नयी फ्रेश औरत! नये मम्मे और नये चूत! सुशांत बोला।

मैं सोचने लगा की जब इन लोगों की औरत मेरे हाथ लगेगी तो मैं भी खूब उनकी चूत पियूँगा। शुशांत मेरी औरत शालिनी की चूत और उसके मोटे मोटे लबो को चूमने चाटने लगा। वही दूसरी ओर अमन मेरी बीवी के मस्त गोलाकार मम्मो को पिए जा रहा था। मैं दूसरे मम्मे को पी रहा था। इतने में अमन का मन भर गया। वो उठ खड़ा हुआ। कमरे में आज 3 3 हट्टे कट्टे लण्ड थे। मेरी बीबी बाहर से तो मना करती थी, पर अंदर ही अंदर वो कबसे 3 3 मर्दों से एक साथ चूदने के लिये तरस रही थी। ये उसकी दबी ख्वाहिश थी।

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एक बार मैंने शालिनी की डायरी को चुपके से पढ़ा था। उसकी 10 सीक्रेट ख्वाहिश थी जिसमे 3 4 मर्दों से गैंग बैंग शामिल था। बस तब से मैं उसके साथ में चुदने के सपने देख रहा था। अमन ने एक दो बार अपने हट्टे कट्टे लण्ड पर हाथ फिराया और जल्दी जल्दी मुठ मारते हुए लण्ड को जमाने लगा। लण्ड अपनी धुन में आ गया। तन गया और नाग की तरह फन फनाने लगा। क्या मस्त लण्ड था। सारी नसें तन गयी। मन कर रहा था कास मेरे पास चूत होती तो मैं भी चुदवा लेता। आज शालिनी तो गल्ल हो गयी थी। अमन ने शालिनी को बिलकुल नंगा औंधे मुहँ लेटा दिया। उसके मुँह में लण्ड डाल दिया। शालिनी दोनों हाँथो से अमन के लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी।

अमन ने अपने लण्ड से एक दो बार शालिनी के लाल गुलाबी लबो में लण्ड डाला और बगल से बोतल के ढक्कन खोंलने की स्टाइल में बाहर निकाला। शालिनी रोमांचित हो गयी। अमन ने अपने बड़े से लण्ड से अंजली के मुँह ,नाक, पर थप थप करते हुए प्यार भरी थपकी लंड से दी। शालिनी और रोमांचित हो गयी। वो ललचा गयी। अमन उसे लण्ड के लिए तरसाने लगा, मुँह में थपकी देता, और दूर हटा लेता। मुहँ में थपकी देता और दूर हटा लेता। शालिनी तरस गयी, उसने लपक कर लण्ड को दोनों हाथों से पकड़ लिया और सिर हिला हिलाके मजे से चूसने लगी।

मुझे इस पर बड़ा प्यार आ गया। बेचारी मेरी बीवी सुबह उठती है तो रात तक काम करती है। पुरे दिन बेचारी नौकरानी की तरह काम करती रहती है। चलो आज थोड़ा सुख तो ले लेगी आज। उधर सुशांत मेरी बीबी की बुर की फाके बड़ी अच्छी तरह पी रहा था। मैं इस गैंग बैंग पार्टी को लेकर बड़ा खुश था। सुशांत मेरी बीवी की गाण्ड भी चाटने लगा।
भाभी!!।आँखे खोलो! ऐसे मजा नही आ रहा। तुम्हारी आँखों में देखकर ही तुमको चोदूंगा!! अमन बोला और बच्चो की तरह जिद करने लगा। अब शालिनी ने शर्माना छोड़ दिया। उसने आँखे खोल ली।

लो शालिनी भाभी!! छूकर देखो! अमन ने अपना तंदुरुस्त लण्ड मेरी बीवी के हाथ में दे दिया। शालिनी ने हाथ में लिया तो उसे बड़ा संतोष हुआ, बड़ा सुख मिला की इतना मोटा लण्ड वो खाने वाली है। शालिनी सुशांत के लण्ड को जल्दी जल्दी फेटने लगी। लण्ड और तन गया। उसमे और जोश और ताक़त आ गयी। उधर अमन मेरी बीवी के मुँह को बिना रुके चोद ही रहा था। शुशांत ने शालिनी से लंड फेटवाने के बाद उसके पैर और खोल दिए। चूत का बड़ा सा दरवाजा दिख गया, सुशांत ने अपना तंदुरुस्त लण्ड मेरी बीवी की चूत में डाल दिया और चोदने लगा।

आहहा! कितना सुखद था ये पल। मेरी बीवी कबसे किसी गैर मर्द से चुदाई के सपने देखती थी। आखिर उसको गैर लण्ड मिल ही गया। मैं इस मधुर मिलन को देखकर मन्त्रमुग्ध हो गया। शालिनी अब जरा भी नही शर्म कर रही थी। वो शुशांत से नजरे मिलाकर चुदवा रही थी। सुशांत की नजरें मेरी खूबसूरत जवान बीवी की नजरों से हटती ही ना थी। वो शालिनी को बस देखे जा रहा था, उधर लण्ड और चूत अपना काम किसी आटोमेटिक मशीन की तरह कर रहे थे। उधर दूसरी ओर अमन मेरी बीवी के मुँह को चोद रहा था। और मैं उसके मम्मे पी रहा था। शालिनी की चूत को पहले कौन मारेगा, इसको लेकर कोई झगड़ा नही हुआ।

अमन ने कोई विरोध् नही किया। सुशांत ने अपने दोनों हाथ मेरी जवान बीवी की चिकनी गुद्देदार जंघों पर रख दिए, और मस्त चोदन करने लगा। ये दृश्य देखने लायक था। मन था कि अपनी बीवी के गैंग बैंग को वीडियो में रिकॉर्ड करुँ। फिर डर था कि किसी के हाथ लग गया तो गजब हो जाएगा। इसलिए रिकॉर्डिंग नही की। शुशांत खूब कस कसके शालिनी को चोदने नोचने लगा। मुझे मजा आ गया ये देखकर। आधे घण्टे शुशांत ने मेरे सामने मेरी बीवी को चोदा नोचा खाया बजाया।

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अब अमन ने अपना लण्ड शालिनी के मुँह से बाहर निकल लिया। उसने सुशांत को इशारा किया कि अब हटे। उसे भी मेरी बीवी को खाने नोचने दे। सुशांत हट गया और अब मेरी बीवी के मुँह को चोदने लगा। अमन अब शालिनी को पेलने लगा। उसका लण्ड बड़ा था, और थोड़ा ऊपर की ओर कटार की तरह घुमा हुआ था, वो जब शालिनी को चोदने लगा तो उसे एक खास कसावट चूत में महसूस होने लगी। अमन ने मेरी बीवी शालिनी की कमर को दोनों हाथों से कस लिया और फिर जो चुदाई ठुकाई की की शालिनी और मैं हम दोनों बिलकुल दीवाने हो गए।

क्या खूब पटाखे दगाये!! उसने!! चट चट चट! खट ख़ट खट! पट पट पट!! इतने पटाखे फोड़े की शालिनी की चुट का चबूतरा बन गया। चूत का चौबारा बनते देख मैं बहुत खुश हुआ। बेचारी शालिनी हमेशा घर के काम में हमेशा बिजी रहती है। कभी उसे बाहर घुमाने भी नही ले जाता हूँ। चलो इसी बहाने कुछ सुख तो ले ले! मैंने सोचा।
हा हा हा! अमन मेरी बीवी को जानवरों की तरह चोदे जा रहा था।
हूँ हूँ हूँ! अअअअ आ आ आहा! शालिनी भी शेरनी की तरह गुर्रा रही थी। मेरी बीवी कितनी बहादुर है, कितने साहस और बहादुरी से चुद रही है, मैं सोचने लगा।

शालिनी की चूत को अमन ने चोद चोदकर हलवा बना दिया था। मैंने शालिनी की चूत पर ओंठ लगा दिए और उस जगह चाटने लगा जहाँ अमन का लण्ड मेरी बीवी की चूत में छेद करने वाली रन्दे की तरह अंदर और बाहर जाता था। मैंने खूब पिया उस पावन जामीन को। मुझे छोड़कर अमन और सुशांत दोनों जिम जाते थे। इसलिए उनके पास 6 पैक थे। डोले शोले थे। लण्ड में भी कई पैक बन गए थे। चलो इसी बहाने शालिनी जिम जाने वालों मर्दों से तो चुद गयी।

अब शुशांत ने मेरी बीवी शालिनी का मुँह चोदन बन्द कर दिया। उसने अमन को इशारा किया। अमन ने एक सेकंड के लिए चोदन कार्यक्रम बन्द किया। शालिनी को एक सेकंड के लिए बेड से उठाया। शुशांत सिरहाने पर लेट गया। उसने अपना लण्ड खड़ा कर लिया। अमन मेरी बीवी शालिनी को उसपर ले गया और बड़े होले से शालिनी को शुशांत के लण्ड पर बिठाया। शुशांत का लण्ड मेरी बीवी की चूत में धस गया। पीछे से अमन ने मेरी बीवी की गाण्ड में लण्ड पेल दिया। दोनों मजे से मेरे सामने ही मेरी बीवी का गैंग बैंग करने लगे।

सुशील तुम भी आओ यार! अमन बोला।
मैं सिरहाने चला गया। मैंने लण्ड अपनी बीवी शालिनी के मुँह में डाल दिया। अब हम तीनों शालिनी के मुँह, चूत और गाण्ड को एक साथ चोदने लगे। ये दिन शालिनी के जीवन का यादगार दिन था। पूरी रात हम तीनों दोस्त मेरी बीवी को चोद चोदके उसकी प्यास बुझाते रहे।
सुबह होने पर दोनों नहा धोकर अपने अपने ओफिस चले गए। शालिनी से अपनी यादगार रात को अपनी डायरी में लिख लिया और हमेशा 2 के लिए कैद कर लिया। इसके बाद मैंने, सुशांत और अमन ने अमन की बीवी के साथ गैंग बैंग किया।

फिर हम तीनों दोंस्तों ने सुशांत की बीवी को जमकर चोदा ,नोचा, खाया। तबसे हम तीनों कपल्स को ऐसा चस्का लगा की आज तक बच्चे पैदा होने का बाद भी हम सभी बारी बारी से एक दूसरे की बीवियों के साथ गैंग बैग करते है।